
स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन रही हैं धूल भरी आंधियां
पिछले साल मई के महीने में एक के बाद एक लगातार तीन धूल भरी आंधियों ने दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में कहर बरपाया था। अब एक अध्ययन में पता चला है कि इन आंधियों से जन-धन का नुकसान होने के साथ-साथ वायु गुणवत्ता और वायुमंडलीय रासायनिक गुणों में भी ऐसे परिवर्तन हुए हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
इस अध्ययन में पाया गया है धूल भरी आंधियों से वायु की गति, तापमान और वायुमंडलीय मापदंडों के ऊर्ध्वाधर परिवहन के स्वरूप में परिवर्तन होने के कारण ग्रीनहाउस और सूक्ष्ममात्रिक गैसों की मात्रा में भी बदलाव हो रहा है। ये बदलाव वायु गुणवत्ता के लिए हानिकारक हो सकते हैं। पिछले साल मई में इन तीन धूल भरी आंधियों में से दो बेहद खतरनाक थीं, जिनके कारण सौ से अधिक लोग मारे गए थे। दर्जनों हवाई उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं या फिर उनके रास्ते बदलने पड़े थे।
सिंधु-गंगा मैदानों म...