Shadow

TOP STORIES

Both coin and currency-note must not be for particular denomination

Both coin and currency-note must not be for particular denomination

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक
It refers to Reserve Bank of India RBI warning that refusing to accept ten-rupee coins can end up in facing legal action. It is a common knowledge that people in general do not like having bulky ten-rupee coins also because fake ten-rupee coins are much in circulation. There must be a policy whereby coins and currency-notes in same denomination may not be simultaneously in circulation. Presently denominations of rupees one and ten are two such denominations for which RBI issues both coins and currency-notes. Minting of unpopular ten-rupee coins should be immediately stopped and plastic-notes of ten-rupee denomination having much longer life should be issued as was announced long back by the then Union Minister of Finance Namo Narain Meena on 12.03.2013 in a written reply in Rajya Sab...
Colour-coding of medicines to promote Generic Medicines: But what about trade-margins

Colour-coding of medicines to promote Generic Medicines: But what about trade-margins

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
It refers to media-reports about central government considering colour-coding of generic medicines like is done to distinguish vegetarian and non-vegetarian food-products for promoting sale of generic medicines which is considered to be cheaper than their corresponding branded medicines. Already steps like printing name of generic chemical on branded medicines in font-size double that of branded name, separate shelves for generic medicines in chemist-shops and making it compulsory for medical practitioners to print name of corresponding generic chemical in legible writing together with name of branded medicines have been taken by the government. But such steps other than printing of name of generic chemical on packs of branded medicines are not followed in practice. Moreover there is no...
बालाकोट एयरस्ट्राइक पर विपक्षी नेताओं के नाम खुला पत्र

बालाकोट एयरस्ट्राइक पर विपक्षी नेताओं के नाम खुला पत्र

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
मेरे प्यारे विपक्षी नेताओ, बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गये आतंकवादियों की संख्या को लेकर आप लोगों को इतना संदेह नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से “उल्टे बांस बरेली को” वाली कहावत के चरितार्थ होने का पूरा-पूरा ख़तरा है। पूछिए, कैसे? तो मैं आपको बता रहा हूं। हमारी महान वायु सेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने स्पष्ट कर दिया है कि सेना ने सही टार्गेट को हिट किया है और अगर हमने पेड़ गिराए होते, तो पाकिस्तान जवाब नहीं देता। बात को ज़रा ठीक से समझ लीजिए। अगर सेना ने सही टार्गेट को हिट किया, तो इसका मतलब ही है कि उस टार्गेट पर बड़ी संख्या में आतंकवादी होंगे, वरना चंद पेड़ गिराने के लिए दुनिया की कोई भी वायु सेना अपने 12 विमानों और पायलटों को दूसरे मुल्क की सरहद में 80 किलोमीटर भीतर तक भेजने का रिस्क नहीं ले सकती। इसलिए मुझे तो पक्का विश्वास है कि उस टार्गेट पर कम से कम 2...
युद्धघोष : आतंक पर आर-पार

युद्धघोष : आतंक पर आर-पार

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
पुलवामा में हुये हमले के बाद देश में विमर्श की दिशा बदल गयी है। इस बार स्थिति आतंकवाद के खिलाफ आर-पार की बन गयी है। काफी समय से संयम रखने और अपने सैनिकों की शहादत देने के बाद भारत का रुख इस बार काफी कड़ा है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट हिस्से में सेना द्वारा अंदर घुसकर जैश-ए-मोह मद के सैंकड़ों आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्र प का यह बयान कि भारत इस बार कुछ बड़ा करने वाला है इस बात का संकेत है कि भारतीय संप्रभुता पर हमला इस बार सिर्फ कड़ी निंदा तक सीमित नहीं होगा। पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेना इस क्रम में एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है। सिंधु नदी के पानी पर बांध बनाना उसका वृहद स्वरूप है। चूंकि, पुलवामा में स्थानीय आतंकवादी शामिल थे इसलिए आंतरिक स्तर पर भी कड़े संदेश की आवश्यकता थी। हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाकर वह संदेश भी दे दि...
लोकतंत्र चौराहे पर

लोकतंत्र चौराहे पर

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
चुनाव सिर पर हैं, भाजपा समर्थक मीडिया पाकिस्तान के विरुद्ध उन्माद पैदा करने में जुटा है। अंदेशा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी कुछ ऐसा कर सकते हैं जो हवा उनकी तरफ बहने लगे। संविधान की धारा 35 व 370 को राष्ट्रपति के अध्यादेश से खत्म करवाना ऐसा ही एक कदम है। धारा 35 हटने से कश्मीर के बाहर के भारतीय नागरिक वहां स्थाई संपत्ति खरीद पायेंगे और 370 हटने से कश्मीर को मिला विशेष दर्जा समाप्त हो जाएगा। ये दोनों ही बातें ऐसी हैं जिनकी मांग संघ व भाजपा के कार्यकर्ता शुरू से करते आ रहे हैं। जाहिर है कि अगर मोदी जी ऐसा करते हैं तो इसे चुनावों में भुनाने की पुरजोर कोशिश की जायेगी जिसका जाहिरन काफी लाभ भाजपा को मिल सकता है। किन्तु इसमें कुछ पेंच हैं। संविधान का कोई भी संशोधन संसद की स्वीकृति के बिना स्थाई नहीं रह सकता। क्योंकि राष्ट्रपति अध्यादेश की अवधि 6 महीने की होती है। आवश्यक नहीं कि अगली लोकसभा इसे पारि...
क्यों घुटनों के बल आया पाकिस्तान

क्यों घुटनों के बल आया पाकिस्तान

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के.सिन्हा विंग कमांडर अभिनंदन पूरे धमाके के साथ भारत लौट आए हैं। भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान का पायलट, जो शत्रु के घर पर हमला करता है, उसकी तुरंत दो दिनों के अन्दर स्वदेश वापसी का हो जाना हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह नए भारत का असर है कि पाकिस्तान ने घुटनों को टेक कर अभिनंदन को ससम्मान भारत भेज दिया। क्या आपको इस तरह का दूसरा उदाहरण विश्व में कहीं और मिलेगा? पुलवामा हमलेसे नाराज भारत का पाकिस्तान की सरहद के अंदर घुसकर सैकड़ों आतंकियों को मार गिराना उस भारत की तस्वीर पेश करता है,जो आत्म विश्वास से लबरेज है। उस भारत में अब धैर्य नहीं बचा है कि वह अपने ऊपर होने वाले हमलों को निरीह बनकर झेलता ही रहे। सारी दुनिया ने देखा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भयाक्रांत चेहरे को जब वे अपने देश की संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा कर रहे थे। उन्होंने बिना किसी शर्त के अभि...
मोदी सरकार के पांच साल क्या खोया, क्या पाया

मोदी सरकार के पांच साल क्या खोया, क्या पाया

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
फरवरी 12 को सोलहवीं लोकसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होते ही नई यानी 17वीं लोकसभा के चुनावों की आहट सुनाई देने लगी। सियासी फिज़ां में यह सवाल तैरना स्वाभाविक है कि अगले चुनाव के बाद दिल्ली की रायसीना पहाडिय़ों पर स्थित साउथ और नॉर्थ ब्लॉक की चमचमाती कुर्सियों पर किसे बैठने को मिलेगा? सवाल यह भी है कि अपनी लोकप्रियता के दम पर क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दल-बल के साथ फिर से वापस लौट पाएंगे, या फिर कोई नया चेहरा विदेशों में देश की नुमाइंदगी करेगा और अपनी धरती पर अपने लोगों की अगुवाई करेगा? इन सवालों का जवाब तो आने वाले चुनाव के नतीजे देंगे, लेकिन वे नतीजे मौजूदा लोकसभा के प्रति जवाबदेह रही मौजूदा सरकार की उपलब्धियों और नाकामियों पर कहीं ज्यादा निर्भर करेगा। ऐसे में इसकी पड़ताल स्वाभाविक है कि मौजूदा सरकार ने अपने पौने पांच साल के कार्यकाल में क्या खोया और क्या पाया? ...
भारत में चुनाव से ठीक पहले आतंकवादी हमले के पीछे क्या है पाकिस्तान की मंशा?

भारत में चुनाव से ठीक पहले आतंकवादी हमले के पीछे क्या है पाकिस्तान की मंशा?

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
बड़ा औपचारिक सा लगने लगा है और थोड़ा-थोड़ा फज़ऱ्ी भी, जब एक आतंकवादी हमला होता है और हम अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए ज़ोर-ज़ोर से बहुत कुछ बोलना शुरू कर देते हैं। लेकिन सच यह है कि ऐसे आतंकवादी हमले झेलना भारत की नियति है। इसके साथ ऐसा होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं, जऱा ठंडे दिमाग से सोचिएगा और समझिएगा। हमारा देश एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है, जिसे फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम वाली चुनाव प्रणाली के ज़रिए चुने गए जनप्रतिनिधियों द्वारा बहुमत से बनाई गई सरकार चलाती है। सबसे पहले समझिए कि फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम क्या है? फस्र्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम यह है कि चुनाव में जिस भी उ मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलेंगे, वह निर्वाचित हो जाएगा, भले ही वह बहुमत यानी आधे से अधिक लोगों द्वारा नापसंद किया गया हो। नतीजा यह है कि वे लोग चुनकर आ रहे हैं, जिन्हें सौ में केवल 30-3...
Akashwani should place Samayaki just after main evening Hindi news-bulletin like Spotlight is relayed after main English news-bulletin

Akashwani should place Samayaki just after main evening Hindi news-bulletin like Spotlight is relayed after main English news-bulletin

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
Timings of news-bulleting and other programmes presented by News Services Division of All India Radio (Akashwani) were last revised more than five decades ago when Television-network had insignificant presence. Then timings were revised in a manner that Hindi bulletins may be broadcast just before English news-bulletins like shifting main Hindi bulletin from then 8.15 pm to now 8.45 pm. But such placement deprived Samayaki important time-place just after main Hindi bulletin like is there for Spotlight relayed at 9.15 pm just after main English bulletin. All India Radio should go for a total new time-schedule for all its news-bulletins and other programmes presented by News Services Division. Main evening Hindi news-bulletin should be advanced to 8 pm followed by Samayaki at 8.15 pm just a...
Surgical strike necessary to prevent misuse of RTI Act and saving public-resources apart from easing use of RTI Act by general public

Surgical strike necessary to prevent misuse of RTI Act and saving public-resources apart from easing use of RTI Act by general public

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
RTI Act should be saved by preventing it from misuse. RTI fees should be uniform for all states and competent authorities at rupees 50 that may include copying charges for first 20 copied pages for saving to both public-authorities and portioners on demanding and remitting copying charges, but eliminating non-serious RTI petitioners because of a negligible fee of just rupees ten. People in BPL category are already exempted from paying RTI fees. When government-fees for every public-service is increased manifold in last more than a decade, there is no sense in not revising RTI fees also that too by providing additional benefit of free 20 copied pages. To prevent RTI applications being filed under fake names, ID proof should be compulsorily enclosed with RTI application in tune with para ...