
मानवता को सकारात्मक संदेश देते शिवजी के अष्टादश प्रतीक
शिवरात्रि में विभिन्न पूजन सामग्री का उपयोग भक्तजन करते हैं विशेषरूप से पुष्प,धतूरा,बिल्वपत्र,बेरफल,आँकड़ा,दूध,दही,शहद आदि का प्रयोग चन्दन, अक्षत, अबीर,गुलाल के साथ किया जाता है। किन्तु हम शिवजी के द्वारा धारण की जाने वाली विभिन्न वस्तुओं के बारे में यदा-कदा ही ध्यान देते हैं। आइये जरा जानते हैं, कि, भक्तों को क्या सन्देश देते हैं ये प्रतीक।
1 गंगा नदी- शिव के शीश पर प्रवाहमान गंगा का अवतरण इस बात की ओर इंगित करता है कि व्यक्ति आवेग की अवस्था को अपने दृढ़ संकल्प के माध्यम से जीवन में संतुलन बनाए रख सकता है। शिव अपने भक्तों के शान्ति प्रदाता हैं।
2 शीश की जटा - भगवान शिव हम सभी जीवधारियों के रक्षक हैं। जटा श्वास - प्रश्वास का सूक्ष्म स्वरूप है। शिव स्वयं व्योमकेश हैं। उनके केश वायुमंडल के प्रतीक हैं।
3 अर्द्धचन्द्र समुद्र - मंथन के समय निकलने वाले विष को शिवजी ने अपने कंठ में धारण कर...