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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारार्थ कुछ प्रश्न

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारार्थ कुछ प्रश्न

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पिछले हफ्ते ट्वीटर पर मैंने सरसंघचालक जी से एक खुले पत्र के माध्यम से विनम्रता से कहा कि मुझे लगता है कि संघ कभी-कभी हिन्दू धर्म की परंपराओं को तोड़कर अपने विचार आरोपित करता है।  जिससे हिंदुओं को पीड़ा होती है। जैसे हम ब्रजवासियों के 5000 वर्षों की परंपरा में वृन्दावन और मथुरा का भाव अलग था, उपासना अलग थी व दोनों की संस्कृति भिन्न थी। पर आपकी विचारधारा की उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों का एक नगर निगम बनाकर इस सदियों पुरानी भक्ति परम्परा को नष्ट कर दिया, ऐसा क्यों किया? इसका उत्तर मिला कि संघ का सरकार से कोई लेना देना नहीं है। देश की राजनीति, पत्रकारिता या समाज से सरोकार रखने वाला कोई भी व्यक्ति क्या यह मानेगा कि संघ का सरकार से कोई संबंध नहीं होता ?सच्चाई तो यह है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार होती है, उसमें संघ का काफी हस्तक्षेप रहता है। फिर ये आवरण क्यों ? यदि भाजपा संघ की विचारधारा व संगठन से...
स्वस्थ भारत यात्रा का सूरत में अभूतपूर्व समर्थन, निकाली बाइक महारैली

स्वस्थ भारत यात्रा का सूरत में अभूतपूर्व समर्थन, निकाली बाइक महारैली

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बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद बुधवार को साबरमती आश्रम से निकली स्वस्थ भारत यात्रा-2 गुरुवार को सूरत पहुंची। सिटी ऑफ सन सूरत में यात्रा दल का जगह-जगह जोरदार स्वागत हुआ। दल के सदस्यों ने सूरत महानगरपालिका में स्थित दर्जनों प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों का निरीक्षण किया। दल के प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने कारगिल चौक, पुनागाम स्थित प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र का उद्घाटन भी किया। यहां सैकड़ों स्थानीय नागरिकों ने श्री सिंह का अभिनंदन किया। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यहां उपस्थित सभी जन जरूरत पड़ने पर जनऔषधि का ही प्रयोग करें और अपने आस-पास के रहने वालों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत (न्यास) जनऔषधि को लेकर फैले भ्रम को लगातार दूर करने का काम कर रहा है। इसी कड़ी में हमलोग 21000 किमी की यात्रा पर निकले हैं। हम चाहते हैं कि लोगों के मन में जनऔषधि अथवा जे...
जब एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है तो यह जन-स्वास्थ्य प्राथमिकता क्यों नहीं?

जब एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है तो यह जन-स्वास्थ्य प्राथमिकता क्यों नहीं?

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वर्ल्ड कैंसर डे वेबिनार रिकॉर्डिंग ऑनलाइन:https://www.youtube.com/watch?v=9pisuJGk1UU&t=2507s भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का लक्ष्य है कि गैर-संक्रामक रोग जैसे कि कैंसर का दर और असामयिक मृत्यु दर में 2025 तक 25% गिरावट आये. पर अनेक कैंसर दर और मृत्यु दर बढ़ोतरी पर है! "यदि सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के लक्ष्य पूरे करने हैं तो यह सुनिश्चित करना होगा कि कैंसर दरों में बढ़ोतरी न हो बल्कि तेज़ी से गिरावट आये. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है. तम्बाकू और शराब सेवन में तेज़ी से गिरावट, शारीरिक व्यायाम और गतिविधियों में वृद्धि होना, पौष्टिक आहार, आदि से न सिर्फ कैंसर नियंत्रण बल्कि जन स्वास्थ्य पर भी व्यापक रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा" शोभा शुक्ला ने वर्ल्ड कैंसर डे वेबिनार को संचालित करते हुए कहा. शोभा शुक्ला, लोरेटो कान्वेंट कॉलेज से स...
Union Budget for the year 2019-20

Union Budget for the year 2019-20

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It refers to the Union Budget for the fiscal-year 2019-20 with so many welcome features for every section of society including farmers, labourers and especially usually-ignored middle-class and salaried people with doubling of exemption-limit for Income Tax directly to rupees five lakhs to the fullest expectation of people. But it would have been better if the budget would have incorporated some important features aimed to simplify long pending reforms. Till the new Income Tax Act being presently drafted comes into force, various deductions like investments in PPF, NSC etc, Mediclaim, NPS could have been merged into a single one with consolidated deduction of total rupees two lakhs. Long-pending issue of change in fiscal-year from present April-March of British legacy to systematic c...
We need to rethink everything we know about global warming

We need to rethink everything we know about global warming

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For a while now, the scientific community has known that global warming is caused by humanmade emissions in the form of greenhouse gases and global cooling by air pollution in the form of aerosols. However, new research published in Science by Hebrew University of Jerusalem Professor Daniel Rosenfeld shows that the degree to which aerosols cool the earth has been grossly underestimated, necessitating a recalculation of climate change models to more accurately predict the pace of global warming. Aerosols are tiny particles that float in the air. They can form naturally (e.g., desert dust) or artificially (e.g., smoke from coal, car exhaust). Aerosols cool our environment by enhancing cloud cover that reflect the sunlight (heat) back to space. As for the first, clouds form when ...
फिर आया मौसम ईवीएम में मीख-मेख निकालने का

फिर आया मौसम ईवीएम में मीख-मेख निकालने का

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लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस तरह की आशंका भी की जा रही थी कि आम चुनाव से पहले ईवीएम में मीने-मेख निकाली जाने की एक बार फिर मुहीम चलने लगेगी। जो इन मशीनों में छेड़छाड़ या गड़बड़ी के दावे कर रहे हैं, वे  देश के महान वैज्ञानिकों का सीधे तौर पर घोर अपमान भी कर रहे हैं। वे जाने-अनजाने में यह भूल रहे हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत करके दिन रत खून-पसीना बहाकर ही इस ईवीएम मशीन को ईजाद किया था, ताकि चुनावों में होने वाली धांधलियों और गड़बड़ियों को रोका जा सके। इन मशीनों का सीधे ही इस्तेमाल लोकसभा या विधान सभा चुनावों में नहीं किया गया । पहले ईवीएम मशीनों से मजदूर संघों के सफल चुनाव संपन्न कराए गए। वहां पर इनके सफल प्रदर्शन के बाद...
छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार, जाँच और राजनीति

छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार, जाँच और राजनीति

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बोफोर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोप के बाद तत्कालीन राजीव गांधी सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा, तब से भ्रष्टाचार के मामले राजनीति में विरोधी पक्ष का सत्ता पक्ष के विरुद्ध एक प्रमुख चुनावी हथियार बन गया है।छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी पिछले 15 वर्ष के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार के विरुद्ध विपक्ष कांग्रेस पार्टी ने भ्रष्टाचार के अनेक आरोप लगाए। अब जब कांग्रेस पार्टी लगभग तीन चौथाई बहुमत से सत्ता पर क़ाबिज़ हो गयी है, रोज़ किसी न किसी अनियमितता के प्रकरणों पर जाँच के आदेश दिए जा रहे हैं। ऐसा सत्ता बदलने के बाद हर राज्य में होता है, लेकिन कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं तो भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे किसी पूर्व मंत्री या उच्च अधिकारियों के मामले किसी निष्कर्ष तक पहुचे हो या फिर उन्हें सज़ा मिली हो, नहीं देखा। इसका मतलब क्या यह है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे केवल चुनावी लाभ लेना या जनता में सत्तारूढ़...
लोकतंत्र के महाकुंभ पर धुंधलके क्यों?

लोकतंत्र के महाकुंभ पर धुंधलके क्यों?

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अप्रैल-मई 2019  में संभावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए अनेक प्रश्न खडे़ हैं, ये प्रश्न इसलिये खड़े हुए हैं क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दाम, आदिवासी-दलित समाज की समस्याएं, भ्रष्टाचार आदि समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। आज भी आम आदमी न सुखी बना, न समृद्ध। न सुरक्षित बना, न संरक्षित। न शिक्षित बना और न स्वावलम्बी। अर्जन के सारे स्रोत सीमित हाथों में सिमट कर रह गए। समृद्धि कुछ हाथों में सिमट गयी है। स्वार्थ की भूख परमार्थ की भावना को ही लील गई। हिंसा, आतंकवाद, जातिवाद, नक्सलवाद, क्षेत्रीयवाद तथा धर्म, भाषा और दलीय स्वार्थों के राजनीतिक विवादों ने आम नागरिक का जीना दुर्भर कर दिया। सरकार अब नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने, उन्हें लुभाने एवं वोटों को आकर्षित करने के कुछ तदर्थ किस्म के झुनझुने थमा रही हैं। क्या स्वस्थ एवं...
Logic of postal-orders in denominations of rupees 10 and 20 when handling cost was about rupees forty in the year 2011-12

Logic of postal-orders in denominations of rupees 10 and 20 when handling cost was about rupees forty in the year 2011-12

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It was only after revelation through RTI application that Department of Posts discontinued postal-orders in outdated denominations like rupees 1, 2, 5 and 7 because of extremely low sale-figure and high handling cost. According to an RTI response, handling cost of a postal-order was rupees 37.45 to Department of Posts alone in the year 2011-12. Handling cost for clearing-operation of banks is even extra. It is highly illogical that public-exchequer may bear such extra-ordinary loss in handling postal-orders in denominations like rupees 10 and 20. Rather it is time that higher denominations like of rupees 100, 200 and 500 may be added to avoid purchase of demand-drafts in submitting various types of fees. Government-fees below rupees 50 may either be increased or totally abolished. Or De...
Poor Honesty-Ranking of India can be improved by imposing total ban on tips and gifts other than by specified relations

Poor Honesty-Ranking of India can be improved by imposing total ban on tips and gifts other than by specified relations

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It refers to recent 2018-report of Transparency International placing India at poor 78st place out of total 180 countries for Corruption-Perception-Index with score of 41, a slight improvement on last year score of 40 ranking 81st. No improvement is noted in terms of corruption even after change in regime in India in the year 2014 when India is placed in routine around 80th place even after tough steps like of currency-demonetisation. Goal of Indian government should be to touch ranking of honest countries like Denmark and New-Zealand with score of 88 and 87 respectively with New-Zealand once even getting 95 points in earlier some year. Our political rulers and bureaucrats are fond of enjoying luxurious study-tours on public-expense in national or public interest. Study-team should b...