Shadow

TOP STORIES

Medical-treatment in foreign countries and luxury hospitals must not be allowed at public-cost

Medical-treatment in foreign countries and luxury hospitals must not be allowed at public-cost

addtop, TOP STORIES, समाचार
Persons seated in high posts enjoy luxurious medical treatments in private hospitals in India and abroad. When system cannot provide such luxury to normal citizens at public-cost, persons seated on high posts in legislature, judiciary or bureaucracy must not also have any such entitlement. Only privilege available to such privileged class should be to get priority treatment in private wards of government hospitals. Beginning can be made by banning medical treatment in foreign countries at public cost. Another option can be to provide Mediclaim policies for families to entitled ones with premium paid by concerned governments and public-authorities. Medical-reimbursement at public-cost must be compulsorily put on respective public-authorities. There may be legislation in this regard becau...
Central government should act against AMU authorities for its issuing show-cause notices to organizers of Tiranga-Yatra

Central government should act against AMU authorities for its issuing show-cause notices to organizers of Tiranga-Yatra

addtop, TOP STORIES, समाचार
It refers to shocking news about authorities of Aligarh Muslim University AMU issuing show-cause notices to organizers of Tiranga-Yatra in the university-campus. Organizers went ahead with their plan when University-authorities did not respond to their request seeking permission to have such Tiranga-Yatra and the request was never rejected. Holding Tiranga-Yatra is a patriotic act, and should have been permitted by the University-authorities without unnecessary deferring the issue. Union Ministry for Human Resource Development should swiftly act to make University-authorities withdraw any action against organizers of Tiranga-Yatra. If University-authorities did not want to give permission, they should have informed accordingly about rejection of the request much before the day about whi...
देश हुकूमतंत्र की तरफ ना जाए इसलिए अन्ना हजारे जी का महामहिम राष्ट्रपति जी को प्रार्थना पत्र

देश हुकूमतंत्र की तरफ ना जाए इसलिए अन्ना हजारे जी का महामहिम राष्ट्रपति जी को प्रार्थना पत्र

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
दिनांक- 23/01/2019 जा.क्र.भ्रविज 52/2018-19 प्रति, मा. महामहिम राष्ट्रपति जी, भारत, राष्ट्रपती भवन, नई दिल्ली विषय- भारत सरकार संवैधानिक संस्थाओंने बनाए कानून को ना मानने से यह देश लोगतंत्र की तरफ से हुकूमतंत्र की तरफ जाने की संभावना है। देश हुकूमतंत्र की तरफ ना जाए इसलिए प्रार्थना पत्र दे रहा हूं। नरेंद्र मोदी सरकार लोकपाल लोकायुक्त कानून का पालन नहीं कर रही है इसलिए मैं 30 जनवरी 2019 को अनशन शुरू कर रहा हूँ। महोदय, मैंने मेरा जीवन समाज और देश की सेवा के लिए उम्र के 25 साल में समर्पित किया है। जीवन के 81 साल की उम्र में सिर्फ समाज और देश के लिए निष्काम भाव से कार्य करते आया हूँ। मेरा देश मुझे प्राण से भी प्रिय होने के कारण और नरेंद्र मोदी सरकार लोगतंत्र को बाधित विचारों को लेकर चल रही है। इसलिए आपको पत्र लिख रहा हूँ। देश में बढते भ्रष्टाचार को रोकथाम लगे इसलिए लोकप...
तू डाल डाल, मैं पात पात

तू डाल डाल, मैं पात पात

addtop, Today News, TOP STORIES
देश एक दिलचस्प मगर चुनौतीपूर्ण मोड़ पर है। पूर्व में एकतरफा दिख रही, हाल ही के पांच राज्यों के चुनावों के परिणाम के बाद लोकसभा चुनावों की जंग बड़े कांटे की हो गयी है। स्थितयां लगभग सन 2009 जैसी हैं जब सत्तारूढ़ दल के विरुद्ध कोई बड़ी लहर या हवा नहीं थी तो यह भी पता नहीं था कि पक्ष में कौन है, वैसी ही कुछ मोदी सरकार की वर्तमान स्थिति है। मोदी सरकार को अस्थिर व बदनाम करने के लिए जो झूठ व अतिरंजित आरोपों व बयानों का सहारा विपक्षी पार्टियों विशेषकर कांग्रेस पार्टी ने लिया वह देश मे स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अत्यंत निराशाजनक है। राफेल डील पर जिस प्रकार राहुल गांधी मोदी सरकार को घेर रहे थे व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे थे उससे जनता में यह विश्वास बनने लगा था कि हो सकता है कोई घोटाला हुआ हो किंतु जब संसद में इस विषय पर हुई बहस के जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस डील के सभी त...
भा.ज.पा. की जीत से गूंजेगी “भारत माता की जय”…

भा.ज.पा. की जीत से गूंजेगी “भारत माता की जय”…

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अभी भी समय है भारत माता की जय बोलने वालों कुछ ठोस करो अन्यथा घोटालेबाज, चालबाज व विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं का गठबंधन राष्ट्रीय राजनीति के भविष्य को अंधकारमय कर देगा। राष्ट्रवादियों काजल की कोठरी से बाहर निकलो अन्यथा कालिख में ही रंगे रह जाओगे...और...नारे गूंजते रहेंगे...                                                       याद करो__9 फरवरी 2016 __जे.एन.यू. के राष्ट्रद्रोही नारे_ ●भारत तेरे टुकड़े होंगें_इंशा अल्लाह~इंशा अल्लाह_ तेरे सौ-सौ टुकड़े होंगे_इंशा अल्लाह~इंशा अल्लाह_ ●लडकर लेंगे_आजादी_बंदूक के दम पर_आज़ादी_ अफजल बोला आज़ादी_मक़बूल बोला आज़ादी_ भारत की बर्बादी तक_जंग करेंगे-जंग करेंगे_ ●अफजल गुरु हम शर्मिंदा है_तेरे कातिल जिंदा है__ कितने अफजल मारोगे_घर-घर से अफजल निकलेगा_ कितने मक़बूल मारोगे_घर-घर से मक़बूल निकलेगा_ वर्तमान विषम परिस्थितियों में केवल एक ही मार्ग है कि भ...
सात समंदर पार बसे भारतीय जुड़े भारत से

सात समंदर पार बसे भारतीय जुड़े भारत से

addtop, TOP STORIES, राष्ट्रीय
15 वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 21 जनवरी से वाराणसी में उस समय  शुरू हुआ है, जब अमेरिका में बसी दो भारतीय मूल की महिलाओं की चर्चा विशेष रूप से विश्व भर में हो रही है। पहली गीता गोपीनाथ हैं। उन्होंने अंतर राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अध्यक्ष का पद भार संभाल लिया है। दूसरी हैं चैन्नई में पैदा हुई इंदिरा नूई। कभी कोका कोला जैसी प्रख्यात शीतलपेय बनाने वाली कंपनी की प्रमुख रही इंदिरा नूर्इ को विश्व बैंक का प्रमुख बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। दरअसल ये दोनों उदाहरण मात्र हैं, यह सिद्ध करने के लिए कि सारी दुनिया में भारतीय अपने ज्ञान, मेहनत,लगन के बल पर आगे बढ़ते ही चले जा रहे हैं।हालांकि, ये दोनों प्रवासी सम्मेलन में अपरिहार्य कारणों से नहीं उपस्थित हो पा रही हैं, पर इनकी चर्चाएं होती ही रहेगी। दरअसल कुंभ मेला और गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आ रहे  सात समंदर पार बसे भारती...
राष्ट्रीय सरकार क्यों न बने?

राष्ट्रीय सरकार क्यों न बने?

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
संसदीय चुनाव दस्तक दे रहा है। सत्ता पक्ष खम ठोक कर अपने वापिस आने का दावा कर रहा है और साथ ही विपक्षी दलों के गठबंधन कोअवसरवादियों का जमावाड़ा बता रहा है। आने वाले दिनों में दोनों ओर से हमले तेज होंगे। कुछ अप्रत्याशित घटनाऐं भी हो सकती है। जिनसे मतोंका ध्रुवीकरण किया जा सके। पर चुनाव के बाद की स्थिति अभी  स्पष्ट नहीं है। हर दल अपने दिल में जानता है कि इस बार किसी की भीबहुमत की सरकार बनने नहीं जा रही। जो दूसरे दलों को अवसरवादी बता रहे हैं, वे भी सत्ता पाने के लिए चुनाव के बाद किसी भी दल के साथगठबंधन करने को तत्पर होंगे। इतिहास इस बात का गवाह है कि भजपा हो या कांग्रेस, तृणमूल हो या सपा, तेलगुदेशम् हो या डीएमके,शिवसेना हो या राष्ट्रवादी कांग्रेस, रालोद हो या जनता दल, कोई भी दल, अवसर पड़ने पर किसी भी अन्य दल के साथ समझौता कर लेता है।तब सारे मतभेद भुला दिये जाते है। चुनाव के पहले ...
सफलता का मंत्र है कल नहीं, आज

सफलता का मंत्र है कल नहीं, आज

addtop, Today News, TOP STORIES, सामाजिक
‘कल नहीं आज’ यह ही सफलता का परम मंत्र है। हमें जीवन के हर क्षेत्र में उसका अनुसरण करना चाहिए। एक अंग्रेज विचारक ने लिखा है-भूतकाल इतिहास है, भविष्य रहस्य है, वर्तमान उपहार है। इसलिए वर्तमान को प्रजेंट कहते हैं। अतः हमें आज के प्रति वफादार और जागरूक बनना चाहिए। जो आज को सार्थक बनाता है, उसके भूत और भविष्य दोनों सफल बन जाते हैं। एक सबक हमेशा गांठ बांधकर रखना होगा कि खेल छोड़ देने वाला कभी नहीं जीतता और जीतने वाला कभी खेल नहीं छोड़ता। यदि बड़े काम नहीं कर सकते, तो छोटे काम बड़े ढंग से करने चाहिए। हर बार हां ही नहीं ना भी कहना सफलता के लिये जरूरी होता है। क्योंकि हमारी ‘हां’ की तरह ‘ना’ के भी मायने होते हैं। एक समय में हम सब कुछ नहीं चुन सकते। हमें अपनी और अपनों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए चुनाव करने होते हैं। यूं भी हर ‘हां’, कहीं ‘ना’ होती है और हर ‘ना’, कहीं ‘हां’ हो ...
आखिर क्यों हम तोड़ते हैं कतार

आखिर क्यों हम तोड़ते हैं कतार

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
हाल ही में कुछ अखबारों ने एक फोटो छापी थी। उसमें संसार के सबसे धनी इंसान बिल गेट्स कतार में खड़े हैं। वह तस्वीर अपने-आप में बहुत कुछ कहती है,   कतार के महत्व को भलीभांति समझाती है। हमारे अपने यहां रोज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सिनेमा घर वगैरह–वगैरह में, हर जगह कतारों के तोड़ने की घटना को दर्शाती घटनाओं की साक्षी हिन्दुस्तानियों के लिए उपर्युक्त चित्र अकल्पनीय अहसास दे जाते हैं। यकीन ही नहीं होता कि माइक्रोसाफ्ट कंपनी का संस्थापक बिल गेट्स कायदे से कतार में खड़ा है। उनके पास कतार में खड़े होने का वक्त है। वे अपने पैसे के रसूख से कतार को तोड़ते की हिमाकत नहीं करता। क्या आप भारत में इस तरह की घटना की कल्पना कर सकते हैं कि भारत का कोई नामवर या असरदार इंसान भी कतार में खड़ा हो?  असंभव है। कतार को तोड़ने के मामले में सारा देश एक है। भारत का अमीर और शक्तिशाली तो लाइन में खड़ा होना अपनी शान के खिला...
वैज्ञानिकों ने बनाया कमल की पत्तियों से प्रेरित ईको-फेंडली मैटेरियल

वैज्ञानिकों ने बनाया कमल की पत्तियों से प्रेरित ईको-फेंडली मैटेरियल

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
प्रकृति से प्रेरणा लेकर वैज्ञानिक कई तरह की उपयोगी चीजों का निर्माण करते रहते हैं। भारतीय और स्विस वैज्ञानिकों ने कमल की पत्तियों से प्रेरित होकर जैविक रूप से अपघटित होने में सक्षम एक ऐसा मैटेरियल विकसित किया है, जिसकी सतह पर पानी नहीं ठहर पाता है। कमल की पत्तियों की सतह पर प्राकृतिक रूप से निर्मित मोम जल विकर्षक के रूप में कार्य करता है, जिसके कारण पानी में रहने के बावजूद कमल की पत्तियां सड़ती नहीं हैं। नया जल विकर्षक (Water Repellent) मैटेरियल इसी तरह काम करता है। इस मैटेरियल में सेलूलोज की मदद से सूक्ष्म स्तंभों (Micropillars) की संरचना बनायी गई है। सेलूलोज की ढलाई के लिए ट्रायफ्लुरोएसिटिक एसिड में सेलूलोज पाउडर को पहले विघटित किया गया है और फिर पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सुखाने की नियंत्रित प्रक्रिया से एसिड को हटा दिया गया। इसके बाद कमल के पत्तों में पाये जाने वा...