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Scams of Arvind Kejriwal

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आरोपों के घेरे में घिरी केजरीवाल सरकार? द्य सारिका अग्रवाल कभी भ्रष्टाचार का विरोध कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी की सरकार अपने गठन के बाद से ही लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी है। ये आरोप न केवल सरकार के मंत्रियों पर है बल्कि विधायकों पर तो भ्रष्टाचार के तमाम आरोप हैं। इन आरोपों में कुछ मंत्री हटाए गए तो कुछ आज भी दिल्ली सरकार में हैं। आम आदमी पार्टी नैतिक मूल्यों सहित व भ्रष्टाचार रहित प्रशासन का वादा कर दिल्ली की सत्ता में आई थी। नई दिल्ली में रामलीला मैदान पर उमड़ी भीड़ को केवल अपनी भीड़ मान कर अरविन्द केजरीवाल केवल अपने समर्थक मानने की गलती कर बैठे। जन लोकपाल कानून को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ लड़ाई शुरू करने वाले अरविंद केजरीवाल ने जनता के सामने साफ-सुथरी राजनीति के लिए एक विकल्प दिया था। लेकिन सत्ता मिलने के तुरंत बाद से ही आप के...

नेशनल मेडिकल कमिशन बिल और आईएमए द्वारा उसका विरोध

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Ashutosh Kumar Singh वा अरब आबादी वाले भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रुप से चलाने के लिए जिस व्यवस्था की जरूरत आज महसूस की जा रही है, उसको पूरा करने के लिए सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक-2017 (एनएमसी बिल-2017) ला रही है। संसद के इसी सत्र में इस विधेयक को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। विधायी प्रक्रिया के अनुरूप यह विधेयक अब स्थाई समिति के पास है। इसी साल के बजट सत्र में इस पर अंतिम निर्णय होने की संभावना है। भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में इस बिल को क्रांतिकारी बताया जा रहा है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य शिक्षा किसी भी देश के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए जरूरी घटक होता है। स्वास्थ्य व्यवस्था को गतिमान बनाने के लिए एक ऐसी विधायी व्यवस्था की जरूरत होती है जो समय के साथ-साथ कदम ताल मिलाए। यही सोचकर सरकार ने एनएमसी बिल जल्द से...

डॉक्टरी पेशे की प्रतिष्ठा पर संकट

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डॉक्टरी पेशे की प्रतिष्ठा पर संकट अरूण तिवारी हले मैक्स, फिर फोर्टिस और फिर मेदान्ता। आरोप लगा कि मौतें इलाज में लापरवाही के कारण हुई। डेंगू पीडि़त बच्चे के पिता को पहले तो 16 लाख रुपये का खर्च बता दिया। पिता ने अपना घर गिरवी रखकर किसी तरह 15.88 लाख रुपये का इंतजाम किया। अस्पताल को पैसे मिल गये, तो पीडि़त को सरकारी अस्पताल का रास्ता दिखा दिया। जहां जाकर बच्चे की मौत हो गई। क्रूरता की हद यह कि सरकारी अस्पताल में ले जाने के लिए निजी अस्पताल ने अपनी एम्बुलेंस तक मुहैया नहीं कराई। ऐसा नहीं है कि इलाज में लापरवाही की ये पहली, दूसरी अथवा तीसरी घटनायें थीं। सरकारी अस्पतालों में इनसे भी ज्यादा लापरवाही बरतने के मामले संभव हैं। किंतु इलाज को लेकर निजी अस्पतालों में हुए अपराध ज्यादा संगीन इसलिए मानने चाहिए, चूंकि मरीज की दुर्दशा के ज्यादातर मामलों में वजह, लापरवाही से ज्यादा, पूर्ण नियो...

Budget 2018

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जितेन्द्र तिवारी मोदी सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे। अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा था कि यह बजट लोकलुभावन हो सकता है। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने टीवी इंटरव्यू में कह दिया कि लोगों को मुफ्त की चीजें नहीं बल्कि ईमानदार शासन पसंद है। ऐसे में अब कयास लग रहा है कि आखिर कैसा होगा यह बजट? 1 फरवरी 2018 को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली लोकसभा में बजट भाषण पढ़ रहे होंगे तो यह उनके मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा। 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वोट ऑन अकाउंट बजट पेश किया जाएगा। आखिरी पूर्ण बजट होने से साथ साथ यह देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पेश हो रहा पहला आम बजट भी होगा। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि इस साल का बजट किस तरह पिछले किसी भी बजट से अलग होगा? दो और सवाल हैं, जीएसटी के बाद कि...

Trump, Modi, Rahul and Pakistan

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ट्रंप, पाक,मोदी और राहुल क्या है खेल? अनुज अग्रवाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अंगूठा दिखा दिया यानि लाखों करोड़ों अमेरिकी डॉलर की वार्षिक मदद रोक दी तो वो इसलिए क्योंकि अब अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत नहीं। जी, अब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाएं वापस जा चुकी हैं। यहाँ फिलहाल अमेरिकी समर्थक सरकार का कब्जा है और उसकी सहायता के लिए दस हजार सैनिक अमेरिका ने काबुल में छोड़ रखें है। पिछले 25 वर्षो में अमेरिका ने अफगानिस्तान के संसाधनों और खनिजों को जमकर लूटा और चीन को भी बेचा। भारत और चीन सहित पूरे एशिया में अफगानिस्तान में पैदा होने वाली ड्रग्स की भारी सप्लाई की अरबों डॉलर कमाए और एशिया की युवा पीढ़ी को बर्बाद भी कर डाला। इस खेल को अंजाम तक पहुचाने के लिए उसने पाकिस्तान की सेना, संसाधन और सत्ता का भरपूर इस्तेमाल किया। वार्षिक सहायता उसी सहयोग को बनाए रखने की र...

Budget 2018

Today News, TOP STORIES
वित्त मंत्री ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसे आगे बढ़ाते हुए जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ है उन्हें भी कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश के 99 प्रतिशत बहुत छोटे, छोटे व मछोले उद्योगों को फायदा होगा। आयकर स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है अब सरकार ने आठ करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। वहीं गरीबों के घर भी बिजली से रोशन हों, इसके लिए मोदी सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की है। इस योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में अगले वित्तीय वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार गांवों में 6 करोड़ शौचालय बना चुकी है। 2022 तक देश में हर गरीब का अपना घर हो, इसके लिए भी सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। अगले वित्त वर्ष में 51 लाख नए मकान बनाए ...
Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi

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लेखक : अरुण तिवारी कहने को 21वीं सदी, नई तकनीकी की युवा सदी है; एक ऐसी सदी, जब सारी दुनिया डिजीटल घोङों पर सवारी करने को उत्सुक है। सारी तरक्की, ई मानदण्डों की ओर निहारती ओर नजर आ रही है। ई शिक्षा, ई चिकित्सा, ई व्यापार, ई निगरानी, ई सुरक्षा और यहां तक कि विचार, प्रचार और संवाद भी ई ही ! यह एक चित्र है। दूसरा चित्र, तपती धरती और नतीजे में मिटती प्रजातियों और बढ़ते बीमारों की एक बेबस सदी का है। 21वीं सदी को आप अलगाव, आतंक, औजार के अलावा हमारे आचार-विचार पर आर्थिक होङा-होङी के दुष्प्रभाव की एक ऐसी सदी भी कह सकते हैं, जिसमें हमें यह देखने तक की फुर्सत तक नहीं है कि इस सदी का सवार बनकर हमने खोया क्या और पाया क्या ? इस 21वीं सदी की भारतीय चुनौतियां विविध हैं : घटती समरसता, घटती सहिष्णुता, बढता भोग, बढता लोभ, बढते तनाव, बढती राजतांत्रिक मानसिकता, बढता आतंकवाद-नक्सलवाद और आर्थिक उदारवाद का...
Indo-Pak Relations

Indo-Pak Relations

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भारत-पाक लोक सम्बन्धों में नया मोड़ -विनीत नारायण जब से अमरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पाकिस्तान की तरफ से हाथ खींचा है, तब से पाकिस्तान में हताशा का माहौल है। उधर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन करने वाले देश के रूप में बन चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार और उसका मीडिया तमाम कोशिशे करके अपनी छवि सुधारने में जुटा है। पिछले दिनों ‘यू-ट्यूब’ चैनलों पर ऐसी दर्जनों टीवी रिर्पोट अपलोड की गई हैं, जिनमें पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और सिक्खों के धर्मस्थलों, त्यौहारों और सामान्य जीवन पर प्रकाश डाला जा रहा है। ये बताने की कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को किसी किस्म का सौतेला व्यवहार नहीं झेलना पड़ता। उन्हें अपने धर्म के अनुसार जीवन जीने की पूरी आजादी है और उन पर कोई अत्याचार नहीं होता...
Is bhansali innocent

Is bhansali innocent

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क्या भंसाली निर्दोष हैं? क्या भंसाली निर्दोष हैं? 26 जनवरी 2018, देश का 69 वाँ गणतंत्र दिवस, भारतीय इतिहास में पहली बार दस आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित, पूरे देश के लिए गौरव का पल, लेकिन अखबारों की हेडलाइन क्या थीं? समारोह की तैयारियाँ? विदेशी मेहमानों का आगमन और स्वागत? जी नहीं ! "देश भर में पद्मावत के विरोध में हिंसक प्रदर्शन"! पद्मावती का नाम बदलकर भले ही पद्मावत रख दिया गया हो लेकिन फिल्म से जुड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। जुलाई 2016 में इसके निर्माण के साथ ही विवादों की भी शुरुआत हो गई थी जिसके परिणामस्वरूप पहले 1 दिसंबर 2017 को रिलीज़ होने के लिए तैयार यह फिल्म अब आखिरकार 25 जनवरी 2018 को भारी सुरक्षा के बीच देश के कुछ राज्यों को छोड़कर बाकी जगह रिलीज़ कर दी गई। लेकिन जैसा कि अंदेशा था, इसके प्रदर्शन के साथ ही देश में ...
Newspaper-advertisements on cash-transactions: Limit cash-withdrawal from banks

Newspaper-advertisements on cash-transactions: Limit cash-withdrawal from banks

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Income Tax Department has prominently given big newspaper-advertisements on 23.01.2018 requiring people to say NO to cash-transactions. Central government also from time to time emphasizes on people adopting cashless transactions for petty items through electronic means. But central government should concentrate more on bigger cash-transactions of say above rupees 10000, which can be achieved only by restricting cash-withdrawal from banks by an individual like was done successfully in period just after demonetization. Cash-withdrawal limit for an individual can be fixed at say rupees 96000 per month initially to be gradually reduced to rupees 48000 per month. Such a limit is more than enough to meet petty daily expenses. If it is so done, then only people will be making higher exp...