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swami Vivekanand

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स्वामी विवेकानन्द जन्म जयन्ती-12 जनवरी 2018 पर विशेष जिनका समग्र जीवन स्वयं एक प्रयोगशाला था -ललित गर्ग- काल के भाल पर कुंकुम उकेरने वाले सिद्धपुरुष का नाम है, स्वामी विवेकानन्द। नैतिक मूल्यों के विकास एवं युवा चेतना के जागरण हेतु कटिबद्ध, मानवीय मूल्यों के पुनरुत्थान के सजग प्रहरी, अध्यात्म दर्शन और संस्कृति को जीवंतता देने वाली संजीवनी बंूटी, भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक, वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु हैं स्वामी विवेकानन्द। स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी,1863 में हुआ। पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। दुर्गाचरण दत्ता, (नरेंद्र के दादा) संस्कृत और फारसी के विद्वान थे उन्होंने अपने परिवार को 25 की उम्र में छोड़ दिया और एक साधु बन गए। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी ध...
Being Old Is a Curse in India

Being Old Is a Curse in India

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R K SINHA No mercy to government employees of Madhya Pradesh who desert their old parents. The way our society neglect old men and women, even parents, this is high time that all the State Governments and the Centre should frame law to punish such people on the line of Madhya Pradesh Government. In Madhya Pradesh a certain amount of those employees who are found guilty of deserting and neglecting their parents would be deducted from their salaries and given to the aged ones. The speed with which old age homes are coming up in India, it appears that old aged people are subject of negligence by their family members. You also must have noticed that youth is always mentioned since India is a country of young people as 65 percent of our population is below 35 years of age. No doubt w...
Ban production of diesel-driven cars

Ban production of diesel-driven cars

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There is not much difference in procurement-price of diesel and petrol. But diesel is deliberately kept cheaper because it is used in transportation of goods and public. There is no sense and logic in passing on benefit of cheap fuel (diesel) to car-owners that too with most of costly and luxury cars now-a-days fitted with diesel engines. Central government should impose a total ban on any further production of diesel-driven cars in the country. Rather CNG being considered environmental-friendly fuel, compulsion of further production of cars with company-fitted CNG kit can also be considered. It will benefit consumers also because in days of odd-even, CNG fitted cars are allowed on days of week. Also cost of running with CNG is comparatively less than through petrol and diesel. ...
Revolution in education

Revolution in education

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शिक्षा में क्रांतिः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्रन्तिकारी पहल -विनीत नारायण भगवान श्रीकृष्ण के गुरू संदीपनि मुनि के गुरूकुल की छत्रछाया में आगामी 28 अप्रैल से ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ उज्जैन से विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक क्रांति का शंखनाद् करने जा रहा है। मैकाले की ‘गुलाम बनाने वाली शिक्षा’ ने गत 200 वर्षों से भारत को इतनी बुरी तरह जकड़ रखा है कि हम उससे आज तक मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के बोर्ड शिक्षा व्यवस्था में कोई नवीनता लाने को तैयार नहीं है। सब लकीर के फकीर बने हैं। पिछले 70 साल में हर शिक्षाविद् ने ये बात दोहराई कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली के कारण हमारी युवा पीढ़ी परजीवी बन रही है। उसमें जोखिम उठाने, हाथ से काम करने, उत्पादक व्यवसाय खड़ा करने, अपने शरीर और परिवेश को स्वस्थ रखने व अपने अतीत पर गर्व करने के संस्कार नहीं हैं। उस अतीत पर, जिसने...
New 10-rupee notes to be issued: Where are plastic ones as announced in the Parliament on 12.03.2013

New 10-rupee notes to be issued: Where are plastic ones as announced in the Parliament on 12.03.2013

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The then Union Minister of Finance Namo Narain Meena on 12.03.2013 (Tuesday) in a written reply in Rajya Sabha had announced to introduce one billion pieces of ten-rupee polymer notes on trial basis in five select cities namely Kochi, Mysore, Jaipur, Bhubaneswar and Shimla with varied geographical locations and climatic conditions with primary objective of increasing currency-life in addition to combat counterfeiting. But now Reserve Bank of India (RBI) has announced issue of new 10-rupee notes under Mahatma Gandhi (new) series which will be like new smaller-designed notes in denominations of rupees 50, 200, 500 and 2000. Central government and RBI should make it clear how a commitment made in the Parliament can be overlooked, mentioning also cost incurred on never-issued polymer n...
Hanging sword of closure on 300 branches of Punjab National Bank

Hanging sword of closure on 300 branches of Punjab National Bank

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It refers to country’s second-largest public-sector bank Punjab National Bank considering closure of about 300 loss-making branches out of total about 7000 branches. It is noteworthy that Reserve Bank of India (RBI) gave liberty to banks for merger, shifting or closure of their branches in urban areas without seeking prior RBI permission. Step was needed long ago when branches of an individual public-sector bank became too close because of merger of small public-sector bank in the bigger one. It is time long-awaited merger-plan of public-sector banks into some bigger ones may be implemented soon to further bring down overheads in running surplus bank-branches. Reducing number of banks will largely reduce need of clearing-operations where funds could be transferred by bank-transfers...
how our country can be great?

how our country can be great?

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हमारा भारत महान....कैसे हो..? क्या भारत में भारत के ही मूल धर्म व संस्कृति को नष्ट करने वालों के विरुद्ध कोई राजनैतिक दल सक्रिय होगा या केवल उनकी धार्मिक भावनाओं का दोहन करके उनकी वोटों से सत्ता के सुख में मस्त होकर अपना दायित्व भूल जाएगा ? ध्यान करों 2011 का वह हिंदुओं को एकतरफा दोषी घोषित करने वाला "साम्प्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक" जिसके होने वाले संभावित उत्पीडन के भय से हिंदुओं के देशव्यापी विरोध के कारण वह रोका गया और जबसे भाजपा 2014 में केंद्र व उसके बाद अनेक प्रदेशो में सरकार बनाने में सफल होती आ रही हैं। वैसे भी अब यह माना जाने लगा हैं कि राष्ट्रवादियों के लिए भाजपा के अतिरिक्त कोई और विकल्प भी नही है। इस पर भी हमारे धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों को नष्ट करने के लिए हो रहें आघातों पर पूर्ण विराम नही लगा हैं। विचार करना होगा कि क्या राष्ट्रवादियों की इच्छाओं का सम्मान हुआ ? क्...
MR.  MODI  NEEDS TO CONSOLIDATE  THE  GAINS  IN  2018

MR. MODI NEEDS TO CONSOLIDATE THE GAINS IN 2018

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Mr. Modi was voted to power as India’s Prime Minister with overwhelming majority three years back, primarily due to the faith that he successfully created amongst large section of country men that he would ensure probity in public life, root out black money and corruption and focus on development and growth. After seeing the dismal performance of Manmohan Singh government and several corrupt dealings under his “watchful eye”, people thought that the country desperately needed better governance. Mr. Modi met the mood of the people and got the mandate to govern the country for five years. Now, with three years gone after becoming the Prime Minister, Mr. Modi seems to have not only many admirers but also many critics. While the admirers continue to favourably look at him , ...
SAVE Sanitation Workers

SAVE Sanitation Workers

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अब मरने से बचाओ सफाई योद्धाओं को आर.के.सिन्हा स्वच्छ भारत अभियान ज़ोरों पर है। होना भी चाहिए! देशभर में युद्धस्तर पर शौचालय बन रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है और वे गॉव- गॉंव घूम- घूमकर खुले में शौच करने वालों को खदेड़ते नज़र आ रहे हैं! और, दूसरी ओर देश के छोटे-बड़े शहरों में सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाले सफाई योद्धाओं की मौत के मामले बंद होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। असलियत तो यह है कि अब ये हादसे पहले से कहीं अधिक होने लगे हैं। हाल के दौर में इन अभागों के कुछ चित्र मीडिया में भी आने लगे हैं कि किन कठोर हालातों में सफाईकर्मी गंदे-कीचड़ से सने सीवर के भीतर से निकल रहे हैं या इनके शव निकाले जा रहे हैं। ये सारे नजारे भयावह लगते हैं। निराश कर जाते हैं और सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि हमारे इस महान देश में आज़ादी के 70 साल बाद भी हमारे देश का कोई इंसान अप...
Why friendship with Pakistan?

Why friendship with Pakistan?

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दुर्जन से कैसी सज्जनता ...⁉ क्या पाकिस्तान के अनेक अपमानजनक व अमर्यादित कटु व्यवहारों के बाद भी हम मौन रहें और उसे सहते रहें , पर कब तक और क्यों ? अधिक पीछे न जाते हुए अभी पिछले सप्ताह ऐसा ही एक प्रकरण हुआ जिसमें पाकिस्तान की एक जेल में बंद हमारे नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने गई उनकी माँ और पत्नी के साथ हुआ । उनके साथ किये गये दुर्व्यवहार ने हमारी धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचा कर पाकिस्तान ने अपनी वहीं धूर्त व घृणित इस्लामिक मानसिकता का ही परिचय दिया । ध्यान रहें जाधव की माँ और पत्नी को उनसे मिलवाने से पहले उन दोनों के मंगल सूत्र, बिंदी , चूड़ियां आदि हिन्दू सुहागिनों के प्रतीक चिन्हों को उतरवाया गया व उनके वस्त्र भी परिवर्तित करायें गयें । यहां तक की सुरक्षा के नाम पर कुलभूषण की पत्नी के जूते तक भी उतरवा कर रख लिये। परंतु नकारात्मक व संदेहास्पद सोच के कारण वापसी में उनको बदले हुए जूते/...