कभी इन असली जंगलियों से भी मिलिए
विश्व वानिकी दिवस हर वर्ष आता है। वह हर वर्ष जंगल बचाने और बढ़ाने का संदेश दे जाता है। इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकारी-गैरसरकारी स्तर पर पूरी दुनिया में सेमिनार, रैली तथा वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। किंतु कुछ समुदाय और लोग ऐसे होते हैं, जो विश्व वानिकी दिवस की प्रतीक्षा किए बगैर साल के बारह महीने... हर दिन सिर्फ जंगल ही बचाने, बढ़ाने की चिंता, चिंतन और करतब में मगन रहते हैं। समुदाय के तौर पर जंगल बचाने में सबसे प्रथम हमारे आदिवासी समुदाय हैं, तो व्यक्ति के तौर पर एम एस यूनिवर्सिटी, वड़ोदरा के सहायक प्रोफेसर - ट्रीमैन बालकृष्ण शाह, गुड़गांव के ट्रीमैन दीपक गौड़, अलवर के ट्रीमैन प्रदीप, लखनऊ के ट्रीमैन तिवारी और एक करोड़ पेड़ लगाने वाले ट्रीमैन दरीपल्ली रमैया समेत कई भारतीय हैं, जिनमें हरेक काम को हमें जानना चाहिए। जोधपुर में खेजड़ी के दरख्तों की रक्षा की खातिर उनसे चिपककर अ...