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दुर्लभ मानव जीवन उजले-उजले संकल्प करने के लिए है

दुर्लभ मानव जीवन उजले-उजले संकल्प करने के लिए है

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राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने आधारभूत नवाचार और उत्कृष्ट पारम्परिक ज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 55 लोगों को सम्मानित किया। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नवप्रवर्तन उत्सव के दौरान इन सभी लोगों को सम्मानित किया। इनमें से सबसे प्रमुख गुजरात के 82 वर्षीय भंजीभाई मथुकिया को कृषि से संबंधित कई नए तरीके विकसित करने के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। इस मेले में हिस्सा लेने वाले वैज्ञानिक नहीं हैं लेकिन वे ऐसे खोजकर्ता हैं जिन्होंने अपनी खुद की जरूरत या अपने आसपास की समस्या के निदान के लिए अनोखी खोजें कर डाली। जैसे बिना बिजली से चलने वाली फ्रिज, क्ले वाटर फिल्टर, गर्मी में उगने वाले सेब की किस्म, मरीजों के नहाने के लिए कुर्सी, कूड़ा उठाने वाली मशीन आदि। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की तरफ से आयोजित नवप्रवर्तन उत्सव में 55 से भी ज्यादा जमीनी इनोवेटरों ने हिस्...
SAVDHAN INDIA AND DASTAK

SAVDHAN INDIA AND DASTAK

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(All that is necessary for evil to succeed is, for good men to do nothing---Edmund Burke.) (By Dr V S Karnik)(Dec 2014) After watching FIFA football matches for a month at night regularly, once the matches were over, there was nothing much for me to watch on TV. Suddenly, I came across two TV serials, based on real crime stories in India. The names of these serials are “Sawadhan India” and “Dastak. “, showing real crime cases of India. The meaning of “Sawadhan India” is to alert people, as somewhere crime is taking place. “Dastak” means that, a criminal, before actually committing a crime, gives some indications about the impending crime, by his pattern of behaviour. Dastak is equivalent to indications of what is going to happen. These real stories and the headings kept me thinking...
Why is Indian media supporting China’s claims over Indian territory?

Why is Indian media supporting China’s claims over Indian territory?

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[The publication of pro-China articles by the India media raises two questions: First, why are Indian journalists propagating stories planted by Beijing? Second, can the Chinese be trusted even after they have signed a deal?] In 2003, the Central Military Commission (CMC) of the Communist Party of China approved a ‘guiding conceptual umbrella’ for information operations of the People’s Liberation Army (PLA).   It was called the ‘Three Warfares’.   It was based on three strategies or ‘Warfares’, each mutually reinforcing the two others: (1) the coordinated use of strategic psychological operations;   (2) overt and covert media manipulation; and   (3) legal warfare designed to manipulate strategies, defence policies, and perceptions of target audiences abroad.   N...
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद का बीसीसीआई

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद का बीसीसीआई

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आईपीएल के दसवें संस्करण से ठीक पहले बीसीसीआई के आला पदाधिकारियों के रहने की जरूरत का न तो अहसास हो रहा है न ये लग रहा है कि अगर वो होते कुछ अनूठा कर बैठते। हां, ये जरूर है कि 20 फरवरी को जब आईपीएल के लिए खिलाडिय़ों की नीलामी हुई तो न ज्यादा ग्लैमर था और न ही क्रिकेट बोर्ड अधिकारियों की फोटो खिंचवाती हुई पलटन। लेकिन ये सबकुछ बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से हो गया। बीसीसीआई के वो सूरमा, जो लगातार खबरों में रहते थे, अपने पॉवर पर इतराते थे। वो सभी अपने घरों में बैठे हुए हैं। वो पदाधिकारी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दावे किए थे कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें बीसीसीआई के लिए अहितकारक होंगी, अब खुद देख रहे होंगे कि बीसीसीआई को उनके नहीं रहने से कोई झटका नहीं लगा है और न ही उसका काम उनके नहीं होने से प्रभावित हुआ है। ज्यों ज्यों सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक क्रिकेट बोर्ड की प्रणाली और संरचना को ...
रेल मंत्री प्रभु जी की ‘स्पेशल ट्रेन’ का पहिया जाम

रेल मंत्री प्रभु जी की ‘स्पेशल ट्रेन’ का पहिया जाम

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मैं घनश्याम लाल शर्मा 27/11/2016 को दैनिक हिंदुस्तान, हिंदी संस्करण, गाजिय़ाबाद का (अख़बार) पढ़ रहा था तो मेरी नजर प्रथम पेज की एक खबर पर टिकी कि माननीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु जी किसी कार्यक्रम के लिए दादरी आये थे और वापसी स्पेशल ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे कि अचानक गाजिय़ाबाद से पहले ट्रेन के पहिये से धुंआ निकला और ट्रेन एक्सीडेंट होने से बची, अख़बार के मुताबिक खराबी ठीक कर 20 मिनेट में ट्रेन दिल्ली को रवाना हुई। मुझे एकदम याद आया कि वर्ष 1978 में मैं और मेरे मित्र देवेंद्र जी कानपुर से बांदा शहर ट्रेन से एक बड़े पुलिस अफसर का फ्रिज ठीक करने के लिए जा रहे थे, बांदा शहर से पहले कबरई स्टेशन से ट्रेन चली और अचानक रुक गई। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि पता नहीं क्या हो गया, इसी सोच विचार करने में जब लगभग 1 घण्टे बाद नीचे उतर कर देखा तो सभी यात्री इंजन कि तरफ जा रहे थे। हम दोनों भी इंजन के प...
बजट और मेरा दृष्टिकोण

बजट और मेरा दृष्टिकोण

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    मैं एक उदाहरण देना चाहता हूं, मैं जब अपने मां के गर्भ में था यदि उस समय मेरी मां को दूध, मक्खन, घी, मछली मांस, अंडा, ड्राई फ्रूट, फल, सब्जी भरपेट खाने को मिला होता तो शायद आज मेरा रंग रूप दूसरा हुआ होता। मैं उस मां के पेट से जन्म लेकर आया हूं जिसको भरपेट भोजन नहीं मिला, वह आधे पेट खाकर सोती थी, कभी-कभी मां के पेट में भी मुझे भूखा रहना पड़ता था। आपने कभी इस पर सोचा, आपके दिल में कभी दर्द हुआ, हम जेल में जाते थे तो गाते थे, धनवानों के राजमहल हम गरीब को फांसीघर चलो बसाएं नया नगर। मैं भी नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, उन्होंने उस मां के दर्द को समझा और गर्भवती महिलाओं को छह हजार रूपये भोजन के लिए दिए। हिन्दी भाषी इलाके के लोग जो पिछड़े हैं, दलित हैं, गरीब हैं, मजदूर हैं, किसान हैं और गांव की झोपड़ी में रहने वाले हों, अपनी-अपनी माताओं तक यह संदेश पहुंचा...
विरोध से और मजबूत होंगे ट्रंप!

विरोध से और मजबूत होंगे ट्रंप!

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  अमेरिकी प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप अति-पूर्वाग्रह का शिकार हो रहे हैं? ट्रंप पर उनके विरोधी और लिबरल ताकतें जानबूझकर लगातार हमले कर रहे हैं? वाकई ट्रंप ऐसा कदम उठाएंगे जो अमेरिका के लिए आत्मघाती होगी? क्या ट्रंप ने 20 जनवरी को प्रेजिडेंट पद संभालने के बाद वास्तव में ऐसा कर दिया कि पूरी दुनिया को उनसे खतरा हो गया या ऐसा माहौल बनाने की कोशिश हो रही है? ट्रंप से जुड़े तमाम विवादों के बीच अब ये काउंटर क्वेश्चन भी सामने आ रहे हैं। ट्रंप के सपोर्टर अब उनके पक्ष में आ रहे हैं और बता रहे हैं कि किस तरह तिल का ताड़ बनाया जा रहा है और नए प्रेजिडेंट को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। वहीं जानकार मानते हैं कि अगर ट्रंप पर एकतरफा हमले जारी रहे तो इससे उन्हें राजनीतिक नुकसान से अधिक फायदा ही होगा और अंत में लिबरल ताकतों को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। एनबीटी ने जब ट्रंप से जुड़े विवादों के दू...
सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

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सभ्यता और संस्कृति पर मंडरा रहे विदेशी हस्तक्षेप और बाज़ार के हस्तक्षेप के खतरों पर एक सफल कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में मैथिली भाषा और संस्कृति के लिए संघर्षरत गैरसरकारी संगठन दीपक फाउंडेशन के द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2017 को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्युशनल क्लब के मावलंकर हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में डायलॉग इंडिया और ओपन कोर्ट सहित कई अन्य संस्थान भी सम्मिलित थे। कार्यक्रम का शीर्षक था सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के शीर्षक के अनुसार ही हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के आगमन तक दर्शकों के सम्मुख नृत्यांगना अनु सिन्हा के नृत्य समूह ने गणेश वन्दना एवं शिव वंदना प्रस्तुत की। इस वंदना ने कार्यक्रम में जहां एक तरफ दर्शकों को मुख्य अतिथि के आने तक बांधे रखा वहीं उन्होंने अपनी संस्कृति के सबसे प्राचीन रूप के भी दर्शन कराए। जब नन्हे नन्हे कदम इस तरह सधे और आ...
आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

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जब जयललिता की मृत्यु हुयी थी तभी इस बात की आशंका व्यक्त होने लगी थी कि क्या अब उनके उत्तराधिकारी पांच साल सरकार चला पाएंगे? 2016 में हुये विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु की जनता ने जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके को पूर्ण बहुमत दिया था। जयललिता सिर्फ छह माह ही इस सरकार का नेतृत्व कर पाईं। उनके उत्तराधिकारी के रूप में पनीरसेलवम का चुना जाना उनकी करीबी शशिकला को पसंद नहीं आया। सिर्फ दो माह में ही तमिलनाडु में इस तरह का घटनाक्रम पैदा कर दिया गया जिसमें शशिकला को जेल जाना पड़ा और पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाये जा चुके हैं। तमिलनाडु की राजनीति पर पैनी नजऱ रखते हुये विशेष संवाददाता अमित त्यागी पूरे घटनाक्रम पर प्रकाश डाल रहे हैं। मिलनाडु की राजनीति एक लंबे समय से क्षेत्रीय दलों के बीच सिमटी हुयी है। वर्तमान में करुणानिधि की डीएमके और जयललिता की एआईएडीएमके दो ऐसे दल हैं जिन्होंने सत्ता क...
क्या देवबंद मदरसा आतंकवाद का अड्डा है

क्या देवबंद मदरसा आतंकवाद का अड्डा है

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यह शीर्षक पढ़ कर कट्टरपंथी मुल्ला आक्रोशित अवश्य होंगे पर "देवबंद मदरसा है आतंकवाद का अड्डा" शीर्षक से सच्चाई लिखने वाले कोई और नहीं प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान व लेखक श्री मुजफ्फर हुसैन है। इनके उपरोक्त शीर्षक से लिखे तथ्यपरक लेख को दिल्ली से प्रकाशित होने वाले हिंदी साप्ताहिक 'पाञ्चजन्य' ने 15 फरवरी 2009 को प्रकाशित किया था। आज इसकी चर्चा का अवसर क्यों आया यह भी जानना आवश्यक है। अमरीका की राजधानी वाशिंगटन के 'यू एस कैपिटोल'  में दिल्ली के थिंक टैंक कहे जाने वाली संस्था "विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन" द्वारा 2 मार्च को आयोजित एक कार्यक्रम में वहां के एक प्रभावशाली सांसद एड रॉयस ने अपने स्पष्ट विचार व्यक्त किये। उन्होंने जिहाद को नियंत्रित करने के लिये पाकिस्तान को परामर्श देते हुए कहा कि " पाकिस्तान को अपने यहां चल रहे  देवबंदी मदरसों को बंद करने के लिऐ गंभीरता से सोचना चाहिये । उनके अनुसार ...