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भाजपा की नीति-मेरी कमीज तेरी कमीज से ज्यादा साफ

भाजपा की नीति-मेरी कमीज तेरी कमीज से ज्यादा साफ

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भारत हो या अन्य लोकतांत्रिक देश राजनीतिक दल बिना चंदे के चुनाव लडऩे की सोच भी नहीं सकते है। यह भी सच है कि अगर चंदे में पारदर्शिता न हो तो यह भ्रष्टाचार की जड़ बन जाता है। असल में देश के ज्यादातर राजनीतिक दल चंदे के हिसाब-किताब में पारदर्शिता नहीं रखते हैं। हालाकि देश में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी चंदे को लेकर इन दिनों खूब हो हल्ला मचा हुआ है। वित्त मंत्री अरूण जेटली नेे अबकि बार अपने बजट भाषण में राजनीतिक चंदे पर एक बड़ी घोषणा कर यह जताने की कोशिश की है कि भाजपा ही वह पार्टी है जिसे चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने की फिक्र है। इस बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने राजनीतिक पार्टियां को कैश में चंदा लेने की अधिकतम सीमा 2000 रुपये निर्धारित कर दी है। नई घोषणा के साथ ही अब राजनीतिक दलों को चंदा लेने के लिए चेक और डिजिटल माध्यम का सहारा लेना पड़ेगा। इसके साथ ही पार्टियों को चंदा देने ...
धूर्त बिल्डरों पर लगाम; ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान

धूर्त बिल्डरों पर लगाम; ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान

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आप ये मानेंगे कि किसी भी इंसान की माली हालात चाहे कितनी ही खस्ता क्यों न हो पर उसके जीवन का एक बड़ा सपना होता है कि उसकी अपनी भी एक छत हो।  उसका अपना एक अदद घर हो, जिसे वह अपना आशियाना कह सके। और, इस सपने को साकार करने की दिशा में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2017-18 के आम बजट में बहुत से अहम कदम उठाए हैं और यह आशा की किरण गरीबों और मेहनतकश भारतीयों के मन में जगा ही दी है कि जल्दी ही उनका सपना साकार हो जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो 2022 तक हरेक भारतीय को घर देने का वादा कर ही दिया हैं। उस वादे को पूरा करने की दिशा में अरुण जेटली ने इस बार की बजट में दो दूरदर्शी कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में सस्ते घरों को“इंफ्रास्ट्रक्चर” का दर्जा दे दिया है। इससे गरीबों के लिए सस्ते घरों की आपूर्ति में तेजी से वृद्धि की संभावना तेजी से बढ़ेगी। सरकार की चाहत है कि सा...
पर्यावरण के इस उजाले को कोई तो बांचे

पर्यावरण के इस उजाले को कोई तो बांचे

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आदर्श की बात जुबान पर है, पर मन में नहीं। उड़ने के लिए आकाश दिखाते हैं पर खड़े होने के लिए जमीन नहीं। दर्पण आज भी सच बोलता है पर हमने मुखौटे लगा रखे हैं। ग्लोबल वार्मिंग आज विश्व के सामने सबसे बड़ी गंभीर समस्या है और हम पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित करते जा रहे हैं। ऐसी निराशा, गिरावट व अनिश्चितता की स्थिति में एक व्यक्ति पर्यावरण को बचाने के लिये बराबर प्रयास कर रहा है। यह व्यक्ति नहीं है, यह नेता नहीं है, यह विचार है, एक मिशन है। और येे श्री अवधूत बाबा जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अरुणगिरीजी के रूप पहचाने जाते हैं और उनका मिशन है अवधूत यज्ञ हरित पदयात्रा। पर्यावरण संरक्षण का यह अनूठा एवं अनुकरणीय उपक्रम है, जो वैष्णोदेवी से कन्याकुमारी तक निरन्तर चलित यज्ञ और पांच करोड़ पौधारोपण द्वारा विश्व पर्यावरण की शु़िद्ध के संकल्प के साथ चलयमान एक महायात्रा है। अगस्त 2017 तक चलने वाली करीब 4500 किलो...
मोदी सरकार का “कांग्रेसी” बजट

मोदी सरकार का “कांग्रेसी” बजट

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  2014 में नरेंद्र मोदी बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आये थे और जनता को भी उनसे बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन तीन साल पूरे होने को आये हैं और मोदी सरकार कोई नयी लकीर खीचने में नाकाम रही है, मोटे तौर पर वह वह पिछली सरकार के नीतियों का ही अनुसरण करते हुए दिखाई पड़ रही है. हालांकि इसके साथ उनकी यह कोशिश भी है कि पुराने लकीर को पीटने में नयापन दिखाई दे. 2017 के बजट में भी यही फार्मूला अपनाया गया है बजट में कुछ नया नहीं है और अगर इसे जेटली की जगह चिताम्बरम पेश करते तो शायद इसमें शेरो-शायरी के आलावा  कोई खास फर्क नहीं होता. लेकिन जैसा की मोदी सरकार आमतौर पर करने की कोशिश करती हैं 2017-18 के आम बजट को लेकर भी कई चीजें को परम्परा तोड़ते हुए “पहली बार” करने की कोशिश की गयी है, जैसे इस बार बजट को अपने निर्धारित समय से करीब एक महीने पहले ही पेश किया गया है,इसी तरह यह पहला मौका है जब आम बजट में रेल ब...
हम  हवा-पानी सोखन लगे,  तो को कर सकै उद्धार

हम हवा-पानी सोखन लगे, तो को कर सकै उद्धार

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हर्ष की बात है कि विश्व नमभूमि दिवस - 2017 से ठीक दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 15 लाख डाॅलर की धनराशि वाले ’वाटर एंबडेंस प्राइज’ हेतु समझौता किया है। यह समझौता, भारत के टाटा औद्योगिक घराने और अमेरिका के एक्सप्राइज़ घराने के साथ मिलकर किया गया है।    विषाद का विषय है कि जल संरक्षण के नाम पर गठित इस पुरस्कार का मकसद हवा से पानी निकालने की कम ऊर्जा खर्च वाली सस्ती प्रौद्योगिकी का विकास करने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है।    जाहिर है कि सस्ती प्रौद्योगिकी से हवा से पानी निकालना सस्ता पडे़गा। परिणामस्वरूप, एक नई प्रतिस्पर्धा जन्म लेगी; हवा में से ज्यादा से ज्यादा पानी निकाल लेने की प्रतिस्पर्धा। अभी हमारी भूमि फाड़कर पानी निकालने की प्रौद्योगिकी (ट्युबवैल, समर्सिवैल और जेटवैल) नमभूमि क्षेत्रों को सुखा रही है; कल को हवा से पानी निकासी की प्रौद्योगिकियां वायुमंडल को सुखाने की दौड़ में ल...
चुनाव सुधारों पर मौलिक भारत के संसदीय समिति  को दिए गए सुझावों पर विचार शुरू

चुनाव सुधारों पर मौलिक भारत के संसदीय समिति को दिए गए सुझावों पर विचार शुरू

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  आर टी आई कानून संशोधन बिल - 2013 जिसमें 6 राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था, का अन्य जागरूक संस्थाओं की तरह मौलिक भारत ने भी पुरजोर विरोध किया था। मौलिक भारत की ओर से नीरज सक्सेना, ओम् प्रकाश सक्सेना, संजीव गुप्ता और मैं यानि अनुज अग्रवाल ने इस विषय पर जनता का पक्ष जानने के लिए गठित संसदीय समिति जिसमें 30 से अधिक लोकसभा और राज्यसभा के मंत्री एवं सांसद सदस्य थे, के सामने 6 नवंबर 2013 को अपने तर्क रखे थे। हमारे प्रतिवेदन में निम्न तर्क प्रमुख थे - 1)            जब केंद्रीय सूचना आयोग सरकार और राजनीतिक दलों के विरुद्ध कोई निर्णय लेता ही नहीं है, ऐसे में राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बेहतर है कि पहले केंद्रीय सूचना आयोग की शक्तियां बढ़ायी जाएं, तब राजनीतिक दल आरटीआई के दायरे में आएं। वर्तमान में केंद्...
आम बजट-2017-18 में किसानों के अनुकूल अनेक कदम उठाने की घोषणा

आम बजट-2017-18 में किसानों के अनुकूल अनेक कदम उठाने की घोषणा

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केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार को मानसून की स्थिति बेहतर रहने से चालू वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1 प्रति होने की उम्‍मीद है। चौथा बजट पेश करते हुए श्री जेटली ने कहा कि किसानों को समय पर पर्याप्‍त ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा। 2017-18 में कृषि ऋण का लक्ष्‍य 10 लाख करोड़ रूपये के रिकॉर्ड स्‍तर पर निर्धारित किया गया है। उन्‍होंने कहा कि अल्‍पसेवित क्षेत्रों, पूर्वी राज्‍यों तथा जम्‍मू कश्‍मीर के किसानों के लिए पर्याप्‍त ऋण की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किये जाएंगे। किसानों को सहकारी ऋण ढांचे से लिए गये ऋण के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 60 दिनों के ब्‍याज के भुगतान से छूट का भी लाभ मिलेगा। वित्‍त मंत्री ने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान सहकारी ढांच...
स्‍वतंत्र भारत का प्रथम संयुक्‍त बजट पेश, रेल बजट भी शामिल

स्‍वतंत्र भारत का प्रथम संयुक्‍त बजट पेश, रेल बजट भी शामिल

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केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18  पेश करते हुए कहा कि यह बजट स्‍वतंत्र भारत का प्रथम संयुक्‍त बजट है, जिसमें रेलवे भी शामिल है। उन्‍होंने कहा कि भारत अब रेलवे, सड़कों, जलमार्गों और नागरिक उड्डयन में होने वाले निवेश में सामंजस्‍य बैठाने की स्थिति में आ गया है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍त वर्ष 2017-18 में रेलवे का कुल पूंजीगत एवं विकास व्‍यय 1,31,000 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें सरकार द्वारा मुहैया कराई गई 55,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि रेलवे चार प्रमुख क्षेत्रों अर्थात यात्री सुरक्षा, पूंजीगत एवं विकास कार्यों, स्‍वच्‍छता और वित्‍त एवं लेखांकन संबंधी सुधारों पर अपना ध्‍यान केन्द्रित करेगी। यात्री सुरक्षा के लिए अगले 5 वर्षों की अवधि के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये का ‘राष्...
मोदी जी का राष्ट्र के नाम सन्देश और 7 अनुत्तरित प्रश्न

मोदी जी का राष्ट्र के नाम सन्देश और 7 अनुत्तरित प्रश्न

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विमुद्रीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया तो लगा वो भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और नकली मुद्रा के खिलाफ छेड़े गए इस महाभियान के जो परिणाम और उपलब्धियां सरकार ने प्राप्त की उनको देश की जनता के सामने रखेंगे और साथ ही कालेधन के खिलाफ आगे की लड़ाई की कार्ययोजना देश के सामने रखेंगे। किंतु ऐसा कुछ भी न कर उन्होंने मात्र कुछ रेबडिय़ा सी जनता को बांटी वो भी आधी अधूरी सी। हालांकि यह तो समझ आता है कि मोदी जी की नीयत अच्छी है और मोदी सरकार का सारा उपक्रम देश में आगे से कालाधन पैदा होने से रोकने और उसको खपाने के चोर रास्ते बंद करने पर है, यह प्रशंसनीय भी है। अगर सारे उपाय ठीक से लागू कर लिए जाए और वस्तु एवं सेवा कर लागू हो जाए तो अगले वित्त वर्ष से देश की 70 से 80 प्रतिशत तक अर्थव्यवस्था सफ़ेद हो जायेगी जो वर्तमान में मात्र 20 प्रतिशत ही है। ल...
विमुद्रीकरण एवं डिजिटल लेन-देन : नायडू समिति की अहम सिफारिशें

विमुद्रीकरण एवं डिजिटल लेन-देन : नायडू समिति की अहम सिफारिशें

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  बैंक से रुपये निकालने पर लग सकता है टैक्स देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन कर लगाने और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिकाउंट रेट (एमडीआर) को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। नोटबंदी के मद्देनजर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी उप समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ये सिफारिशें की गयी है। नायडू ने रिपोर्ट सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर कर लगाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एमडीआर को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। सरकारी एजेंसियों में...