पहलवानों के धरना का अंत तत्काल नहीं
अवधेश कुमार
जंतर - मंतर पर पहलवानों का धरना धीरे-धीरे उस अवस्था में पहुंच गया जहां से इसका अंत होना इस समय कठिन लग रहा है। किसान संगठन और खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपना जो तेवर दिखाया उससे साफ है कि धरने को लंबा खींचने की रणनीति बना दी गई है। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की आगे सुनवाई करने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि महिला पहलवानों को कोई शिकायत है तो संबंधित मजिस्ट्रेट के न्यायालय या उच्च न्यायालय में जाएं। उच्चतम न्यायालय ने महिला पहलवानों की ओर से मामले की जांच की निगरानी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग भी खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई थी वह हो गई है और सुरक्षा की बात थी वह भी उद्देश्य पूरा हो गया है। ध्यान रखिए, पीठ में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति जे पी पार...