दवा को टक्कर देता भारतीय आहार
कोरोना दुष्काल के दौरान और उसके बाद पूरी दुनिया इस बात को लेकर हैरत में थी कि सघन आबादी वाले और अपर्याप्त चिकित्सा सुविधा वाले देश भारत में कोरोना दुष्काल के बीच और उसके बाद मृत्यु दर कम कैसे रही? इसके विपरीत कम आबादी वाले संपन्न व पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं वाले देशों में मौत का आंकड़ा कहीं ज्यादा रहा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च अर्थात् आईसीएमआर के एक जर्नल ने हाल ही इस रहस्य को उद्घाटित किया है, इसे कई देशों ऑन साझा भी किया है।
संसार के कई देशों के वैज्ञानिक अब इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारतीय व्यंजन स्वाद के साथ तमाम चिकित्सीय गुणों से भरपूर हैं, लेकिन विडंबना यही है कि भारत में विदेशी शासन के लंबे दौर ने ऐसी दासता की मानसिकता को जन्म दिया कि हम अपनी समृद्ध परंपरा व खानपान को छोड़कर विकृतियां पैदा करने वाली खाद्य शृंखला को अपना रहे हैं। हम अपनी विरासत पर तब गर्व करते है...