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पहचानिये,अपने मोबाईल की आइएमइआइ संख्या*

पहचानिये,अपने मोबाईल की आइएमइआइ संख्या*

अब भारत में ५ जी की सेवा शुरू हो गई है |इन्टरनेट के अन्य उपयोग के साथ मोबाईल उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ेगी | अन्य उपकरणों की तुलना में आज मोबाइल फोन हमारी बड़ी जरूरत बन चुका है| सामान्य संवाद से लेकर पैसे के लेन-देन तथा व्यक्तिगत सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए हम जिस चीज का इस्तेमाल करते हैं, वो मोबाईल फोन ही होता है,लेकिन फोन चोरी होना, उसकी मूल पहचान संख्या का फर्जी होना, फोन के साथ छेड़छाड़ होना, मोबाइल की कालाबाजारी आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे आम उपभोक्ता भी पीड़ित है तथा इनसे मोबाइल उद्योग के विकास में भी बाधा आ रही है|
हाल ही में इनके समाधान के लिए केंद्र सरकार ने नये दिशानिर्देश जारी किये हैं| अब देश में निर्मित और विदेशों से आयातित हर फोन की मूल पहचान संख्या (आइएमइआइ) को नकली डिवाइस रोकने के लिए बने पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य हो गया है| यह पोर्टल भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा संचालित है| नये नियम भी बन रहे हैं, जिनके आगामी एक जनवरी से लागू होने की सम्भावना है |
अभी तक तो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हर एक फोन की आइएमइआइ संख्या अलग होनी चाहिए, लेकिन हमारे देश में लाखों फोन ऐसे हैं, जिनमें यह संख्या या तो फर्जी होती है या फिर कई मोबाइलों में एक ही संख्या होती है| दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने १३ हजार से अधिक ऐसे वीवो मोबाइलों की पहचान की थी, जिनमें एक ही आइएमइआइ संख्या थी| इस तरह के अनेक मामले सामने आते रहे हैं|
यदि हर मोबाइल की पहचान संख्या अलग होगी, तो उन्हें ट्रैक कर पाना आसान होगा| चोरी होने पर ऐसे फोन पकड़े जा सकेंगे तथा उनका दुरुपयोग रोका जा सकेगा| उल्लेखनीय है कि जिस फोन में एक सिम कार्ड लगता है, उसमें यह संख्या एक होती है और दो सिम कार्ड लगाने की सुविधा वाले मोबाइल में दो आइएमइआइ नंबर होते हैं| डिजिटल तकनीक के विस्तार के साथ मोबाइल की मांग और बिक्री में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है|सस्ते से लेकर महंगे फोन का भारत एक बड़ा बाजार बन गया है| ऐसी स्थिति में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने और बाजार में मजबूत मौजूदगी के लिए कुछ कंपनियां या तो यह संख्या मुहैया नहीं कराती हैं या फर्जी संख्या डाल देती हैं|
फोन खरीदने की हड़बड़ी में या किसी ब्रांड पर आंख मूंद कर भरोसा करने या जागरूकता के अभाव में कई लोग इन बुनियादी चीजों का ध्यान नहीं रखते| अगर फोन में आइएमइआइ नंबर नहीं है, तो वह फर्जी फोन है| जैसे टैक्स चोरी या कारोबारी नियमों के उल्लंघन पर फोन बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई होती है, उसी तरह आइएमइआइ से जुड़ी शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है|

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