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भारत जोड़ो यात्रा

*भारत जोड़ो यात्रा*

7 सितम्बर, 2022 को राहुल जी की 3500 किमी की भारत जोड़ों यात्रा अत्यधिक उत्साह के साथ कन्याकुमारी से प्रारम्भ हो गई है। कांग्रेस ने काफी समय बाद ऐसा करने का निर्णय लिया, क्योंकि अतीत में इस प्रकार की यात्रा महात्मा गांधी जी के द्वारा भी की गई थी, उनके द्वारा की गई यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट था कि देश को स्वतंत्र कराना है। तत्पश्चात आडवाणी जी के द्वारा रथयात्रा शुरू की गई, जिसका उद्देश्य भाजपा को देश में स्थापित करना था, वह यात्रा भी अपने उद्देश्य में सफल हुई। इसके अतिरिक्त कई प्रादेशिक यात्राएँ, यथा – तमिलनाडु में स्टालिन की, पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी अथवा अन्य किसी भी यात्रा को किसी न किसी उद्देश्य से प्रारम्भ किया गया। अन्ततः वहीं यात्रा सफलता प्राप्त करती है, जो यात्रा लगन तथा उद्देश्यपूर्ण तरीके से एवं जनता के सहयोग से पूर्ण की गई हो।
राहुल जी की भारत जोड़ों यात्रा करने में उनका क्या उद्देश्य निहित है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि भारत तो एक जुड़ा हुआ राष्ट्र है। भारत जैसे संगठित देश के विभाजन की ना तो कोई चर्चा कर रहा है न ही कोई कर सकता है। राहुल जी अपनी यात्रा के माध्यम से किसको और क्यों जोड़ना चाहते हैं? इसे स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
जब कांग्रेस की ओर से देश को संगठित करने की बात कही जाती है तो जनता का प्रथम प्रश्न यही होता है कि कांग्रेस पार्टी स्वयं संगठित क्यों नहीं है? यदि घर ही टूटता रहा तो वो जोड़ेगे किसे। दूसरी मुख्य चर्चा कांग्रेस के सन्दर्भ में यही है कि विगत 10 वर्षो में कांग्रेस ने जनता का इतना अधिक विश्वास खो दिया है कि जो कभी एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी हुआ करती थी, वो आज एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में देश में स्थापित होती जा रही है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी जी के समय में पार्टी के 400 से अधिक सांसद थे जो कि एक उच्चतम जनाधार था, वो आज सिमट कर मात्र 50 सांसदों की संख्या पर आ गया है। मोदी जी का उद्देश्य, कांग्रेस के वर्तमान जनाधार को भी समाप्त कर वर्ष 2024 में शून्य करने का है। पार्टी की दुर्दशा को देखते हुए कांग्रेस के पास सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे अपने 50 सांसदों को 2024 में पुनः जिताकर ले आए और जो नेता कांग्रेस छोड़ने की धमकिया दे रहे हैं, उनको घर में बांधकर रखे एवं पार्टी के नये अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से होने दे। सम्भवतः कांग्रेस को जनता के अनुरूप कोई लोकप्रिय अध्यक्ष प्राप्त हो जाए और वह कांग्रेस को कुछ सम्मानजनक स्थिति में लाने में सफल हो सके। कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से पूर्व पार्टी की सफलता के लिए अपेक्षित तैयारी करना अत्यधिक आवश्यक था।

*योगेश मोहन*

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