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Author: Dialogue India

आप भी देश के नागरिक हैं, उससे ऊपर नहीं

आप भी देश के नागरिक हैं, उससे ऊपर नहीं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, सामाजिक
देश पर आधी शताब्दी तक राज करने वाली कांग्रेस पता नहीं क्यों, यह समझने को तैयार नहीं है कि उसके सिरमौर गांधी परिवार के राजनीतिक वारिस राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में अदालत ने सजा सुनाई है? यह सजा सरकार ने नहीं सूरत के एक न्यायालय ने सुनाई है।यह सामान्य समझ की बात है कि अदालत अगर किसी व्यक्ति को किसी मामले में दोषी पाते हुए उसे सजा सुना दे तो दोषी व्यक्ति या उसके समुदाय को सड़कों पर हंगामा करते , क्या आपने कभी देखा है कि यदि कोई जाँच एजेंसी या पुलिस किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाये या जाँच एजेंसी किसी के पास पूछताछ के लिए जाये तो वह व्यक्ति या उसका परिवार सड़क पर हंगामा करने लगता है? नहीं ना। जब देश का आम व्यक्ति कानून का पालन करता है। नोटिस मिलने पर जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर होता है। सजा सुनाये जाने पर जेल जाता है या उस फैसले को चुनौती देता है तो वीआईपी व्यक्ति ऐसा क्यों न...
नेपाली भानुभक्त रामायण एवं श्रीरामचरितमानस में श्रीरामगीता का महत्व

नेपाली भानुभक्त रामायण एवं श्रीरामचरितमानस में श्रीरामगीता का महत्व

साहित्य संवाद
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग श्रीरामकथा का भारतीय साहित्य में व्यापकता की अपेक्षा विदेशों में भी उसकी ख्याति और लोकप्रियता होना कोई कम आश्चर्य नहीं है। विश्व में जनसाधारण में यह श्रद्धा-विश्वास भावना है कि नेपाल में एक मात्र शिव भक्ति की उपासना ही प्रधान है। श्रीराम की चर्चा है करें तो भी नगण्य किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। नेपाल में भगवान् शिव के अतिरिक्त श्रीराम की विशद चर्चा और भक्ति भी है। नेपाल भारत की भाँति हिन्दू धर्मावलंबी प्रमुख देश है। अत: स्वाभाविक है कि वहाँ श्रीराम के अनन्य उपासकों और श्रीरामकथा भक्तों-प्रेमियों-पाठकों का बाहुल्य है। नेपाल में श्रीरामकथा पर हिन्दी में अनेक ग्रंथ लिखे गए किन्तु नेपाली भाषा का प्रसिद्ध-लोकप्रिय ग्रंथ है तो वह एकमात्र ग्रंथ है- नेपाली भानुभक्त रामायण। इस रामायण का सम्पूर्ण नेपाल में गरीब-अमीर सब ही नित्य पारायण करते हैं।नेपाल देश मे...
लड़किया लीडर बनेगी तभी उनकी दुनिया बदलेगी

लड़किया लीडर बनेगी तभी उनकी दुनिया बदलेगी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
लड़कियों में नेतृत्व के गुणों का निर्माण करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है लड़कियों को नेतृत्व की भूमिकाओं में रखना। जब लड़कियों से दूसरों का नेतृत्व करने की उम्मीद की जाती है, तो उन्हें अपने भीतर वह शक्ति मिल जाती है, जिसके बारे में उन्हें पता भी नहीं होता। यह लड़कियों के बीच औपचारिक पदों या अनौपचारिक संबंधों के रूप में आ सकता है। रचनात्मक कार्यक्रम के नेता और प्रशिक्षक इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और नेतृत्व के सभी रूपों का समर्थन करने के लिए सूक्ष्म तरीके ढूंढते हैं। -प्रियंका सौरभ आज दुनिया 900 मिलियन किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं की परिवर्तनकारी पीढ़ी का घर है जो काम और विकास के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है। यदि युवा महिलाओं के इस समूह को 21वीं सदी के कौशलों को पोषित करने के लिए सही संसाधनों और अवसरों से सुसज्जित किया जा सकता है, तो वे इतिहास में महिला नेताओ...
ऑनलाइन गेमिंग की दलदल में फंसती हमारी युवा पीढ़ी ! 

ऑनलाइन गेमिंग की दलदल में फंसती हमारी युवा पीढ़ी ! 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
कम्प्यूटर, एंड्रॉयड, लैपटॉप आदि पर गेमिंग (खेल खिलाना) आज अरबों-खरबों का कारोबार हो चुका है। एंड्रॉयड मोबाइल फोन तो आज कमोबेश हर व्यक्ति के हाथ में नजर आता है। एंड्रॉयड की व सस्ते इंटरनेट की उपलब्धता से आज हमारे बच्चों में विडियो गेमिंग की लत पड़ चुकी है। बच्चे ही नहीं आज हमारे देश के बुजुर्ग तक भी इस लत से अछूते नहीं हैं। कम्प्यूटर तो कम्प्यूटर आज एंड्रॉयड फोन(स्मार्टफोन) पर लगातार गेमिंग का क्रेज़ बढ़ता चला जा रहा है और आज कम्प्यूटर के साथ ही एंड्रॉयड फोन पर गेम खेलना एक फैशन बन गया है। आदमी थोड़ा सा भी कहीं फ्री हुआ नहीं कि गेम खेलना शुरू। घर तो घर, आफिस हो या बस, ट्रेन हो या मेट्रो फुरसत के पलों में आज बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी, बुजुर्ग सभी गेमिंग लत में फंस चुके हैं और इससे गेमिंग के धंधे में लगी कंपनियों की पौ बारह हो रही है और वे अरबों रुपये इस धंधे से कमा रहे हैं। आज अखबारों में इ...
राहुल को बोलने की सद्बुद्धि दे भगवान!-ललित गर्ग

राहुल को बोलने की सद्बुद्धि दे भगवान!-ललित गर्ग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
युगीन भारतीय राजनीतिक मनोरचना में शालीनता एवं शिष्टता के स्थान पर स्वच्छन्दता, अशालीन एवं अभद्र भाषा के व्यवहार का अधिक सक्रियता से प्रचलन चिन्ताजनक है। ऐसी स्थिति में शीर्ष राजनेता राजनीतिक शिष्टता एवं लोकतांत्रिक मर्यादा में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं? यह प्रश्न समूचे विपक्ष के साथ कांग्रेस के राहुल गांधी को लेकर व्यापक चर्चा में हैं। किसी को कुछ भी कह देना और यहां तक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना गैर जिम्मेदाराना हरकत ही नहीं स्वयं को अति विशिष्ट समझने की अहंकारी मानसिकता भी है, जो एक बड़ी राजनीतिक विसंगति बनती जा रही है। सार्वजनिक जीवन में ऐसी सामंती मानसिकता के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता। इसीलिये सूरत की एक अदालत की ओर से आपराधिक मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गयी है। यह एक बड़ी राजनीतिक घटना है, इस तरह की सज...
आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।

आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान की समस्या उसके जन्म के कारण से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। दरअसल पाकिस्तान का निर्माण जिस इस्लामी अवधारणा के आधार पर हुआ, उसमें आर्थिक चिंतन जैसी कोई चीज ही नहीं है। कुरान और हदीस में पूरी चिंता सबको मुसलमान बनाने और दुनिया पर इस्लामी एकाधिकार की है। इस बीच, जब जहां भी इस्लामी सत्ता कायम हुई, वहां टैक्स वसूल कर राज करना, आगे ऐसे हमले जारी रखना और कब्जा करने का ही रक्तरंजित इतिहास रहा है।* *किसी इस्लामी राज्य के मुख्यतः चार आर्थिक स्रोत रहे हैं। खाम (लूट का माल), खिराज (कब्जा किए क्षेत्र में किसानों से टैक्स), जजिया (काफिरों से टैक्स) और जकात (मुसलमानों से चंदा या दान)। इसके अतिरिक्त कोई अन्य आर्थिक माडल इस्लामी किताबों में नहीं मिलता। चूंकि मुस्लिम अपने पैगंबर और मूल इस्लामी ग्रंथों को ही संपूर्ण मानते हैं, इसलिए वे इस माडल से बाहर निकलकर सुधार नहीं कर ...
प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है

प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
प्रकृति का नियम है कि को दूसरों के लिए खाई खोदता है वो एक न एक दिन उस खाई में खुद भी गिरता है । 2014 के आम चुनावों से पहले मौनी बाबा मनमोहन की सरकार ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को शहाबुद्दीन केस में फसाकर झूठी साजिश रची थी और उस वक्त सरकार में बैठे हुए दोयम दर्जे के नेताओं ने शहाबुद्दीन को अपना दामाद तक घोषित कर दिया था । लेकिन उसके बाद उस केस का क्या हुआ यह सभी जानते है । इस समय केंद्र की सारी जांच एजेंसियां किसके इशारे पर और कैसे काम करती थी यह भी जगजाहिर है । लोग तो ऐसा भी कहते थे कि उस समय एक डमी प्रधानमंत्री था और देश का शासन कोई और कहीं और से चला रहा था । खैर वक्त बदला सरकार बदली और जो कांग्रेस और जो कांग्रेसी इस देश की जनता को और इस देश को अपनी पैतृक संपत्ति समझते थे वो अभी खुद अपना वजूद बचाने में लगे हुए है । इतिहास को अगर खंगाला जाए तो काफी ऐसी कहानियां सुनने मिलती है जिससे कांग्...
Festival of the prosperity of life and Akhand Suhag ‘Gangaur’

Festival of the prosperity of life and Akhand Suhag ‘Gangaur’

संस्कृति और अध्यात्म
Gangaur is such a festival, which is associated with the sentiments of the people. It has visions of the realities of village life. These festivals related to deities and religious beliefs introduce us to the realities of life. The festival of Gangaur comes at a time when the crops have been harvested. The farming class is at leisure. Financially also the hand is strong. In such a situation, the atmosphere becomes more cheerful. The religious faith of the people also becomes strong. Life starts going on with double the enthusiasm. New energy is born. One more special thing, through religion, through sweet songs, daughters get proper education to live life. That too without saying anything. This festival is a unique medium to make women powerful and cultured. Keeping personal interests...

India’s Environment report today

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CSE to release its annual State of India’s Environment report today Report says change is happening on the ground, but the scale and pace of this change needs to be far bigger. Also highlights where the nation is lagging behind “The Report enables us to understand the challenges, as well as explore the new approaches so that solutions for environmental management are affordable and sustainable”: Sunita Narain India’s performance on the Sustainable Development Goals is a case in point – report’s analysis showcases the slippages of states,but also holds up those which are improving “The state of India’s environment is not a story that is unendingly, inexorably dark – it has a lot of silver lining as well, it provides us with a lot of reasons to celebrate as well. This is the sto...
 INDIA LOSES LARGE , MUCH NEEDED PVC PROJECT DUE TO MOTIVATED CAMPAIGN AGAINST ADANI GROUP

 INDIA LOSES LARGE , MUCH NEEDED PVC PROJECT DUE TO MOTIVATED CAMPAIGN AGAINST ADANI GROUP

आर्थिक, विश्लेषण
There are not many project promoters in India who are capable of investing thousands of crores of rupees in large projects that could be globally competitive.  Most of such large projects have been set up in the past by public sector organisations such as Indian Oil Corporation. Reliance group , Adani group , Vedanta group, Birla group  are amongst the few who have announced large sized projects in the private sector in India in recent years. Unfortunately, due to motivated and negative campaigns , a few of such projects,  both in the private and public sector ,  have been halted in recent years, which have caused a setback to India’s industrial and economic growth to some extent. Copper project : Sterlite Copper in Tuticorin in Tamil Nadu is one such p...