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Author: Dialogue India

भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस पर विशेष लेख

भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस पर विशेष लेख

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
नव संवत्सर के दिन भगवान झूलेलाल का अवतरण हिंदू धर्म के रक्षार्थ हुआ था भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार वसंत ऋतु का पहला हिस्सा पतझड़ का हुआ करता है अर्थात पेड़ों, झाड़ियों, बेलों और पौधों के पत्ते सूखने लगते हैं, पीले होते हैं और फिर मुरझाकर झड़ जाते हैं। परंतु कुछ समय पश्चात उन्हीं सूखी, वीरान शाखाओं पर नाजुक कोमल कोंपलें आनी शुरू हो जातीं, यहीं से वसंत ऋतु अपने उत्सव के शबाब पर पहुंचती है। इस प्रकार पतझड़ और वसंत साथ-साथ आते हैं मानो यह संदेश देते हुए कि अवसान-आगमन, मिलना-बिछ़ुडना, पुराने का खत्म होना-नए का आना, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसी वसंत ऋतु में फागुन और चैत्र माह के महीने भी आते हैं। चैत्र माह के मध्य में प्रकृति अपने श्रृंगार एवं सृजन की प्रक्रिया में लीन रहती है और पेड़ों पर नए नए पत्ते आने के साथ ही सफेद, लाल, गुलाबी, पीले, नारंगी, नीले रंग के फूल भी खिलने लगते ...
वर्ष प्रतिपदा पर आद्य सर संघचालक डॉक्टर हेडगेवार जी के जन्म दिवस पर विशेष लेख

वर्ष प्रतिपदा पर आद्य सर संघचालक डॉक्टर हेडगेवार जी के जन्म दिवस पर विशेष लेख

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आद्य सर संघचालक डा. हेडगेवार में राष्ट्रीय भावना बचपन में ही विकसित थी डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार अक्सर यह सोचा करते थे कि प्राचीन भारत में सैन्य पौरुष, ज्ञान विज्ञान, अतुलनीय समृद्धि, गौरवशाली संस्कृति इत्यादि सब कुछ होते हुए भी भारत कालांतर में परतंत्र क्यों हुआ। इस प्रशन्न का उत्तर उन्होंने तात्कालीन विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक संस्थाओं एवं स्वतंत्रता आंदोलनों में अपनी भागीदारी के दौरान खोजने का प्रयास किया। इस संदर्भ में उन्होंने अपने विचारों का निष्कर्ष स्वतंत्रता सेनानियों, नेताओं, संत-महात्माओं समेत सभी भारतवासियों के सामने इस प्रकार रखा “हमारे समाज और देश का पतन मुस्लिम हमलावरों या अंग्रेजों के कारण नहीं है। अपितु, राष्ट्रीय भावना के शिथिल हो जाने पर व्यक्ति और समष्टि के वास्तविक संबंध बिगड़ गये तथा इस प्रकार की असंगठित व्यवस्था के कारण ही एक समय दिग्विजय का डंका दसो...
डॉक्टर हेडगेवार जी का हिंदुत्व

डॉक्टर हेडगेवार जी का हिंदुत्व

BREAKING NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
प्रशांत पोळ किसी व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना है, या उस व्यक्ति ने किये हुए कार्य का यश - अपयश देखना हैं, तो उस व्यक्ति के पश्चात, उसके कार्य की स्थिती क्या है, यह देखना उचित रहता हैं. उदाहरण हैं - छत्रपती शिवाजी महाराज. मात्र पचास वर्ष का जीवन. लगभग तीस वर्ष उन्होंने राज- काज किया और हिंदवी साम्राज्य खडा किया. किंतु उनके मृत्यु के पश्चात उस हिंदवी स्वराज्य की परिस्थिती क्या थी? हिंदुस्थान का शहंशाह औरंगजेब तीन लाख की चतुरंग सेना लेकर महाराष्ट्र मे आया था, इसी हिंदवी स्वराज्य को मसलने के लिए, सदा के लिए समाप्त करने के लिए. परिणाम? सारी जोड़-तोड़ करने के बाद, वह संभाजी महाराज से मात्र २ – ४ दुर्ग (किले) ही जीत सका. आखिरकार छल कपट कर के, ११ मार्च १६८९ को औरंगजेब ने संभाजी महाराज को तड़पा - तड़पा के, अत्यंत क्रूरता के साथ समाप्त किया. उसे लगा, अब तो हिंदुओं का राज्य, यूं मसल ...
सशक्त प्राचीन लोककला है कठपुलियों का संसार

सशक्त प्राचीन लोककला है कठपुलियों का संसार

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
विश्व कठपुतली दिवस- 21 मार्च 2023 पर विशेषसशक्त प्राचीन लोककला है कठपुलियों का संसार- ललित गर्ग -कठपुतली विश्व के प्राचीनतम रंगमंच पर खेला जाने वाले मनोरंजक, शिक्षाप्रद एवं कला-संस्कृतिमूलक कार्यक्रम है। कठपुतलियों को विभिन्न प्रकार की गुड्डे गुड़ियों, जोकर आदि पात्रों के रूप में बनाया जाता है और अनेक प्राचीन कथाओं को इसमें मंचित किया जाता है। लकड़ी अर्थात काष्ठ से इन पात्रों को निर्मित किये जाने के कारण अर्थात् काष्ठ से बनी पुतली का नाम कठपुतली पड़ा। प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस भी मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य इस प्राचीन लोक कला को जन-जन तक पहुंचना तथा आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत कराना है। पुतली कला कई कलाओं का मिश्रण है, जिसमें-लेखन, नाट्य कला, चित्रकला, वेशभूषा, मूर्तिकला, काष्ठकला, वस्त्र-निर्माण कला, रूप-सज्जा, संगीत, नृत्य आदि। भारत में यह कला प्राचीन समय से प्...
फेक न्यूज और दुष्प्रचार भारतीय समाज में नई चुनौतियाँ

फेक न्यूज और दुष्प्रचार भारतीय समाज में नई चुनौतियाँ

BREAKING NEWS, TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण, सामाजिक
हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि वह फेक न्यूज और गलत सूचना के संकट से लड़े। इसमें फेक न्यूज के लिए वित्तीय प्रोत्साहन को कम करने से लेकर आम जनता के बीच डिजिटल साक्षरता में सुधार तक सभी आयाम शामिल हैं। आज देश में कई एजेंसियों ने फेक न्यूज़ का सच लोगों तक लाने के लिए काम कर रही है लेकिन यह काफी नहीं है क्योंकि इनकी पहुँच अभी व्यापक नहीं है जिसके कारण फेक न्यूज़ पर लगाम लग सके या लोगों तक तुरंत सच पहुंचे. वहीँ बढ़ते फेक न्यूज़ के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी इस पर काम कर रहे हैं क्योंकि कई बार इनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे हैं जिस कारण व्हाट्सएप्प और फेसबुक ने फेक न्यूज़ को रोकने के लिए अपने फीचर में कई बदलाव भी किए हैं लेकिन इस पर अभी और काम करने की जरुरत है ताकि एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो सके। -प्रियंका सौरभ फेक न्यूज को झूठी या भ्रामक जानकारी के रूप में प्रस्तुत किया जा...
भारतीय नृत्य परंपरा को सम्मान : हृदयरायण दीक्षित

भारतीय नृत्य परंपरा को सम्मान : हृदयरायण दीक्षित

TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, संस्कृति और अध्यात्म
गीत और संगीत मनुष्य मन को रसपूर्ण बनाते हैं। लेकिन दोनों में एक आधारभूत अंतर भी है। गीत का अर्थ होता है। अर्थ बुद्धि के माध्यम से मूल शब्दों के भाव को प्रकट करता है। गीत भी ध्वनि है। लेकिन उसका अर्थ बौद्धिक कार्रवाई से निकलता है। संगीत में ध्वनियों का प्रयोग होता है। प्राचीन भारतीय संगीत परंपरा में ध्वनि के अल्पतम अंश को भी सरस ढंग से प्रस्तुत किया जाता रहा है। षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद शास्त्रीय संगीत के आधारभूत सुर हैं। संक्षेप में इन्हें सा, रे ग, म, प, ध और नि कहते हैं। शास्त्रीय संगीत परंपरा में राग हैं। प्रत्येक राग कोे सम्बंधित रागिनियाँ हैं। प्रत्येक राग में गाने का सुनिश्चित समय भी है। हिन्दू पूर्वजों ने नृत्य को भी शास्त्रीयता के अनुशासन में बाँधा है। नृत्य में गीत संगीत के साथ शरीर के भिन्न भिन्न अंगों का भी प्रयोग होता है। जान पड़ता है कि नृत्य का विकास नाट...
सनातन का सूर्योदय : हृदयनारायण दीक्षित

सनातन का सूर्योदय : हृदयनारायण दीक्षित

TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
प्रकृति सदा से है। सदा रहती है। प्रलय में भी सब कुछ नष्ट नहीं होता। प्रकृति की शक्ति विराट है। यह दिव्य है सो देवता है। विभिन्न आर्य भाषाओं में देवता या देवी का सम्बंध प्रकाशवाची है। संस्कृत में जो देव हैं ग्रीक में वही थेओस् हैं। लैटिन में देउस हैं। आयरिश में दिया हैं। अमेरिकी विद्वान ब्लूमफील्ड ने ‘रिलीजन ऑफ दि वेद‘ में कहा है कि, ‘‘आर्यों ने देवता विषयक अपनी धारणा प्रकाश या प्रकाशमान आकाश से प्राप्त की थी।‘‘ जहां जहां दिव्यता वहां वहां देवता। भारतीय अनुभूति में अनेक देवता हैं। देवी भी हैं। देवी माता हैं। हम सब मां का विस्तार हैं। दुनिया की तमाम आस्थाओं में ईश अवतरण हैं। दैवी ज्ञान देने वाले देवदूत हैं। परमसत्ता या देवशक्ति भी इस जगत् में मां के माध्यम से ही आती है। मां न होती तो वे कैसे आते? हम सब इस जगत् में कैसे होते?सृष्टि का विकास जल से हुआ। यूनानी दार्शनिक थेल्स, चार्ल्स डार्विन स...
सतत विकास की सार्थकता है स्वच्छता और स्वच्छ जल

सतत विकास की सार्थकता है स्वच्छता और स्वच्छ जल

राज्य, साहित्य संवाद
विश्व जल दिवस बनाम सतत विकास लक्ष्य डॉ. शंकर सुवन सिंहजल, प्रकृति द्वारा मानवता के लिए एक अनमोल उपहार है। तभी तो कहा गया है प्यासे कोपानी पिलाना सबसे बड़ी मानवता है। जल को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे पानी,वारि, नीर, तोय, सलिल, अंबु, शम्बर आदि। जल एक रासायनिक पदार्थ है। जल का एकअणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना होता है। यही ऑक्सीजनगैस प्राणवायु कहलाती है। प्राणवायु जीवन का प्रतीक है। जल का मुख्य घटक प्राणवायु हीहै। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। पानी मुख्यत: तीन रूपों में पाया जाता है ठोसद्रव और गैस । आमतौर पर जल शब्द का प्रयोग द्रव अवस्था के लिए किया जाता है। जलकी ठोस अवस्था का नाम बर्फ है। जल की गैसीय अवस्था को भाप या वाष्प के रूप में जानाजाता है। वैदिक संस्कृति में जल को आप और फ़ारसी भाषा में आब नाम से जाना जाता है।ऋग्वेद में जल देवता को 'आपो देवता' या आपः ...
Ukraine war – changing dynamics

Ukraine war – changing dynamics

विश्लेषण
It is estimated that there is a shortage of 600,000 barrels of diesel per day in Europe right now. And this number will only increase over the course of this year because most forms of transport run on diesel. Surprisingly, the major supplier to plug this gap will be India as we will be meeting nearly 60% of this diesel demand thanks to our huge refining capacity. India is emerging as the upstream refinery destination of Russian crude oil which is then refined and exported to Europe. This is a huge game-changer in geopolitics as India will move up from Consumer to Producer. Currently, India is buying 1,700,000 million barrels of Russian oil every day at roughly $47 per barrel. This means that the potential export revenues is to the tune of $70 billion this year. The US simply ...
अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में उथल पुथल का असर भारतीय बैकों पर पड़ने की सम्भावना नहीं

अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में उथल पुथल का असर भारतीय बैकों पर पड़ने की सम्भावना नहीं

TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र में बैंकों पर भारी संकट आ गया है। अभी तक दो बैंक (सिलिकॉन वैली बैंक एवं सिग्नेचर बैंक) बंद हो चुके हैं और 6 अन्य छोटे आकार के बैंकों (फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, वेस्टर्न अलाइन्स बैंक, पैकवेस्ट, यूएमबी फायनैन्शल सहित) पर गम्भीर संकट बना हुआ है। इन बैंकों में रोकड़ एवं तरलता की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई है एवं इनके पास अपने जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है। इन बैकों के शेयरों की कीमत पूंजी बाजार में 14 से 30 प्रतिशत के बीच गिर चुकी है। एक आंकलन के अनुसार अमेरिका के 160 बड़े बैंकों (जिनके पास 500 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि की आस्तियां हैं) को 20,600 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुक्सान हुआ है। अमेरिका की रेटिंग संस्थाओं स्टैंडर्ड एंड पूअर्स एवं फिच ने कुछ बैंकों की रेटिंग घटाकर जंक श्रेणी में डाल दी है क्योंकि यह बैंक अपने जमाकर्ताओं को राशि...