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Author: Dialogue India

नवाचार, पेटेंट, उत्पादन और समृद्धि हो युवा वैज्ञानिकों का मूलमंत्र

नवाचार, पेटेंट, उत्पादन और समृद्धि हो युवा वैज्ञानिकों का मूलमंत्र

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
‘युवा वैज्ञानिकों का आदर्श वाक्य – नवाचार,पेटेंट, उत्पादन, और समृद्धि होना चाहिए।’ केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान औरप्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने यह बात कही है।बेंगलुरु में दूसरे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युवा वैज्ञानिक कॉन्क्लेव को संबोधित करतेहुए डॉ जितेंद्र सिंह ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि ‘नवाचार, पेटेंट, उत्पादन, और समृद्धि’का चार सूत्रीय मूलमंत्र एससीओ देशों को तेजी से विकास की ओर ले जाने में सक्षम है।डॉ जितेंद्र सिंह ने एससीओ के युवा वैज्ञानिकों से विशेष अनुरोध किया है कि विश्व और मानवकल्याण के लिए, वे आगे आएं और आम सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए साथमिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि एससीओ के युवा वैज्ञानिकों के बीच चर...
अतिक्रमण रोधी अभियान की बाधाएं

अतिक्रमण रोधी अभियान की बाधाएं

TOP STORIES, समाचार, सामाजिक
बलबीर पुंज हल्द्वानी में रेलवे जमीन अतिक्रमण मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 7 फरवरी को सुनवाई होनी है। पिछली सुनवाई (4 जनवरी) में अतिक्रमण हटाने संबंधित उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगा दी गई थी। क्या इसके बाद क्षेत्र में अवैध निर्माण बढ़ने की आशंका है? गत 30 जनवरी को बनभूलपुरा स्थित नए अवैध निर्माणों की जानकारी प्रशासन को मिली। जब वे उसे हटाने पहुंचे, तो लोगों ने उनपर हमला और पथराव कर दिया। जिला प्रशासन द्वारा हाजी मोहम्मद इरशाद, सरफराज अहमद और मोहम्मद सलीम पर नगर-निगम कर्मियों पर हमला, जेसीबी पर पथराव करने, अवैध निर्माणस्थल में खनिज की चोरी करने, तो मोहम्मद गुरफान सहित 200 पर हिंसा हेतु उकसाने का मामला दर्ज करने का निर्देश दे दिया। अदालती निर्देश के बाद प्रशासन ने बनभूलपुरा में अतिक्रमण को लेकर पुन: सीमांकन किया है। इसका उद्देश्य जिला प्रशासन, नगर निगम और रेलवे— तीनों नक्शो...
विवादित बयान से संविधान का अपमान ?

विवादित बयान से संविधान का अपमान ?

TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉ. अजय कुमार मिश्रादेश में चल रहें अलग-अलग बयानों से कई विवाद अब सामने है | समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरित मानस पर दिया गया बयान जहाँ जबरजस्त विवादों में है और उन पर F.I.R. भी दर्ज किया गया है, वही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का जातिगत व्यवस्था के लिए ब्राम्हणों को जिम्मेदार बताना, अब विवादों के घेरे में आ गया है | एक तरफ जहाँ समर्थक सफाई दे रहे है, वही विपक्ष के साथ-साथ कई संगठन और लोग दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहें है | ऐसे में आम जन मानस के मन में इन बयानों को लेकर कई प्रश्नों का आना स्वाभाविक है |एक तरफ जहाँ आम आदमी के कई जमीनी मुद्दे है जो चीख-चीख कर इन राजनैतिक ज्ञानियों से आग्रह कर रहें है की उनपर बयान दे, वही दूसरी तरफ आम लोगों को आपस में बाटने वाले राजनीतिक बयान अब सुर्खियाँ बटोरने लगे है | जिन्हें हम समाज का नेतृत्वकर्ता मा...
इस्लाम नगर की घर वापसी

इस्लाम नगर की घर वापसी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म, राज्य
विजयमनोहरतिवारी चिपकाया हुआ एक और नाम अपनी पुराने परिचय में लौट आया है। इस्लाम नगर अब जगदीशपुर कहलाएगा। एक समय वह जगदीशपुर ही था। एक समय वह इस्लाम नगर हो गया। समय के साथ ‘इस्लाम’ की स्मृतियों का ‘जगदीश’ जागृत बना रहा। मेरे देखे इतिहास कोई मृत व्यवस्था का नाम नहीं है। वह घटनाओं का निष्पाण संग्रह भी नहीं है। वह जीवंत है। समय की शक्ति उसे प्रतिक्षण नए रूप और रंग देती रहती है। वह ऋतुओं की तरह है। जैसे ऋतु के साथ प्रकृति अपने आवरण हटाती है। जीवित सभ्यताएँ जीवित हैं, इसके प्रमाण क्या हैं? वे अपनी स्मृतियों को सदा प्रज्वलित रखती हैं। जैसे नए अंकुरण का फूटना एक प्रमाण का अवतरण ही है। वही प्रमाणपत्र है। भारतीय सभ्यता का धैर्य प्राणों की सीमा तक अंतहीन है। मैं मानता हूं कि पुनर्जन्म में आस्था यदि न होती तो भारत घुटकर मर गया होता। नवजीवन की आकांक्षाएँ भारत के प्राणों का आधार रही हैं। यह ...
रामचरित मानस पर विवाद, राजनीतिक फसाद  

रामचरित मानस पर विवाद, राजनीतिक फसाद  

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
दरअसल आजकल लोग जातिवाद के चलते चौपाई और श्लोकों के गलत अर्थ निकालने लगे हैं। उसके संदर्भ को काटकर वे उसके भाव को नहीं पकड़ते हैं। प्राचीन काल के गुरुकुल में हर जाति और संप्रदाय का व्यक्ति पढ़कर उच्च बनता था। वेदों को लिखने वाले ब्राह्मण नहीं थे। वाल्मीकि रामायण किसी ब्राह्मण ने नहीं लिखी। महाभारत और पुराण लिखने वाले वेद व्यास जी निषाद कन्या सत्यवती के पुत्र थे। रामचरितमानस हिंदुओं के लिए सिर्फ धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवनदर्शन है और संस्कारों से जुड़ा हुआ है। मानस कोई पुस्तक नहीं बल्कि मनुष्य के चरित्र निर्माण का विश्वविद्यालय है और लोगों के कार्य , व्यवहार में इसे स्पष्ट देखा जा सकता है। -डॉ सत्यवान सौरभ जब रामायण में प्रभु श्री राम के बारे में पढ़ते हैं और जो वर्तमान समाज में राम को जातीय, राजनीति के आधार पर बांटते है तो दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। राम जैसा कोई नहीं वह सब...
अदानी वाली टूलकिट और हिंदुस्तानियों की मानिसकता

अदानी वाली टूलकिट और हिंदुस्तानियों की मानिसकता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अदानी ने 9 हजार 422 करोड़ रुपए की बोली लगाकर इजराइल का 1700 साल पुराना हाइफा बंदरगाह खरीद लिया । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मौके पर अदानी के साथ फोटो खिंचवाई... अब तक अंग्रेजों की किश्तियां आकर हिंदुस्तान में माल बेचती थीं अब हमारा अदानी हाइफा पर बंदरगाह खरीद कर अपना माल यानी हिंदुस्तान का माल रूस और एशिया में बेचेगा... हमको इस ऐतिहासिक परिवर्तन और भारत के लिए गौरवान्वित करने वाले पल पर उत्सव मनाना चाहिए था लेकिन ये दुख की बात है कि देश के अंदर गद्दारों और देश के दुश्मनों ने मिलकर ऐसा दुष्चक्र रचा कि अदानी और उनके निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूब गए और रवीश कुमा एंड कंपनी विपक्षी पार्टियों समेत इसका जश्न मनाती हुई नजर आ रही हैं । -हिडनबर्ग कंपनी की स्थापना 2017 में हुई थी.. इस कंपनी में सिर्फ 9 कर्मचारी काम करते हैं लेकिन इसने 9 कर्मचारियों ने आखिर ऐसी कौन सी रिपोर्ट तै...
दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं जो दुनिया को चलाते हैं

दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं जो दुनिया को चलाते हैं

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दुनिया मे पांच बड़े धंधे हैं.. जो दुनिया को चलाते हैं.. जो Deep State द्वारा पोषित हैं.... जहाँ से पैसा आता है.. सरकारें बदलने का, युद्ध लड़ने का.. सभ्यताओं को बर्बाद करने का. EnergyPharmaDefenceInfrastructureTechnology Energy - पिछले 7-8 साल से अम्बानी अडानी लगातार निशाने पर हैं... चाहें किसान आंदोलन हो, चाहे मानवाधिकार की बात हो, चाहे सरकार से निकट होने का आरोप हो...इन दोनों को हमेशा लपेटा गया है.... पंजाब मे किसान आंदोलन के नाम पर सबसे ज्यादा हमले अम्बानी अडानी पर ही हुए... अम्बानी के Towers तोड़े गए.. वहीं अडानी का dry port बंद करा दिया गया... ऑस्ट्रेलिया मे कोयले की खान खरीदने पर हल्ला मचाया गया....कारण है इनका Energy के क्षेत्र मे उतरना. Pharma - याद कीजिए कैसे अदर पूनावाला पर लोग हमलावर थे जब covid की vaccine बनाई जा रही थी...भारत biotech को फर्जी बताया गया.. उनके रिजल्ट्स...
राजनीति महत्वकांक्षाओं की बलि चढ़ते कारोबारी दिग्गज जैक बा, ऐलन मस्क और अदाणी – अनुज अग्रवाल

राजनीति महत्वकांक्षाओं की बलि चढ़ते कारोबारी दिग्गज जैक बा, ऐलन मस्क और अदाणी – अनुज अग्रवाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES
पैसा कमाने के बाद सत्ता हथियाने की महत्वाकांक्षा अनेक बड़े उद्योगपतियों की रही है। अनेक उद्योगपति दुनिया के विभिन्न देशों में सफल राजनेता रहे हैं। किंतु अक्सर यह महत्वाकांक्षा अक्सर उनके उद्योग व व्यापार पर ख़ासी भारी पड़ जाती है। हाल ही के समय तीन प्रसिद्ध उद्योगपति दुनिया में अपने अपने देश की राजनीति में प्रत्यक्ष व परोक्ष हस्तक्षेप के कारण सुर्ख़ियों में आए , विवादित हुए, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का शिकार हुए और बड़े घाटे का शिकार भी बने और  हालात न माया रही न राम मिले जैसे हो गए।  1) चीन में बड़ी कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा पिछले वर्ष ही चीन सरकार व राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करने के कारण चीनी सरकार के कोप का कारण बने। अपनी सत्ता के लिए चुनौती मान जिनपिंग ने उनको देश से निर्वासित कर दिया और वे अब जापान में शरण लिए हुए हैं।उनकी कंपनियों के शेयर ...
72 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट दे सेबीः गौतम अडाणी के पूर्व वकील हरीश साल्वे

72 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट दे सेबीः गौतम अडाणी के पूर्व वकील हरीश साल्वे

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एक्सक्लूसिव | 72 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट दे सेबीः गौतम अडाणी के पूर्व वकील हरीश साल्वेइंडिया टुडे से बात करते हुए, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कोई भी इस बात से खुश नहीं है कि भारतीय व्यवसायी दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.हरीश साल्वेहरीश साल्वे ने कहा कि गौतम अडानी के खिलाफ लगाया गया आरोप भारत और भारतीयों पर एक बड़ा हमला है. (फाइल फोटो: पीटीआई)नलिनी शर्मा द्वारा: जैसा कि गौतम अडाणी का पोर्ट्स-टू-एनर्जी समूह सार्वजनिक रूप से एक छोटे विक्रेता द्वारा स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी के आरोपों से लड़ता है, व्यवसायी के पूर्व वकील और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने चल रहे विवाद पर कुछ प्रकाश डाला और कहा कि कोई भी नहीं मुझे इस बात की खुशी है कि भारत छाया से बाहर आ गया है और दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इंडिया टुडे से बात करते हुए हरीश साल्वे ने कह...
ढ़हता किला, बढ़ती उम्मीदें”, जानिए माओवाद के मोर्चे पर बस्तर में कैसे बदल रही तस्वीर

ढ़हता किला, बढ़ती उम्मीदें”, जानिए माओवाद के मोर्चे पर बस्तर में कैसे बदल रही तस्वीर

समाचार
सबसे बड़ी समस्या तो बच्चों एवं महिलाओं की संगठन में भागेदारी सुनिश्चित करने को लेकर थी, जिसको लेकर असहाय ग्रामीणों की सुनने वाला कोई ना था The Narrative Worldनैरेटिव डेस्क दशकों से माओवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ में बीते वर्षो में सुरक्षाबलों द्वारा किए गए प्रयासों का प्रतिफल अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है, परिणामस्वरूप कभी माओवादियों के गढ़ के रूप में कुख्यात रहे क्षेत्र लाल आतंक की परिसीमा से मुक्त होते दिखाई दे रहे है, इसी क्रम में सुकमा जिले के धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र कुंदर एवं बेदरे में भी सुरक्षाबलों ने डेढ़ दशकों से ज्यादा समय तक प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) के प्रभाव में रही बीजापुर से दंतेवाड़ा को जोड़ने वाली पुरानी सड़क को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करा लिया है। दरअसल 17 वर्षो से माओवादियों के प्रभाव में रहे बेदरे एवं कुंदर में सुरक्षाबलों...