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Author: Dialogue India

हिंदी नवजागरण के जनक : भारतेंदु हरिश्चंद्र

हिंदी नवजागरण के जनक : भारतेंदु हरिश्चंद्र

साहित्य संवाद
6 जनवरी, 1885 / पुण्यतिथि हिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में बाँटा गया है :  ( 1 ) वीरगाथा काल,  ( 2 ) भक्ति काल,  ( 3 ) रीति काल  तथा ( 4 ) नवजागरण काल।  नवजागरण काल को ‘भारतेंदु युग’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका नामकरण भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाम पर हुआ है।  9 सितंबर 1850 को काशी में जन्मे भारतेंदु हरिश्चंद्र आधुनिक हिंदी के जनक हैं। हिंदी खड़ी बोली में गद्य का प्रारंभ उन्हीं के समय से होता है।    भारतेंदु के समय देश अंग्रेजों के चंगुल में था।  हिंदी काव्य-जगत में रीतिकाल और सामंती प्रवृत्ति चरम पर थी, लेकिन उन्होंने  अपनी रचनाओं में जन-भावनाओं को रेखांकित किया। विभिन्न सामाजिक और राजनैतिक विसंगतियों को उजागर करते हुए समाज-सुधार को साहित्य का लक्ष्य बनाया। ग़रीबी, पराधीनता और अंग्रेजों का अमानवीय व्यवहा...
बेटे बेटियों पर निगरानी और संस्कार से जोड़ने की जरूरत 

बेटे बेटियों पर निगरानी और संस्कार से जोड़ने की जरूरत 

सामाजिक
दिल्ली की घटनाओं से संकेत  रमेश शर्मा  देश की राजधानी दिल्ली से अक्सर क्रूरतम घटनाओं के समाचार आते हैं। कभी बेटी तंदूर में जलाई जाती है, कभी निर्भया काँड होता है, कभी छत्तीस टुकड़े किये जाते और अब कार में फँसा कर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया है । ये घटनाएँ केवल संबंधित परिवारों को ही दर्द में डुबोने वाली नहीं हैं अपितु यह पूरे समाज और राष्ट्र को झकझोरने वाली हैं और विचार के लिये विवश कर रहीं हैं कि ये घटनाएँ क्यों घट रहीं हैं और क्या इनका कहीं अंत होगा ? दिल्ली के कंझावला की यह ताजा घटना न्यू एयर पार्टी के बाद घटी। इसमें अंजलि नामक युवती की क्रूरतापूर्ण हत्या हुई। उसे कार से 12 किलोमीटर तक घसीटा गया । उसका अंग अंग छिल गया था । शरीर पर त्वाचा नाममात्र की बची थी । घटना में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वास्तव में उस रात क्या घटा था। घटना में दो गूढ़ पहे...
वाटर विजन – 2047 – ईमानदार कोशिश जरूरी  

वाटर विजन – 2047 – ईमानदार कोशिश जरूरी  

राष्ट्रीय
राकेश  दुबे तालाबों के शहर भोपाल में  देश भर की “पानी पंचायत” जुटी है, केंद्र और राज्य के जल शक्ति मंत्री जुटे हैं | ये सब मिलकर 2047 में भारत के जलसंकट का समाधान खोज रहे हैं | दो दिन के इस समागम “ वाटर विजन 2047” का 6 जनवरी को कोई नतीजा सामने आये | बीता दिन तो क्या नहीं हुआ ?और क्या होना चाहिए में बीत गया |  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शिंह शेखावत की बात सही माने तो मंत्री बनने के बाद उन्हें विभाग देश में कितने जलाशय हैं  की सम्पूर्ण जानकारी तक नहीं दे सका था | यदि, ऐसा है तो यह गौर करने की बात है | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार जल संकट का प्रभावी हल वृक्षरोपण है | मध्यप्रदेश में कुछ दिन रही प्रतिपक्षी सरकार ने इसी शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में  करोड़ों का वृक्षारोपण घोटाला बताया था और एक जाँच समिति बनाई थी | फिर क्या हुआ किसी को नहीं पता ? पता ...
अंग्रेजी गुड़क रही अब नीचे

अंग्रेजी गुड़क रही अब नीचे

विश्लेषण, साहित्य संवाद
भारत से अंग्रेजों को विदा हुए तो 75 वर्ष हो गए लेकिन भारत के भद्रलोक पर आज भी अंग्रेजी सवार है। देश का राज-काज, संसद का कानून, अदालतों के फैसलों और ऊँची नौकरियों में अंग्रेजी का वर्चस्व बना हुआ है। ज्यों ही इंटरनेट, मोबाइल फोन और वेबसाइट का दौर चला, लोगों को लगा कि अब हिंदी और भारतीय भाषाओं की कब्र खुद कर ही रहेगी। ये सब आधुनिक तकनीकें अमेरिका और यूरोप में से उपजी हैं। वहाँ अंग्रेजी का बोलबाला है। ये तकनीकें भारत में भी तूफान की तरह फैल रही थीं। जो लोग अंग्रेजी नहीं जानते थे लेकिन मोबाइल फोन, इंटरनेट या वेबसाइटों का इस्तेमाल करना चाहते थे, उन्हें मजबूरन अंग्रेजी (कामचलाऊ) सीखनी पड़ती थी लेकिन भारत के भद्रलोक को अब पता चला है कि उल्टे बाँस बरेली पहुंच गए हैं। हिंदी के श्रेष्ठ अखबार ‘भास्कर’ ने जो ताजातरीन सर्वेक्षण छापा है, वह भारतीय भाषा प्रेमियों को गदगदायमान कर रहा है। उसके अनुसार देश क...
कंझावला कांड और दिल्ली पुलिस

कंझावला कांड और दिल्ली पुलिस

EXCLUSIVE NEWS
*रजनीश कपूरनए साल में देश की राजधानी दिल्ली में हुई दरिंदगी से पूरा देश ख़ौफ़ में है। हादसे के बाद दिल्ली पुलिस पर जाँच की अहमज़िम्मेदारी पड़ गई है। इस मामले में सही दिशा में जाँच ही आरोपियों को सज़ा दिलवा पाएगी। यदि पुलिस की जाँच में कोईभी कोताही बरती गई तो अपराधी अदालत द्वारा छोड़े भी जा सकते हैं।दिल्ली पुलिस के अनुसार यह हादसा केवल एक दुर्घटना का है जो कार चालकों की लापरवाही के कारण हुआ। परंतु क़ानूनके जानकारों के अनुसार जिस तरह दिल्ली पुलिस इस मामले की जाँच में कोताही बरत रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है किया तो दिल्ली पुलिस के अधिकारी मौजूदा तथ्यों की अनदेखी कर रहे हैं या उन पर किसी तरह का दबाव है। जिस तरह इसमामले की एफ़आईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 304ए, 279 और 120-बी, दर्ज की गई है उससे तो यहलगता है कि दिल्ली पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। देश भर से ये सवाल उठ रह...
मैंने उठते बैठते राम को ही जाना।

मैंने उठते बैठते राम को ही जाना।

धर्म, साहित्य संवाद
जबसे पैदा हुए, बड़े हुए, संस्कार मार्जन होता रहा और भगवान राम जी के आदर्शों व कर्ममय जीवन का अनुसरण करते हम सब बढ़ते रहे। कोई भी हिन्दू बिना राम जी के हिन्दू कैसे रह पायेगा ? जो अपने माई बाप को माई बाप न माने उसके वजूद को क्या कहेंगे फिर.... लेकिन हिंदीपट्टी क्षेत्र में जितने सर्जक व संस्कृतिकर्मी दिखेंगे आपको सब पिता से द्रोह करने वाले, मातृहन्ता दिखेंगे ! बड़े बड़े नामवरी पुरुषों का तथाकथित जनवाद व प्रगतिशील आडम्बरी उद्घोष ऐसे ही निर्मूल दिखेगा ! एक बड़े प्रपंचक का उदाहरण देखिए लिखे दे रहा हूँ : मुझे ज्ञानपीठ पुरस्कर्ता, कविवर कुंवरनारायण की तरह पाखण्ड नहीं रचना है कि ['अयोध्या 1992'] लिखकर वाल्मीकि और राम जी का करुण विलाप चित्रित करते हुए पूरे सन्दर्भ को एक खूबसूरत मक्कारी भरे लहजे में याद करूँ।  बाबरी विध्वंस पर बुक्का फाड़कर रोऊँ और 1992 ईस्वी से 464 वर्...
बच्चों के महंगे इलाज के लिये क्राउडफंडिंग भीख नहीं है

बच्चों के महंगे इलाज के लिये क्राउडफंडिंग भीख नहीं है

TOP STORIES, सामाजिक
-ललित गर्ग-भारत में पिछले लगभग एक दशक से क्राउडफंडिंग का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, विदेशों में यह स्थापित है, लेकिन भारत के लिये यह तकनीक एवं नई प्रक्रिया है, अभी इसके लिये कानून नहीं बना है। चंदे का नया स्वरूप है जिसके अन्तर्गत जरूरतमन्द अपने इलाज आदि की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकता है। न केवल व्यक्तिगत जरूरतों के लिये बल्कि तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों और जनकल्याण उपक्रमों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। भारत सरकार एवं विभिन्न राज्यों की सरकारें भी क्राउडफंडिंग के जरिये गंभीर बीमारियों से पीड़ित असहाय एवं गरीब लोगों के लिये धन एकत्रित कर रहे हैं। इन स्थितियों के बावजूद गतदिनों मुंबई के विशेष पुलिस महानिरीक्षण ने जेजे अधिनियम की गलत व्याख्या करते हुए इस तरह की अनूठी सहायता को ‘भीख’ की श्रेणी में रखते हुए इसके लिये कार्य करने वाले प्रौद्योगिक मंचों को अपराधी ठहरा...
सेहत के लिए वरदान है बाजरा

सेहत के लिए वरदान है बाजरा

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
बाजरा खनिज, विटामिन और आहार फाइबर सामग्री के मामले में चावल और गेहूं से बेहतर है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। उत्पाद विकास और वाणिज्यिक अनुपात पर अपर्याप्त निवेश, छोटे बाजरे के भोजन की निम्न सामाजिक स्थिति, आहार संबंधी आदतों के प्रति प्रतिरोध और दैनिक आहार में छोटे बाजरा के उपयोग पर ज्ञान की कमी इसकी खपत को बाधित कर रही है। बाजरे में प्रोटीन, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर समेत कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. जाड़े के समय इसका इस्तेमाल आप दलिया, खिचड़ी या इसके आटे की रोटी के तौर पर कर सकते हैं. इसे खाने से पेट का पाचन तंत्र दूरूस्त रहता है और गैस, पेट दर्द, अपच समेत कई दिक्कतों को दूर रखता है. बाजरे में आयरन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है जो शरीर में ब्लड बढ़ाने में मदद करती है. इसके सेवन से हार्ट ब्लॉकेज का खतरा कम होता है और हार्ट भी...
Take exemplary action against tipsy air travellers

Take exemplary action against tipsy air travellers

TOP STORIES
Should we stop serving liquor onboard?  Vivek Shukla Two back to back incidents onboard in flights that are coming to India from New York and Bangkok respectively have shaken anyone and everyone. They cannot be put under the carpet. The culprits must be given exemplary punishments that go a long away in ensuring safe air travels. In the first incident, a Mumbai based businessman Shekhar Mishra boarded a New York to Delhi Air India flight- business class. After taking enough booze, Mishra went up to a woman passenger and urinated on her in a full view of other passengers. Just spare a thought for the poor lady who had to face such a scary situation.  You can not say that he had urinated under the influence of liquor. No, this is a lame defence. He didn’t urinate on any male co-p...
भारत के आर्थिक विकास में प्रवासी भारतीय कर रहे हैं महत्वपूर्ण योगदान

भारत के आर्थिक विकास में प्रवासी भारतीय कर रहे हैं महत्वपूर्ण योगदान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस पर विशेष लेख प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को भारत में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। भारत के आर्थिक विकास में प्रवासी भारतीयों के अमूल्य योगदान को इस दिन विशेष रूप से याद किया जाता है। इस वर्ष भी इस शुभ अवसर पर दिनांक 8 जनवरी से 10 जनवरी 2023 तक मध्य प्रदेश के इंदौर नगर में 17वां प्रवासी भारतीय दिवस समारोह आयोजित किया गया है। इस विशेष आयोजन में प्रथम दिन, अर्थात 8 जनवरी 2023 को यूथ प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा। दूसरे दिन, अर्थात 9 जनवरी 2023 को 17वां प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन 2023 का शुभारंभ होगा और तीसरे दिन, अर्थात 10 जनवरी 2023 को 17वें प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन का समापन होगा। उक्त कार्यक्रमों में भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की भी भागीदारी रहेगी। आज पूरे विश्व में 3....