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Author: Dialogue India

बंगला कृत्तिवास रामायण में हनुमानजी द्वारा रावण का गुप्त मृत्युबाण हरण

बंगला कृत्तिवास रामायण में हनुमानजी द्वारा रावण का गुप्त मृत्युबाण हरण

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगबंगला कृत्तिवास रामायण में हनुमानजी द्वारा रावण का गुप्त मृत्युबाण हरण श्रीराम, लक्ष्मण, सुग्रीव और धार्मिक गुणों से सम्पन्न विभीषण, चारों बैठ कर परामर्श करने लगे कि रावण कहाँ है? रावण का कोई पता नहीं चला पा रहे हैं। इधर रावण सोचने लगा कि राम युद्ध नहीं कर पा रहे हैं। सम्भवत: सीता को छोड़कर पलायन भी कर जाएं। ऐसा सोचकर रावण अपने को समझा रहा था। अब भी सीता मिल जाएं तो दु:ख के बाद सुख प्राप्त होगा। इन्द्रजीत (मेघनाद) और महीरावण दोनों की मृत्यु हो गई है फिर भी यदि सीता मिल जाए तो सारे दु:खों का अन्त हो जाएगा।विभीषण ने श्रीराम से कहा- हे प्रभु एक पुरानी बात याद आ गई। जब हम तीनों भाईयों ने मिलकर तपस्या की और जब पद्मयोनि (ब्रह्माजी) हम लोगों को वर देने के लिए आए तो राजा दशानन ने अमर होने का वर माँगा। ब्रह्माजी ने कहा कि हे निशाचर सुनो, अमरता का वर मत माँगो...
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगक्षत्रिय विश्वामित्र राजर्षि से ब्रह्मर्षि कैसे बने का वृत्तांत

श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगक्षत्रिय विश्वामित्र राजर्षि से ब्रह्मर्षि कैसे बने का वृत्तांत

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म, साहित्य संवाद
श्रीरामकथा में विश्वामित्रजी के जीवनचक्र को जानना अत्यन्त आवश्यक है। वाल्मीकि रामायण ही नहीं प्राय: सभी श्रीरामकथाओं में उनका अपना एक विशेष स्थान है। श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण के बालकाण्ड में उनके चरित्र का वर्णन शतानन्दजी के द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण को जनकपुर पहुँचने पर सुनाया गया। यह वृत्तांत लगभग पन्द्रह सर्गों में वर्णित हैं। विश्वामित्रजी का जीवन वृत्तांत शतानंदजी ने बहुत विस्तारपूर्वक श्रीराम से कहा है। अधिकांश पाठक इस रामायण की भाषा संस्कृत होने से कठिन समझकर इसका अध्ययन करने से वंचित हो जाते हैं। अत: ऐसे सुधी पाठकों एवं युवा पीढ़ी महर्षि विश्वामित्र ही नहीं उनके साथ-साथ ब्रह्मर्षि वसिष्ठजी के बारे में जान सकेंगे यह विचार कर प्रस्तुत प्रसंग का रोचकतापूर्ण वर्णन किया जा रहा है।महर्षि विश्वामित्र उनके सिद्धाश्रम से राक्षसों के वध उपरान्त तथा अहल्या उद्धार श्रीराम से करवाकर महाराज जनक...
आप की राजनीति में बढ़ता अपराध का साया

आप की राजनीति में बढ़ता अपराध का साया

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
ललित गर्ग- हाल ही में सम्पन्न दिल्ली नगर निगम चुनावों में जीते पार्षदों के संदर्भ में ‘एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ यानी एडीआर और ‘दिल्ली इलेक्शन वाच’ ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी कर यह बताया गया है कि दो सौ अड़तालीस विजेताओं में से बयालीस यानी सत्रह प्रतिशत निर्वाचित पार्षद ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, उन्नीस पार्षद गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी हैं। इससे पूर्व दिल्ली में फरवरी, 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी एडीआर ने अपने विश्लेषण में चुने गए कम से कम आधे विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज पाए थे। इसमें मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी के विधायक थे। अब प्रश्न है कि दिल्ली नगर निगम के चुनावों में भी आप पार्टी ने उम्मीदवार बनाने के लिए स्वच्छ छवि के व्यक्ति को तरजीह देने की जरूरत क्यों नहीं समझी? दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि साफ-सुथरी...
आइये हम सभी अपने कचरे को सोने में बदले 

आइये हम सभी अपने कचरे को सोने में बदले 

Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, मल्टीमीडिया, सामाजिक
 गांधीजी ने कहा है- "इस दुनिया में हर व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है लेकिन हर किसी के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। आइए हम एक ऐसी दुनिया बनाने की आशा करें जहां नफरत, युद्ध, क्रोध और हिंसा के मामले में कचरा न हो।" लेकिन अपनों के लिए प्यार, करुणा, सहनशीलता और हाथ में हाथ डालकर चलने का वादा ही खजाना है। इस तरह, हम सभी अपने कचरे को सोने में बदल पाएंगे। -डॉ सत्यवान सौरभ  महान पुरुष वे हैं जो कचरे को सोने में बदलने में सक्षम होते हैं। उनके पास जीवन में उस व्यापक दृष्टि की क्षमता होती है जिससे वे प्रतिकूल परिस्थितियों में संभावित लाभों का पूर्वाभास कर सकते हैं। गांधी जी एक ऐसे नेता थे जो विपरीत परिस्थितियों में उठे, भारत के लिए एक आदर्श दृष्टि रखते थे और बिना किसी हथियार के अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़े, तब भी जब लोग सोचते थे कि एक अहिंसक आंदोलन...
भाजपा की विजय : एक दृष्टि

भाजपा की विजय : एक दृष्टि

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
अथक परिश्रम के पश्चात प्राप्त की गई विजय का सुख स्वयं में अत्यधिक लुभावना होता है और उस सुख को चाटुकार लोग अपनी चाटुकारिता से अत्यधिक मिठास से भर देते हैं। वास्तव में गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को एक श्रेष्ठ जनाधार के साथ विजयश्री प्राप्त हुई। अब इस विजयश्री प्राप्ति के पश्चात भाजपा के नीतिकारों को स्व-आंकलन करना भी आवश्यक है। यदि भाजपा की विजय का आंकलन निष्पक्षता के साथ किया जाए तो केजरीवाल जी का दिवास्वप्न इस चुनाव परिणाम के माध्यम से हकीकत में तो नहीं बदल सका परन्तु उसने प्रदेश से कांग्रेस को समाप्त कर भाजपा को प्रचण्ड जीत की ओर उन्मुख अवश्य किया।   गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम के विषय में भाजपा को और अधिक मंथन करने की आवश्यकता है। इस विजयश्री को प्राप्त करने के लिए भाजपा ने क्या-क्या दांव पर लगाया यह जानना अतिआवश्यक है। इन चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी एवं गृ...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भोपाल विभाग के शारीरिक प्रकट कार्यक्रम में 2500 स्‍वयंसेवकों ने शारीरिक अभ्‍यास का किया प्रदर्शन

BREAKING NEWS
भोपाल। संघ के दो मुख्य काम हैं– व्यक्ति निर्माण और समाज संगठन। यह दोनों कार्य एक ही लक्ष्य के लिए है– भारत को परम वैभव पर पहुंचाना। परम वैभव का अर्थ केवल भारत आर्थिक और सामरिक रूप से सक्षम बने, यहां के सभी नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि इससे भी अधिक है। भारत का लक्ष्य विश्व मंगल की कामना है। भारत के महापुरुषों ने हमेशा विश्व कल्याण की बात की है और उसके लिए प्रयास किए हैं। यह बात राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के माननीय सरकार्यवाह श्री दत्‍तात्रेय होसबाले ने रविवार को लालपरेड मैदान में भोपाल विभाग के शारीरिक प्रकट कार्यक्रम में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में अपने बौद्धिक में कही। इस अवसर पर मंच पर मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त श्री ओमप्रकाश रावत, मध्य क्षेत्र संघचालक श्री अशोक सोहनी, प्रांत संघचालक श्री अशोक पांडेय और भोपाल विभाग के संघचालक...
बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरु हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरूद्ध हुए थे। म्यांमार की फौज ने वहां तो डंडे के जोर पर जनता को ठंडा कर दिया है लेकिन श्रीलंका की सरकार को चुनावों में मात खानी पड़ी है। ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए। बीएनपी के सातों सांसदों ने अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। उन्होंने मांग की है कि चुनाव तुरंत करवाएं जाएं। शेख हसीना ने हर बार धांधली करके चुनाव जीता है। बीएनपी को बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम मौलानाओं और जमाते-इस्लामी का भी भरपूर समर्थन है। बांग्लादेश की बीएनपी की नेता बेगम खालिदा जिया ने ...
बढ़ता तापमान,घटती कृषि – परिणाम ?

बढ़ता तापमान,घटती कृषि – परिणाम ?

BREAKING NEWS, आर्थिक
भारत की सरकार ने संसद में माना है कि  देश में वर्ष 2001 से 2011 के बीच भूमिहर किसानों की संख्या कम होने के बाद भी कृषि श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। आंकड़ा साफ कहता है भारत में किसानों की संख्या घट रही है और कृषि श्रमिकों की नहीं, उनका जेंडर बदल रहा है | सही मायने में  विश्व भर में खेतिहर श्रमिकों के लिए तापमान वृद्धि घातक होती जा  रही है । सब जानते हैं कि लगातार बढ़ते तापमान में कृषि श्रमिकों को लगातार धूप में काम करना होता है, और इस कारण उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है। तापमान वृद्धि पर पिछले 20 वर्षों से किये जा रहे अध्ययन के अनुसार पृथ्वी का तापमान वर्ष 1990 के बाद  से हरेक दशक में औसतन 0.26 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में भारत समेत विश्व के 43 देशों में 750 स्थानों से प्राप्त जलवायु के आंकड़ों का और मृत्यु दर का विश्लेषण किया गया...
विवाह और सहजीव

विवाह और सहजीव

संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
ह्रदय नारायण दीक्षित विवाह और सहजीवन - लिव इन पर चर्चा हो रही है। वह भी विवाह पर कम और सहजीवन पर ज्यादा। वैसे विवाह में सहजीवन होता है। विवाह रहित कोरा सहजीवन या लिव इन अधूरा है। इस सहजीवन में कोई बंधन नहीं। यह स्वच्छंद है। सामान्य आकर्षण का कड़वा परिणाम है। आकर्षण का आधार रूप होता है। रूप अस्थाई होता है। आपस में कुछ आश्वासन, यथार्थ से दूर कोरी कल्पनाएं। न बैण्ड, न बाजा, न बरात। न माता पिता के आशीष। न वरिष्ठों का शुभकामना प्रसाद। न सामाजिक समर्थन। न मंगल गीत, - न उपहार। दो और सिर्फ दो का संवाद और सहजीवन की अंधी सुरंग में प्रवेश। यह उत्तर आधुनिकता का नशा है। कई अभिनेत्रियों ने लिव इन में फंस कर आत्महत्या भी की थी। सम्प्रति श्रद्धा हत्याकाण्ड चर्चा में है। अपराधी और अपराध की चर्चा ज्यादा है। इसके मूल कारण की तरफ लोगों का ध्यान नहीं है। कटे अंग पुलिस खोज रही है। ऐसी घटनाएं सामान्य हो रही ...
भारत में इलाज मंहगा क्यों है?*

भारत में इलाज मंहगा क्यों है?*

TOP STORIES, विश्लेषण
डॉ. वेदप्रताप वैदिक इस बार राज्यसभा में ऐसे दो निजी विधेयक पेश किए गए हैं, जो पता नहीं कानून बन पाएंगे या नहीं लेकिन उन पर यदि खुलकर बहस हो गई तो वह भी देश के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। पहला विधेयक, सबके लिए समान निजी कानून बनाने के बारे में है और दूसरा है, इलाज में लूट-पाट रोकने के लिए। निजी कानून याने शादी-ब्याह, तलाक, दहेज, उत्तराधिकार संबंधी कानून। इस बारे में मेरी विनम्र राय है कि सारे भारतीय लोगों को एक ही तरह का निजी कानून मानने में ज्यादा फायदा है। हजारों वर्ष पुराने हिंदू कानून, ईसाई और यहूदी कानून और इस्लामी कानूनों से चिपके रहने की बजाय नई परिस्थितियों के मुताबिक आधुनिक कानून मानने के कारण बहुत-सी परेशानियों से भारत के लोगों को मुक्त होने का मौका सहज ही मिल जाएगा। इसी तरह से अपने देश में लोगों को समुचित इलाज और इंसाफ पाने में बहुत दिक्कत होती है। अस्पताल और अदालत लोगों को ...