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Author: Dialogue India

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में होगा स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
28,29 एवं 30 अप्रैल को बिशनखेड़ी के नवीन परिसर में होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नए परिसर में 28,29 एवं 30 अप्रैल को स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन होने जा रहा है । आयोजन के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया । स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ भारत न्यास के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर यह आयोजन होने जा रहा है, जिसका नाम स्वास्थ्य संसद 2023 है । उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की बात करते हुए कहा कि इसका विषय अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका होगा । विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह बड़ा आयोजन होगा जिसमें स्वास्थ्य एवं अपने-अपने क्षेत्रों के जा...
हिन्दू कौन

हिन्दू कौन

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
डॉ शशांक शर्मा(शारदा विश्विद्यालय, ग्रेटर नोएडा) विश्व के सबसे प्राचीन धर्म सनातन धर्म के मानने वालों हिन्दू कहा जाता है । किंतु इस शब्द "हिंदू" नाम की उत्पत्ति, इतिहास और प्रयोग के बारे में बहुत अधिक स्पष्टता नहीं है । हिंदू होना क्या है? क्या सिर्फ देवी देवताओं की पूजा करने वाले, होली दीवाली मनाने वाले, व्रत रखने वाले ही हिंदू हैं या फिर इसका अर्थ कुछ और भी है । बहुत सारे लोगों का मानना है कि हिंदुत्व कोई पंथ नहीं है , यह एक जीवन शैली है जो संस्कृतियों के पार जा सकती है । भारत के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2005 में अपने एक वक्तव्य में हिंदुत्व को कोई पंथ नहीं माना है । एक दूसरा वर्ग भी है जो मानता है कि जब यूनानी भारत आये तो उन्होंने सिंधु नदी को हिन्दू कहा क्योंकि वे "स" को "ह" से उच्चारण करते थे । वैदिक व्याकरण की दृष्टि से सिंधु से हिंदू होना अनुकूल प्रतीत होता है क्योंकि वैदिक व्याकरण...
<strong>मिलिए वेब सीरीज आश्रम से अपनी अलग पहचान बनाने वाले अमित सिन्हा से  </strong>

मिलिए वेब सीरीज आश्रम से अपनी अलग पहचान बनाने वाले अमित सिन्हा से  

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
आप कहा से है ? जी, मैं लखनऊ से ही हूँ | आपकी पढ़ाई लिखाई कहा से रही ? अग्रवाल कॉलेज और नेशनल कॉलेज लखनऊ | आपको एक्टिंग का शौक कब से हुआ ? ये शायद 1984 की बात है, जब मैंने पहला नाटक देखा था नाटक का नाम था "थैंक यू मिस्टर ग्लाड", लखनऊ के मिनी रविंद्रालय में, उससे पहले नाटक या अभिनय के बारे में कुछ भी नहीं जानता था.. उसके बाद एक और नाटक देखा जिसका नाम था "एक राग दो स्वर" बस वहीं से अभिनय में रुचि हुई उसके बाद सन् 84 में ही एक नाटक "कांच घर" में एक छोटा सा चरित्र करने का अवसर मिला, वहीं से ये यात्रा आरंभ हुई अभी तक कौन – कौन सी वेब सीरीज में काम किया है ? अभय सीजन एक मुम्फोर्ड की बिन्नी ग्रहण आश्रम सीजन एक भौकाल "डर की राजनीति"ये सीरी़ज आ चुकी हैं   क्या किसी फिल्म में भी काम किया है ? जी, कुछ फिल्म्स भी हैं जिनमें मैंने अभिनय किया है जैसेजॉन अब्राहम के साथ ...
<strong>वर्तमान जीवन शैली पृथ्वी को अस्थिर कर रही हैं</strong>

वर्तमान जीवन शैली पृथ्वी को अस्थिर कर रही हैं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
विश्व पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल को हर साल मनाया जाता है। भारत समेत लगभग 195 से ज्यादा देश पृथ्वी दिवस को मनाते हैं। इस साल 2023 में विश्व पृथ्वी दिवस (Earth Day) का 53वां आयोजन होगा। 2023 में पृथ्वी दिवस की थीम “ हमारे ग्रह में निवेश करें ” रखी गई है। प्रो. सुनील गोयल हम अपने जीवन के दौरान सैकड़ों हजारों निर्णय लेते हैं। हम जो चुनाव करते हैं और हम जो जीवन शैली जीते हैं उसका हमारे ग्रह पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तव में, हमारी जीवन शैली वैश्विक उत्सर्जन के अनुमानित दो तिहाई के लिए जिम्मेदार है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी सबसे धनी लोगों की है: वैश्विक आबादी के सबसे अमीर एक प्रतिशत का संयुक्त उत्सर्जन सबसे गरीब 50 प्रतिशत के संयुक्त उत्सर्जन से बड़ा है। सही नीतियों, बुनियादी ढाँचे और प्रोत्साहनों को लागू करके जीवन शैली में आवश्यक परिवर्तनों का समर्थन करने में सरकारों और व्यवसायों की महत्वप...
Water crisis not due to lack of water, but due to mismanagement of the resource

Water crisis not due to lack of water, but due to mismanagement of the resource

प्रेस विज्ञप्ति
CSE’s Policy and Practice Forum 2023 Water crisis not due to lack of water, but due to mismanagement of the resource, says Hardeep Singh Puri at CSE’s international meet on water and sanitation CSE brings together more than 100 policymakers, practitioners and researchers at its annual international meet on water and wastewater management, the Policy & Practice Forum 2023, to deliberate on inclusive and affordable water and sanitation solutions for a climate-resilient world Nimli (Alwar), Rajasthan, April 25, 2023: “As far as energy is concerned, we have a very well laid out plan for green transition. But in the case of water, we don’t have a choice. It is getting more precious and scarcer at an alarming level, and climate change is going to aggravate matters much mo...
<strong>तारिक फतेह क्यों चुभते थे कठमुल्लों को</strong>

तारिक फतेह क्यों चुभते थे कठमुल्लों को

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आर.के. सिन्हा  तारिक फतेह को उनके चाहने वाले एक बेखौफ लेखक के रूप में याद रखेंगे। वे सच का साथ देते रहे। वे भारत के परम मित्र थे। उन्हें इस बात का गर्व रहा कि उनके पूर्वज हिंदू राजपूत थे। वे बार-बार कहते- लिखते थे कि भारत,पाकिस्तान और बांग्लादेश के तमाम मुसलमानों के पुऱखे हिंदू ही थे और उन्हें जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया था । उनकी इस तरह की साफगोई कठमुल्लों को नागवार गुजरती थी। तारिक फ़तेह हिंदी पट्टी के मुसलमानों के दिल में चुभते हैं। उनकी तारीफ़ यह थी कि वह डंके की चोट पर अपने पूर्वजों को हिंदू बताते रहे। बहुत कम मुसलमान यह हिम्मत दिखा पाते हैं। वह मुस्लिम सांप्रदायिकता पर लगातार चोट करते रहे। तारिक फतेह पहली बार 2013 में भारत दौरे पर आए थे तब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'पाकिस्तान को तो अब भूल जाइए। इसको एक न एक दिन कई टुकड़ों में टूटना ही है। वो दिन भी दूर नहीं जब बलूचि...
<strong>NEED TO STRENGTHEN OCCUPATIONAL HEALTH AND SAFETY IN INDIA</strong>

NEED TO STRENGTHEN OCCUPATIONAL HEALTH AND SAFETY IN INDIA

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
Prof. Sunil Goyal Organizations such as the International Labour Organization (ILO) and the United Nations (UN) actively promote the World Day for Safety and Health at Work on April 28 every year. The International Labour Organization (ILO) started observing the World Day for Safety and Health at Work on April 28, 2003. The ILO is devoted to advancing opportunities for people to obtain decent and productive work in conditions of freedom, equity, security and human dignity. It aims to promote rights at work, encourage decent employment opportunities, boost social protection, and strengthen dialogue in work-related issues. HISTORY OF OCCUPATIONAL SAFETY & HEALTH DAY Regulation and research in occupational safety and health are relatively recent developments. In response...
अतीक के अतीत होने पर भविष्य की राजनीति

अतीक के अतीत होने पर भविष्य की राजनीति

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
यूपी में नो दंगा, नो कर्फ्यू यहां सब चंगा !!मृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया अतीक अहमद अपने पीछे अपराध की दिल दहलाने वाली कहानियां, करोड़ों की संपत्ति और बिखरा साम्राज्य छोड़कर अतीत हो चुका है किन्तु प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उसके राजनैतिक हमदर्द आज भी जीवित हैं और एक खतरनाक माफिया की मौत पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए उसे शहीद और मासूम बता रहे हैं ।माफिया अतीक अहमद के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में अलविदा की नमाज के बाद नारेबाजी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाये गये और बदला लेने की बात तक कही गई। अतीक के नाम पर बिहार में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति अपनी सारी सीमाओं को लांघ रही है क्योंकि नारेबाजी के समय वहां की पुलिस घटनास्थल पर झांकने तक नहीं पहुंची । बिहार में नारेबाजी के पीछे सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री और उप म...
भारतीय संस्कारों को अपनाकर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हर क्षेत्र में हो रहे हैं सफल

भारतीय संस्कारों को अपनाकर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हर क्षेत्र में हो रहे हैं सफल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो (यूएस सेंसस ब्यूरो) द्वारा अमेरिका में निवास कर रहे विभिन्न देशों के मूल के अमेरिकी नागरिकों की औसत आय एवं अन्य कई मानदंडो पर जारी की गई जानकारी के अनुसार अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की वार्षिक औसत आय 119,858 अमेरिकी डॉलर है, जो अमेरिका में निवासरत समस्त अन्य देशों के मूल के अमेरिकी नागरिकों की औसत आय में सबसे अधिक है। दूसरे क्रमांक पर ताईवान मूल के अमेरिकी नागरिक आते हैं जिनकी वार्षिक औसत आय 95,736 अमेरिकी डॉलर आंकी गई है। इसी प्रकार चीनी मूल के अमेरिकी नागरिकों की वार्षिक औसत आय 81,497 डॉलर, जापानी मूल के अमेरिकी नागरिकों की वार्षिक औसत आय 80,036 एवं अमेरिकी मूल के गोरे नागरिकों की वार्षिक औसत आय 65,902 आंकी गई है। इसी प्रकार, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे अमेरिकी मूल के नागरिकों की संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का 13 प्रतिशत है, एशिया के स...
राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में आदि शंकराचार्य का योगदान

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में आदि शंकराचार्य का योगदान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
भारत की विविधता पश्चिमी जगत के लिए तो सदैव से आकर्षण, आश्चर्य एवं शोध की विषयवस्तु रही ही है, अनेक भारतीय विद्वान भी इसे लेकर मतिभ्रम एवं सतही-सरलीकृत निष्कर्ष के शिकार रहे हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्थूल, भेदकारी एवं कोरी राजनीतिक बुद्धि एवं दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष में व्याप्त राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता का अनुभव-आकलन किया ही नहीं जा सकता। उसके लिए तो बड़ी गहरी-सूक्ष्म-समग्रतावादी-सांस्कृतिक दृष्टि चाहिए। जो लोग पश्चिमी राष्ट्र-राज्य की कसौटी पर भारत को कसते हैं, उन्हें अंततः निराशा ही हाथ लगती है। वस्तुतः भारत की सत्ता-संप्रभुता तंत्र में न होकर जन में है, राज्य(स्टेट) में न होकर धर्म, समाज और संस्कृति में है। ध्यान रहे कि भारत के लिए धर्म कर्त्तव्य-बोध या आचरणगत सदाचार है, पूजा-पद्धत्ति या निश्चित मत-पंथ का अनुसरण नहीं। हमने एक जन, एक तंत्र(स्टेट), एक भाषा, एक मत-पंथ-संप्रदाय, ...