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Author: Dialogue India

और पृथ्वी पर जल संकट के आसार

और पृथ्वी पर जल संकट के आसार

TOP STORIES, विश्लेषण
पृथ्वी पर तापमान वृद्धि और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हरेक जगह पड़ रहा है, परन्तु इससे सबसे अधिक प्रभावित जल संसाधन हो रहे हैं। तापमान बढ़ने के कारण वर्षा असमान हो रही है, पृथ्वी के सतह पर जल संसाधनों का वाष्पीकरण अधिक हो रहा है, पूरी दुनिया के ग्लेशियर पहले से अधिक तेजी से पिघल रहे हैं, सूखे का क्षेत्र और अवधि बढ़ती जा रही है, नदियों में पानी के बहाव में तेजी से अंतर आ रहा है और इन सबके कारण भूजल की उपलब्द्धता प्रभावित हो रही है। यह  सरे निष्कर्ष  संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल आर्गेनाईजेशन ने हाल में जल संसाधनों की स्थिति पर पहली वार्षिक रिपोर्ट में प्रकाशित किये हैं । इसी  रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में दुनिया के सभी क्षेत्रों ने पानी से सम्बंधित चरम आपदाओं– बाढ़ और सूखे का सामना किया है और दुनिया की एक बड़ी आबादी मृदु पानी की कमी से जूझ रही है।यूँ तो  दुनिया के अन...
कुछ कीजिये “गौमाता” पर, राजनीति नहीं !

कुछ कीजिये “गौमाता” पर, राजनीति नहीं !

सामाजिक, साहित्य संवाद
कहते हैं मारक पशु बीमारी “लंपी” देश से चली गई | इस बीमारी ने देश के  उत्तर पश्चिम के प्रदेशों की लाखों गाय व बैल लील लिया | गुजरात. राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश आदि में कुल मिलाकर लाखों दुधारू गाय मर चुकी है और जो बीमारी के बाद बच गईं वह भी दूध से सूख गई हैं। आंकड़ो के मुताबिक सबसे ज्यादा मृत्यु दर राजस्थान में थी परन्तु हरियाणा व पंजाब में भी बहुत बड़ी संख्या में गाय मरी हैं। हरियाणा में यमुनानगर, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी आदि में लंपी का सर्वाधिक कहर देखा गया। लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) गत वर्षों के दौरान पहले भी कहीं-कहीं आती रही परंतु इसका गंभीर संज्ञान पशुपालन विभाग ने कभी  नहीं लिया। इस संबंध में हुई आर्थिक बदहाली के लिए क्या सरकार की जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए? विडंबना है कि समय रहते इस बीमारी का संज्ञान लेकर नियंत्रित करने के...
औद्योगिक नीति की नये सिरे से समीक्षा जरूरी

औद्योगिक नीति की नये सिरे से समीक्षा जरूरी

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक
सरकार भले ही खुश हो ले, सत्तारूढ़ दल जश्न मनाकर कुछ भी कहने-सुनने लगे, उनके पास कारण है | कारण जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.3 प्रतिशत रहना है | आत्ममुग्ध लोगों को ज्यादा नहीं थोड़े पीछे यानि पिछले वर्ष के आंकड़े देख लेना चाहिए | पिछले वर्ष यह वृद्धि ८.४ प्रतिशत थी |इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।  हालांकि, यह विकास दर मौद्रिक नीति समिति के अनुमानों से मेल खाती है, लेकिन यह पिछले वर्ष इसी अवधि में सामने आई 8.4 की वृद्धि से कम है, यह पत्थर पर  लिखी इबारत है । कह सकते हैं कि पिछले वर्ष में वृद्धि उस समय दर्ज की गई जब अर्थव्यवस्था कोरोना दुष्काल के संकट से तेजी से उबर रही थी। अब यह गति अपने मूल स्वरूप में लौट रही है। यद्यपि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की हालिया घोषित विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली ...
तीनों पार्टियाँ गदगद: तीनों को सबक

तीनों पार्टियाँ गदगद: तीनों को सबक

BREAKING NEWS, TOP STORIES
डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात, दिल्ली और हिमाचल के चुनाव परिणामों का सबक क्या है? दिल्ली और हिमाचल में भाजपा हार रही है और गुजरात में उसकी एतिहासिक विजय हुई है। हमारी इस चुनाव-चर्चा के केंद्र में तीन पार्टियाँ हैं- भाजपा, कांग्रेस और आप! इन तीनों पार्टियों के हाथ एक-एक प्रांत लग गया है। दिल्ली का चुनाव तो स्थानीय था लेकिन इसका महत्व प्रांतीय ही है। दिल्ली का यह स्थानीय चुनाव प्रांतीय आईने से कम नहीं है। दिल्ली में आप पार्टी को भाजपा के मुकाबले ज्यादा सीटें जरूर मिली हैं लेकिन उसकी विजय को चमत्कारी नहीं कहा जा सकता है। भाजपा के वोट पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़े हैं लेकिन आप के घटे हैं। आप के मंत्रियों पर लगे आरोपों ने उसके आकाशी इरादों पर पानी फेर दिया है। भाजपा ने यदि सकारात्मक प्रचार किया होता और वैकल्पिक सपने पेश किए होते तो उसे शायद ज्यादा सीटें मिल जातीं। भाजपा ने तीनों स्थानीय निगमों क...
जरूरी बात, जिसे हर सांसद समझे*

जरूरी बात, जिसे हर सांसद समझे*

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
चलती संसद का मूड बदलने के लिए, ताजा चुनावी नतीजे काफी है | गुजरात हिमाचल विधानसभा के साथ दिल्ली [एम् सी डी]  के नतीजों से  जो संकेत निकला है, वह सत्र में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण जैसे विषय की धार को और तेज़ करेगा | यह तो सर्वविदित है कि विपक्ष कतिपय राजनीतिक घटनाओं से उत्साहित एवं आक्रामक है अभी तक तो दोनों पक्ष चुनाव और उसके नतीजों के इंतजार में व्यस्त थे । अब बुलन्द हौसलों  के साथ २९ दिसम्बर तक चलने वाले इस सत्र में  हर दिन विपक्ष, ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की जहां कोशिश करेगा , वहीँ  सत्तापक्ष से इन विषयों पर उठे प्रश्नों का उत्तर देने के जनअपेक्षा  और बढ़ गई है | वस्तुत: विपक्ष को संसद में यह आभास कराना चाहिए कि उसका उद्देश्य अपने सवालों के जवाब पाना है, न कि हंगामा कर सदन की कार्यवाही ठप करना। सत्तापक्ष को इसके लिए भी तत्प...
Researchers develop Copper-based low-cost water purification device

Researchers develop Copper-based low-cost water purification device

TOP STORIES
Demand for pure drinking water has been increasing steadily for the last few decades. With technological advancements, numerous commercial water purifiers have appeared in the market. However, in an attempt to purify water, most of these also eliminate the necessary oligo-dynamic minerals vital for our health. Widespread use of plastic containers for storing water, which do not possess antibacterial and purification properties, have added to the problem. Copper's oligo-dynamic properties, antimicrobial, antioxidant, alkalizing/pH balance, and high electrical and thermal conductivity make it the best candidate for water purification. A team of researchers from the CSIR-Central Scientific Instruments Organization (CSIR-CSIO) and the CSIR-Institute for Microbial Technology (CSIR-IMTech), ...
आर एस एस की यात्रा और अब हिन्दू विरोध का आरोप लगाने के मायने

आर एस एस की यात्रा और अब हिन्दू विरोध का आरोप लगाने के मायने

Uncategorized, सामाजिक
रमेश शर्मा  अपनी जीवन यात्रा आरंभ करने के पहले दिन से विरोध और आलोचना झेल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचनाओं में "हिन्दु विरोध" का एक नया अध्याय और जुड़ गया। संघ पर इससे पहले यह आरोप तो लगते रहे हैं कि वह एक हिन्दूवादी साम्प्रदायिक संगठन है किंतु अब एक नया आरोप लगा है कि संघ हिन्दू हितों के विपरीत काम करने लगा है । संघ पर यह आरोप तब लगा जब संघ प्रमुख मोहन भागवत एक इस्लामिक धर्म गुरु से मिलने उनके निवास पर पहुँचे और वहाँ चल रहे मदरसे के बच्चों  के बीच भी गये ।  इस्लामिक धर्म गुरु और कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों से संघ प्रमुख मोहन भागवत जी के मिलने की घटना इस वर्ष अगस्त माह की हैं। संघ प्रमुख अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ उमैर अहमद इलियासी से मिलने नई दिल्ली कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित उनके निवास परिसर में गये थे । भेंट के समय मुस्लिम समाज के कुछ कई प्रमुख व्यक्ति भी ...
दिल्ली भाजपा का विधानसभा में वनवास व नगर निगम में हार! क्यों?

दिल्ली भाजपा का विधानसभा में वनवास व नगर निगम में हार! क्यों?

TOP STORIES, विश्लेषण
भाजपा की दिल्ली में दुर्गति व 1998 से विधानसभा में अल्पमत में क्यों? 2022 निगम चुनावों में बुरी हार क्यों? विवेचन करके कारण  बताने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य कारक व कारण: *1.लचर निष्प्रभावी प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय प्रभारी व घोर गुटबाज़ी।* *2.रिश्वतखोर,काली कमाई करने वाले निगम पार्षद।* *3.हार्डकोर काडर का असम्मान,उनके कार्य न किया जाना।* *4.हार्डकोर काडर के आजीविका की न सोचना।* ************************************** *क्या आपने सोचा है कि जिस भाजपा का नगर निगम में पिछले 22 वर्षों से प्रचंड बहुमत के साथ कब्जा था,वो पिछले 26 वर्षों से राज्य में सरकार क्यों नहीं बना पा रही है?* अमित शाह जैसा चाणक्य,मोदी जैसा करिश्माई नेतृत्व,303 सांसद, तमाम केंद्रीय मंत्री व तकरीबन 40% से ज्यादा मत मिलने के बाद भी क्रमशः 3 और 8 विधायक क्यों? और करेला नीम पर आज  चढ़ा जब निगम चुना...
संसद में अनुशासन और मर्यादा

संसद में अनुशासन और मर्यादा

राष्ट्रीय
किसी भी संस्था की सफलता, प्रभावशीलता और प्रतिष्ठा उसके व्यवस्थित कामकाज पर निर्भर करती है और वह किस हद तक अपनी गतिविधियों के निर्वहन के लिए अनुशासन, गरिमा और मर्यादा के मानकों का पालन करती है। इस अर्थ में अनुशासन और मर्यादा किसी भी संस्था के मूलभूत मानदंड हैं। यह विशेष रूप से संसदीय संस्थाओं के बारे में है जो लोगों की इच्छा को मूर्त रूप देती हैं और अन्य गतिविधियों के साथ-साथ कानून के प्रमुख कार्य और कार्यपालिका की जांच करने के लिए लोकतंत्र के मंच का गठन करती हैं। अनुशासन और मर्यादा के क्षरण से संसदीय संस्थाओं का क्षरण होगा। प्रतिनिधि निकायों के इन मूलभूत मानदंडों को हमेशा पवित्र माना गया है और इसलिए इन्हें संरक्षित किया गया है। 25 नवंबर 1949 को जब हमारा संविधान अपनाया गया तो डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, इसके प्रमुख वास्तुकार, ने पूछा, "यदि हम लोकतंत्र को बनाए रखना चाहते हैं ... तो हमें क्या कर...
जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पहले वाइस चांसलर गोपालस्वामी पार्थसारथी (जीपी) तथा इसके मुख्य आर्किटेक्ट सी.पी. कुकरेजा की आत्मा रह-रह कर परेशान होती होगी, क्योंकि; उन्होंने जिस जेएनयू को खून-पसीना एक करके खड़ा किया वहां से प्राय: कोई बेहतर खबर सुनने को मिलती ही नहीं।  झगड़ा, धरना, विवाद, आपत्तिजनक पोस्टरबाजी, देश विरोधी गतिविधियों आदि के चलते जेएनयू की प्रतिष्ठा धूल में मिल रही है। अब ताजा मामले को ही लें। जेएनयू  की दीवारों पर शर्मनाक नारे लिखे गए। वहां की दीवारों पर दो जातियों क्रमश: ब्राह्मणों  तथा बनियों को भारत और जेएनयू छोड़ने के लिये नारे लिखे गये थे। जेएनयू हो या कोई और जगह या समूचा देश, सभी को सब जगह रहने, जीने और काम करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान ने हर भारतीय को दिया है। इसलिए ऐसे ...