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Author: dindiaadmin

चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति

चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति

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समाचार पत्र और यहां तक कि लेखकों को भी अस्तित्व बचाने के लिए गूगल व फे़सबुक को मात देना होगा। बदहाल होती स्थिति पर सवाल यह है- वे ऐसा कैसे करेंगे? सबसे महत्वपूर्ण कारक है न्यूज़ कैरियर की बढ़ोत्तरी- गूगल, फे़सबुक और बाकी दूसरे। एक तरफ वे किसी अन्य द्वारा उत्पादित समाचार ले लेते हैं और दूसरी तरफ वे समाचार पत्रों की आजीविका-राजस्व को हड़प लेते हैं। इनसे ज्यादा बदतर स्थिति में अखबारों के लिए लिखने वाले लेखक है जो आए दिन पूरी मेहनत करते है लेकिन मेहनताना देखे तो समुंदर में मोती मिल जाए मगर लेखकीय सहयोग नहीं।  कारण इंटरनेट पर सामग्री की भरमार के फलस्वरूप अखबार कहीं से भी कुछ उठाते है और चस्पा कर देते है। ऐसे में न लेखक की जरूरत और न ही लेखकीय सहयोग का झंझट। इसी के चलते पत्रकारिता आज शातिर दिमाग वालों के लिए धंधा बन गई है जो पच्चास सौ कॉपी छपवाते है या डिजिटल एडिशन निकाल...
मध्यपूर्व का संकट और भारत

मध्यपूर्व का संकट और भारत

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अरब-इस्लामिक समिट में अल्जीरिया प्रस्ताव लाया कि मित्र देश से सारे इस्लामिक देश राजनयिक-व्यापारिक सम्बन्ध तोड़ दें जिसे सऊदी-UAE समेत अन्य देश ने खारिज कर दिया। प्रस्ताव में कहा गया कि मित्र देश के साथ इस्लामिक देश सभी तरह के राजनयिक और आर्थिक संबंध खत्म कर लें और उसकी उड़ानों का अरब हवाई क्षेत्र से इस्तेमाल बैन कर दें। साथ ही अपने तेल निर्यातक देश होने का फायदा उठाएं और दुनिया को भी इसके लिए मजबूर करें जिसे सऊदी अरब, UAE, जॉर्डन, इजिप्ट, बहरीन, सूडान, मोरोक्को आदि ने खारिज कर दिया। ये सब अल्जीरिया तुर्की के और तुर्की चीन के कहने पर करवा रहा था ताकि मित्र देश से होकर गुजरने वाला इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर बर्बाद हो जिससे इसके BRI को फायदा मिले जहां से अब देशों ने अलग होना शुरू कर दिया है। इससे पहले UN में प्रस्ताव आया था जिसपर ये कहा गया था कि मित्र देश, ईस्ट पेलो और गोल्...
नीतीश कुमार के वक्तव्य और व्यवहारों को कैसे देखें

नीतीश कुमार के वक्तव्य और व्यवहारों को कैसे देखें

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अवधेश कुमारबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर नेता माने जाते रहे हैं। इन दिनों उनके वक्तव्य और व्यवहार लोगों को हैरत में डाल रहे हैं। विरोधियों की छोड़िए उनके समर्थक और निकटतम भी प्रश्न उठा रहे हैं कि वाकई यह नीतीश कुमार ही हैं? पिछले दिनों विधानसभा के अंदर के दो प्रसंगों ने पूरे देश में उनकी छवि को मटियामेट किया है। जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए उन्होंने पति-पत्नी के यौन रिश्ते को हाथों और चेहरे से इशारा करते हुए ऐसी शब्दावलियों का प्रयोग किया जिनकी हम आप कल्पना नहीं कर सकते। व्यक्तिगत बातचीत में उस तरह की भाषा बोली जाए तो अनदेखी की जा सकती है लेकिन सार्वजनिक रूप से और वह भी विधानसभा के अंदर कतई नहीं। हंगामा होने पर उन्होंने क्षमा याचना की और कहा कि मैं स्वयं अपनी निंदा करता हूं। हालांकि उस वक्तव्य में भी क्षमायाचना या आत्मनिंदा जैसे अफसोस का हाव-भाव नहीं था। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत...
भारत को निर्यात में बढ़ोतरी करनी होगी

भारत को निर्यात में बढ़ोतरी करनी होगी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एस एंड पी के मुताबिक हमारे देश भारत की अर्थव्यवस्था 2030 में वर्तमान के 3.4 खरब डॉलर से बढ़कर 7.3 खरब डॉलर हो जायेगी। वैसे भारत की अर्थव्यवस्था अभी ही इंग्लैंड और फ्रांस से आगे निकल गई है। अब तो जर्मनी की और उसके करीब पहुंचने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था गतिशील है। अभी तक अर्थव्यवस्था के सभी संकेतक सही दिशा में हैं और सबसे बड़ी बात है कि कृषि की स्थिति मजबूत है, अनाजों की पैदावार घटी नहीं है बल्कि बढ़ी ही है, जिस कारण से देश में महंगाई अन्य देशों से काफी कम है। पड़ोसी देश पाकिस्तान का उदाहरण हमारे सामने है जहां 32 प्रतिशत से भी ज्यादा महंगाई की दर है। इस मामले में हम भाग्यशाली हैं कि हमारे यहां पैदावार बढ़ती जा रही है और देश सूखे या अतिवृष्टि से बचा हुआ है। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमें शक्ति प्रदान कर रही है। भारत की जीडीपी में कृषि के अलावा...
डीपफेक : भारत दुनिया के असुरक्षित देशों में छठे स्थान पर

डीपफेक : भारत दुनिया के असुरक्षित देशों में छठे स्थान पर

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व के साथ भारत में भी सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। लोग सहज भाव से अपनी फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं, लेकिन वे इससे जुड़े ख़तरों से सचेत नहीं हैं।काफी पहले से ही यह आशंका जतायी जा रही थी कि आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिये अपराधी तत्वों द्वारा खतरनाक मंसूबों को अंजाम दिया जा सकता है। इस खतरे को देख आईटी विशेषज्ञ चेताते भी रहे हैं। हाल ही में बॉलीवुड की एक नायिका के वीडियो में छेड़छाड़ करके उसे विकृत करने के मामले ने इन आशंकाओं की हकीकत को बताया है। दरअसल, डीपफेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के टूल द्वारा छवियों और वीडियो को शरारतन बदलने का वह जरिया है, जिससे समाज में भ्रामक स्थिति पैदा की जा सकती है। उसमें वह कहा या होता दिखा दिया जाता है जो वास्तव में होता ही नहीं है। लेकिन असली होने का भ्रम पैदा क...
क्या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से कुछ बदलाव होगा ?

क्या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से कुछ बदलाव होगा ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
सारे देश आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की चर्चा हो रही है। मौजूदा लहर इसकी परीक्षा की घड़ी है। जब भी कोई तकनीकी लहर पहली बार आती है तो हममें से कुछ लोग इसकी तारीफ करने लगते हैं जबकि कुछ लोग यह सोचने लगते हैं कि आखिर ये लोग इन बातों में अपना और हमारा समय क्यों खराब कर रहे हैं। उसके बाद जब वह तकनीकी लहर जोर पकड़ जाती है तो हममें से विचारशील लोगों के मन में एक तरह की चिंता घर करने लगती है। एआई से जुड़ी तकनीकी लहर (चैटजीपीटी उसका एक आरंभिक उदाहरण है) की बात करें तो इस समय वह दूसरे चरण में है जहां विचारक और नीति निर्माता नीतिगत निर्देश देने और विशेषज्ञ समितियां गठित करने में व्यस्त हैं।ताजा मामला अमेरिका का है जहां कुछ दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐसा ही एक निर्देश दिया। चूंकि यह निर्देश अमेरिका से आया था यानी एक ऐसे देश से जिसे तकनीकी लहरों को अपनाने में अग्रणी माना जाता है, इसलिए उसे ...
भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के बीच चल रही रस्साकच्छी, रूस यूक्रेन के बीच पिछले लम्बे समय से लगातार चल रहे युद्ध एवं पिछले एक माह से भी अधिक समय से पूर्व प्रारम्भ हुए हम्मास इजराईल युद्ध के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक दिनांक 5 नवम्बर 2023, रविवार, को प्रातः 9 बजे भुज, गुजरात में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत और सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके किया। बैठक में देश भर से संघ की दृष्टि से 45 प्रांतो एवं 11 क्षेत्रों के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा कुछ विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्रियों सहित लगभग 382 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  उक्त बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्य विस्तार के लिए बनी योजन...
<strong>दीवाली मनायें पर मिलावटी मिठाइयों बिना </strong>

दीवाली मनायें पर मिलावटी मिठाइयों बिना 

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आर.के. सिन्हा दीपावली और स्वादिष्ट मिठाइयों का चोली-दामन का साथ है। मिठाई के बिना दीपोत्सव का आनंद अधूरा ही माना जा सकता है। जो इंसान मिठाई नहीं पसंद करता या फिर डाक्टरी सलाह पर इसका सेवन नहीं करता, वह भी दिवाली पर तो कम से कम एक –दो डिब्बे मिठाई के खरीद ही लेता है। इसकी वजह यह है कि लक्ष्मी पूजन के वक्त मिठाई का प्रसाद लक्ष्मी-गणेश को अर्पित करके वितरित किया जाना है। पर यह भी मानना होगा कि दिवाली पर जिस मात्रा में मिलावटी मिठाइयां बाजार में मिलने लगी है, उसके चलते मिठाई का आनंद लेने से पहले हर इंसान कई बार सोचने लगा है। सच में इस कारण से घनघोर मिठाई प्रेमी भी अब मिठाई खाने से कतराने लगे हैं। वर्ना एक दौर था जब दिवाली से पहले हिंदू परिवारों में मिठाइयों पर विस्तृत चर्चा होती थी। पर मिलावटी मिठाइयों की बिक्री ने लोगों को मिठाई से दूर सा कर दिया है। युवा पीढ़ी तो अब वैसे भी मिठाई ...
चाणक्य के अर्थशास्त्र में राज्य की व्यवस्था एवं स्वरूप

चाणक्य के अर्थशास्त्र में राज्य की व्यवस्था एवं स्वरूप

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
- प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकजमहामति चाणक्य ने अपने महान ग्रंथ ‘अर्थशास्त्रम्’ राज्य के कर्तव्य और राज्य की शक्तियों तथा स्वरूप पर प्रकाश डाला है। परन्तु सबसे पहले यूरोपीय राजनीतिशास्त्रियों के सन्दर्भ में यह तथ्य सदा स्मरण रखना चाहिये कि भारत का कोई भी धर्मज्ञ विद्वान या राजशास्त्रप्रणेता कभी भी यह दावा नहीं करता कि वह इस विषय पर कोई नितांत नवीन बात कह रहा है। वह सदा आधारभूत शास्त्रों के प्रमाण देते हुये तथा पूर्व आचार्यों के मत श्रद्धापूर्वक उपस्थित करते हुये उसमें अपनी व्याख्या अथवा अपनी कोई नवीन उद्भावना इस विनय के साथ प्रस्तुत करता है कि वह परम्परा का ही पोषण कर रहा है और स्वधर्म का पालन कर रहा है। अतः भारत या विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में चाणक्य सहित किसी भी भारतीय राजशास्त्र प्रणेता को पढ़ना और पढ़ाना तब तक अप्रामाणिक है, जब तक सनातन धर्म के आधारभूत तत्वों की भारतीय शास्त्रों...
<strong>जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच</strong>

जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर, 2023- ललित गर्ग-सरल को जटिल बनाना आम बात है लेकिन जटिल को सरल, अद्भुत रूप से सहज बनाना, यही रचनात्मकता है। इसी रचनात्मक सोच को विकसित करने के लिये विश्व उपयोगिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य प्रयोज्यता, प्रयोज्य इंजीनियरिंग, सार्वभौमिक प्रयोज्यता, उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजाइन और बेहतर काम करने वाली चीजों के बारे में आम उपयोगकर्ता की जिम्मेदारी के मूल्यों को बढ़ावा देना एवं उनमें सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस का उद्देश्य है। आज प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी का युग है, नित-नयी उपभोग वस्तुओं, पदार्थों एवं सेवाओं का संसार विकसित हो रही, जिसमें प्रौद्योगिकी का सहजता एवं सरलता से उपयोग करना बहुत कठिन है। एक सेल फोन दरवाजे की घुंडी की तरह उपयोग में आसान होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकार, संचार, मनोरंजन, कार्य और अन्य क्षेत्रों के ल...