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Author: dindiaadmin

<strong>दिवाली ने कैसे लांघा हिंदू धर्म की सीमाओं को</strong>

दिवाली ने कैसे लांघा हिंदू धर्म की सीमाओं को

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आर.के. सिन्हा दीपोत्सव मूलत: और अंतत: हिन्दू पर्व होते हुए अपने आप में व्यापक अर्थ लिए हुए हैं। यह तो अंधकार से प्रकाश की तरफ लेकर जाने वाला अनोखा त्योहार है। अंधकार व्यापक है, रोशनी की अपेक्षा। क्योंकि, अंधेरा अधिक काल। दिन के पीछे भी अंधेरा है रात का। दिन के आगे भी अंधेरा है रात का । दिवाली को ईसाई, मुसलमान और यहूदी भी अपने-अपने तरीके से मनाएंगे। सिख, बुद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए तो इस दिन का खास महत्व तो है ही। राजधानी दिल्ली के बिशप हाउस पर दिवाली पर आलोक सज्जा की जाएगी। दीए भी जलाए जाएंगे। यह ही है भारत की विशेषता। क्या है बिशप हाउस? ये देश के प्रोटेस्टेंट ईसाई समाज के प्रमुख बिशप का मुख्यालय है। यह नई दिल्ली के जयसिंह रोड पर। दरअसल प्रकाश पर्व हमें अपने देश के पवित्र मूल्यों, जरूरतमंद लोगों के प्रति मदद का हाथ बढ़ाने की हमारी जिम्मेदारी...
भारत की पहचान है सनातन धर्म : विजयेन्द्र सरस्वती

भारत की पहचान है सनातन धर्म : विजयेन्द्र सरस्वती

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भारत की पहचान है सनातन धर्म : विजयेन्द्र सरस्वती शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए अयोध्या धाम का विकासलखनऊ, 07 नवम्बर । श्री कांची कामकोटि पीठ के 70वें आचार्य जगद्गुरु श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी जी ने माधव सभागार निरालानगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अयोध्या धाम का विकास शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या प्राचीन नगरी है। इसलिए अयोध्या नगर का विकास प्राचीन संस्कृति को ध्यान में रखकर करना चाहिए जिससे नगर की पौराणिकता कायम रहे। शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या के छोटे मंदिरों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। अयोध्या नगर में होटलों व अन्य निर्माण के साथ ही साथ पुरानी धर्मशालाओं व भवनों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। इसके साथ ही अयोध्या में शास्त्र विद्या, संगीत विद्या और शिल्प शास्त्र की शिक्षा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। भारत की पहचान है सनातन धर्मजगद्गु...
7 नवम्बर 1858 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विपिन चंद्र पाल का जन्म

7 नवम्बर 1858 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विपिन चंद्र पाल का जन्म

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स्वदेशी और स्वाधीनता आँदोलन को गति देने वालों में अग्रणी --रमेश शर्मा स्वतंत्रता आँदोलन के अग्रणी नेताओं में "लाल, बाल, पाल" के रूप "त्रिदेव" के नाम आते हैं जिन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता और पूर्ण स्वदेशी का नारा लगाया था । विपिनचंद्र पाल इन "त्रिदेव" में से एक थे । और अन्य दो लाला लाजपतराय एवं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक थे ।इन्हीं त्रिदेव ने काँग्रेस में सबसे पहले पूर्ण स्वाधीनता का नारा लगाया और पूरे देश में स्वदेशी का अभियान चलाया । इसकी शुरुआत 1891 से की थी और दस वर्ष में ये आँदोलन पूरे बंगाल में फैल गया था । तब आज का बंगलादेश, बिहार, उड़ीसा, और असम भी बंगाल का अंग हुआ करते थे । इस आँदोलन को तोड़ने के लिये ही अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल के विभाजन का निर्णय लिया जिससे स्वतंत्रता की अग्नि और प्रज्ज्वलित हुई ।ऐसे ओजस्वी, दूरदर्शी और क्राँतिकारी विचारों के धनी सुप्रसिद्ध स्व...
चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस

चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस

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चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेसराहुल क्यों गये केदारनाथ ?मृत्युंजय दीक्षितभारतीय राजनीति में मुस्लिम तुष्टिकरण को चुनाव जीतने का मन्त्र मन जाता रहा है किन्तु 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने और फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिए जाने के बाद स्थितियों में बड़ा बदलाव आया है।कुछ वर्ष पूर्व तक भरतीय जनता पार्टी की ओर से नारा लगाया जाता था, “रामलला हम आयेंगे मंदिर वहीं बनायेंगे” और विरोधी दल पलटवार करते हुए कहते थे, “रामलला हम आयेंगें मंदिर वहीं बनायेंगें कितु तारीख नहीं बतायेंगे”। इस चुनाव में सब कुछ परिवर्तित हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ जाने के बाद अयोध्या नगरी में दिव्य -भव्य गगनचुम्बी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है, रामलला के विराजमान होने क...
रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार।

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार।

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बाजारीकरण ने सारी व्यवस्थाएं बदल कर रख दी है। हमारे उत्सव-त्योहार भी इससे अछूते नहीं रहे। शायद इसीलिए प्रमुख त्योहार अपनी रंगत खोते जा रहे हैं और लगता है कि त्योहार सिर्फ औपचारिकताएं निभाने के लिए मनाये जाते हैं। किसी के पास फुरसत ही नहीं है कि इन प्रमुख त्योहारों के दिन लोगों के दुख दर्द पूछ सकें। सब धन कमाने की होड़ में लगे हैं। गंदी हो चली राजनीति ने भी त्योहारों का मजा किरकिरा कर दिया है। हम सैकड़ों साल गुलाम रहे। लेकिन हमारे बुजुर्गों ने इन त्योहारों की रंगत कभी फीकी नहीं पड़ने दी। आज इस अर्थ युग में सब कुछ बदल गया है। कहते थे कि त्योहार के दिन न कोई छोटा। और न कोई बड़ा। सब बराबर। लेकिन अब रंग प्रदर्शन भर रह गये हैं और मिलन मात्र औपचारिकता। हम त्योहार के दिन भी हम अपनो से, समाज से पूरी तरह नहीं जुड़ पाते। जिससे मिठाइयों का स्वाद कसैला हो गया है। बात तो हम पूरी धरा का अंधेरा दूर क...
<strong>क्रिकेट का कोहिनूर विराट कोहली</strong>

क्रिकेट का कोहिनूर विराट कोहली

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5 नवंबर के लिये विशेष आर.के. सिन्हा विराट कोहली का क्रिकेट के मैदान में जुझारू तरीके से खेलने के अलावा एक दूसरा भी चेहरा है। वे जब क्रिकेट नहीं खेल रहे होते, या कहें कि फुर्सत में होते हैं तो वे सपरिवार वृंदावन जाना पसंद करते हैं। विराट कोहली वृंदावन में श्री परमानंद जी का आशीर्वाद लेने जाते हैं। वे ऋषिकेश में दयानंद गिरि आश्रम में भी जाते हैं। दयानंद गिरि आश्रम में विराट और उनकी पत्नी अनुष्का तीन बार यात्रा कर चुकी है। वे इस साल के आरंभ में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर भी  पहुंचे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट कोहली ने आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। विराट कोहली ने गले में रुद्राक्ष की माला भी धारण की। अगर विराट कोहली की शख्सियत इस पक्ष  से हटकर बात करें तो वे आजकल अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रद...
फोन ‘हैक’ की राजनीति: आक्रामकता की बजाय संयम जरूरी

फोन ‘हैक’ की राजनीति: आक्रामकता की बजाय संयम जरूरी

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  ललित गर्ग  पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लगातार आक्रामक होने के मध्य में देश के कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं के आईफोन पर निगरानी किये जाने का मामला एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर रहा है। इसे सरकार प्रायोजित बताकर सरकार को घेरने की कोशिशें भी एकाएक उग्र हो गयी है। एप्पल कम्पनी ने इन फोन धारकों को ईमेल सन्देश भेज कर लिखा है कि आपके फोन को किसी ‘मालवेयर वायरस’ से सरकार द्वारा सर्वेक्षण में रखा जा रहा है जिसके माध्यम से आपकी सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। मगर इसके साथ ही सरकार ने ऐसी किसी कार्रवाई से इन्कार करते हुए पूरे मामले की सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्रालय की संसदीय समिति से जांच कराने की घोषणा कर दी है और कहा है कि ऐसा ही एक ई-मेल सन्देश वाणिज्य मन्त्री पीयूष गोयल को भी आया है। फोनों पर निगरानी का आरोप सरकार के लिए भी गंभीर चिन्ता का विषय है क्योंकि यह ऐसा मामला है जिसमें सत...
नया उद्धयोग ऊर्जा भंडारण

नया उद्धयोग ऊर्जा भंडारण

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बिजली के क्षेत्र में तीन तरह के कारोबार होते हैं: उत्पादन, पारेषण और वितरण। कीमतें भी तीन तरह की होती हैं: थोक मूल्य जो उत्पादक को प्राप्त होता है, पारेषण की कीमत और अंत में खुदरा कीमत। अब एक चौथा उद्योग उभर आया है और वह है: ऊर्जा भंडारण का कारोबार।भारत में जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन कम हो रहा है। वित्तीय व्यवस्था भी आमतौर पर जीवाश्म ईंधन आधारित संयंत्रों को रकम नहीं देंगी। उत्पादन क्षमता के मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसमें दिक्कत यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन रुक-रुक कर होता है। शाम को सूरज नहीं चमकता और हवा भी कमजोर हो सकती है। ऐसे में ग्रिड को संतुलित करने की जरूरत है। उत्पादन को मांग के अनुरूप करने में मुश्किल आ सकती है।कई पारंपरिक विचारकों के अनुसार इस समस्या का हल यह है कि एक ऐसी उत्पादन इकाई कायम की जाए जो भंडारण और उत्पादन को एक साथ कर दे। य...
एर्नाकुलम विस्फोट एक चेतावनी है

एर्नाकुलम विस्फोट एक चेतावनी है

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अवधेश कुमारकिसी आतंकवादी घटना की गंभीरता का मूल्यांकन केवल इस आधार पर नहीं होता कि उसमें कितने लोगों की मौत हुई। केरल में एर्नाकुलम जिले के कलामसेरी के कन्वेंशन सेंटर यानी सम्मेलन केंद्र में हुआ विस्फोट हर दृष्टि से डराने और चिंतित करने वाली घटना है। निस्संदेह , तीन व्यक्तियों की मृत्यु तथा 51 लोगों का घायल होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए थोड़ी राहत का विषय है। हालांकि एक व्यक्ति की भी मृत्यु या घायल होना हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। यहोवाज विटनेसेस या यहोवा विटनेस समुदाय के तीन दिनों के कार्यक्रम में 2000 के आसपास लोग उपस्थित थे। तीन विस्फोट का मतलब इसकी पहले से पूरी तैयारी की गई थी। यह भी साफ हो गया है कि विस्फोट ईईडी से ही हुआ। अभी यह कहना मुश्किल है कि कोच्चि निवासी डोमिनिक मार्टिन नामक व्यक्ति द्वारा घटना की जिम्मेवारी लेने का सच क्या है। क्या वह अकेले इस विस्फोट में शामिल था या...
हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म

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इसका अर्थ है सनातन धर्म। यह सनातन तथा अमृत तत्त्व की उपासना है।(१) श्रेय-प्रेय मार्ग-एक सन्त इसी धर्म के नियमों के अनुसार सन्त बन कर उसका चोला डाले हैं पर सदा सनातन धर्म की संस्थाओं का व्यंग्य-विरोध करते रहते हैं। उनका कहना है कि यह सनातन है तो इस पर खतरा कैसे है? सदा अच्छी चीजों पर ही खतरा रहता है-घर की सफाई बार-बार करते हैं पुनः गन्दा हो जाता है। देव मात्र ३३ हैं, असुर ९९, प्रायः असुर जीत जाते हैं पर उनका मार्ग श्रेष्ठ नहीं है। वैवस्वत यम भारत का पश्चिम सीमा (अमरावती से ९० अंश पश्चिम संयमनी = यमन, सना) के राजा थे। उन्होंने कठोपनिषद् में नचिकेता से दोनों का विवेचन किया है-श्रेय (स्थायी या सनातन लाभ) तथा प्रेय (तात्कालिक लाभ या उसका लोभ)। श्रेय मार्ग पर चलनेवाले सनातनी हैं, उनको सम्मान के लिये श्री कहते हैं। जो हमें प्रेय दे सके वह पीर है या दक्षिण भारत में पेरिया। अन्य अर्थ हैं-(२) सनातन...