
क्या रेपो दरों में बढ़ोतरी से महंगाई नियंत्रित हो पायेगी?
ललित गर्ग-
वह चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण हो, चाहे जन प्रतिनिधियों का मंच हो या सरकारी विज्ञप्तियां या फिर सत्तापक्ष के सांसदों-मंत्रियों के बयान, बार-बार उपलब्धियों के चमकदार आंकड़े देश के आर्थिक दृष्टि से शक्तिशाली होने, दुनिया की महाशक्ति बनने एवं विकास के नये आयामों के सृजन की बातें कर रहे हैं। निश्चित ही देश आजादी के अमृत-काल में बेहतर हुआ है और लगातार बेहतर हो रहा है। इस बात पर खुशी प्रकट की जा सकती है कि जब दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों दम तोड़ रही है, तब भारत तमाम विपरीत स्थितियों में स्वयं को न केवल संभाले हुए है बल्कि विकास एवं आर्थिक उन्नति के नये मानक गढ़ रहा है। जिस देश के हम गुलाम रहे, उसे पछाड़ कर हमने दुनिया में पांचवां दर्जा हासिल कर लिया और बहुत जल्दी आशावादी देश-निर्माताओं के अनुसार हम दुनिया में तीसरे नंबर की आर्थिक ताकत होने जा रहे हैं। लेकिन इन सुनहरे...