
व्यापम घोटाला : धांधलियों पर सख्त न्यायालय
जब किसी अयोग्य व्यक्ति को किसी योग्य व्यक्ति के स्थान पर कहीं तरजीह मिलती है तब यह सिर्फ योग्य व्यक्ति का ही अपमान नहीं होता है। यह एक राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना का भी अपमान होता है। अयोग्य व्यक्ति के द्वारा किसी पद पर पहुंचने से उसके द्वारा किए जाने वाले फैसले भी गुणात्मक दृष्टि से कमजोर होते हैं। जब तक हम सरकारी सेवाओं को सेवा का माध्यम न मानकर नौकरी पाने का माध्यम मानते रहेंगे, न तो व्यवस्था में बदलाव आयेगा न ही जनता का सरकारी सेवाओं में विश्वास पैदा होगा। व्यापम में पिस रहे मेधावी छात्रों की मनोस्थिति भी कुछ ऐसी ही है। कुछ योग्य छात्रों के ऊपर अयोग्य एवं अपात्रों को मेडिकल में दाखिला मिल गया। एक ऐसे क्षेत्र में दाखिला जिसके बाद इन अयोग्यों को भारत की बीमार जनता का इलाज़ करना था।
इस तरह से पैसों के लालच में कुछ लोगों ने भारत की जनता के हितों से ही खिलवाड़ कर दिया। साल भर तन्मयता से...