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राष्ट्रीय

ऐसा क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन क़ानून में?

ऐसा क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन क़ानून में?

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
*रजनीश कपूरआए दिन हमें डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों के बारे में पता चलता है। कैसे कुछ शातिर लोगों का गैंग एकयोजनाबद्ध तरीक़े से भोले-भले लोगों को ठगने की मंशा से उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। उनकी मेहनत की कमाईको कुछ ही पल में फुर्र कर देते हैं। उसके बाद ऐसे फ्रॉड का शिकार व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर दर-दर की ठोकरेंखाने को मजबूर हो जाता है। परंतु सरकार ने इस फ्रॉड को रोकने और ज़रूरी निजी जानकारी की सुरक्षा की दृष्टिसे ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’ को संसद में पेश किया है जो अब क़ानून बन गया है।हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में डिजिटल पर्सनल डाटाप्रोटेक्शन बिल, 2023 पेश किया। इस विधेयक के तहत नागरिकों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के अधिकारव्यवस्था करता है। यहाँ सवाल उठता है कि यदि यह बिल नागरिकों की निजी जानकारी सुरक्षा कि दृष्टि से ल...
काट काट के जंगल, प्रकृति में घोला है जहर।

काट काट के जंगल, प्रकृति में घोला है जहर।

राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
कुदरत के कोहराम घनघोर बारिश, भूस्खलन से देश के उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश में जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश तो हिमाचल प्रदेश इस बार देश के पंजाब,असम, उत्तराखंड, दिल्ली समेत देश के उत्तरी राज्यों में इस वर्ष भारी बारिश ने काफी कहर मचाया है और बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। हिमाचल प्रदेश के हालात तो बहुत ही बुरे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के शिमला में लैंडस्लाइड की चपेट में एक शिव मंदिर आ गया। राज्य मेें बारिश से पिछले कुछ समय में ही कम से कम 60 लोगों की मौत हुई है। कभी लैंडस्लाइड तो कभी बादल फट रहे हैं, नदियां उफान पर बह रही हैं। आज पहाड़ी क्षेत्रों में ढलान वाले क्षेत्र भारी वर्षा से पूरी तरह संतृप्त हैं और इसके कारण बहुत बार भूस्खलन होता है, जो परेशानी का कारण बनता है। वर्तमान में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। जानकारी मिलती है कि हिमाचल प्रदेश म...
भारत जीवन दर्शन के साथ उदित होने की ओर अग्रसर

भारत जीवन दर्शन के साथ उदित होने की ओर अग्रसर

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
अवधेश कुमारहम अंग्रेजों से अपनी मुक्ति का 75 वर्ष पूरा कर चुके हैं। इसे अमृत महोत्सव नाम दिया गया था। जब सूर्य लालिमा के साथ निकल रहा हो और उसका पूर्ण उदय नहीं हुआ हो उसे ही अमृत काल कहते हैं। स्वीकार करना होगा की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को अमृत काल नाम देने के पीछे सोच अत्यंत गहरी है। साफ है कि काफी विचार-विमर्श के बाद अमृत काल नाम दिया गया होगा। राजनीति और मीडिया के बड़े वर्ग ने वातावरण ऐसा बना दिया है जिसमें स्वतंत्रत भारत की स्थिति, स्वतंत्रता संघर्ष के सपने, स्वतंत्रता मिलने के समय की परिस्थितियां, नेताओं की भूमिका आदि पर सच बोलना कठिन हो गया है। कौन उसमें से क्या अर्थ निकालकर बवंडर खड़ा कर देगा अनुमान लगाना आज मुश्किल होता है। स्थिति ऐसी बना दी गई है कि आज विभाजनकालीन परिस्थितियों की बात करने से जानकार लोग भी डरने लगे हैं। पता नहीं कौन उन्हें सांप्रदायिक और क्या-क्या घोषित कर देगा...
बंटवारा जो हम भूले नहीं

बंटवारा जो हम भूले नहीं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
-बलबीर पुंज बीते मंगलवार (15 अगस्त) भारत ने अपना 77वां स्वाधीनता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। निसंदेह, यह दिन भारतीय इतिहास का एक मील का पत्थर है। परंतु इसके साथ विभाजन की दुखद स्मृति भी जुड़ी हुई है। विश्व के इस भूक्षेत्र का त्रासदीपूर्ण बंटवारा, कोई एकाएक या तत्कालीन मुस्लिम समाज के किसी तथाकथित उत्पीड़न का परिणाम नहीं था। इसके लिए उपनिवेशी ब्रितानियों के साथ जिहादी मुस्लिम लीग और भारत-हिंदू विरोधी वामपंथियों ने अपने-अपने एजेंडे की पूर्ति हेतु एक ऐसा वैचारिक अधिष्ठान तैयार किया था, जिसने कालांतर में भारत को तीन टुकड़ों में विभाजित कर दिया। यह देश में पिछले 100 वर्षों की सबसे बड़ी सांप्रदायिक घटना थी। दुर्भाग्य से इसकी विषबेल खंडित भारत में अब भी न केवल जीवित है, साथ ही वह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए चुनौती भी बन हुई है। भारतीय उपमहाद्वीप में पाकिस्तान कैसे उभर...
कृत्रिम बौद्धिक शक्ति और भारत

कृत्रिम बौद्धिक शक्ति और भारत

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व में जिस चैट जीपीटी का बोलबाला है, वो चैट जीपीटी ने इन्सान को इतनी कृत्रिम बौद्धिक शक्ति प्रदान करती है| जिससे संकट दिख रहा है कि शायद मानव को अब मौलिक चेतना और बौद्धिक विकास की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जब हर प्रश्न का जवाब गढ़ा-गढ़ाया चैट जीपीटी पर हो तो मानव अपनी बुद्धि को कष्ट क्यों देगा? अब चैट जीपीटी नेताओं को उनके भाषण, कवियों को उनकी कविताओं के उचित शब्द, नाटकों के संवाद और अध्यात्म के नये शब्द सुझा और समझा सकती है। संकट पैदा हो गया कि अगर ऐसा हो गया तो प्रखर चेतना वाले इन्सान क्या हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे? क्या उनकी मौलिक सृजनात्मक प्रतिभा के मुकाबले में यह यांत्रिक असाधारण क्षमता अवरोध बनकर खड़ी हो जाएगा| जैसे किंडल के आगमन ने पुस्तक की उपयोगिता पर प्रश्नचिन्ह खड़े किये थे। तब लगने लगा था कि अब पुस्तक का अस्तित्व मिट जायेगा व पत्र-पत्रिकाएं भी अप्रासंगिक हो जाएंगी जबकि ...
लालकिले की प्राचीर से लोकसभा चुनावों का शंखनाद

लालकिले की प्राचीर से लोकसभा चुनावों का शंखनाद

EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से किया विकास के वादे साथ अपनी वापसी का दावामृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से से देश को लगातार दसवीं बार संबोधित किया।इस अवसर का लाभ उठाते हुए जहां उन्होंने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं वहीं अपनी गारंटी देते हुए यह भविष्यवाणी भी कर दी कि 2024 की 15 अगस्त को देश की उपलब्धियां बताने के लिए वो ही फिर से आएंगे। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनावों के पूर्व ही यह भविष्यवाणी कर दी कि अगली बार मैं ही देश की उपलब्धियां बताने के लिए आऊंगा। स्वाभाविक रूप से प्रधानमंत्री के इस दावे से भाजपा विरोधी ताकतों को सिर दर्द होने लगा और उनकी हताशा भरी प्रतिक्रियाएं आनी प्रारंभ हो गयीं।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के आरम्भ में ही मणिपुर की हिंसा सहित हिमांचल और ...
अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के भाषण को कैसे देखें

अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के भाषण को कैसे देखें

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
अवधेश कुमारअविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण को लेकर कई तरह के विवाद उत्पन्न हुए हैं। इसमें दो राय नहीं कि राहुल के भाषण पर पक्ष - विपक्ष सहित पूरे देश की नजर थी। मार्च में सूरत न्यायालय की सजा के कारण उनकी संसद सदस्य चली गई थी और उच्चतम न्यायालय द्वारा सजा पर रोक लगाये जाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान ही वे लोकसभा में वापस आए। उनकी वापसी के दिन जिस तरह भाजपा विरोधी दलों ने उनका स्वागत किया वह बता रहा था कि मार्च से अगस्त तक राजनीति में कितना परिवर्तन आ गया है। वस्तुतः जब उनकी संसद सदस्यता गई थी तब भाजपा विरोधी विपक्षी मोर्चा का गठन नहीं हुआ था। 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी मोर्चा आईएनडीआईए के गठन के बाद भाजपा विरोधी विपक्ष की राजनीति की तस्वीर कांग्रेस और राहुल गांधी के संदर्भ में काफी हद तक बदली हुई है । इस कारण यह उम्मीद थी कि राहुल गांधी तथ्यों और तर्...
<strong>भारतीय रिजर्व बैंक ने नहीं बढ़ाई ब्याज दर</strong>

भारतीय रिजर्व बैंक ने नहीं बढ़ाई ब्याज दर

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वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की तुलना में मुद्रास्फीति को दी जा रही है प्राथमिकताआज विश्व के समस्त देश आर्थिक विकास के एजेंडा पर कम ध्यान देते हुए मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के प्रयासों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। हालांकि मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति के साधनों में सुधार करने पर पूरा ध्यान होना चाहिए परंतु बाजार में उत्पादों की मांग कम करने के उद्देश्य से समस्त देश केवल ब्याज दरों में लगातार वृद्धि करते पाए जा रहे हैं। ब्याज दरों में लगातार बढ़ौतरी से न केवल वित्त की उपलब्धता पर विपरीत प्रभाव दिखाई देने लगता है बल्कि वित्त की लागत भी बढ़ने लगती है, जिससे बाजार में उत्पादों की मांग कम होने लगती है, उत्पादन गतिविधियों में ठहराव आता है, बैकों की लाभप्रदता पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है एवं रोजगार के अवसर कम होने लगते हैं। कुल मिलाकर, पूरा आर्थिक चक्र ही विपरीत रूप से प्रभ...
दिल्ली एम्स का कायाकल्प

दिल्ली एम्स का कायाकल्प

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
*रजनीश कपूरदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं और वेदावा करती हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर बनाएँगी। पर अधिकतर राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहालहै। स्वास्थ्य मंत्रालयों के पास इन सब के लिये बड़ा बजट भी होता है। परंतु इस दिशा में उस गति से कार्य नहीं होतेजिस गति से होने चाहिये। ज़्यादातर पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। इसलिए देश भर से मरीज़ इलाज के लिएदिल्ली के एम्स का रुख़ करते हैं। इसी कारण यहाँ पर मरीज़ों की भीड़ लगी रहती है। परंतु आज जिस अनुभव कोआपके साथ साझा कर रहा हूँ, वो आपको अच्छा लगेगा।कुछ दिन पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जाना हुआ। चूँकि मेरा नाता एम्स के साथसन् 1991 से है इसलिए वहाँ के चप्पे-चप्पे से वाक़िफ़ हूँ। परंतु जैसे ही मुझे पता चला कि एम्स की न्यू राजकुमारीअमृत कौर...
संवेदनशील क्षेत्रों में हिंसा का मुकाबला।

संवेदनशील क्षेत्रों में हिंसा का मुकाबला।

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विकास कार्यक्रमों और दृष्टिकोणों से हिंसा का मुकाबला करने में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। "राजस्थान मदरसा बोर्ड" पहल राज्य में पारंपरिक इस्लामी स्कूलों (मदरसों) के आधुनिकीकरण पर केंद्रित है। धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को शामिल करके, इसने छात्रों को अधिक सर्वांगीण शिक्षा प्रदान की। परिणामस्वरूप, छात्र चरमपंथी विचारधाराओं के प्रति कम संवेदनशील हो गए। आंध्र प्रदेश में "सद्भावना" परियोजना का उद्देश्य विविध समुदायों के बीच सामाजिक एकता को बढ़ावा देना है। इसने विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को सामुदायिक कार्यक्रमों, खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक साथ लाया। इससे समझ बढ़ी, अविश्वास कम हुआ और समुदायों के बीच मजबूत संबंध बनाने में मदद मिली। "उड़ान" कार्यक्रम कश्मीर घाटी में युवाओं को कौशल विकास और नौकरी प्रशि...