Shadow

राष्ट्रीय

9 अगस्त : काॅकोरी काँड और भारत छोड़ो आँदोलन

9 अगस्त : काॅकोरी काँड और भारत छोड़ो आँदोलन

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
स्वाधीनता के सूर्योदय के लिये निर्णायक आँदोलन का उद्घोष --रमेश शर्मा भारत के स्वाधीनता आँदोलन 9 अगस्त वह ऐतिहासिक तिथि है जब स्वतंत्रता केलिये निर्णायक संघर्ष का उद्घोष हुआ था । इसलिए इसे अगस्त क्रान्ति कहा जाता है ।स्वाधिनता आँदोलन के इतिहास में यह नौ अगस्त की तिथि दो महत्वपूर्ण स्मृतियों से जुड़ी है । पहली तिथि 9 अगस्त 1925 है इसदिन क्राँतिकारी आँदोलन को गति देने केलिये काॅकोरी रेल्वे स्टेशन पर सरकारी खजाना लूटा गया था । और दूसरी तिथि 9 अगस्त 1942 है जब अहिसंक आँदोलन को निर्णायक स्वरूप देने के लिये अंग्रेजो भारत छोड़ो आँदोलन आरंभ हुआ था । इस आँदोलन का आव्हान गाँधी जी ने किया था पर एक रात पहले ही 8 अगस्त को गाँधी जी सहित सभी कांग्रेस नेता बंदी बना लिये गये थे इसलिए इस आँदोलन में अधिकांश भागीदारी जन सामान्य की थी । जन सामान्य की भागीदारी के कारण ही इस आँदोलन को अगस्त क्राँति नाम मिल...
भाजपा ही नहीं विपक्षी राज्यों में भी हुई हिंसा

भाजपा ही नहीं विपक्षी राज्यों में भी हुई हिंसा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
हिंसा के तरीके और प्रकृति लंबी तैयारियों और प्रशिक्षण का संकेत देते हैंअवधेश कुमार भाजपा शासित दो राज्यों मणिपुर तथा उसके बाद हरियाणा के नूंह और आसपास की भयानक हिंसा ने पूरे देश के सामूहिक मानस को हिला दिया है। एक प्रश्न आम लोग उठा रहे हैं कि आखिर भाजपा के राज्य में ही ऐसी ज्यादा हिंसा क्यों हो रही है? क्या वाकई भाजपा शासित राज्यों में ही ज्यादा हिंसा हो रही है?• भाजपा शासित राज्यों हरियाणा और मणिपुर के अलावा उत्तराखंड, गुजरात ,कर्नाटक, महाराष्ट्र में भी हमने सांप्रदायिक हिंसा की अग्नि जलती हुई देखी है। महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम पर हिंसा हो गई ।• दिल्ली की कानून व्यवस्था गृह मंत्रालय के तहत है। पिछले महीने मुहर्रम के दौरान हिंसा दिखी और अभी भी नागलोई में कई बसें क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ी हुई हैं। पिछले वर्ष हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान ऐसी हिंसा हुई कि जहांगीरपुरी मोहल्ला अभ...
मणिपुर हिंसा

मणिपुर हिंसा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
मणिपुर राज्य, हमारे पड़ौसी देश म्यांमार की सीमा से लगा हुआ भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक बहुत ही सुन्दर राज्य है। मणिपुर नाम दो शब्दों के योग से बना है - मणि + पुर, मणि का अर्थ अमूल्य तथा पुर का अर्थ स्थान होता है, अर्थात् मणिपुर का अर्थ है एक ऐसा स्थान जो अमूल्य है। यहाँ की अप्रितम सुन्दरता के कारण ही मणिपुर को ‘भारत का गहना‘ नाम से भी जाना जाता है। यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की प्रचुरता, अथाह शुद्ध जल की उपलब्धता, प्राकृतिक सुन्दरता की असीम कृपा आदि सभी कुछ ईश्वर द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। जहाँ चहुँ ओर प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है, ऐसे प्रदेश में अशान्ति का प्रसार होना सम्पूर्ण भारत देश के लिए अत्यंत दुख का विषय है। दुख इस बात का भी है कि जो निवासी कभी परस्पर भाईचारे के साथ रहते थे, आज वहीं लोग एक-दूसरे को लूट रहे हैं, जला रहे हैं, खून के प्यासे हो गए हैं। हजारों प्रदेश व...
<strong>किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?</strong>

किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आर.के.सिन्हा आप देख ही रहे होंगे कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी “समान नागरिक संहिता” को लागू करने की कोशिशें फिर से शुरू होते ही कठमुल्ला मुसलमान और कई तरह के राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी तत्व लामबंद होने लगे हैं वे कहने लगे हैं कि वे इस कानून को कतई स्वीकार नहीं करेंगे।  इसके साथ ही वे भी इसका विरोध कर रहे हैं जो कुछ वर्षों से दलित-मुस्लिम एकता के बड़े पैरोकार होने का दावा करते हैं। अब उन्हें यह कौन बताए कि बाबा साहेब आंबेडकर ने यूनिफोर्म सिविल कोड को देश के लिये निहायत जरूरी बताया था। बाबा साहेब ने 23 नवंबर 1948 को संविधान सभा की बहस में यूनिफोर्म सिविल कोड के हक में जोरदार भाषण दिया था । जो मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ के लिए मरने-मारने की बातें कर रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्हें शरीयत कानून इतना ही प्रिय है तो वे बैंकों से मिलने वाले ब्याज को ...
श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ शिलान्यास के 03 वर्ष

श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ शिलान्यास के 03 वर्ष

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
प्रणय विक्रम सिंह आज का दिन भारत की आस्था, अस्मिता, स्वाभिमान और गौरव की पुनर्स्थापना का दिवस है। काल के कपाल पर मानव सभ्यता के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के कालजयी प्रतीक के रूप में अंकित आज के दिन ही 03 वर्ष पूर्व श्रीरामजन्मस्थान पर भव्य-दिव्य राम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ का शिलान्यास हुआ था। यह सामान्य दिवस नहीं है, इसके लिए तो पांच शताब्दियों का अविराम संघर्ष, ‘अहिल्या’ सदृश प्रतीक्षा एवं घायल जटायु के समान आर्तनाद करती सांस्कृतिक चेतना की आहत हुंकार युगों से बांट जोह रही थी। पुत्र रक्त में नहाई हुई धर्मनगरी अयोध्या, आज सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्रीरामलला के भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण की गतिशीलता से स्वयं के संघर्ष को सुफलित होती देख रही है। आज आस्था के प्रांजल भाव से प्रेरित आत्मोत्सर्ग की अपरिमित भक्त शृंखलाओं की अकथनीय 'त्याग ऋचाएं' राम नगरी अयोध्या के उल्लासित वातावरण में स्प...
तो क्या विकास खाओगे ?

तो क्या विकास खाओगे ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
क्या आप जानते हैं कि पिछले सात वर्षों में देश में अमरूद का उत्पादन 80 - 90% तक कम हो गया है! क्यों?पिछले तीन वर्ष में गेहूं का उत्पादन 20%, कपास का 30%, चीनी का 10% तक कम उत्पादन हो गया है। इस वर्ष मिर्ची, अदरक ,टमाटर, लीची और आम आधे ही हुए हैं तो सेब बड़ी मात्रा में गल गया है। धान भी 20 - 30 % तक कम होने का अनुमान है। इस कारण पशुओं को मिलने वाला चारा भी कम हो गया और दूध का उत्पादन भी 10 से 15% कम हो चुका है। जरा सोचिए, अगर यही क्रम कुछ और साल चला तो क्या होगा?देश बहुत तेज विकास कर रहा है। विश्व में सबसे तेज। पर जब भूख लगेगी तो क्या आप विकास को खा सकते हो ? कहीं अनाज, फल सब्जियों के कम उत्पादन का कारण तीव्र विकास और उससे उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग तो नहीं?ज़रा सोचिए कहीं अंधे कुँए में तो नहीं धकेले जा रहें हैं आप ? ...
राहुल गांधी को राहत देने वाले जज गवई के पिता-भाई कांग्रेसी

राहुल गांधी को राहत देने वाले जज गवई के पिता-भाई कांग्रेसी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
नैतिकता का हनन या न्याय की जीत राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम ब्रम्हास्त्र से करेंगे मोदी का शिकार =================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती राहुल गांधी की राहत पर प्रश्न चिन्ह भी लगे हैं, कोई न्याय कह रहा है तो कोई नैतिकता का प्रश्न भी उठा रहा है। लोकतंत्र में सबको अपने-अपने विचार रखने की आजादी है। फिलहाल कांग्रेस को संजीवनी तो जरूर मिली हुई है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ब्रम्हास्त्र पर सवार होकर राहुल गांधी मोदी का राजनीतिक और चुनावी शिकार करेंगे? इस मिले अवसर का राहुल गांधी कितना लाभ उठायेंगे?राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले प्रकरण पर राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज बीआर गवई की परिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेसी रही है। गवई ने खुद कहा था कि उनके पिता कांग्रेसी थे, उनके पिता का कांग्रेस से लगाव सर्वश्रेष्ठ था, उनके भाई आज भी कांग्रेसी हैं। गवई के भाई कांग्र्रेस के स...
बढ़ते तापमान की गिरफ्त में उत्तरी गोलार्ध, बढ़ रहा गर्मी, लू और दावाग्नि का जोखिम

बढ़ते तापमान की गिरफ्त में उत्तरी गोलार्ध, बढ़ रहा गर्मी, लू और दावाग्नि का जोखिम

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
बढ़ते तापमान के चलते अमेरिका से लेकर चीन तक पूरा उत्तरी गोलार्ध भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। वहीं भारत, जापान, दक्षिण कोरिया ने बाढ़ के कहर का सामना किया By Lalit Maurya  बढ़ते तापमान के साथ धधकते जंगल, फोटो: आईस्टॉक अमेरिका से लेकर चीन तक पूरा उत्तरी गोलार्ध इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। इसकी वजह से न केवल लोगों का स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस बाबत विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने सोमवार को जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि उत्तरी गोलार्ध का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। इसकी वजह से भारी विनाश हुआ है, अनेक लोग हताहत हुए हैं, जबकि हजारो को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बढ़ते तापमान का असर न केवल धरती पर बल्कि समुद्रों को भी निशाना बना रहा है। गौरतलब है कि गत सप्ताह डब्ल...
राष्ट्र-चिंतन चीन की कब्र खोद रही है बीआरआई

राष्ट्र-चिंतन चीन की कब्र खोद रही है बीआरआई

TOP STORIES, राष्ट्रीय
==================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती कहते हैं कि कुंआ कोई दूसरे लिए नहीं खोदता है, अपने लिए खोदता है, चीन ने एक ऐसा कुंआ खोदा था जिसमें डूबो कर भारत और अमेरिका को मारना चाहता था और भारत व अमेरिका की आर्थिक प्रगति के विस्तार को रोकना चाहता था, विध्वंस करना चाहता था, इतना ही नहीं बल्कि कूटनीति के क्षेत्र में वैश्विक वर्चस्व को स्थापित करना चाहता था। ऐसी अंहकार भरी और साजिश पूर्ण योजना के लिए बहुत बडे-बडे हथकंडे अपनाये गये थे, झूठ का बीजारोपन हुआ था, लालच दिखाया गया था, रातोरात आर्थिक शक्ति बनने का सपना दिखाया गया था। चीनी हथकंडे और लालच तथा साजिश में बहुत सारे देश शामिल हो गये, बहुत सारे देश अपनी अस्मिता और स्वतंत्रता की कीमत पर भी शामिल हो गये, यह देखने की कोशिश भी नहीं हुुई कि इस चीनी हथकंडे का कोई दुष्परिणाम भी हो सकता है, भविष्य में आर्थिक विध्वंस का कारण बनेगी, विकास को...
सांसदों और विधायकों के लिए ‘नो वर्क- नो पे’ की नीति लागू की जाए

सांसदों और विधायकों के लिए ‘नो वर्क- नो पे’ की नीति लागू की जाए

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
केवल राजनेताओं को ही मजा क्यों लेना चाहिए? हम संसद में गतिरोध, व्यवधान देख रहे हैं और यह चलन बढ़ रहा है। राजनेता हमारे पैसे पर सवार हैं, अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर रहे हैं, अपने निहित स्वार्थ के लिए संसद का कामकाज बंद कर रहे हैं, उन्हें बर्बाद किए गए समय के लिए पैसे का दावा करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। वेतन कटौती के साथ-साथ, उन्हें सत्र के दौरान मिलने वाली सभी सुविधाओं और सुविधाओं के भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए। व्यवधान और विवाद करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यदि कोई अपने काम में ईमानदार नहीं है, तो उसे भुगतान क्यों किया जाएगा। उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। सत्र के दौरान संसद अस्सी दिनों तक चलती है। प्रत्येक दिन मात्र छह घंटे काम होता है। अगर संसद पर होने वाले कुल सालाना खर्च को ध्यान में रखें तो सदन चलाने में हर मिनट का 2.5 लाख रुपए खर्च आता है। किसी भी तरह, प...