
जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर
आर.के. सिन्हा
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पहले वाइस चांसलर गोपालस्वामी पार्थसारथी (जीपी) तथा इसके मुख्य आर्किटेक्ट सी.पी. कुकरेजा की आत्मा रह-रह कर परेशान होती होगी, क्योंकि; उन्होंने जिस जेएनयू को खून-पसीना एक करके खड़ा किया वहां से प्राय: कोई बेहतर खबर सुनने को मिलती ही नहीं। झगड़ा, धरना, विवाद, आपत्तिजनक पोस्टरबाजी, देश विरोधी गतिविधियों आदि के चलते जेएनयू की प्रतिष्ठा धूल में मिल रही है। अब ताजा मामले को ही लें। जेएनयू की दीवारों पर शर्मनाक नारे लिखे गए। वहां की दीवारों पर दो जातियों क्रमश: ब्राह्मणों तथा बनियों को भारत और जेएनयू छोड़ने के लिये नारे लिखे गये थे। जेएनयू हो या कोई और जगह या समूचा देश, सभी को सब जगह रहने, जीने और काम करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान ने हर भारतीय को दिया है। इसलिए ऐसे ...