Shadow

आर्थिक

New properly designed ten-rupee coins should be issued: Discontinue further printing of ten and one rupee notes

New properly designed ten-rupee coins should be issued: Discontinue further printing of ten and one rupee notes

आर्थिक
Bimetallic brass-steel (yellow-white) other than commemorative ten-rupee coins have basic design-faults with denomination numeral ‘10’ crossing haphazardly outside the white steel-made portion of the bimetallic coin giving an ugly look to the coin. Likewise ten rays on yellow portion cross to the white portion. Security Printing & Minting Corporation of India Limited (SPMCIL), Reserve Bank of India (RBI), Department of Economic Affairs (DoEA) and/or any concerned public-authority should rectify the design-fault to make ten-rupee coins attractive. Since size of ten-rupee coins is quite larger than the only other yellow coin of rupee-five denomination, ten-rupee coins can also be of single brass (yellow) metal in case minting-cost of bimetallic coins is higher as compared to single-metal coi...
GST should be simplified for being really good and simple

GST should be simplified for being really good and simple

आर्थिक
Prime Minister at special mid-night Parliamentary session on 30.06.2017 for launch of GST termed full form of GST as Good and Simple Tax. But GST in its present form is full of complications and complexities. Goods and Service Tax-GST is launched to simplify the tax-system. But its rate-structure unfortunately is complex through imposition of cess over maximum GST-rate of 28-percent. Also GST-rates are not in multiples of some common factor. Best would have been to have GST-rates in multiples of six at 6, 12, 18, 30 and thereafter in multiples of 30 like 60, 90, 120 etc. A smaller GST-rate of 3-percent for some very specific commodities and services like on gold jewellery and transport-service could be logical. It is illogical to have five-percent GST on transporation-services where net pr...
चार्टेड एकाउंटेंट दिवस के अवसर पर पटना में GST पर आयोजित सम्मेलन में केन्द्रीय कृषि मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह का सम्बोधन

चार्टेड एकाउंटेंट दिवस के अवसर पर पटना में GST पर आयोजित सम्मेलन में केन्द्रीय कृषि मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह का सम्बोधन

आर्थिक, जीवन शैली / फिल्में / टीवी
देवियों और सज्जनों, माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी का शुभारंभ हो चुका है। आपको बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि स्वतंत्रता के बाद कराधान व्यवस्था में माल और सेवा कर (जीएसटी) सबसे बड़ा सुधार है। सज्जनों, यह सहकारी संघवाद में एक महान प्रयोग है जहां केन्द्र और राज्यों ने अपनी संप्रभुता समायोजित की है - सभी निर्णय एकमत होकर लिए गये हैं। देश भर में वस्तुओं के मुक्त प्रवाह के लिए टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाओं को दूर करके एक आम राष्ट्रीय बाजार का निर्माण किया गया है जहां कोई चेक व्यवस्था अर्थात कोई नाका नहीं होगा। आपको मैं बता दूं कि करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच इंटरफेस की संख्या को कम करके अनुपालन लागत को कम करना तथा सभी प्रक्रियाओँ चाहे वे कारोबार की हो अथवा कर प्रशासन की हों, सभी में सूचना प्रौद्योगिकी को गहन रूप से अपनाया जाएगा। मैं आपको बताना चाहता हूं जीएसटी अपनाने से केन्द्रीय उत्...
बनावटी कोलाहाल के बीच भारत में आता भारी विदेशी निवेश

बनावटी कोलाहाल के बीच भारत में आता भारी विदेशी निवेश

आर्थिक
आर.के. सिन्हा अभी कुछ दिन पहले समाचार पत्रों में एक छोटी सी खबर छपी। खबर थी भारत में वर्ष 2016 में 62.3 अरब डॉलर प्रत्यक्ष पूंजी निवेश (एफडीआई) हुआ। खबर महत्वपर्ण थी।परन्तु, ज़्यादातर मीडिया ने इसे जितना महत्व देना चाहिए था नहीं दिया। कारण उनके मालिकों को पता होगा या फिर उनके राजनीतिक आकाओं को जिनके इशारे पर वे नाचते हैं। भारत से अधिक एफडीआई अन्य किसी देश को नहीं मिली। यकीन मानिए भारत में अमेरिका तथा चीन से भी अधिक एफडीआई आई। पर मजाल है कि किसी खबरिया चैनल ने इस पर भी बहस करवाई हो। उसमें आए पंडितों ने यह कहा हो कि क्यों भारत संसार में निवेश का सबसे बेहतरीन स्थान बन चुका है। देश में असहिष्णुता के सवाल पर बेवजह बहस चलाई जा रही है। कहा जा रहा है कि सरकार कुछ कर ही नहीं रही। कहने वाले जो भी कहें, देश विकास के रास्ते पर चल रहा है। दुनियाभर के बड़े निवेशक भारत में अपनी पूंजी को लगाने क...
NEW ERA OF INVESTMENT

NEW ERA OF INVESTMENT

आर्थिक
R.K. SINHA Recently, newspapers carried a small news telling that in the year 2016, Foreign Investment n India stood at record 62.3 billion US doallars. Most of newspapers played it down; may be at the behest of their owners or at the call of some politicians. No other country including China and the United States of America received FDI that India got in one last year. But no news channel cared to discuss the development that puts India at the top destination for foreign investment. On the contrary, there is unwarranted debate on news channels on “intolerance” as if nothing else is happening in the country, the government is doing nothing. Let people say whatever they want but the fact can’t be brushed aside or ignored that India is attacting investment from foreign investors and...
जीएसटी युग में प्रवेश

जीएसटी युग में प्रवेश

आर्थिक
सोनाली मिश्रा से जैसे 30 जून का दिन नजदीक आ रहा है वैसे वैसे जीएसटी पर बहस और तेज होती जा रही है। जीएसटी अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल (वस्तु एवं सेवा कर विधेयक) एक बहु चर्चित विधेयक है, जो 1 जुलाई 2017 से प्रभावी हो जाएगा। इसमें पूरे देश में एक समान मूल्य वर्धित कर लगाने का प्रावधान है। जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है। सरल शब्दों में कहा जाए तो यह देश की अखंडता को मजबूत करने वाला कर है। यह एक देश और एक कर अर्थात समान कर को व्यञ्चत करता है। उत्पादों पर विभिन्न प्रकार के करों से छुटकारा मिलेगा। हर उत्पाद पर हर राज्य में कई प्रकार के कर लगाए जाते हैं, और यही संभवतया राज्यों में वस्तुओं के मूल्यों में अंतरों का सबसे बड़ा कारण है। जीएसटी एक ऐसी औषधि के रूप में सामने आ रहा है, जो भारत की कर रूपी बीमारी का सही इलाज करेगी। जीएसटी संशोधन भारत के संविधान का 122 वां संशोधन है। जीएसटी को कर सुधार क...
राष्ट्रपति का संबोधन वस्तु और सेवा कर का शुभारंभ संसद का केंद्रीय कक्ष 30 जून, 2017

राष्ट्रपति का संबोधन वस्तु और सेवा कर का शुभारंभ संसद का केंद्रीय कक्ष 30 जून, 2017

आर्थिक, जीवन शैली / फिल्में / टीवी
1. हम अब से कुछ मिनटों में देश में एक एकीकृत कर प्रणाली लांच होते हुए देखेंगे। यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर 2002 में प्रारंभ हुई चौदह वर्ष पुरानी यात्रा का परिणाम है जब अप्रत्यक्ष करों के बारे में गठित केलकर कार्य बल ने मूल्यवर्धित कर सिद्धांत पर आधारित विस्तृत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का सुझाव दिया था। जीएसटी का प्रस्ताव सबसे पहले वित्त वर्ष 2006-07 के बजट भाषण में आया था। प्रस्ताव में न केवल केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले अप्रत्यक्ष कर में सुधार बल्कि राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले करों में सुधार भी शामिल था। इसकी डिजायन और इसे लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार करने की जिम्मेदारी राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति को दी गई जिसे पहले मूल्यवर्धित कर(वैट) लागू करने का दायित्व दिया गया था। अधिकार प्राप्त समिति ने नवंबर, 2009 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर पहल...
जीएसटी के तहत किसी भी प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करने का अधिकार देने के संबंध में अप्रयुक्त सेनवैट क्रेडिट को आगे ले जाना; सेनवेट क्रेडिट नियमों को संशोधित किया गया ताकि ‘नियत दिवस’ से एकदम पहले दिवस को अप्रयुक्त रही ऐसी सेवाओं के संबंध में सेनवैट क्रेडिट उपलब्ध कराया जा सके

जीएसटी के तहत किसी भी प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करने का अधिकार देने के संबंध में अप्रयुक्त सेनवैट क्रेडिट को आगे ले जाना; सेनवेट क्रेडिट नियमों को संशोधित किया गया ताकि ‘नियत दिवस’ से एकदम पहले दिवस को अप्रयुक्त रही ऐसी सेवाओं के संबंध में सेनवैट क्रेडिट उपलब्ध कराया जा सके

आर्थिक, जीवन शैली / फिल्में / टीवी
सेनवेट क्रेडिट नियम, 2004 में प्रावधान किया गया है कि सरकार, स्थानीय प्राधिकरण या अन्य व्यक्ति द्वारा प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करने का अधिकार देने पर एक मुश्त प्रभार जो पूरी तरह या किश्तों में देय हों उन पर वित्तीय वर्ष में सेवा कर का क्रेडिट अदा किया जाए। इसे तीन वर्ष की अवधि में बराबर-बराबर बांट दिया जाएगा। सेनवेट क्रेडिट नियमों को अधिसूचना संख्या 15/2017-केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (एनटी) दिनांक 12.06.2017 द्वारा संशोधित किया गया है ताकि सेनवेट क्रेडिट नियमों को संशोधित किया जा सके, ताकि 'नियत दिवस' से एकदम पहले दिवस को अप्रयुक्त रही ऐसी सेवाओं के संबंध में सेनवैट क्रेडिट उपलब्ध कराया जा सके और उसका उसी दिन पूरी तरह उपयोग किया जा सके। नियत दिन का अर्थ है वह दिन जब केंद्रीय जीएसटी लागू हुआ। इस संशोधन से सेवा प्राप्त करने वाले जीएसटी शासन के तहत अप्रयुक्त सेवा कर के क्रेडिट को आगे ले...
कैबिनेट सचिव ने जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 से सुगमता से लागू करने के लिए पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक की, विभिन्‍न विभागों के सचिवों, सीएमडी और सीपीएसयू को जीएसटी का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उनके सं‍बंधित हितधारकों को पूरी जिम्‍मेदारी लेने को कहा

कैबिनेट सचिव ने जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 से सुगमता से लागू करने के लिए पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक की, विभिन्‍न विभागों के सचिवों, सीएमडी और सीपीएसयू को जीएसटी का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उनके सं‍बंधित हितधारकों को पूरी जिम्‍मेदारी लेने को कहा

BREAKING NEWS, आर्थिक
कैबिनेट सचिव श्री पी के सिन्‍हा ने आज वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 1 जुलाई, 2017 से सुगमता से लागू करने के लिए पूर्व तैयारियों की विस्‍तृत समीक्षा बैठक की। कैबिनेट सचिव ने उनके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले 30 मंत्रालयों/ विभागों और केंद्र सरकार के जीएसटी से जुड़ी समीक्षा बैठक और लगभग 167 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) के सीएमडी/सीईओ को जीएसटी के सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उनके सं‍बंधित हितधारकों को पूरी जिम्‍मेदारी लेने को कहा है। कैबिनेट सचिव श्री सिन्‍हा ने विभिन्‍न्‍ मंत्रालयों और सीपीएसयू द्वारा 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने के लिए की जा रही तैयारियों को लेकर संतोष व्‍यक्‍त किया। हालांकि, उन्‍होंने संबंधित हितधारकों को जागरूक और इस प्रक्रिया में शामिल करके इसे सफल बनाने में कोई कमी न रहे। ताकि जीएसटी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए किसी तरह क...
Affidavit and ID proof be must for filing complaints against government-employees- RTI petitions be also accompanied with ID proof

Affidavit and ID proof be must for filing complaints against government-employees- RTI petitions be also accompanied with ID proof

आर्थिक, सामाजिक
Many persons including mainly from those involved in yellow journalism file complaints at times anonymous against government employees with dozens of copies marked to number of authorities like including President, Prime Minister, Chief Justice, Governor, Lt Governor, Chief Minister, Central Vigilance Commissioner, Police Commissioner....etc thus unnecessarily burdening the system with complaints at times non-genuine. Certain mischievous persons misuse name of known activists by sending such complaints under their names with forged signatures, which causes unnecessary embarrassments to those whose names are misused for sending such complaints. At times, targeted government-employees serve notices for defamation to those whose names were misused in filing complaints. Department of P...