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UPI: डॉलर की बादशाहत होगी खत्म! इंडोनेशिया में यूपीआई को लेकर भारत का बड़ा प्लान, रुपये में होगा लेन-देन

UPI: डॉलर की बादशाहत होगी खत्म! इंडोनेशिया में यूपीआई को लेकर भारत का बड़ा प्लान, रुपये में होगा लेन-देन

आर्थिक, समाचार
*सिंगापुर और UAE के बीच यूपीआई (Unified Payment Interface) की सुविधा शुरू होने के बाद इंडोनेशिया ऐसा तीसरा देश बनने जा रहा है जहां यह डिजिटल पेमेंट सुविधा मिलेगी।* ◆  भारत की UPI पेमेंट प्रणाली को लेकर फ्रांस के साथ समझौता हुआ है। जिसकी शुरुआत एफिल टावर से की जाएगी। ◆  भारतीय मुद्रा तेजी से इंटरनेशनल करेंसी बनने की तरफ आगे बढ़ रही है. ◆  विदेशी व्यापार में डॉलर की निर्भरता कम करने के लिए भारत की तरफ से उठाया कदम कारगर साबित हो रहा है. ◆  Rupee में कारोबार पर 64 देशों ने दिखाई दिलचस्पी ◆  अगर 30 देशों के साथ भारत का रुपए में कारोबार शुरु हो गया तो फिर रुपया अंतरराष्ट्रीय करेंसी बन जाएगा. *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ्रांस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की शुरुआत की घोषणा के कुछ दिनों बाद, यह सामने आया है कि भारत, इंडोनेशिया में भी इसी...
वैश्विकबाजारीशक्तियां सनातन भारतीय संस्कृति को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं

वैश्विकबाजारीशक्तियां सनातन भारतीय संस्कृति को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं

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सनातन भारतीय संस्कारों के अनुसार भारत में कुटुंब को एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में स्वीकार किया गया है एवं भारत में संयुक्त परिवार इसकी परिणती के रूप में दिखाई देते है। परंतु, पश्चिमी आर्थिक दर्शन में संयुक्त परिवार लगभग नहीं के बराबर ही दिखाई देते हैं एवं विकसित देशों में सामान्यतः बच्चों के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करते ही, वे अपना अलग परिवार बसा लेते हैं तथा अपने माता पिता से अलग मकान लेकर रहने लगते हैं। इस चलन के पीछे संभवत आर्थिक पक्ष इस प्रकार जुड़ा हुआ है कि जितने अधिक परिवार होंगे उतने ही अधिक मकानों की आवश्यकता होगी, कारों की आवश्यकता होगी, टीवी की आवश्यकता होगी, फ्रिज की आवश्यकता होगी, आदि। लगभग समस्त उत्पादों की आवश्यकता इससे बढ़ेगी जो अंततः मांग में वृद्धि के रूप में दिखाई देगी एवं इससे इन वस्तुओं का उत्पादन बढ़ेगा। ज्यादा वस्तुएं  बिकने से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की लाभप्रदता में...
गरीबी उन्मूलन एवं आर्थिक उन्नति के सुखद संकेत

गरीबी उन्मूलन एवं आर्थिक उन्नति के सुखद संकेत

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- ललित गर्ग-आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करते हुए गरीबमुक्त भारत के संकल्प को भी आकार देने के शुभ संकेत मिलने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार ने वर्ष 2047 के आजादी के शताब्दी समारोह के लिये जो योजनाएं एवं लक्ष्य तय किये हैं, उनमें गरीबी उन्मूलन के लिये भी व्यापक योजनाएं बनायी गयी है। इससे पूर्व मं बनायी मोदी सरकार की योजनाओं के गरीबी उन्मूलन के चमत्कारी परिणाम आये हैं। हाल ही में जारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बताया गया कि पिछले पंद्रह वर्षों में भारत 41.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा के ऊपर उठाने में कामयाब हुआ है। निस्संदेह, यह खबर भारतीय अर्थव्यवस्था की सुखद तस्वीर पेश करती है। एक और दूसरी सुखद आर्थिक संकेत देने वाली खबर यह आयी है कि मशहूर वित्तीय एजेंसी गोल्डमेन सैक्स के अनुसार भार...
अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत गहरा असर डाल रहा रूस यूक्रेन युद्ध !

अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत गहरा असर डाल रहा रूस यूक्रेन युद्ध !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ रूस यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है और इस युद्ध को चलते हुए सवा साल से भी अधिक का समय हो गया है। दोनों ही देशों में कोई भी देश युद्ध में पीछे हटने को तैयार नहीं है और लगातार युद्ध जारी है। इसी बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुतिन से फोन पर बातचीत कर एक बार फिर से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की अपील की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आपसी बातचीत और कूटनीति के जरिए इस मामले का हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। पुतिन ने प्रधानमंत्री की सलाह को गंभीरता से सुना है, लेकिन यूक्रेन पर यह आरोप लगाया कि वह रूस से बातचीत और कूटनीति से साफ इनकार करता है। यह पहली बार नहीं है जब भारत के प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम को लेकर ऐसी अपील की है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील की थी। जानकारी देना चाहूंगा कि ...
<strong>प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान सम्पन्न हुए समझौतों से तेज होगी भारत के विकास की रफ्तार एवं निर्मित होंगे रोजगार के नए अवसर</strong>

प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान सम्पन्न हुए समझौतों से तेज होगी भारत के विकास की रफ्तार एवं निर्मित होंगे रोजगार के नए अवसर

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वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं चतुर्थ तिमाही के हाल ही में जारी किए गए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास सम्बंधी आंकड़ों से यह आभास हुआ है कि भारत में आर्थिक विकास दर उम्मीद से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर7.2 प्रतिशत की रही है एवं जनवरी-मार्च 2023 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी है। जबकि अक्टोबर-दिसम्बर 2022 की तृतीय तिमाही में आर्थिक विकास दर 4.5 प्रतिशत की रही थी। भारत में आर्थिक विकास दर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा पूर्व में किए गए अनुमानों से कहीं अधिक रही है। निश्चित ही, वित्तीय वर्ष 2022-23 के आर्थिक विकास सम्बंधी आंकडें बेहद उत्साहजनक रहे हैं। भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर विश्व की अन्य समस्त बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर रही है एवं भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से आग...
भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

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भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी आज भी ग्रामीण इलाकों में रहती है एवं इसमें से बहुत बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। यदि ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों की आय में वृद्धि होने लगे तो भारत के आर्थिक विकास की दर को चार चांद लगाते हुए इसे प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत से भी अधिक किया जा सकता है। इसी दृष्टि से केंद्र सरकार लगातार यह प्रयास करती रही है किसानों की आय को किस प्रकार दुगुना किया जाय। इस संदर्भ में कई नीतियों एवं सुधार कार्यक्रम लागू करते हुए किसानों की आय को दुगुना किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अप्रेल 2016 में इस सम्बंध में एक मंत्रालय समिति का गठन भी केंद्र सरकार द्वारा किया गया था एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए सात स्त्रोतों की पहचान की गई थी, इनमे शामिल हैं, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करना, पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि करना, संसाधन के उपयोग मे...
अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से मिली “टी शर्ट’ की ट्विटर पर तस्वीर साझा की है और लिखा, 'भविष्य एआई का है, चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अमेरिका-भारत।' प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि जब हम एक साथ मिलकर काम करते हैं तो हमारे राष्ट्र मजबूत होते हैं। साथ ही पूरी दुनिया को फायदा पहुंचता है। उनकी अमेरिका की इस राजकीय यात्रा को भी इस मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इससे उद्योग व व्यापारिक रिश्तों को नये आयाम मिले हैं। दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत का पता इस बात से चलता है कि पिछले एक दशक में दोनों देशों का व्यापार दुगना और चीन से ज्यादा हो गया है। जो न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक आर्थिकी के भी अनुकूल है। दरअसल, अमेरिकी मदद से दोस्त से दानव बन अमेरिका को चुनौती दे रहे चीन का विकल्प अमेरिका भारत के रूप में देखता है। यही वजह है कि कुछ मतभेदों के बावजूद अमेरिका भ...
अमृतकाल में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

अमृतकाल में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

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श्री एंगस मेडिसन दुनिया के जाने माने ब्रिटिश अर्थशास्त्री इतिहासकार रहे हैं। आपने विश्व के कई देशों के आर्थिक इतिहास पर गहरा अनुसंधान कार्य किया है। भारत के संदर्भ में आपका कहना है कि एक ईस्वी के पूर्व से लेकर 1700 ईस्वी तक भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित था। प्राचीन भारत में अतुलनीय आर्थिक प्रगति, भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुसार चलायी जा रही आर्थिक नीतियों के चलते ही सम्भव हो सकी थी। भारत में पिछले 9 वर्षों के दौरान भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे किए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन पुनः अब तेज गति से पटरी पर दौड़ने लगा है। लगभग समस्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान भी लगातार बता रहे हैं कि आगे आने वाले समय में भारत में आर्थिक विकास की दर पूरे विश्व में सबसे अधिक रहने वाली है एवं आर्थिक क्षेत्र में केवल वर्तमान दशक ही नहीं बल्कि वर्तमा...
छोटी छोटी बचतों से अर्थव्यवस्था को मिलता है बल

छोटी छोटी बचतों से अर्थव्यवस्था को मिलता है बल

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यह सनातनी संस्कार ही हैं जो भारत के नागरिकों को छोटी छोटी बचतें करना सिखाते हैं। भारतीय परम्पराओं के अनुसार हमारे बुजुर्ग हममें बचत की प्रवृत्ति बचपन में ही यह कहकर विकसित करते हैं कि भविष्य में आड़े अथवा बुरे वक्त के दौर में, पुराने समय में की गई बचत का बहुत बड़ा सहारा मिलता है। भारतीय परिवारों में तो गृहणियां घर खर्च के लिए उन्हें प्रदान की गई राशि में से भी बहुत छोटी राशि की बचतें करने का गणित जानती हैं एवं वक्त आने पर अपने परिवार के सदस्यों को उक्त बचत की राशि सौंप कर संतोष का भाव जागृत करती हैं। आजकल के आर्थिक दौर में केवल धन का अर्जन करना ही काफी नहीं है बल्कि अर्जित किए गए इस धन का कुछ भाग, बचत के रूप में सही स्थान पर सुरक्षित निवेश करना भी जरूरी है। यदि कमाए गए धन को बचत के रूप में निवेश नहीं किया जाता है तो उस राशि का बाजार में मूल्य, मुद्रा स्फीति के चलते, कम होते होते भव...
भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चंहुमुखी प्रगति

भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चंहुमुखी प्रगति

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प्राचीन भारत का इतिहास गवाही दे रहा है कि लगभग 500 वर्ष पूर्व भी भारत का सकल घरेलू उत्पाद में वैश्विक स्तर पर लगभग 25 प्रतिशत का योगदान था एवं विदेशी व्यापार में भी भारत विश्व में प्रथम स्थान पर था। परंतु, अरब आक्रांताओं एवं ब्रिटेन के शासन काल में भारत की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई एवं राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त करते समय तक यह रसातल तक पहुंच चुकी थी। वर्ष 1947 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पुनः सम्भलना शुरू किया एवं वर्ष 2014 के बाद से तो भारत ने आर्थिक विकास के मामले में तेज रफ्तार पकड़ ली है। भारत में प्राचीन काल में अधिकतर व्यापार समुद्रीय मार्ग के माध्यम से होता रहा है। 1000 वर्ष पूर्व भी भारत का समुद्री मार्ग विकसित अवस्था में था एवं यह दक्षिणी अफ्रीका एवं यूरोप के देशों के साथ जुड़ा हुआ था। साथ ही, लगभग 500 वर्ष पूर्व भारत में जी.टी. रोड का निर्माण हो चुका था, अतः देश ...