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घोटाला

BBC का मालिक कौन ? हर साल 32 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग तय*

BBC का मालिक कौन ? हर साल 32 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग तय*

BREAKING NEWS, TOP STORIES, घोटाला, समाचार
निलेश कुमार* पिछले साल BBC को तब बड़ा झटका लगा, जब ब्रिटिश सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए एनुअल टेलीविजन फीस पर रोक लगाने की घोषणा की. सरकार ने यह भी कहा कि 2027 तक वह फीस को पूरी तरह खत्म कर देगी. BBC Documentary: गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री बनाए जाने के बाद का बवाल अभी पूरी तरह थमा नहीं था कि उसके एजेंडे और फंडिंंग को लेकर सवाल उठने लगे. इस बीच दिल्ली स्थित हेड ऑफिस और मुंबई ऑफिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम पहुंची है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की टीम दिल्ली और मुंबई स्थित ऑफिस में सर्वे कर रही है. बीबीसी पर भारत समेत तीसरी दुनिया के देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के आरोप लगते रहे हैं और ऐसे में इसकी फंडिंग को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं, बीबीसी कैसे काम करती है, इसका संचालन कैसे होता है और कंपनी को चलाने के लिए इतना सारा पैसा आखिर कहां...
प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामले चिंताजनक

प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामले चिंताजनक

BREAKING NEWS, TOP STORIES, घोटाला, समाचार
किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा-व्यवस्था पर निर्भर करता है। शिक्षा के माध्यम से ही कोई भी समाज एवं देश तरक्क़ी की नई-नई इबारतें लिखता है। दुर्भाग्य से अपने देश की अधिकांश सरकारों द्वारा शिक्षा को प्राथमिकता-सूची में अंतिम पायदान पर रखने का चलन-सा बन गया है। यही कारण है कि तमाम सरकारी दावों और घोषणाओं के बावजूद हमारी शिक्षा-व्यवस्था वैश्विक कसौटियों पर पिछड़ी एवं कमज़ोर नज़र आती हैं। विकसित देशों और वर्तमान विश्व के साथ कदम-से-क़दम मिलाकर चलने के लिए हमें अपनी शिक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना होगा। नीतियों से लेकर क्रियान्वयन तक की खामियों को दूर करना होगा, व्यवस्था में व्याप्त छिद्रों को भरना होगा, शुचिता एवं पारदर्शिता लानी होगी। हमारे शिक्षा-तंत्र की हालत यह है कि शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहाँ किसी-न-किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों ...
नेपाल विमान हादसा: दोष किसका?

नेपाल विमान हादसा: दोष किसका?

घोटाला, विश्लेषण
रजनीश कपूरनेपाल के नागर विमानन के लिए 2023 की शुरुआत अच्छी नहीं हुई। पिछले 23 सालों में नेपाल की एयर स्पेस में17 विमान हादसे हो चुके हैं जिनमें 300 से ज़्यादा लोगों ने जान गवाई है। ऐसे हादसों के लिए क्या केवल मौसमऔर पहाड़ी इलाक़ा ही ज़िम्मेदार होता? क्या विमान की आयु, पायलट का अनुभव और विमान के रखरखावज़िम्मेदार नहीं होते? क्या मुनाफ़े के लालच से जन्मा भ्रष्टाचार ऐसे हादसों को दोषी नहीं होता?गत 15 जनवरी को नेपाल के पोखरा में हुए दर्दनाक विमान हादसे से दुनिया भर में सदमे का माहौल है। सोशलमीडिया पर विमान हादसे से ठीक पहले के वीडियो को देख कर हर कोई स्तब्ध है। सभी के मन में यह सवाल उठरहा है कि कुछ देर पहले ही उसमें सवार जो यात्री उड़ान का आनन्द ले रहे थे, वे कुछ ही पल में आग की लपटों मेंसमा गये। दुनिया भर में इस दर्दनाक हादसे के पीछे के कारणों को लेकर चर्चा चल रही है। पहले मौसम कोज़िम्मेदार ब...
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध कार्रवाई की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध कार्रवाई की

TOP STORIES, घोटाला, सामाजिक
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) ने छह यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया, जो भारत में समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और गलत जानकारी फैला रहे थे। फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए 100 से ज्यादा फैक्ट चेक वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत यूनिट की ओर से यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है जहां पूरे चैनलों का भंडाफो...
कोचर और धूत ही गिरफ़्तार क्यों?

कोचर और धूत ही गिरफ़्तार क्यों?

EXCLUSIVE NEWS, घोटाला, राष्ट्रीय
*रजनीश कपूरपिछले दिनों सीबीआई द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर कीगिरफ्तारी की खबर सुर्ख़ियों में थी। उसके बाद हाल ही में वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को भी सीबीआई ने बैंकफ्रॉड मामले में गिरफ़्तार किया। तमाम सबूतों के बावजूद सीबीआई ने 2019 में एफ़आईआर दर्ज की और जाँच करने लगी।आश्चर्य है कि आरोपियों की गिरफ़्तारी तीन बरस बाद दिसंबर 2022 में ही की गई। सीबीआई के इस ढुलमुल रवैये से सवालउठता है कि देश में ऐसे कितने और मामले हैं जिन पर सीबीआई और अन्य जाँच एजेंसियां इसी तरह ढुलमुल रवैया अपनारही हैं?कोचर दंपत्ति की ज़मानत के लिए बहस करते हुए उनके वकीलों ने कोर्ट में कहा कि, “जनवरी 2019 से अब तक कोचरदंपत्ति उपलब्ध थी, तो फिर इतने सालों में उन्हें जांच के लिए क्यों नहीं बुलाया गया?” वकील के अनुसार, जुलाई 2022तक सीबीआई को जांच के लिए उनकी जरूरत तक नहीं...
भ्रष्टाचारियों से कैसे निपटें?

भ्रष्टाचारियों से कैसे निपटें?

EXCLUSIVE NEWS, घोटाला
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* सर्वोच्च न्यायालय ने रिश्वतखोर सरकारी नौकरों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। अब उनका अपराध सिद्ध करने के लिए ऐसे प्रमाणों की जरूरत नहीं होगी कि रिश्वत देनेवाला और लेनेवाला खुद स्वीकार करे कि मैंने रिश्वत दी है और मैंने रिश्वत ली है। यदि वे खुद स्वीकार न करें या अपने कथन से पलट जाएं या उनमें से कोई मर जाए तो भी अदालत को न्याय जरूर करना होगा। अदालतों को चाहिए कि वे दूसरे प्रमाणों की खोज भी करें। जैसे गवाहों से पूछें, बैंक के खाते तलाशें, रिश्वतखोरों की चल अचल-संपत्तियों का ब्यौरा इकट्ठा करवाएं, उनके परिवारों के रहन-सहन और खर्चों का कच्चा चिट्ठा तैयार करवाएं, सरकारी कागजातों को खंगलवाएं आदि कई प्रमाणों के आधार पर रिश्वत के लेन-देन को पकड़ा जा सकता है। अब तक रिश्वत के कई मामले रास्ते में ही बिखर जाते रहे हैं, लेकिन रिश्वत विरोधी कानून की इस नई व्याख्या के कारण अब ज्या...
पाकिस्तान में फौजी भ्रष्टाचार

पाकिस्तान में फौजी भ्रष्टाचार

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, घोटाला
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* पाकिस्तान की फौज को दुनिया की सबसे ज्यादा भ्रष्ट फौज माना जाता है। पाकिस्तान का हर महत्वाकांक्षी नौजवान फौज में भर्ती होना चाहता है, क्योंकि वहां मूंछों पर ताव देकर रहना और पैसा बनाना सबसे आसान होता है। पाकिस्तान के लोग फौजियों का जरूरत से ज्यादा सम्मान करते हैं या उनसे बहुत ज्यादा डरते हैं, कहा नहीं जा सकता। अब से लगभग 40 साल पहले जब मैं पहली बार पाकिस्तान गया तो रावलपिंडी में फौज के मुख्यालय के पास एक दुकान में किताबें खरीदने गया। मुझे देखते ही उस दुकान के मालिक और सारे कर्मचारी मुझे सेल्यूट मारने लगे, क्योंकि उन दिनों मैं सफारी सूट पहना करता था और मूंछें भी थोड़ी बड़ी रखता था। किताबें चुनने के बाद जब मैंने बिल मांगा तो मालिक बोला, सर आप कैसी बात कर रहे हैं? मैं किताबें आपकी कार में रखवा चुका हूँ। मैं पाकिस्तान के कई राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और बड़े उद्योग...
इतने बड़े घोटालों की जाँच में पक्षपात क्यों हो रहा है?

इतने बड़े घोटालों की जाँच में पक्षपात क्यों हो रहा है?

TOP STORIES, घोटाला
*विनीत नारायणबैंकों का धन लूटकर विदेशों में धन शोधन करने वाले बड़े औद्योगिक घरानों की जाँच को लेकर जाँच एजेंसियाँ आए दिनविवादों में घिरी रहती हैं। मामला नीरव मोदी का हो, विजय माल्या का हो या मेहुल चोक्सी का हो, इन भगोड़े वित्तीयअपराधियों को जेल की सलाख़ों के पीछे भेजने में हमारे देश की बड़ी जाँच एजेंसियाँ लगातार विफल रही हैं। ऐसी नाकामीके कारण ही इन एजेंसियों पर चुनिन्दा आरोपियों के ख़िलाफ़ ही कारवाई करने के आरोप भी लगते रहे हैं।पिछले दिनों कानपुर की रोटोमैक पेन कंपनी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 750 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक फ्रॉड कामामला दर्ज किया है। पेन बनाने वाली इस नामी कंपनी पर आरोप है कि इन्होंने कई बैंकों से ऋण लेकर आज तक नहींलौटाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 7 बैंकों के समूह के लगभग 2919 करोड़ रुपये इस कंपनी पर बकाया हैं। ग़ौरतलब है कि बैंकफ्रॉड का यह मामला नया नहीं है। बैंक को...
डाॅक्टरी को ठगी का धंधा न बनाएँ*

डाॅक्टरी को ठगी का धंधा न बनाएँ*

TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण
डाॅक्टरी को ठगी का धंधा न बनाएँ* *डॉ. वैदिक* कर्नाटक और गुजरात के मेडिकल काॅलेजों ने गज़ब कर दिया है। उन्होंने अपने छात्रों की फीस बढ़ाकर लगभग दो लाख रु. प्रति मास कर दी है। याने हर छात्र और छात्रा को डाॅक्टर बनने के लिए लगभग 25 लाख रु. हर साल जमा करवाने पड़ेंगे। यदि डाॅक्टरी की पढ़ाई पांच साल की है तो उन्हें सवा करोड़ रु. भरने पड़ेंगे। आप ही बताइए कि देश में कितने लोग ऐसे हैं, जो सवा करोड़ रु. खर्च कर सकते हैं? लेकिन चाहे जो हो, उन्हें बच्चों को डाॅक्टर तो बनाना ही है। तो वे क्या करेंगे? बैंकों, निजी संस्थाओं, सेठों और अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेंगे, उसका ब्याज भी भरेंगे और बच्चों को किसी तरह डाॅक्टर की डिग्री दिला देंगे। फिर वे अपना कर्ज कैसे उतारेंगे? या तो वे कई गैर-कानूनी हथकंडों का सहारा लेंगे या उनका सबसे सादा तरीका यह होगा कि वे अपने डाॅक्टर बने बच्चों से कहेंगे कि तुम मरीजो...
भ्रष्टाचार मुक्ति का माध्यम बने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा पत्र

भ्रष्टाचार मुक्ति का माध्यम बने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा पत्र

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भ्रष्टाचार मुक्ति का माध्यम बने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा पत्र- ललित गर्ग - नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री बनते ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प लिया। उन्होंने न खाऊंगा और न खाने दूंगा का शंखनाद किया, उनके दो बार के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने के लिये अनेक कठोर कदम उठाये गये है और उसके परिणाम भी देखने को मिले हैं, लेकिन भ्रष्टाचार फिर भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचार की जटिल से जटिल होती स्थितियों को देखते हुए ही केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सरकारी संस्थानों, मंत्रालयों और नागरिकों के लिए छह बिंदुओं का सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा पत्र जारी किया है, जिसमें उनसे भ्रष्टाचार मुक्त भारत की संकल्पना के साथ जुड़ने का आह्वान किया गया है। प्रतिज्ञा पत्र को आयोग ने भ्रष्टाचार मुक्त देश के लिए विशेष अभियान के तौर पर पेश किया है। राष्ट्र में भ्रष्टाचार ...