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एडमिशन में लूट के खेल इंजीनियरिंग कालेजों के

एडमिशन में लूट के खेल इंजीनियरिंग कालेजों के

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एडमिशन में लूट के खेल इंजीनियरिंग कालेजों के यह दुःखद है कि देश के अनेक प्रतिष्ठित प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज व यूनिवर्सिटी स्नातक कोर्सेज़ में प्रवेश के नाम पर मोटी केपिटेशन फ़ीस ले रहीं हैं। डायलॉग इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार आइ पी यूनिवर्सिटी से जुड़े अनेक संस्थान दस लाख से लेकर पच्चीस लाख रुपए तक माँग रहे हैं तो एकेटीयू से जुड़े कुछ कोलेज दो से दस लाख रुपए तक माँग रहे हैं। पूरे देश में अनेक निजी यूनिवर्सिटी व कालेजों के भी यही हाल हैं। अनेक जगह मेरिट व मानक़ो को ताक पर रखकर केपिटेशन फ़ीस देने वालों को प्रवेश दे रहे है और प्रतिभाशाली मध्यम व गरीब वर्ग के विद्यार्थी प्रवेश के लिए टक्कर मार रहे हैं। सम्बंधित राज्य सरकारों, एआईसीटीई व शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को इस लूट की व्यापक जाँचकर दोषियों के विरुद्ध सख़्त क़ानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। ...
भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है।

भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है।

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भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है। हम बेवकूफ इसलिए बनाए जा रहे है, क्योंकि हम बेवकूफ है। हमारे हक इसलिए छीने जाते है ,क्योंकि हम दूसरो को छीनने की कोशिश करते है। हमारे साथ भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है। हमे अपने अंदर सुधार की जरूरत है, लोग खुद सुधर जाएंगे। महात्मा गांधी ने कहा था- "खुद में वो बदलाव लाइए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।” -सत्यवान 'सौरभ' देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9वीं बार तिरंगा फहराया। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने उम्मीदों और संकल्पों के साथ-साथ अपनी चिंताओं को भी साझा किया।  पीएम ने अपने भाषण में देश में फैले भ्रष्टाचार के बारे जिक्र किया। पीएम ने करप्शन को देश के लिए खतरनाक बताते हुए इसे खत्म करने के लिए युवा पीढ़ी से आगे आने की अपील ...
कमीशन का खेल: दवा कंपनी और डॉक्टरों के बीच की सांठगांठ

कमीशन का खेल: दवा कंपनी और डॉक्टरों के बीच की सांठगांठ

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 कमीशन का खेल: दवा कंपनी और डॉक्टरों के बीच की सांठगांठ दवा के फुटकर-थोक विक्रेता, डॉक्टरों और कंपनियों का ऐसा गठजोड़ है कि दवा बाजार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा है। हाल यह है कि शिखर पर पहुंचने के लिए बीमारों की जेब से धन निकाल कर बंदरबांट किया जा रहा है। मेडिकल बाजार में अंकुश न होने के कारण मनमानी ऐसी है कि जो साल्ट नौ रुपये में 10 गोली मिल जाती है, उसे नब्बे रुपये में ब्रांडेड का टैग देकर बेचा रहा है। लगातार बढ़ रहे इस बाजार का तिलिस्म ऐसा है कि इस पर न तो सरकार अंकुश लगा पाई और ना ही अधिकारी। अंधेर तो यह है कि जब अफसर भी बीमार होते हैं तो उन्हें भी ब्रांडेड दवा ही खरीदनी पड़ती है।-प्रियंका 'सौरभ' डॉक्टरों को दवा कंपनियों की तरफ से मिलने वाले उपहारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक याचिका की सुनवाई कर रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। दव...
मृत्यु का कारण बनती नकली और घटिया क्वालिटी की दवाएं

मृत्यु का कारण बनती नकली और घटिया क्वालिटी की दवाएं

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मृत्यु का कारण बनती नकली और घटिया क्वालिटी की दवाएं सबसे अधिक मात्रा में दवाइयां बनाने में भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है। देश में सबसे तेज गति से बढ़ रहे इस कारोबार के बढ़ने के साथ ही नकली और निम्न कोटि की दवाओं का अवैध कारोबार भी बढ़ रहा है और लोगों की जान पर खतरा बढ़ता जा रहा है। पिछले वर्ष एसोचैम ने अपनी रिपोर्ट में देश में बनने वाली कुल दवाओं का 25 प्रतिशत नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाएं बनने और बिकने का खुलासा किया था, जो विश्व की कुल नकली दवाओं का 35 प्रतिशत है। -सत्यवान 'सौरभ' डब्ल्यूएचओ के नए शोध के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अनुमानित 10 में से 1 चिकित्सा उत्पाद या तो घटिया है या गलत है। इसका मतलब है कि लोग ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो बीमारी का इलाज या रोकथाम करने में विफल हैं। यह न केवल इन उत्पादों को खरीदने वाले व्यक्तियों और स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए ...
भ्रष्टाचार का दलदल एवं कीचड़ की राजनीति

भ्रष्टाचार का दलदल एवं कीचड़ की राजनीति

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भ्रष्टाचार का दलदल एवं कीचड़ की राजनीति -ः ललित गर्ग :- भ्रष्टाचार के खेल ने दुनिया के सारे लोकतंत्रों को खोखला कर दिया है। भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसलिए इसकी साफ-सफाई ज्यादा जरूरी है। इनदिनों गैरभाजपा प्रांतों में भ्रष्टाचार के मामले बड़ी संख्या में उजागर हो रहे हैं। पहले दिल्ली में आम आदमी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन और अब पश्चिम बंगाल में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी बता रही है कि ममता बनर्जी एवं अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार मुक्त शासन के कितने ही दावे क्यों न करें, लेकिन उनके वरिष्ठ मंत्री भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों एवं विभिन्न प्रांतों की सरकारों में भ्रष्टाचार की बढ़ती स्थितियां गंभीर चिन्ता का विषय है, चिन्ताजनक स्थितियां भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर किसी सार्थक एवं राष्ट्रहित की बहस ...
भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई का दौर

भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई का दौर

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भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई का दौर- ललित गर्ग -राष्ट्र में भ्रष्टाचार और राजनीतिक अपराधों के विरुद्ध समय-समय पर क्रांतियां होती रही हैं। लेकिन उनका लक्ष्य, साधन और उद्देश्य शुद्ध न रहने से उनका दीर्घकालिक परिणाम संदिग्ध रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक ऐसी क्रांति का शंखनाद किया है जिसने न केवल विभिन्न राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं की चूलें हिला दी है बल्कि भ्रष्टाचार के प्रश्न पर भी प्रशासन-शक्ति को जागृत कर दिया है। अब प्रशासन शक्ति जाग गयी है तो राजनीतिक दलों एवं नेताओं का हिलना,  आगबबूला होना एवं बौखलाना स्वाभाविक है। आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए तलब किया है।नये भारत-सशक्त भारत को निर्मित करना है तो भ्रष्टाचार के...
संगीन आर्थिक अपराध के आरोपियों को गिरफ़्तार करने से क्यों बच रही है नॉएडा की पुलिस ?

संगीन आर्थिक अपराध के आरोपियों को गिरफ़्तार करने से क्यों बच रही है नॉएडा की पुलिस ?

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संगीन आर्थिक अपराध के आरोपियों को गिरफ़्तार करने से क्यों बच रही है नॉएडा की पुलिस ? *रजनीश कपूर भाजपा नेता तज़िंदेर बग्गा का मामला हो या नॉएडा की एक आईएएस अधिकारी का मामला हो। यदि किसी पर भी कोई आरोप लगता है और उसकी जाँच के लिए पुलिस उससे सहयोग की अपेक्षा करती है, तो एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते उसका फ़र्ज़ है कि वह व्यक्ति पुलिस का सहयोग करें। पुलिस के दृष्टिकोण से, एफ़आइआर का अर्थ उस कथित अपराध के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करना होता है। यदि किसी के ख़िलाफ़ कोई एफ़आइआर दर्ज हो जाती है तो पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाती है और यदि एफ़आइआर में मामला संगीन हो तो उसको गिरफ़्तार भी किया जा सकता है। अपराध की धारा पर निर्भर करेगा कि उसे ज़मानत थाने में ही मिल जाएगी या उसे अदालत का रुख़ करना पड़ेगा। यदि किसी को पता है कि उससे कोई जुर्म हुआ है तो उसके क़ानूनी सलाहकार उसको ज...
क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टेबाजी से पाकिस्तान को मदद

क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टेबाजी से पाकिस्तान को मदद

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क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टेबाजी से पाकिस्तान को मदद आर.के. सिन्हा यह कोई पुरानी बात नहीं है जब क्रिकेट को लेकर कहा जाता था कि यह भारत में धर्म के समान है। क्रिकेट देश को जोड़ता है। यह जाति, मजहब, वर्ग, लिंग की दीवारों को ध्वस्त करता है। पर नब्बे के दशक में क्रिकेट में सट्टेबाजी में अजय जड़ेजा, मनोज प्रभाकर, मोहम्मद अजहरउद्दीन जैसे भारतीय खिलाड़ियों और कई विदेशी खिलाड़ियों के फंसने के बाद करोड़ों क्रिकेट प्रेमी घोर निराश अवश्य हुए थे। उन्हें लगा था कि क्रिकेट में अब कोई पवित्रता नहीं रही। पर वक्त गुजरने के साथ ही क्रिकेट को लेकर भारत में क्रेज पहले की तरह ही हो गया। फिर से भारत की जीत पर देश खुश होने लगा और पराजय पर उदास। बेशक, क्रिकेट प्लेयर्स को लेकर करोड़ों क्रिकेट के दीवाने जान निसार करते हैं। पर जरा गौर करें कि यह सब तब हो रहा है जब क्रिकेट में शर्ते लगनी या यूँ कहें कि सट्टेबाजी खू...
नेता-अफसर को ऊंगलियों पर नचाती हैं पूजा सिंघल

नेता-अफसर को ऊंगलियों पर नचाती हैं पूजा सिंघल

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नेता-अफसर को ऊंगलियों पर नचाती हैं पूजा सिंघल... कॉकटेल पार्टियों की शौकीन, हाइकमान से गहरा रिश्ता IAS Pooja Singhal सत्ता शीर्ष पर बैठे नेताओं से गहरा रिश्ता रखने वाली आइएएस पूजा सिंघल पर ताबड़तोड़ छापेमारी से झारखंड के नौकरशाहों में हड़कंप मचा है। सबके बीच दुआ-सलाम हाय-हैलो तक बंद है। भ्रष्‍ट अफसरों का कुनबा सकते में है कि कहीं अगली बारी उनकी न हो जाए। IAS Pooja Singhal उद्योग एवं खनन विभाग की सचिव पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद राज्य के नौकरशाहों में हड़कंप मचा हुआ है। सभी सकते में हैं और उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कब उनकी बारी आ जाए। खासकर उन ब्यूरोक्रेट्स में अधिक डर है, जो राजभवन के राडार पर हैं। दहशत इस कदर है कि ज्यादातर आइएएस अधिकारियों ने जहां एक-दूसरे से संपर्क कम कर दिया है, वहीं आपस में संपर्क बनाए रखने के लिए बने वाट्सएप ग्रुप में ...
सांप्रदायिकता एक राजनीतिक हथियार बनी हुई है।

सांप्रदायिकता एक राजनीतिक हथियार बनी हुई है।

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जोधपुर दंगा विशेष) सांप्रदायिकता एक राजनीतिक हथियार बनी हुई है। -सत्यवान 'सौरभ' रोजमर्रा की भाषा में, 'सांप्रदायिकता' शब्द धार्मिक पहचान की रूढ़िवादिता को दर्शाता है। ये अपने आप में एक ऐसा रवैया है जो अपने ही समूह को एकमात्र वैध या योग्य समूह के रूप में देखता है, अन्य समूहों को निम्न, नाजायज और विरोध के रूप में देखता है। इस प्रकार सांप्रदायिकता धर्म से जुड़ी एक आक्रामक राजनीतिक विचारधारा है। सांप्रदायिकता भारत में एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह तनाव और हिंसा का एक  स्रोत रहा है। सांप्रदायिकता एक ऐसी राजनीति को संदर्भित करती है जो एक समुदाय को दूसरे समुदाय के शत्रुतापूर्ण विरोध में एक धार्मिक पहचान के इर्द-गिर्द एकजुट करने का प्रयास करती है। भारत में स्वतंत्रता पूर्व के समय से सांप्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है, अक्सर औपनिवेशिक शासकों द्वारा अपनाई गई फूट डालो और राज ...