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मैथिली रामायण में कालरूपी तापस का श्रीराम के पास आना तथा लक्ष्मण का स्वर्ग जाना

मैथिली रामायण में कालरूपी तापस का श्रीराम के पास आना तथा लक्ष्मण का स्वर्ग जाना

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मैथिली रामायण में कालरूपी तापस का श्रीराम के पास आना तथा लक्ष्मण का स्वर्ग जाना श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग मैथिली रामायण में कालरूपी तापस का श्रीराम के पास आना तथा लक्ष्मण का स्वर्ग जाना भारत के अतीत में सम्पूर्ण उत्तर भारत में लगभग एक ही भाषा थी। आज भी वैसा ही है। समय के चक्र के साथ धीरे-धीरे वैभाषिक अन्तर में वृद्धि हो गई और आज से लगभग एक हजार वर्ष पहले आधुनिक स्थानीय भाषाओं का उद्भव एवं विकास हुआ। बिहार राज्य के पूर्वोत्तर कोने से गंगा, गण्डक और कोसी नदियों से घिरे विशाल क्षेत्र की भाषा मैथिली है। इस भाषा का साहित्य लगभग बारहवीं सदी से उपलब्ध है। विद्यापति प्रभूति अनेक विद्वानों के साहित्य से समृद्ध यह भाषा हिन्दी से प्राय: मिलती जुलती है। इस भाषा में कवि चन्द्रा झा ने मैथिली रामायण की रचना की है। उनका रचनाकाल १८८० के आसपास और प्रकाशनकाल १८९०-९१ है। इनकी रामायण अध्यात्मर...
मुसलमानों का क्या करें?

मुसलमानों का क्या करें?

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मुसलमानों का क्या करें? विनीत नारायण सुजलाम, सुफलाम, मलयज शीतलाम, शस्य श्यामलाम, भारत माता इतनी उदार हैं कि हर भारतवासी सुखी, स्वस्थ व सम्पन्न हो सकता है। पर स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी अधिकतर आबादी पेट पालने के लिए भी दान के अनाज पर निर्भर है। कई दशकों तक ‘ग़रीबी हटाओ’ के नाम पर उसे झुनझुना थमाया गया। पर उसकी ग़रीबी दूर नहीं हुई। आज ग़रीबी के साथ युवा बेरोज़गारी एक बहुत बड़ी समस्या बन गयी है । जिसका निदान अगर जल्दी नहीं हुआ तो करोड़ों युवाओं की ये फ़ौज देश भर में हिंसा, अपराध और लूट में शामिल हो जाएगी। हर राजनैतिक दल अपने वोटों का ध्रुवीकरण के लिए जनता को किसी न किसी नारे में उलझाए रखता है और चुनाव जीतने के लिए उसे बड़े-बड़े लुभावने सपने भी दिखाता है। पिछले कुछ वर्षों से अल्पसंख्यक मुसलमानों का डर बहुसंख्यक हिंदुओं को दिखाया जा रहा है। आधुनिक सूचना तकनीकी की मदद से ‘इस्लमोफोबिया’ को घर-घ...
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग

श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग

Current Affaires, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग नास्ति गंगासमं तीर्थं नास्ति मातृसमो गुरु:। नास्ति विष्णुसमोदेवो नास्ति रामायणात् परम्।। नास्ति वेदसमं शास्त्रं नास्ति शांतिसमं सुखम्। नास्ति शांतिपरं ज्योतिर्नास्ति रामायणात् परम्।। वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२१-२२ गंगा के समान तीर्थ माता के समान गुरु भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा रामायण से बढ़कर कोई उत्तम वस्तु (ग्रंथ) नहीं है। वेद के समान शास्त्र, शान्ति के समान सुख शान्ति से बढ़कर ज्योति तथा रामायण से उत्कृष्ट कोई काव्य नहीं है। नास्ति क्षमासमं सारं नास्ति कीर्तिसमं धनम्। नास्ति ज्ञानसमो लाभे नास्ति रामायणयात् परम्।। वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२३ क्षमा क...
प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने प्राचीन शहर वाराणसी में हाल के घटनाक्रमों के बारे में चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य को दोहराया कि काशी का विकास पूरे देश का रोडमैप हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में ज़्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी उतनी ही अहमियत है। उन्होंने कहा कि ये शहर हमें विरासत और स्थानीय कौशल को संरक्षित करना सिखा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा संरचनाओं को नष्ट करना कोई समाधान नहीं है, बल्कि कायाकल्प और संरक्षण पर जोर ...
प्रधानमंत्री आज वाराणसी जाएंगे और श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री आज वाराणसी जाएंगे और श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करेंगे

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 13-14 दिसंबर को वाराणसी के दौरे पर रहेंगे। 13 दिसंबर को दोपहर करीब 1 बजे प्रधानमंत्री श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे, इसके बाद करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। बाबा विश्वनाथ के तीर्थयात्रियों और भक्तों को पवित्र नदी में डुबकी लगाने की सदियों पुरानी परंपरा का पालन करने, खराब रख-रखाव एवं भीड़भाड़ वाली सड़कों से आने-जाने और गंगाजल लेकर मंदिर में अर्पित करने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करके उन्हें सुविधा प्रदान करना, प्रधानमंत्री का काफी पुराना सपना था। इस सपने को साकार करने के लिए, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ने के लिए एक सुगम मार्ग के सृजन की एक परियोजना के रूप में श्री काशी विश्वनाथ धाम की परिकल्पना की गई। इस पुनीत कार्य को शुरू करने के लिए, 8 मार्च, 20...
रामायण हमें शिक्षा देती है कि कर्तव्यों का निर्वहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने अधिकारों के लिए दावा करना: उपराष्ट्रपति

रामायण हमें शिक्षा देती है कि कर्तव्यों का निर्वहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने अधिकारों के लिए दावा करना: उपराष्ट्रपति

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने रामायण को सर्वकालिक महाग्रंथ बताते हुए कहा कि यह हमें शिक्षा देता है कि कर्तव्य निर्वहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अपने अधिकारों के लिए दावा करना। श्री नायडु ने कहा कि परिवार, जनता और साम्राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में भगवान राम पूरी मानव जाति के लिए आदर्श हैं। श्री शशि किरण की पुस्तक 'श्रीमद् रामायणम' का हैदराबाद में विमोचन करते हुए, श्री नायडु ने भगवान राम के जीवन चरित की चर्चा की और कहा कि एक शासक के रूप में उन्होंने नेतृत्व, सुशासन और कानून के शासन में उच्चतम गुणवत्ता की मिसाल पेश की। यह कहते हुए कि भगवान राम ने समाज के हित में निस्वार्थ जीवन दिया, श्री नायडु ने देश के युवाओं से श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। रामायण के एक प्रसंग का हवाला देते हुए, श्री नायडु ने अपनी मातृभूमि के प्रति भगवान राम के लगाव पर प्रकाश डाल...
भारत में चंद्र ग्रहण दिखने का सही समय, इन मंत्रों का करें जाप

भारत में चंद्र ग्रहण दिखने का सही समय, इन मंत्रों का करें जाप

धर्म, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का अंतिम और सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 19 नवंबर 2021 को दोपहर 12:48 से प्रारंभ होगा और सायंकाल 4:17 पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड होगी, जोकि पिछले 500 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा. इन मंत्रों का करें जाप पंडितों का कहना है कि ये चंद्र ग्रहण सीधे प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन इसका कुछ ना कुछ प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. इसलिए ग्रहण काल की अवधि में कुछ खास मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है. ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है. ज्योतिषविद का मानना है कि चंद्र ग्रहण के दौरान थोड़ी बहुत सावधानी जरूर बरतनी चाहिए. इस अवधि के दौरान इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसमें आप भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, भग...
संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव मोबाइल ऐप शुरू किया

संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव मोबाइल ऐप शुरू किया

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केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज आजादी का अमृत महोत्सव मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जिससे भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समारोहों से संबंधित सभी सूचनाएं एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। एंड्रॉयड और आईओएस में उपलब्ध इस ऐप में एकेएएम के तहत होने वाली सभी गतिविधियों और घटनाओं का विवरण उपलब्ध है। बिना किसी आयु प्रतिबंध के इस ऐप को मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।   डाउनलोड करने का लिंक https://play.google.com/store/apps/azadikaamritmahotsav https://apps.apple.com/in/app/azadi-ka-amrit-mahotsav   संस्कृति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री रोहित सिंह ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने ऐप के विवरण पर प्रकाश डाला।   'नया क्या है' और 'साप्ताहिक हाइलाइट्स' जैसे सेक्शन यूजर्स को भारत और दुनियाभर में चल रहे सभी अमृत महोत्सव समारोह...
अहोई अष्टमी आज, शुभ मुहूर्त में पूजा करें

अहोई अष्टमी आज, शुभ मुहूर्त में पूजा करें

धर्म
आज के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को मिट्टी से जुड़ा कोई काम नहीं करना चाहिए. न ही बगीचे या गमले में खुरपी वगैरह चलानी चाहिए. व्रत वाले दिन किसी नुकीली चीज जैसे चाकू, कैंची वगैरह का इस्तेमाल न करें. न ही इस दिन कपड़े की सिलाई आदि का कोई काम करें. अहोई अष्टमी का व्रत रखने वालीं माताएं काले या गहरे नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनें. व्रत में पूजा से पहले भगवान गणेश को याद करना बिल्कुल ना भूलें. इस दिन अर्घ्य देने के लिए कांसे के लोटे का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अहोई माता के व्रत में पहले इस्तेमाल हुई सारी पूजा सामग्री को दोबारा इस्तेमाल न करें. इसके अलावा मुरझाए फूल या पहले प्रयोग हुए फल-मिठाई का इस्तेमाल ना करें. खान-पान में तेल, प्याज, लहसुन आदि का प्रयोग न करें. व्रत रखने वालीं महिलाएं दिन में सोने से परहेज करें. किसी बुजुर्ग व्यक्ति का अनादर भी ना करें. पूजा शुभ मुहूर्त 28 अक्टूबर को अष्टम...
2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा जल्द

2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा जल्द

धर्म
साल 2021 का चंद्र ग्रहण अगले महीने 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार ये एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष की मानें तो चंद्र ग्रहण लगना बहुत ही अशुभ होता है. ये निगेटिव एनर्जी देता है, जिससे जातकों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में कुछ राशियों के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है. "