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धर्म

आत्म शक्ति जाग्रत कर आरोग्य और यूनीवर्स की इनर्जी से जुड़ने की अवधि है नवरात्र

आत्म शक्ति जाग्रत कर आरोग्य और यूनीवर्स की इनर्जी से जुड़ने की अवधि है नवरात्र

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--रमेश शर्मा भारतीय चिंतन में तीज त्यौहार केवल धर्मिक अनुष्ठान और परमात्मा की कृपा प्राप्त करने तक सीमित नहीं है । परमात्मा के रूप में परम् शक्ति की कृपा आंकाक्षा तो है ही साथ ही इस जीवन को सुन्दर और सक्षम बनाने का भी निमित्त तीज त्यौहार हैं । इसी सिद्धांत नवरात्र अनुष्ठान परंपरा में है । इन नौ दिनों में मनुष्य की आंतरिक ऊर्जा को सृष्टि की अनंत ऊर्जा से जोड़ने की दिशा में चिंतन है । आधुनिक विज्ञान के अनुसंधान भी इस निष्कर्ष पर पहुंच गये हैं कि व्यक्ति में दो मस्तिष्क होते हैं। एक चेतन और दूसरा अवचेतन। इसे विज्ञान की भाषा में "कॉन्शस" और "अनकाॅन्शस" कहा गया है व्यक्ति का अवचेतन मष्तिष्क सृष्टि की अनंत ऊर्जा से जुड़ा होता है । जबकि चेतन मस्तिष्क संसार से । हम चेतन मस्तिष्क से सभी काम करते हैं पर उसकी क्षमता केवल पन्द्रह प्रतिशत ही है । जबकि अवचेतन की सामर्थ्य 85% है । सुसुप्त अवस्था ...
नारों से नहीं आचरण से बचेगा सनातन हिंदू धर्म

नारों से नहीं आचरण से बचेगा सनातन हिंदू धर्म

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-विनीत नारायणजब से सोशल मीडिया घर-घर पहुँचा है सब ने अपने परिवारों और मित्रों के ह्वाट्सऐप ग्रुप बना लिए हैं।जिनमें पारिवारिक समाचार से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर रात-दिन बहस चलती रहती है।हमारे परिवार के भी चार पीढ़ी के सदस्य, जो भारत सहित दुनिया के कई देशों में रहते हैं, ऐसे ग्रुप केसदस्य हैं। हमारे इस समूह में तीन ख़ेमे बटे हुए हैं; पहला जो मोदी जी के अंधभक्त हैं। दूसरा जो हिंदुत्व केघोर समर्थक हैं और तीसरा वो जो ईश्वर में तो आस्था रखते हैं परंतु हिंदू रीति रिवाजों या मंदिर जाने मेंउनकी श्रद्धा नहीं है।आजकल टीवी मीडिया में रोज़ाना जिस तरह का धार्मिक उन्माद पैदा किया जाता है उसे देख करप्रभावित हुए हमारे इस समूह में चौथी पीढ़ी के एक युवा ने पिछले दिनों एक पोस्ट डाली, जिसमें उसनेलिखा कि, “हमें भी अपना सनातनी ईको-सिस्टम बनाना चाहिए।” उसकी यह पोस्ट मुझे बहुत रोचकलगी। मैंने पल...
विराट अध्ययनशीलता, प्रशान्त विवेक और निर्भय सर्जना: श्री गुरूदत्त जी

विराट अध्ययनशीलता, प्रशान्त विवेक और निर्भय सर्जना: श्री गुरूदत्त जी

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-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज (30 सितम्बर 2023 को भारतीय धरोहर द्वारा आयोजित स्वर्गीय गुरूदत्त जी के सम्मान समारोह में दिये गये वक्तव्य का सार)पितृपक्ष के इस प्रथम दिन में हमारे पूज्य पितरों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा के क्रम में भारतीय धरोहर ने संस्कृति की रक्षा के लिये किये गये पुरूषार्थी लोगों के सम्मान समारोह का एक क्रम चलाया है, जिसमें आज स्वर्गीय श्री गुरूदत्त जी को श्रद्धांजलि देेते हुये गौरव का अनुभव हो रहा है। वार्षिक सम्मान पितृपक्ष में ही दिया जाये, ऐसी कोई परंपरा नहीं है परंतु इस बार का संयोग जो जुट गया है, वह स्वयं में प्रसन्नता की बात है। भारतीय धरोहर के सभी न्यासियों और संरक्षकों तथा अधिकारियों और कार्यकर्ताओं सहित सभी आयोजकों कों साधुवाद। 1945-50 ईस्वी के बाद हिन्दी में जो भी प्रसिद्ध लेखक हुये उनमें विज्ञान के विधिवत अध्येता दो ही प्रसिद्ध हैं, स्वर्गीय श्री गुरूदत्...
<strong>गणेश हैं विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और उन्नत राष्ट्र-निर्माता</strong>

गणेश हैं विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और उन्नत राष्ट्र-निर्माता

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गणेश चतुर्थी- 19 सितम्बर 2023 पर विशेष-ललित गर्ग-गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे विघ्नहर्ता एवं मंगलकर्ता सात्विक देवता हैं और उन्नत राष्ट्र-निर्माता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हैं। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए है। मनुष्य के दैनिक कार्यों में सफलता, सुख-समृद्धि की कामना, बुद्धि एवं ज्ञान के विकास एवं किसी भी मंगल कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न करने हेतु गणेशजी को ही सर्वप्रथम पूजा जाता है, याद किया जाता है। प्रथम देव होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है, लोकनायक का चरित्र हैं। गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं, ऐसे सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदैशिक लोकप्रियता वाले देव का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सम्पूर्ण दुनिया में उमंग एवं हर्षोल्ल...
ऋषि सुनक के राम अथवा क्यों राम भक्त हैं ऋषि सुनक

ऋषि सुनक के राम अथवा क्यों राम भक्त हैं ऋषि सुनक

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आर.के. सिन्हा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का हाल ही में राम कथा में शामिल होना और भगवान राम के प्रति आस्था की सार्वजनिक अभिव्यक्ति अनुकरणीय है। यह  साफ है कि जो जितने अंश में ही हिन्दू है, उसका उतने अंश में ही स्वागत हो। ऋषि सुनक ने न केवल अपने देश ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राम कथा में “जय सिया राम” का उद्घोष किया बल्कि वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिये हिन्दू धर्म के सहारे कार्य करते रहने का प्रण भी लिया। आज पूरे यूरोप में हिन्दुओं और हिंदू धर्म को करीब से जानने की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। राम कथा के बाद कई घण्टों तक ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक भगवान श्री राम के प्रसाद का वितरण करते रहे। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मुरारी जी बापू की राम कथा में ऋषि सुनक ने भाग लेकर सही संदेश दिया कि वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक आस्थावान सनातनी हिंदू भी है...
हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाते योगी आदित्यनाथ

हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाते योगी आदित्यनाथ

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विधानसभा सत्र में योगी जी ने विरोधी दलों पर बनाई मनोवैज्ञानिक बढ़त !मृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न हुआ। इस सत्र में जहाँ एक ओर कई ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन ने प्रदेश के विपक्ष को चिंता में डाल दिया। केंद्र में आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया और प्रधानमंत्री जी के उत्तर के बीच में स्वयं ही बहिर्गमन कर अपनी किरकिरी करा ली, इसका प्रभाव विधानसभा सत्र पर भी दिखा।संसद में आई.एन.डी.आई.ए का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर सियासी तंज कसे और कहा कि हम 2024 ही नहीं अपितु 27 व 32 भी जीतेंगें। योगी जी की इस भविष्यवाणी से विरोधी दल के नेता सकपका गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में जहां प्...
भगवान श्रीराम का लक्ष्मणजी से क्रियायोग का वर्णन करना

भगवान श्रीराम का लक्ष्मणजी से क्रियायोग का वर्णन करना

धर्म
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगभगवान श्रीराम का लक्ष्मणजी से क्रियायोग का वर्णन करनाश्रीराम जब पंचवटी में सीताजी एवं लक्ष्मण सहित निवास कर रहे थे तब लक्ष्मणजी ने एकान्त में बैठे हुए भगवान श्रीराम के साथ अत्यन्त ही नम्रतापूर्वक पूछा- भगवान मैं आपके मुख से मोक्ष का निश्चित साधन सुनना चाहता हूँ। अत: हे कमलनयन आप उसका संक्षेप में वर्णन कीजिए। हे रघुकुल श्रेष्ठ! आप मुझे भक्ति और वैराग्य से सना हुआ (युक्त) विज्ञानयुक्त ज्ञान सुनाइये। इस संसार में आपके अतिरिक्त इस गहन विषय का उपदेश करने वाला और कोई नहीं है। श्रीराम ने भी गुह्य से गुह्य यह परम रहस्य लक्ष्मण को सुनाया जिसका अध्यात्म-रामायण के अरण्यकाण्ड में चतुर्थ सर्ग में विस्तारपूर्वक बताया गया है।किष्किन्धाकाण्ड में पुन: लक्ष्मणजी ने एक दिन एकांत में ध्यान करते हुए भगवान श्रीराम से उनके समाधि खुलने पर लक्ष्मणजी अत्यन्त प्रेम और भक्तिभाव स...
<strong>सावन यानी शिव को रिझाने का समय</strong>

सावन यानी शिव को रिझाने का समय

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आर.के. सिन्हा सावन का पहला सोमवार बीती 10 जुलाई को पूरी आस्था के साथ मनाया गया। देशभर के शिवालयों में सुबह चार बजे से बारह बजे रात्रि तक तमाम भक्त आते रहे। सूरज की पहली किरण फूटने से पहले ही भक्तों  का तांता मंदिरों में लग गया था। शिव का जीवन ही इस बात का प्रतीक है कि प्रकृति से तालमेल स्थापित कर ही जीवन में सुख-शांति, सरलता, सादगी, शौर्य, योग, अध्यात्म सहित कोई भी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। आषाढ़ मास से ही वर्षा ऋतु की शुरूआत होती है। श्रावण मास आते-आते चारों तरफ हरियाली छा जाती है। यह सभी के मन को लुभाने वाली होती है। श्रावण मास में प्रकृति का अनुपम सौंदर्य देखते ही बनता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चारों तरफ बसंत ऋतु ही छाई हुई है। संंसार के प्राणियों में नई उमंग व नव जीवन का प्रसार होने लगता है। प्रकृति की अनुपम छठा को देखकर भ...
वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस

वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस

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वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस- 24 जून, 2023स्वाभिमान एवं शौर्य की प्रतीक थी दुर्गावती-ः ललित गर्ग:-भारत का इतिहास महिला वीरांगनाओं के शौर्य, शक्ति, बलिदान, स्वाभिमान एवं प्रभावी शासन व्यवस्था के लिये दुनिया में चर्चित है। इन वीरांगणाओं ने जहां हिंदू धर्म, संस्कृति एवं विरासत को प्रभावित किया, वहीं इन्होंने संस्कृति, समाज और सभ्यता को नया मोड़ दिया है। अपने युद्ध कौशल एवं अनूठी शासन व्यवस्था से न केवल भारत के अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा की बल्कि अपने कर्म, व्यवहार, सूझबूझ, स्वतंत्र सोच और बलिदान से विश्व में आदर्श प्रस्तुत किया है। भारतीय इतिहास ऐसी महिला वीरांगनाओं की गाथाओं से भरा हैं। लेकिन उनमें से केवल रानी दुर्गावती ऐसी विलक्षण, साहसी एवं कर्मयोद्धा साम्राज्ञी हैं जिन्हें उनके बलिदान, स्वाभिमान और वीरता के साथ गोंडवाना के एक कुशल शासक के तौर पर याद किया जाता है।  24 जून ...
ज्ञानवापी मामले का गांधीवादी समाधान

ज्ञानवापी मामले का गांधीवादी समाधान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म
-बलबीर पुंज काशी स्थित ज्ञानवापी मामले ने महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया है। तीन हिंदू पक्षों ने वाराणसी स्थित जिला अदालत में विवादित परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने हेतु याचिका दी है, जिसे स्वीकार कर लिया गया और 22 मई को इसपर सुनवाई होगी। हिंदू पक्षाकारों की मांग है कि खसरा संख्या 9130 (ज्ञानवापी परिसर) के जीपीआर सर्वे के साथ कलाकृतियों-खंबों की आयु निर्धारण आदि की वैज्ञानिक तकनीक से विस्तृत जांच की जाए। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को एएसआई को परिसर में मिले शिवलिंग की 'कार्बन डेटिंग' अर्थात्— वैज्ञानिक जांच का निर्देश दिया था। गत वर्ष 16 मई को ज्ञानवापी परिसर के अदालत निर्देशित सर्वे में हिंदू पक्ष की ओर से वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। यह विडंबना है कि जहां 1919-47 के बीच तत्कालीन भारतीय मुस्लिमों के एक बड़े हिस्से को हिंसक मजहबी ...