
विराट अध्ययनशीलता, प्रशान्त विवेक और निर्भय सर्जना: श्री गुरूदत्त जी
-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज
(30 सितम्बर 2023 को भारतीय धरोहर द्वारा आयोजित स्वर्गीय गुरूदत्त जी के सम्मान समारोह में दिये गये वक्तव्य का सार)पितृपक्ष के इस प्रथम दिन में हमारे पूज्य पितरों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा के क्रम में भारतीय धरोहर ने संस्कृति की रक्षा के लिये किये गये पुरूषार्थी लोगों के सम्मान समारोह का एक क्रम चलाया है, जिसमें आज स्वर्गीय श्री गुरूदत्त जी को श्रद्धांजलि देेते हुये गौरव का अनुभव हो रहा है। वार्षिक सम्मान पितृपक्ष में ही दिया जाये, ऐसी कोई परंपरा नहीं है परंतु इस बार का संयोग जो जुट गया है, वह स्वयं में प्रसन्नता की बात है। भारतीय धरोहर के सभी न्यासियों और संरक्षकों तथा अधिकारियों और कार्यकर्ताओं सहित सभी आयोजकों कों साधुवाद।
1945-50 ईस्वी के बाद हिन्दी में जो भी प्रसिद्ध लेखक हुये उनमें विज्ञान के विधिवत अध्येता दो ही प्रसिद्ध हैं, स्वर्गीय श्री गुरूदत्...