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तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता

तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता

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तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता -प्रियंका 'सौरभ' हरियाणा में गोवंश के चारे पर भारी संकट पैदा हो गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मार उन जगहों पर है जिन जिलों में गोशालाएं सबसे अधिक है। प्रदेश के  सिरसा, फतेहाबाद, हिसार जिले में सबसे अधिक गोशालाएं हैं। अभी से तूड़ी के रेट 850 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है। परिणामस्वरूप इससे गोशालाओं का खर्च भी दोगुना हो गया है। आंकड़ों के अनुसार औसतन 2000 गाय वाली गोशाला में अकेली तूड़ी का खर्च पहले करीब 20 लाख रुपये आता था मगर अब रेट दो गुने होने से यह खर्च भी दोगुना हो गया है। पिछली बार 6000 से 7500 रुपए प्रति क्विंटल बिकी सरसों से इस बार गेहूं और तूड़े की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। प्रदेश भर में गत वर्ष की तुलना में कम एकड़ में गेहूं की बिजाई करने से इस बार तूड़े (गेहूं की फसल के अवशेष से बने पशु चारे) के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इस संकट क...
साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां

साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां

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साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां -ललित गर्ग- समस्याएं अनेक हैं। बात कहां से शुरू की जाए। खो भी बहुत चुके हैं और खोने की रफ्तार तीव्र से तीव्रत्तर होती जा रही है। जिनकी भरपाई मुश्किल है। भाईचारा, सद्भाव, निष्ठा, विश्वास, करुणा यानि कि जीवन मूल्य खो रहे हैं। मूल्य अक्षर नहीं होते, संस्कार होते हैं, आचरण होते हैं। हम अपने आदर्शों एवं मूल्यों को खोते ही जा रहे हैं, एक बार फिर रामनवमी और हनुमान जयंति के अवसरों पर देश के कई प्रदेशों में हिंसा, नफरत, द्वेष और तोड़-फोड़ के दृश्य देखे गए। उत्तर भारत के प्रांतों के अलावा ऐसी घटनाएं दक्षिण और पूर्व के प्रांतों में भी हुईं। ऐसे सांप्रदायिक दंगें और खून का बहना कांग्रेस के शासन में होता रहा, लेकिन पिछले एक दशक में ऐसी हिंसात्मक साम्प्रदायिक घटनाएं पहली बार कई प्रदेशों में एक साथ हुई है, ऐसा होना काफी चिंता का विषय है। उन्माद, अविश्वास, राजनैति...
क्यों हिन्दू पर्व हिंसा का शिकार हों?

क्यों हिन्दू पर्व हिंसा का शिकार हों?

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क्यों हिन्दू पर्व हिंसा का शिकार हों? -ललित गर्ग-रामनवमी एवं हनुमान जयन्ती पर एक सम्प्रदाय विशेष के लोगों ने जो हिंसा, नफरत एवं द्वेष को हथियार बनाकर अशांति फैलायी, वह भारत की एकता, अखण्डता एवं भाईचारे की संस्कृति को क्षति पहुंचाने का माध्यम बनी है। क्या इससे बुरी बात और कोई हो सकती है कि क्यों शांति एवं सद्भाव का संदेश देने वाले पर्व और उनसे जुड़े आयोजन हिंसा का शिकार हों? ध्यान रहे कि जब ऐसा होता है तो बैर बढ़ने के साथ देश की छवि पर भी बुरा असर पड़ता है। निःसंदेह इस सम्प्रदाय विशेष को भी यह समझने की आवश्यकता है कि जब देश कई चुनौतियों से दो-चार है, तब राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव को बल देना सबकी पहली और साझी प्राथमिकता बननी चाहिए। ताली एक हाथ से नहीं बज सकती। एक विभाजित और वैमनस्यग्रस्त समाज न तो अपना भला कर सकता है और न ही देश को आगे ले जा सकता है। समय आ गया है कि उन मूल कारणों पर विचार किया ज...
श्री नितिन गडकरी ने सोनीपत, हरियाणा में 2,872 करोड़ रुपये की लागत से 297 किलोमीटर लंबाई की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया

श्री नितिन गडकरी ने सोनीपत, हरियाणा में 2,872 करोड़ रुपये की लागत से 297 किलोमीटर लंबाई की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सोनीपत, हरियाणा में 297 किलोमीटर लंबाई की 2,872 करोड़ रुपये की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में शामिल जींद से गोहाना राजमार्ग का निर्माण एनसीआर, सोनीपत, नरवाना और पंजाब को संपर्क प्रदान करेगा। श्री गडकरी ने कहा कि 2 लेन की भिवानी-मुंधल-जींद सड़क के निर्माण से राजस्थान, हरियाणा, एनसीआर और उत्तर प्रदेश तक पहुंचना आसान हो जाएगा। माननीय मंत्री ने कहा कि 98 किमी लंबे 2-लेन के झज्जर से लोहारू राजमार्ग के निर्माण से हरियाणा, राजस्थान, एनसीआर और उत्तर प्रदेश के साथ बेहतर संपर्क स्थापित होगा और किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन मार्गों से समय की बचत होगी और साथ ही लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी, वाहनों के रखरखाव की लागत कम होगी, दुर्घटनाएं कम होंगी और क्षेत...
डॉ अर्चना शर्मा की शहादत से सबक

डॉ अर्चना शर्मा की शहादत से सबक

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डॉ अर्चना शर्मा की शहादत से सबक ॰विनीत नारायण दौसा ;राजस्थानद्ध की युवा डाक्टर अर्चना शर्मा की ख़ुदकुशी के लिए कौन ज़िम्मेदार हैघ् महिला रोग विशेषज्ञए स्वर्ण पदक विजेताए मेधावी और अपने कार्य में कुशल डॉ अर्चना शर्मा इतना क्यों डर गई कि उन्होंने मासूम बच्चों और डाक्टर पति के भविष्य का भी विचार नहीं किया और एक अख़बार की खबर पढ़ कर आत्महत्या कर ली। पत्रकार होने के नाते डॉ शर्मा की इस दुखद मृत्यु के लिए मैं उस संवाददाता को सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार मानता हूँ जिसने पुलिस की एफ़आईआर को ही आधार बनाकर अपनी खबर इस तरह छापी कि उसके कुछ घण्टों के भीतर ही डॉ अर्चना शर्मा फाँसी के फंदे पर लटक गई। लगता है कि इस संवाददाता ने खबर लिखने से पहले डॉ अर्चना से उनका पक्ष जानने की कोई कोशिश नहीं की। आज मीडिया में ये प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है जब संवाददाता एकतरफ़ा खबर छाप कर सनसनी पैदा करते हैंए किसी प्रति...
पश्चिम बंगाल विधानसभा में हिंसा के दाग

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हिंसा के दाग

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पश्चिम बंगाल विधानसभा में हिंसा के दाग- ललित गर्ग:-पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच हाथापाई और नेता प्रतिपक्ष समेत पांच भाजपा विधायकों के निलंबन की घटना एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार कर गई। भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसको सशक्त बनाने की बात सभी राजनैतिक दल करते हैं, सभी ऊंचे मूल्यों को स्थापित करने की, आदर्श की बातों के साथ आते हैं पर सत्ता-संचालन एवं विधायी कार्रवाही में सारी मर्यादाओं एवं लोकतांत्रिक मूल्यों पर ताक पर रखकर एक ही संस्कृति-हिंसा एवं अराजकता की संस्कृति को अपना लेते हैं। पश्चिम बंगाल के विधानसभा में हिंसा का जो तांडव हुआ उससे न केवल भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को गहरा आघात लगा है, बल्कि आमजनता को भी भारी हैरानी हुई है। पश्चिम बंगाल में न केवल सार्वजनिक जीवन में बल्कि सदन में हो रही हिंसा की घटनाएं गहन चिन्ता का ...
योगी के लिए बईमान नौकरशाही* *बनेगी मुसीबत

योगी के लिए बईमान नौकरशाही* *बनेगी मुसीबत

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*योगी के लिए बईमान नौकरशाही* *बनेगी मुसीबत* *भ्रष्ट नौकरशाही जनकांक्षाओं को कब्र बना देती है* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बन गये हैं। उनका भारी-भरकम मंत्रिमंडल काम करना भी शुरू कर दिया है। प्रचारित यह किया गया है कि मंत्रिमंडल के गठन में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व मिला है, इसलिए सभी वर्गो का विकास सुनिश्चित है। खासकर मुस्लिम वर्ग के प्रतिनिधित्व को लेकर खास तरह की चर्चा है। चर्चा यह है कि भाजपा ने ऐसेे व्यक्ति को मंत्रिमंडल में जगह दी है जो शिया मुस्लिम नहीं है बल्कि सुन्नी मुस्लिम है और वह गरीब, अपमानित और हाशिये पर खड़ी मुस्लिम जाति का प्रतिनिधित्व करता है। अब तक भाजपा पर शिया मुस्लिम का प्रभुत्व ही रहता था। योगी के पहले कार्यकाल में जो एक मात्र मुस्लिम मंत्री हुआ करते थे वे शिया मुस्लिम जाति का ही प्रतिनिधित्व करते थे। यूपी और खासकर लखन...
‘रोहनात’ गांव जहां आज़ादी के 71 साल बाद लहराया तिरंगा

‘रोहनात’ गांव जहां आज़ादी के 71 साल बाद लहराया तिरंगा

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'रोहनात' गांव जहां आज़ादी के 71 साल बाद लहराया तिरंगा -सत्यवान 'सौरभ' आजादी की लड़ाई में भारत के लाखों शूरवीरों ने अपने प्राण न्याैछावर किए थे। मगर आज कुछ यादों को संजोया गया है तो कुछ की किसी को जानकारी ही नहीं है। इसी में शामिल थी 1857 की क्रांति की एक कहानी, जिसमें अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ाने वाले गांव रोहनात हिसार (हरियाणा) के वीर थे। वो 29 मई 1857 की तारीख थी। हरियाणा के रोहनात गांव में ब्रिटिश फ़ौज ने बदला लेने के इरादे से एक बर्बर ख़ूनख़राबे को अंजाम दिया था। बदले की आग में ईस्ट इंडिया कंपनी के घुड़सवार सैनिकों ने पूरे गांव को नष्ट कर दिया।  लोग गांव छोड़कर भागने लगे और पीछे रह गई वो तपती धरती जिस पर दशकों तक कोई आबादी नहीं बसी। दरअसल यह 1857 के गदर या सैनिक विद्रोह, जिसे स्वतंत्रता की पहली लड़ाई भी कहते हैं, के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों के कत्लेआम की जवाबी कार्रवाई थी। रो...
चार राज्यों के चुनाव में नये  मिथक गढ़ती भाजपा

चार राज्यों के चुनाव में नये मिथक गढ़ती भाजपा

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चार राज्यों के चुनाव में नये  मिथक गढ़ती भाजपा पांच राज्यों में से चार राज्यों में नयी ताकत से लौटी भाजपा ने कई मिथक तोड़े द्य यूपी और उत्तराखंड में उसकी वापसी पर राजनीतिक गलियारों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है द्य अलबत्ता पंजाब में आप की जीत भी कोई कम करिश्माई नहीं मानी जा रही है द्य जहां सबसे नई आम आदमी पार्टी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का एक तरह से सूपड़ा ही साफ़ कर दिया द्य यहां भी कुछ वैसा ही घटा जैसा दो बार दिल्ली में घट चुका द्य पांचो राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपनी जमीन और छोटी कर ली है द्य हर  राज्य में उसका प्रदर्शन सबसे लचर रहा द्य यद्यपि महत्व  सभी राज्यों के चुनावों का अपनी जगह पर है लेकिन यूपी और पंजाब पर देश की ख़ास निगाहें थीं द्य पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही थी द्य उसके सामने सत्ता बचाने का संकट था द्य सिद्धू की अकड़ ए पार्ट...
भारत के कृषि प्रधान राज्यों में भूजल प्रदूषण की समस्या

भारत के कृषि प्रधान राज्यों में भूजल प्रदूषण की समस्या

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भारत के कृषि प्रधान राज्यों में भूजल प्रदूषण की समस्या --सत्यवान 'सौरभ' भूजल प्रदूषित तब होता है जब मानव निर्मित उत्पाद जैसे गैसोलीन, तेल, सड़क लवण और रसायन भूजल में मिल जाते हैं और इसे मानव उपयोग के लिए असुरक्षित और अनुपयुक्त बना देते हैं। भूमि की सतह से प्रदूषित सामग्री मिट्टी के माध्यम से आगे बढ़ सकती है और भूजल में घुल सकती है। . उदाहरण के लिए, कीटनाशक और उर्वरक समय के साथ भूजल आपूर्ति में अपना रास्ता बना लेते हैं जैसा कि भारत के कई कृषि प्रधान राज्यों में देखा गया है। डीडीटी, बीएचसी, कार्बामेट, एंडोसल्फान आदि भारत में उपयोग किए जाने वाले सबसे आम कीटनाशक हैं। लेकिन, कीटनाशक और उर्वरक प्रदूषण के लिए भूजल की भेद्यता मिट्टी की बनावट, उर्वरक और कीटनाशक के उपयोग के पैटर्न, उनके क्षरण उत्पादों और मिट्टी में कुल कार्बनिक पदार्थों द्वारा नियंत्रित होती है। जल संसाधन मंत्रालय द्वारा कि...