
सत्ता विरोध बन सकता है बदलाव का आधार
लगातार 15 साल तक शासन करने से सत्ता के स्वाभाविक विरोध झेलने वाले मुख्यमंत्री एवं लगभग इतने ही सालों तक अनशन पर रहीं इरोम शर्मिला के बीच अब लड़ाई एक रोचक राजनैतिक मोड़ पर पहुंच गयी है। अपनी पार्टी बनाकर शर्मिला ने इरादे साफ कर दिये हैं तो भाजपा ने किसी भी कीमत पर कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रखा है। केजरीवाल द्वारा इरोम शर्मिला को समर्थन देने से मणिपुर के राजनैतिक समीकरण इस बार कुछ नया गुल खिलाने जा रहे हैं। विशेष संवाददाता अमित त्यागी की एक रिपोर्ट।
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर के चुनाव में इस बार इरोम शर्मिला का उतरना एक नए सियासी समीकरण का उदय है। इरोम शर्मिला ने अफस्पा हटाने को लेकर लगभग 15 साल तक अनशन किया और वर्तमान मुख्यमंत्री इबोबी की नाक में नकेल डाली रहीं। हालांकि, इरोम शर्मिला ने सुर्खियां तो बहुत पायीं किन्तु केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उनके त्याग और बलिदान पर कुछ ठोस नती...