Shadow

राष्ट्रीय

यह कह देना कि हमारे गाँव कोरोना से सुरक्षित हैं,  अभी जल्दबाजी होगी !

यह कह देना कि हमारे गाँव कोरोना से सुरक्षित हैं, अभी जल्दबाजी होगी !

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
कोरोना पर लिखें गए कल के लेख पर एक पाठक के कमेंट से आज के लेख की शुरुआत करती हूँ,  जिन्होंने लिखा कि शहरों में भयावहता फैलाने वाले कोरोना का गाँव में कोई प्रभाव नहीं है ! गावों में कुछ केसेज आये भी तो ख़त्म हो गए,  प्रसार नहीं हो पाया ! अपने अनुभव से इस बात को अभी मैं भी स्वीकार कर यही हूँ ! वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का भी मानना है कि विकसित देशों,  जैसे अमेरिका, कनाडा यूरोपीय देशों की तुलना में भारत के महानगरों में ही कोरोना से लड़ने की क्षमता अधिक दिख रही है,  तो गावों में रहे वालों लोगों पर निश्चित तौर पर यह क्षमता उससे अधिक होगी ! झारखण्ड में भी कोरोना के बिलकुल शुरुआती तीन केस में हिंदपीढ़ी,  राँची के बाद के दो तो हमारे 10-12 किमी के रेंज में थे ! बेरमो में बांग्ला देश से आयी महिला के माध्यम से और गोमिया में लॉक डाउन के दौरान वाराणसी से ट्रक में छुपकर आये मजदूर के माध्यम से कोरोना फै...

झूठ बोले कोआ काटे

राज्य, राष्ट्रीय, सामाजिक
थैंक्स विकास दुबे, कानपुर वाला, भईया तुम्हे बारंबार नमन भईया विकास दुबे, आज तुम्हारे मृत्युलोक जाने के बाद तुम्हें एक बार थैंक्स बोलने को मन कर रहा है। तुम जैसा विशाल कद का ब्राहम्ण कभी-कभी ही पृथ्वी पर जन्म लेता है। भईया जी आप नहीं जानते आपने कितनी आसानी से पूरे देश को चीनी कोरोना से मुक्त करा दिया है। बडक़े भईया आप नहीं जानते पिछले 6 महीने से पूरे देश में हर तरफ कोरोना की मौत ही मौत नजर आ रही थी। मुअए ये टीवी वाले तो दिन रात ऐसे डराते थे, जैसे दो चार दिनों में बस पूरा देश खत्म हो जाएगा। अखबार वालों ने तो अपने अखबार के पेज कम कर दिए और उनमें भी 6-6 सात-सात पेज कोरोना पर ही छाप रहे थे। गली मोहल्लों से लेकर अस्पतालों और शमशान घाटों तक बस मौत ही मौत चल रही थी। भईया इसे कहते हैं जीदारी, राम कसम आपने एक ही झटके में 8 पुलिसवालों को मारा और कोरोना की पूरी कहानी ही बदल कर रख दी। हे ब्राहम्ण अवता...
पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम में आप के पैसे से कैसे खेला जाता हैं उसको आज समझने का प्रयास करते हैं

पूंजीवादी बैंकिंग सिस्टम में आप के पैसे से कैसे खेला जाता हैं उसको आज समझने का प्रयास करते हैं

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, आर्थिक, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
अगर आप बैंक से 10 लाख रूपए का HOUSING लोन लेने जाते हो | तो बैंक कम से कम 20 लाख की जमीन गिरवीं रखेगा | पांच लाख आपको अपने पास से भी लगाने के लिए कहेगा | इस तरह बैंक के पास 35 लाख के प्रॉपर्टी गिरवीं रखने पर आपको बैंक 10 लाख रूपए का लोन देगा | हाउसिंग लोन के केस में बैंक आपकी तीन साल की RETURN , VALUATION REPORT , NON ENCUMBRANCE CERTIFICATE ,Legal Opinion , Map passed By MC आदि DOCUMENTS मांगेगा | हो सकता है इनता सब कुछ देने के बाद बैंक फिर भी हाउसिंग लोन देने से इनकार कर दे | अब आप उसी बैंक में ,उसी मेनेजर के पास जाईये और उसी से 10 लाख का कार लोन मांगे | तो वह फटाफट 10 लाख रूपए का लोन आपको दे देगा वह भी बहुत थोड़े डॉक्युमेंट्स पर । कार लोन आपको बिना किसी जमीन आदि गिरवी रखने के आसानी से एक दो दिन मेहो जाता है । यदपि 10 लाख के कार की कीमत शो रूम से निकलते ही 8 लाख की रह जाती है ।क्योकि हा...
फ़ाइनेंस कम्पनियों का खेल

फ़ाइनेंस कम्पनियों का खेल

addtop, Today News, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय, विश्लेषण
2015 में एक बडी फाइनेंस कम्पनी ने बैंकों से 18000 करोड़ रूपए कर्ज़ लिया था । B फाइनेंस कम्पनी में प्रमोटर्स का अपना पैसा केवल 50 करोड़ लगा हुआ था । 2019 में बैंकों से B फाइनेंस कम्पनी ने 86000 करोड़ रूपए लोन लिया था और प्रमोटर्स का अपना पैसा लगा हुआ था केवल 115 करोड़ रुपये | यानि कि आप बैंकों की मदद से 115 करोड़ खर्च कर 86000 करोड़ के मालिक बन बैठे । अब हर गली नुक्कड़ और ऑनलाइन पोर्टल्स पर जो इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का फाइनेंस यहकम्पनी कर रही है ,वह पैसा क्या प्रमोटर्स के घर से आ रहा है। तो उसका उत्तर है नहीं,यह तो आपका ही पैसा है ,जो बैंकों में सेविंग एफडी आदि में आम आदमी ने निवेश किया हुआ है । यह लोन बैंक फाइनेंस कंपनी को शेयर गिरवीं रख कर दे देतें हैं ।जिससे बड़ी-बड़ी कंपनियों की सेल को बढ़ावा दिया जा रहा है । अगर blue star कोई कूलर बनाती है तो उसको यह कंपनी फाइनेंस कर देगी । अगर कोई छोटी फै...
कोरोना को नियंत्रित किये जाने की कोशिश हो या नहीं ?

कोरोना को नियंत्रित किये जाने की कोशिश हो या नहीं ?

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
मैं डॉक्टर भी नहीं,  वैज्ञानिक भी नहीं,  फिर भी लगभग तीन महीने से मैं कोरोना के प्रति लगातार जागरूकता भरे लेख लिख रही हूँ !  शायद तब भारत में कोरोना के इक्के दुक्के मामले ही होंगे ! अपने पुराने लेखों में मैंने बाहर निकलने पर नियमित मास्क पहनने,  हाथो पर अपना नियंत्रण रखने और बाहर से आये सामानो के प्रति जागरूकता बनाये रखने के बारे में लिखा करती थी ! साथ ही  बाहर से घर में प्रवेश पर आवश्यक सावधानी  और  अपने घर में किसी को प्रवेश न देने के नियम का कड़ाई से पालन करना भी था ! कोरोना को हराने के लिए 1-2 महीने इतना कर लेना पर्याप्त था ! हम सभी जानते हैं कि इन नियमों का पालन होता तो अभी तक कोरोना अपने पैर इतना न पसारता, और हमें अभी तक कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए लिखना न पड़ता ! पर अभी भी बाहर  50% लोग मुंह और नाक में नहीं, गले में मास्क लगाए मिलेंगे आपको ! अब दूसरे मुद्दे पर आती हूँ,...
इस देश में शहीदों का नामों निशां न होगा….

इस देश में शहीदों का नामों निशां न होगा….

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
भारत को स्वतंत्रता आसानी से नहीं मिली है, अंग्रेजों की गुलामी के दो सौ वर्षों में अनगिनत लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। जब 15 अगस्त या 26 जनवरी के दिन जगह जगह देशभक्ति के गीत बजते हैं तो उन गीतों में जगदम्बा प्रसाद मिश्र की  यह पंक्ति सुनने को मिलती है, “शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर बरस मेले वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा” लेकिन क्या वाकई देश को स्वतंत्र कराने वाले और इसके निर्माण में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले महापुरुषों के प्रति हम कृतज्ञ हैं? ऐसा लगता तो नहीं है, 1857 के क्रांतिकारियों से लेकर कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं, क्रांतिकारी आंदोलन खड़ा करने वाले विनायक दामोदर सावरकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरु और अन्य सभी महापुरुषों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती है। क्या वर्तमान पीढ़ी वाकई इन नेताओं से नाराज है इसलिए वे इनका सम्मान नहीं करते या कोई सो...
भारतीय शिक्षण और संविधान की विचारधारा

भारतीय शिक्षण और संविधान की विचारधारा

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
भारतीय राजव्यवस्था में कार्यपालिका के सर्वोच्च अधिकारी केन्द्र में राष्ट्रपति और राज्यों में राज्यपाल होते हैं, फिर जनता की चुनी हुई सरकार के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री व उनका मंत्रिपरिषद होता है। सत्ता की दो धूरी होने के कारण दोनों के बीच टकराव या मनमुटाव की स्थिति बन सकती है, स्वावभाविक है। यह मनमुटाव का कारण अगर संवैधानिक होगा तो परिणाम भी संविधान से निकलेगा लेकिन एक दूसरे को नीचा दिखाने या अपमानित करने के परिणामस्वरूप दोनों धूरी के बीच ठन जाए तो इसका समाधान कैसे निकले? छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ साल में यह स्थिति बनती दिख रही है, खासकर उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित विधानसभा में पारित किए गए विधेयक के संबंध में। संविधान की अपनी कोई विचारधारा नहीं है तो उनके अनुच्छेदों से बंधे संस्थान विचार की लड़ाई को संविधान की लड़ाई में तब्दील क्यों करना चाहते हैं? मामला कुशाभाऊ ठाकर...
घरेलू कामगारों की अहमियत कब समझेंगे हम?

घरेलू कामगारों की अहमियत कब समझेंगे हम?

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
घरेलू कामगारों की बात करते ही मन विचलित हो उठता है और सीने में दर्द भर जाता है कि वो बेचारे कैसे और तरह-तरह के के निम्न स्तर के काम पेट की आग बुझाने के लिए करते है। हर समय गाली-गलौज सहकर भी कम पैसों में ज्यादा कार्य करते रहते है। हमारे देश में घरेलू कामगारों की संख्या करोड़ों में है। एक सर्वे के अनुसार 'भारत में 4.75 मिलियन घरेलू कामगार हैं, जिनमें से शहरी क्षेत्रों में तीन मिलियन महिलाएँ हैं। भारत में लगभग पाँच करोड़ से अधिक घरेलू कामगार हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएँ हैं। बड़े-बड़े और कस्बों में प्रायः हर पाँचवें घर में कामवाली 'बाई' बहुत ही सस्ते दरों में आपको काम करते हुए दिख जाएँगी। हमारे रोज़मर्रे के जीवन में आस-पास एक ऐसी महिला ज़रूर होती है जो अदृश्य होती है जो हमारे घरों में सुबह-सुबह अचानक से आती हैं, झांड़ू-पोछा करती हैं, कपड़े धोती हैं, खाना बनाती हैं और दिन भर बच्चे-बूढ़ों को भ...
क्या किसी नेता में इतना दम है

क्या किसी नेता में इतना दम है

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
गलवान घाटी में भारत की मुठभेड़ चीन से हुई लेकिन देखिए कि आजकल दंगल किनके बीच हो रहा है। यह दंगल हो रहा है-- भाजपा और कांग्रेस के बीच। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर इतने जमकर हमले किए कि जितने भारतीय और चीनी नेताओं ने एक-दूसरे पर नहीं किए। कांग्रेसी नेताओं ने प्रधानमंत्री का नया नामकरण कर दिया और चीन के आगे घुटने टेकने का आरोप यह कहकर भी जड़ दिया कि ‘पीएम केयर्स फंड’ में भाजपा ने चीनी कंपनी हुवेई से 7 करोड़ रु. का दान ले लिया है। इस पर भाजपा और सरकार का भड़कना स्वाभाविक था। उसने अब सोनिया-परिवार के तीन ट्रस्टों पर जांच बिठा दी है और उन पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने चीनी सरकार और चीनी दूतावास से करोड़ों रु. स्वीकार किए हैं। कांग्रेसी नेता भाजपा सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह चीन से तो पिट ली है लेकिन कांग्रेस पर फिजूल गुर्रा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि पीएम केयर्स फंड में कितना रुपया ...