सुरंगों से छलनी होता हिमालय?
उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा परियोजना की सुरंग सुर्खियों में है। सुरंग के एक हिस्से के धंसने से वहां फंसे 41 मजदूरों की जान संकट में है। इसके बाद एक बार फिर विश्व की सबसे युवा पर्वतमाला हिमालय में सुरंगों के निर्माण पर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, सुरंगों सहित भूमिगत निर्माण में इस तरह के हादसे नई बात नहीं है। अब तो सुरंगों के धंसने और निर्माणाधीन सुरंगों के ऊपर बसी बस्तियों के धंसने की शिकायतें आम हो गयी हैं।
इसमें दो राय नहीं कि विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमालयी क्षेत्र की जनता को विकास भी चाहिए, तभी उनकी जिन्दगी की परेशानियां कम होंगी और बेहतर जीवन सुलभ होगा। हिमालयवासियों के लिए सड़कें भी चाहिए तो बिजली-पानी और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी। पहाड़ों पर सड़कें बनाना तो आसान है, मगर उन सड़कों के निर्माण से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटना आसान नहीं है। तेज ढलान के कारण पन बिजली उत्प...