Shadow

राष्ट्रीय

भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के बीच चल रही रस्साकच्छी, रूस यूक्रेन के बीच पिछले लम्बे समय से लगातार चल रहे युद्ध एवं पिछले एक माह से भी अधिक समय से पूर्व प्रारम्भ हुए हम्मास इजराईल युद्ध के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक दिनांक 5 नवम्बर 2023, रविवार, को प्रातः 9 बजे भुज, गुजरात में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत और सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके किया। बैठक में देश भर से संघ की दृष्टि से 45 प्रांतो एवं 11 क्षेत्रों के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा कुछ विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्रियों सहित लगभग 382 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  उक्त बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्य विस्तार के लिए बनी योजन...
<strong>दीवाली मनायें पर मिलावटी मिठाइयों बिना </strong>

दीवाली मनायें पर मिलावटी मिठाइयों बिना 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आर.के. सिन्हा दीपावली और स्वादिष्ट मिठाइयों का चोली-दामन का साथ है। मिठाई के बिना दीपोत्सव का आनंद अधूरा ही माना जा सकता है। जो इंसान मिठाई नहीं पसंद करता या फिर डाक्टरी सलाह पर इसका सेवन नहीं करता, वह भी दिवाली पर तो कम से कम एक –दो डिब्बे मिठाई के खरीद ही लेता है। इसकी वजह यह है कि लक्ष्मी पूजन के वक्त मिठाई का प्रसाद लक्ष्मी-गणेश को अर्पित करके वितरित किया जाना है। पर यह भी मानना होगा कि दिवाली पर जिस मात्रा में मिलावटी मिठाइयां बाजार में मिलने लगी है, उसके चलते मिठाई का आनंद लेने से पहले हर इंसान कई बार सोचने लगा है। सच में इस कारण से घनघोर मिठाई प्रेमी भी अब मिठाई खाने से कतराने लगे हैं। वर्ना एक दौर था जब दिवाली से पहले हिंदू परिवारों में मिठाइयों पर विस्तृत चर्चा होती थी। पर मिलावटी मिठाइयों की बिक्री ने लोगों को मिठाई से दूर सा कर दिया है। युवा पीढ़ी तो अब वैसे भी मिठाई ...
<strong>जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच</strong>

जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर, 2023- ललित गर्ग-सरल को जटिल बनाना आम बात है लेकिन जटिल को सरल, अद्भुत रूप से सहज बनाना, यही रचनात्मकता है। इसी रचनात्मक सोच को विकसित करने के लिये विश्व उपयोगिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य प्रयोज्यता, प्रयोज्य इंजीनियरिंग, सार्वभौमिक प्रयोज्यता, उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजाइन और बेहतर काम करने वाली चीजों के बारे में आम उपयोगकर्ता की जिम्मेदारी के मूल्यों को बढ़ावा देना एवं उनमें सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस का उद्देश्य है। आज प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी का युग है, नित-नयी उपभोग वस्तुओं, पदार्थों एवं सेवाओं का संसार विकसित हो रही, जिसमें प्रौद्योगिकी का सहजता एवं सरलता से उपयोग करना बहुत कठिन है। एक सेल फोन दरवाजे की घुंडी की तरह उपयोग में आसान होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकार, संचार, मनोरंजन, कार्य और अन्य क्षेत्रों के ल...
7 नवम्बर 1858 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विपिन चंद्र पाल का जन्म

7 नवम्बर 1858 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विपिन चंद्र पाल का जन्म

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
स्वदेशी और स्वाधीनता आँदोलन को गति देने वालों में अग्रणी --रमेश शर्मा स्वतंत्रता आँदोलन के अग्रणी नेताओं में "लाल, बाल, पाल" के रूप "त्रिदेव" के नाम आते हैं जिन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता और पूर्ण स्वदेशी का नारा लगाया था । विपिनचंद्र पाल इन "त्रिदेव" में से एक थे । और अन्य दो लाला लाजपतराय एवं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक थे ।इन्हीं त्रिदेव ने काँग्रेस में सबसे पहले पूर्ण स्वाधीनता का नारा लगाया और पूरे देश में स्वदेशी का अभियान चलाया । इसकी शुरुआत 1891 से की थी और दस वर्ष में ये आँदोलन पूरे बंगाल में फैल गया था । तब आज का बंगलादेश, बिहार, उड़ीसा, और असम भी बंगाल का अंग हुआ करते थे । इस आँदोलन को तोड़ने के लिये ही अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल के विभाजन का निर्णय लिया जिससे स्वतंत्रता की अग्नि और प्रज्ज्वलित हुई ।ऐसे ओजस्वी, दूरदर्शी और क्राँतिकारी विचारों के धनी सुप्रसिद्ध स्व...
<strong>क्रिकेट का कोहिनूर विराट कोहली</strong>

क्रिकेट का कोहिनूर विराट कोहली

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
5 नवंबर के लिये विशेष आर.के. सिन्हा विराट कोहली का क्रिकेट के मैदान में जुझारू तरीके से खेलने के अलावा एक दूसरा भी चेहरा है। वे जब क्रिकेट नहीं खेल रहे होते, या कहें कि फुर्सत में होते हैं तो वे सपरिवार वृंदावन जाना पसंद करते हैं। विराट कोहली वृंदावन में श्री परमानंद जी का आशीर्वाद लेने जाते हैं। वे ऋषिकेश में दयानंद गिरि आश्रम में भी जाते हैं। दयानंद गिरि आश्रम में विराट और उनकी पत्नी अनुष्का तीन बार यात्रा कर चुकी है। वे इस साल के आरंभ में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर भी  पहुंचे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट कोहली ने आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। विराट कोहली ने गले में रुद्राक्ष की माला भी धारण की। अगर विराट कोहली की शख्सियत इस पक्ष  से हटकर बात करें तो वे आजकल अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रद...
फोन ‘हैक’ की राजनीति: आक्रामकता की बजाय संयम जरूरी

फोन ‘हैक’ की राजनीति: आक्रामकता की बजाय संयम जरूरी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
  ललित गर्ग  पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लगातार आक्रामक होने के मध्य में देश के कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं के आईफोन पर निगरानी किये जाने का मामला एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर रहा है। इसे सरकार प्रायोजित बताकर सरकार को घेरने की कोशिशें भी एकाएक उग्र हो गयी है। एप्पल कम्पनी ने इन फोन धारकों को ईमेल सन्देश भेज कर लिखा है कि आपके फोन को किसी ‘मालवेयर वायरस’ से सरकार द्वारा सर्वेक्षण में रखा जा रहा है जिसके माध्यम से आपकी सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। मगर इसके साथ ही सरकार ने ऐसी किसी कार्रवाई से इन्कार करते हुए पूरे मामले की सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्रालय की संसदीय समिति से जांच कराने की घोषणा कर दी है और कहा है कि ऐसा ही एक ई-मेल सन्देश वाणिज्य मन्त्री पीयूष गोयल को भी आया है। फोनों पर निगरानी का आरोप सरकार के लिए भी गंभीर चिन्ता का विषय है क्योंकि यह ऐसा मामला है जिसमें सत...
नया उद्धयोग ऊर्जा भंडारण

नया उद्धयोग ऊर्जा भंडारण

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
बिजली के क्षेत्र में तीन तरह के कारोबार होते हैं: उत्पादन, पारेषण और वितरण। कीमतें भी तीन तरह की होती हैं: थोक मूल्य जो उत्पादक को प्राप्त होता है, पारेषण की कीमत और अंत में खुदरा कीमत। अब एक चौथा उद्योग उभर आया है और वह है: ऊर्जा भंडारण का कारोबार।भारत में जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन कम हो रहा है। वित्तीय व्यवस्था भी आमतौर पर जीवाश्म ईंधन आधारित संयंत्रों को रकम नहीं देंगी। उत्पादन क्षमता के मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसमें दिक्कत यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन रुक-रुक कर होता है। शाम को सूरज नहीं चमकता और हवा भी कमजोर हो सकती है। ऐसे में ग्रिड को संतुलित करने की जरूरत है। उत्पादन को मांग के अनुरूप करने में मुश्किल आ सकती है।कई पारंपरिक विचारकों के अनुसार इस समस्या का हल यह है कि एक ऐसी उत्पादन इकाई कायम की जाए जो भंडारण और उत्पादन को एक साथ कर दे। य...
इसराइल से भारत की तुलना करना हर प्रकार से असत्य हैं।

इसराइल से भारत की तुलना करना हर प्रकार से असत्य हैं।

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
बात केवल आकार की या संख्या की नहीं है ।कम से कम अभी 20वीं शताब्दी ईस्वी के उत्तरार्द्ध में जब इसराइल बना, उसके पहले सैकड़ो वर्षों तक वहां उस राष्ट्र का अस्तित्व नहीं था। यद्यपि उस से बहुत पहले निश्चय ही उस क्षेत्र में यहूदी लोग ही थे अर्थात् उनका ही वह राष्ट्र था, यह हम कह सकते हैं।परंतु शताब्दियों वहां वह राष्ट्र नहीं था। भारत में निरंतर हिंदू राष्ट्र है। इसराइल के किन्हीं सम्राटों नरेशों और प्रतापी राजाओं रानियों के विवरण स्वयं इजरायल के लोगों के पास ऐसे नहीं है कि जो बहुत बड़ी संख्या में हों और जिन्होंने निरंतर मुसलमान को मारा हो और फिर जिनमें से कुछ के सहयोग से मुसलमान वहां काबिज हुए हों। भारत में हजारों ऐसे प्रतापी राजा जागीरदार तथा सम्राट  हुए हैं जिन्होंने निरंतर 1000 से अधिक वर्षों तक मुसलमान को बुरी तरह पीटा ,बहुत बुरी तरह पीटा, कुचला ,रौंदा ,मारा ,नष्ट किया परंतु स...
<strong>लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल</strong>

लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जन्म जयन्ती, 31 अक्टूबर, 2023लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल-ललित गर्ग - अदम्य उत्साह, असीम शक्ति एवं कर्मठता से नवजात भारत गणराज्य की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान कर विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर एक अमिट आलेख लिखने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर आज़ादी के बाद भी, सरदार पटेल का योगदान अविस्मरणीय है। महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। उनकी अखण्ड भारत को लेकर जितनी बड़ी कल्पनाएं थी, जितने बड़े सपने थे, उसी के अनुरूप लक्ष्य बनाये और उतने ही महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक किये। इसलिये उन्हें भारत के बिस्मार्क के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं आजादी के बाद आधुनिक भारत को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने, 562 रियासतों का एकीकरण कर संगठित...
सोशल मीडिया के ये स्याह पहलु

सोशल मीडिया के ये स्याह पहलु

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
सोशल मीडिया के नशे को नियंत्रित करने व बड़ी तकनीकी कंपनियों को जवाबदेह बनाने की मांग भारत समेत पूरी दुनिया में उठ रही है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विश्व्व्यापी चिंताये आकार लेने लगी हैं। भारत में भी सोशल मीडिया के नशे के युवाओं के सिर चढ़कर बोलने पर गाहे-बगाहे चिंता जतायी जाती है। इसकी वजह से जहां एक ओर उनकी एकाग्रता भंग होती है, वहीं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताएं भी परेशान करने वाली हैं। देश में कई ऐसे मामले खबरों की सुर्खियां बने हैं, जब इस लत से रोकने वाले अभिभावकों पर किशोरों द्वारा प्राणघातक हमले किये गये। अब सोशल मीडिया के स्रोत संयुक्त राज्य अमेरिका के दर्जनों राज्यों ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाकर फेसबुक व इंस्टाग्राम की स्वामित्व वाली कंपनी मेटा पर मुकदमें दर्ज कराये हैं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि एक नशे की लत के रूप ...