Shadow

राष्ट्रीय

Armed forces’ pay-and-rank parity: PMO told defence ministry to get forces involved in policy; MoD did opposite

Armed forces’ pay-and-rank parity: PMO told defence ministry to get forces involved in policy; MoD did opposite

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
Barely 10 days after the present government was sworn in May 2014, national dailies headlined "PMO tells MoD, MHA: Get forces involved in policy", elaborating that in an attempt to improve the working environment for the armed forces and other internal security outfits, the Prime Minister’s Office has directed the home and defence ministries to ensure that decisions, especially those relating to the uniformed forces, should be taken only after detailed consultations with their top officers. The news item elaborated that PMO strongly believed matters relating to the armed forces should not be decided by civilian bureaucrats sitting in North and South Block and that the military leadership should be involved more in decision-making. Above report further added Prime Minister Narendra Mo...
Open letter to Shehla Rashid from a Kashmiri Hindu

Open letter to Shehla Rashid from a Kashmiri Hindu

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
I am Aditya Tikoo. It was the morning of 19th January 1990. I (then 5) was playing with my mother on the bed. She was 7 months pregnant. She took me in her lap and asked – “what do you want – baby brother or sister?”. “Brother” – I replied. She kissed my forehead and held her hand on my head in affection.   Suddenly we heard a noise outside. It was some mob that was nearing our house. It kept getting noisy with each moment. My father who had gone outside rushed into the house and came to our room. I saw his eyes full of fear for the first time. He was a school master in Srinagar. “They are coming”, he said.   I felt my mother’s grip around me was tightened suddenly. I looked at her face. She fainted. I asked, what happened? She almost cried, said- nothing Bachcha. She covered me with h...
जैविक में है दम, सिक्किम बना प्रथम

जैविक में है दम, सिक्किम बना प्रथम

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
यदि हमारी खेती प्रमाणिक तौर पर 100 फीसदी जैविक हो जाये, तो क्या हो ? यह सोचते ही मेरे मन में सबसे पहले जो कोलाज उभरता है, उसमें स्वाद भी है, गंध भी, सुगंघ भी तथा इंसान, जानवर और खुद खेती की बेहतर होती सेहत भी। इस चित्र के लिए एक टेगलाइन भी लिखी है - ''अब खेती और किसान पर कोई तोहमत न लगाये कि मिट्टी, भूजल और नदी को प्रदूषित करने में उनका भी योगदान है।''   अभी यह सिर्फ एक कागज़ी कोलाज है। ज़मीन पर पूरी तरह कब उतरेगा, पता नहीं। किंतु यह संभव है। सिक्किम ने इस बात का भरोसा दिला दिया है। उसने पहल कर दी है। जब भारत का कोई राज्य अपने किसी एक मण्डल को सौ फीसदी जैविक कृषि क्षेत्र घोषित करने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में कोई राज्य 100 फीसदी जैविक कृषि राज्य होने का दावा करे; यह बात हजम नहीं होती। लेकिन दावा प्रमाणिक है, तो शक करने का कोई विशेष कारण भी नहीं बनता।    100 फीसदी जैविक कृषि राज्य सिक्...
नालंदा के बहाने अतीत की महानताओं से मुलाकात..

नालंदा के बहाने अतीत की महानताओं से मुलाकात..

addtop, BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
कल पटना से दिल्ली की ओर बढ़े तो सोचा कि क्यों न कुछ दर्शनीय स्थानों को देखते चलें। एक-दो वरिष्ठ रिश्तेदारों और बिहार में पोस्टेड दोस्तों से सलाह ली; बिहार का नक्शा उठाया और अपने भीतर के कोलंबस को जगाकर रास्ता निर्धारित किया। योजना बनी कि पहले दिन नालंदा, पावापुरी, राजगीर, गहलौर और बोधगया को कवर किया जाए। वक़्त की कमी के चलते पावापुरी और गहलौर ठीक से नहीं देख पाए, पर बाकी तीन जगहों को ठीक से 'जिया'।पहला पड़ाव था- नालंदा। मेरे मन में उसकी छवि यही थी कि वह गुप्त काल में विकसित हुआ एक शानदार विश्वविद्यालय था जिसमें पढ़ने की आकांक्षा लेकर देश-विदेश के बड़े-बड़े जिज्ञासु और शोधार्थी खिंचे चले आते थे। एक बात और सुनी हुई थी कि जब बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट करने के लिये इसकी लाइब्रेरी में आग लगाई थी तो करीब 6 महीनों तक आग जलती रही थी। दंतकथाओं में अक्सर अतिशयोक्तियाँ शामिल हो जाती हैं - इस तर्क से 6 महीन...
चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा

चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
  जनगणना-2011 के अनुसार, कुल भारतीय ग्रामीण आबादी में से 74.5 प्रतिशत परिवारों की आय पांच हजार रुपये प्रति माह से कम है। इसके विपरीत भारत की वर्तमान केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 76 करोड़पति हैं। राज्य विधानसभाओं के 609 मंत्रियों में से 462 करोड़पति हैं। स्पष्ट है कि भारत की जनता गरीब है, किंतु वह जिन्हे चुनकर भेज रही है, वे अमीर हैं। आम भारतीय इरादतन अपराधी नहीं है। किंतु भारत सरकार की केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 24 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। राज्य सरकारों के 609 मंत्रियों से 210 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इसका मतलब है कि गैर अपराधी जनता करीब-करीब 33 प्रतिशत अपराधियों को चुनकर भेज रही है।    उक्त चित्र, लोकतंत्र की मूल आस्था के विपरीत है। उक्त चित्र के मद्देनजर भारत में चुनाव सुधार का मुख्य मुद्दा फिलहाल एक ही है कि चुनाव में बाहुबल और धनबल क...
‘संसार में न्याय, लोकतंत्र, शिक्षा और कानून का राज होना चाहिए’

‘संसार में न्याय, लोकतंत्र, शिक्षा और कानून का राज होना चाहिए’

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
बराक ओबामा को एक नए सर्वेक्षण में अमेरिकी इतिहास का 12वां सबसे अच्छा राष्ट्रपति चुना गया है। ओबामा अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति रहे हैं। इस सर्वेक्षण में अब्राहम लिंकन को पहले, जार्ज वार्शिगटन को दूसरे तथा फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट को तीसरे स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में विभिन्न मुद्दों के आधार पर सबसे अच्छे राष्ट्रपतियों की सूची बनाई गई। इन मुद्दांे में नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता, नैतिक प्राधिकार, अंतर्राष्ट्रीय रिश्ते और सबके लिए समान न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश शामिल है। ओबामा ने खासकर सबसे अधिक समान न्याय की कोशिश वाले पैमाने पर उच्च अंक हासिल किए। हमें उम्मीद है कि अमेरिका के महान राष्ट्रपतियों की समान न्याय सुनिश्चित करने की कोशिशों को वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगे बढ़ायेंगे। विश्व के शक्तिशाली देश अमेरिका के नये राष्ट्रपति के रूप में दुनिया की एक न्यायपूर्ण तथा लोकतांत...
चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों?

चुनावी अनुष्ठान में अनिवार्य मतदान जरूरी क्यों?

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर मतदाता को अपने भाग्य का फैसला करने का अधिकार मिला है। यदि मतदाता सशक्त  और स्वस्थ लोकतंत्र चाहता है तो उसे कम-से-कम मतदान में उत्साह का प्रदर्शन करना होगा और अधिकतम मतदान को संभव बनाना होगा। मतदान के प्रति मतदाता की उदासीनता ने ही लोकतंत्र को कमजोर बनाया है। अनेक मोर्चाें पर अधिकतम मतदान के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, विशेषतः युवापीढ़ी इसके लिये जागरूक हुई है यह एक शुभ संकेत है। यही कारण है कि विधानसभा चुनावों के पहले चरण में पंजाब और गोवा में क्रमशः 78.6 और 83 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके लिए चुनाव आयोग और ‘आओ मतदान करे’-अभियान से जुडे़ विभिन्न पक्ष बधाई के पात्र है। चुनाव आयोग को तो इसके लिये व्यापक प्रयत्न करने ही होंगे, जैसाकि इस बार उसने गोवा में पहली बार मतदान करने वाली लड़कियों को टैडी बियर और लड़कों को पेन बां...
हिंदू फारसी तो दलित गैर संवैधानिक शब्द

हिंदू फारसी तो दलित गैर संवैधानिक शब्द

addtop, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आज हमारे देश में दो शब्दों को लेकर समाज में एक बड़ी भ्रांति फैली हुई है। पहला हिंदू और दूसरा दलित। ये दोनों शब्द समाज की संरचना में दो विपरित ध्रुव के वाहक के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। दो अलग-अलग ध्रुवों की पहचान के चलते ही ये दोनों शब्द न केवल समाजगत बाधाओं में उलझे हुए है बल्कि समय-समय पर विवाद के रूप में भी सामने आए है। इसके इतर इन शब्दों की समाज के अलग- अलग वर्ग और दायरों में (दलित-गैर दलित ) अपना स्थान है। दलित शब्द की पहचान भारत के संदर्भ में ख्यात है तो हिंदू शब्द की पहचान हिंदुस्तानी संदर्भ। ऐसा मेरा मानना नही है बल्कि यह समाज में प्रचलित मान्यताओं के आधार पर अपनी पहचान बनाए हुए है। हालाकि यह एक सच भी हो सकता है क्योंकि आज हमारा देश दो वर्ग व दो विचारधाराओं में बट़ा हुआ है। एक विचारधारा उस भारत की पक्षधर है जो गरीबी, गैर बराबरी, सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय की पक्षधर है वो...
धर्म परिवर्तन कराने वाली सबसे बड़ी एजेंसी देश छोड़ कर भागी

धर्म परिवर्तन कराने वाली सबसे बड़ी एजेंसी देश छोड़ कर भागी

addtop, BREAKING NEWS, राष्ट्रीय
धर्म परिवर्तन के खिलाफ मोदी सरकार के प्रयत्नों का बड़ा नतीजा सामने आया है। दुनिया भर में ईसाई धर्मांतरण कराने वाली सबसे बड़ी अमेरिकी एजेंसी ‘कंपैशन’ ने भारत में अपना दफ्तर और सारे ऑपरेशन बंद करने का ऐलान किया है। ये एजेंसी कंपैशन इंडिया नाम के एनजीओ की शक्ल में भारत में बड़े पैमाने पर गरीबों और आदिवासियों को ईसाई बना रही थी। 10 माह पूर्व मोदी सरकार ने इसके विदेश से फंड लेने पर पहले से इजाज़त लेने की शर्त लगा दी थी। मोदी सरकार बनने के बाद जब देश में काम कर रहे तमाम एनजीओ का ऑडिट कराया गया था, तभी यह बात सामने आई थी कि अमेरिकी एनजीओ कंपैशनेट भारत में सबसे ज्यादा पैसे भेज रहा है और ये सारा पैसा ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार में लग रहा है। कंपैशन इंडिया भारत में बीते 30 साल से काम कर रही थी। ये हर साल भारत में 292 करोड़ रुपये विदेशों से लाती थी और इसे 344 छोटे-बड़े एनजीओ में बांटा जाता था। ये सभ...

राजनीति को पावन करें

addtop, राष्ट्रीय
देश की वर्तमान स्थिति में प्रायः सभी राजनैतिक दलो के नेताओं में 5 विधान सभाओं में होने वाले चुनावों की सनसनाहट धीरे धीरे बढ़ती जा रही है।उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक असमंजस का वातावरण बना हुआ है।  मुख्य बिंदू यह है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की संभावित जीत पर अंकुश कैसे लगाया जायें ? इसके लिए अपने सिद्धांतों को त्याग कर गठबंधन को स्वीकारना राष्ट्र की सबसे बड़ी व पुरानी कांग्रेस पार्टी की विवशता बन गयी । समाजवादी व कांग्रेस का यह गठबंधन प्रदेश में कितना सफल होगा इससे भविष्य की राजनीति का एक रोडमेप अवश्य बन सकता है। परंतु क्या यह अपने आप में कांग्रेस की एक बड़ी हार नही कि उसने 403 सदस्यों वाली उ.प्र. की विधान सभा में अपने केवल 102 उम्मीदवार खड़े किये है। जबकि पारिवारिक कलह से ग्रस्त समाजवादी को गठबंधन में 301 स्थान दिए गये। क्या कांग्रेस को अपने स्टार प्रचारक राहुल और प्रियंका पर भरोसा न...