राजनीति को पावन करें
देश की वर्तमान स्थिति में प्रायः सभी राजनैतिक दलो के नेताओं में 5 विधान सभाओं में होने वाले चुनावों की सनसनाहट धीरे धीरे बढ़ती जा रही है।उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक असमंजस का वातावरण बना हुआ है। मुख्य बिंदू यह है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की संभावित जीत पर अंकुश कैसे लगाया जायें ? इसके लिए अपने सिद्धांतों को त्याग कर गठबंधन को स्वीकारना राष्ट्र की सबसे बड़ी व पुरानी कांग्रेस पार्टी की विवशता बन गयी । समाजवादी व कांग्रेस का यह गठबंधन प्रदेश में कितना सफल होगा इससे भविष्य की राजनीति का एक रोडमेप अवश्य बन सकता है। परंतु क्या यह अपने आप में कांग्रेस की एक बड़ी हार नही कि उसने 403 सदस्यों वाली उ.प्र. की विधान सभा में अपने केवल 102 उम्मीदवार खड़े किये है। जबकि पारिवारिक कलह से ग्रस्त समाजवादी को गठबंधन में 301 स्थान दिए गये। क्या कांग्रेस को अपने स्टार प्रचारक राहुल और प्रियंका पर भरोसा न...