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वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

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क्या वन नेशन वन इलेक्शन नीति कंजुसाई (पैसा बचाने की नीति) सोच नहीं है , मैं नहीं विपक्षी (लीब्रां डू गेंग) सोच रहा है, क्या पैसा बचाना लोकतंत्र की हत्या माना जाएगा ?वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है । इसके फायदे ज्यादा हैं , नुकसान कम हैं । अमेरिका में भी चुनाव का निश्चित टाइम टेबल है । नवंबर माह के प्रथम मंगलवार को चुनाव हर चौथे साल होते हैं । नई सरकार उसके 3 महीने बाद 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करती है । बीच के 3 महीने अनाड़ी लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए होते हैं कि सरकार चलाने में क्या करना है और क्या नहीं करना है । वहां सरकार 4 साल के लिए चुनी जाती है । केंद्रीय सरकार में राष्ट्रपति का चुनाव उपराष्ट्रपति के साथ जनता द्वारा सीधे होता है । उसी समय राज्यों के गवर्नर का चुनाव भी होता है । राष्ट्रपति के इस्तीफा देने, मृत्यु या महाभियोग की स्थिति में उपराष्ट्रपति जो उसी पार्ट...
Why Gandhi was fond of meeting students, visiting schools

Why Gandhi was fond of meeting students, visiting schools

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 Vivek Shukla Notwithstanding his busy schedules, Mahatma Gandhi always finds time for students. He visits schools and colleges often. He even became a teacher of both young and old. When he came to Delhi for the first time on 12 April, 1915, he stayed at the St. Stephen’s college. He was then only Mr MK Gandhi. He became Mahatma Gandhi and Bapu later. According to Father George Solomon of Delhi Brotherhood Society (DBS) that had established St. Stephen’s college, “ Gandhiji arrived here with his wife, Kasturba Gandhi ji. They were received at Delhi Junction by principle of the college, Prof. S.K. Rudra, his several colleagues and some students.” St. Stephens college moved to new or the present campus only in 1941.  But before we move further, we should know as to why he stayed...
शाकाहार-क्रांति से ही नयी विश्व-संरचना संभव

शाकाहार-क्रांति से ही नयी विश्व-संरचना संभव

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विश्व शाकाहार दिवस- 1 अक्टूबर, 2023- ललित गर्ग-बढ़ती बीमारियां के कारण जीवन की कम होती सांसों ने इंसान को शाकाहारी बनने के लिये विवश किया है, सत्य भी यही है कि शाकाहार एक उन्नत जीवनशैली है, निरापद खानपान है। न केवल बुद्धिजीवी बल्कि आम व्यक्ति भी अब शाकाहारी जीवन प्रणाली को अधिक आधुनिक, प्रगतिशील और वैज्ञानिक मानने लगे हैं एवं अपने आपको शाकाहारी कहने में प्रगतिशील व्यक्ति होने का गर्व महसूस करते हैं। शाकाहार को बल एवं प्रोत्साहन देने के लिये ही विश्व शाकाहार दिवस, प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहारी समाज का स्थापना दिवस है और 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा ‘शाकाहार से खुशी, करुणा और जीवन-वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ावा देने’ के लिये इसका समर्थन किया था, यह शाकाहारी जीवन शैली के नैतिक, पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और मानवीय लाभों के ब...
भारतीय परिवारों की भौतिक आस्तियों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर है

भारतीय परिवारों की भौतिक आस्तियों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर है

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किसी भी देश के लिए शुद्ध वित्तीय बचत की दर अधिक होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मापदंड माना जाता है क्योंकि वित्तीय बचत की राशि अंततः पूंजी निर्माण करते हुए देश के आर्थिक विकास को गति देने में मुख्य भूमिका निभाती है। बचत दरअसल दो प्रकार की होती है, एक, वित्तीय बचत एवं द्वितीय, भौतिक आस्तियों के रूप में की गई बचत। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग द्वारा जारी एक प्रतिवेदन में बताया गया है कि भारत के परिवारों में हाल ही के समय में वित्तीय बचत की दर कुछ कम होकर परिवारों द्वारा भौतिक आस्तियों के रूप में की गई बचत में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है। भारत में परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत जो केंद्र एवं राज्य सरकारों एवं गैर वित्तीय संस्थानों के लिए आय का मुख्य साधन है, वित्तीय वर्ष 2022-23 में गिरकर सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रह गई है। यह बचत दर वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11...
नेहरू द्वारा मिशनरियों को प्रचार की खुली छूट..

नेहरू द्वारा मिशनरियों को प्रचार की खुली छूट..

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9 अक्टूबर 1952 को भारत में ईसाइयों की एक प्रमुख प्रतिनिधि राजकुमारी अमृत कोर (कपूरथला के राजा के भाई, All India Conference of Indian Christians के पहले अध्यक्ष हरनाम सिंह KCIE/ Knight Commander of the Most Eminent Order of the Indian Empire/की बेटी और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री) ने नेहरू जी को बिहार और मध्यप्रदेश में भारतीय और विदेशी ईसाई मिशनों और मिशनरियों के प्रति भेदभाव बरतने की शिकायत की। (राजकुमारी जी को Dame of Grace of the Order of St John of Jerusalem की उपाधि प्राप्त थी)।इस पर नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को आदेश और ज्ञान देने के लिए लगभग पाक्षिक तौर पर लिखे जाने पत्रों में से एक, 17 अक्टूबर 1952 को लिखे पत्र में आदेश दिया। इसका मूल अँग्रेजी और उसका (इस पोस्ट के लेखक द्वारा किया गया) हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है। "I have sometimes recieved complaints from Chr...
भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा

भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा

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भारत अपनी ऊर्जा की कुल आवश्यकता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा कच्चे तेल के रूप में आयात करता है एवं भारत के कुल आयात में कच्चे तेल की भागीदारी सबसे अधिक है। इससे भारत के विदेश व्यापार में असंतुलन पैदा होता है तथा विदेश व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल एवं डीजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जो कि जीवाश्म ऊर्जा की श्रेणी में आता है, इससे कार्बनडाई आक्सायड नामक गैस वातावरण में फैलती है और देश का पर्यावरण दूषित होता है। अतः अब समय आ गया है कि भारत में जीवाश्म ऊर्जा के उपयोग को कम करते हुए जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाय। इस दृष्टि से हाल ही में जी-20 सम्मेलन के इत्तर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा 9 सितम्बर 2023 को की। 9 संस्थापक सदस्य और 2 पर्यवेक्षक देश इस लॉंचिंग में शामिल हुए। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन...
क़ानून : सहज, सरल और बोधगम्य हो

क़ानून : सहज, सरल और बोधगम्य हो

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यह शत प्रतिशत सही सोच है कि देश में कानून की व्याख्या और क़ानून उस भाषा में सहजता-सरलता से पेश होना चाहिए, जिसे देश का आम आदमी भी समझ सके। किसी भी लोकतंत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिकों को आर्थिक, सामाजिक और कानूनी न्याय सहजता से मिल सके। इसी कड़ी में देश के अंतिम व्यक्ति को न्याय प्रक्रिया से सहजता से न्याय मिलना भी उतना ही जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की उपस्थिति में कहा कि सरकार की कोशिश है कि कानूनों को आसान व भारतीय भाषाओं में बनाने का प्रयास किया जाए। निस्संदेह, यह एक सार्थक पहल कही जाएगी। निश्चित रूप से कानून का मसौदा देश में उस भाषा में सहजता-सरलता से उपलब्ध होना चाहिए, जिसे देश का आम आदमी भी समझ सके। सही मायने में यही सोच देश के शीर्ष स्वतंत्रता सेनानियों की ...
हिंदू हृदय सम्राट – अशोक सिंघल

हिंदू हृदय सम्राट – अशोक सिंघल

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27 सितंबर (जन्म जयंती) पर विशेष-मृत्युंजय दीक्षित27 सितम्बर 1926 को जन्मे राष्ट्रवादी विचारधारा के वाहक, श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के माध्यम से बहुसंख्यक हिंदू समाज को स्वाभिमान से खड़ा करने वाले विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल नेअपना जीवन हिंदू समाज के लिए खपा दिया। अशोक जी के व्यक्तित्व व उनके ओजस्वी विचारों का ही परिणाम है कि आज हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का भाव दिखलायी पड़ रहा है। संत समाज व विभिन्न अखाड़ा परिषदों को एक मंच पर लाने का दुष्कर कार्य अशोक जी से ही संभव हो सका। यह उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है कि आज देश का बहुसंख्यक समाज अपने आप को गर्व से हिंदू कहना चाहता है।अशोक सिंघल ने देश, समाज, हिंदू संस्कृति और संस्कार के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। उन्होने श्री रामजन्मभूमि की मुक्ति तथा उस पर श्री राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलनों की झड़ी लगा दी। जनसभाओं व का...
LET NOT CANADA LOSE ITS GLOBAL IDENTITY

LET NOT CANADA LOSE ITS GLOBAL IDENTITY

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N.S.Venkataraman Those  who live in Canada as Canadian citizens  by birth   or  as immigrants (permanent residents)  and non permanent residents as well as those who have been visitors to Canada and those who have heard about Canada from media reports  and those who have studied   Canada’s  history ,  have all identified Canada as a peaceful country with high level of personal freedom and liberty and with goodwill towards all , as espoused by  the  liberal migration policy of  Government of Canada. The recent controversy between India and Canada that has been created by Canadian Prime Minister who accused India of murdering a citizen of Canada on Canadian soil and the  strong  refutal of this accusat...
26 सितंबर विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस विशेष

26 सितंबर विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस विशेष

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26 सितंबर को प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। वास्तव में इस दिवस को मनाने के पीछे जो कारण और उद्देश्य है वह यह है कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़े और अधिकाधिक लोगों को पर्यावरण के संरक्षण के प्रति प्रोत्साहित किया जाए। अब हम यहां बात करते हैं कि आखिर पर्यावरण स्वास्थ्य से यहां क्या मतलब है ? तो जानकारी देना चाहूंगा कि पर्यावरण स्वास्थ्य का तात्पर्य किसी विशेष क्षेत्र की भौतिक, रासायनिक, जैविक और सांस्कृतिक स्थिति से है। खराब वायु गुणवत्ता, पारिस्थितिक विविधता का नुकसान, रासायनिक असंतुलन आदि जैसे पहलू किसी क्षेत्र के पर्यावरणीय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पर्यावरणीय स्वास्थ्य के तीन सबसे महत्वपूर्ण प्रकारों में भौतिक पर्यावरण, जैविक पर्यावरण और सांस्कृतिक पर्यावरण शामिल हैं। इन प्रकारों का विश्लेषण करके पर्यावरणीय स्वास्थ्य को मापा जा ...