भारत नाम पर आपत्ति किन्हें है
अवधेश कुमारइसे अच्छा ही मनाना चाहिए कि स्वतंत्रता के अमृत काल में हमारे देश का नाम भारत हो या इंडिया इस पर तीव्र बहस आरंभ हो गई है। जी 20 के नेताओं के सम्मान में राष्ट्रपति द्वारा भोज के आमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने के साथ तूफान खड़ा हुआ है। अभी तक नरेंद्र मोदी सरकार की ओर नहीं कहा गया है कि 18 सितंबर से 22 सितंबर तक के संसद के विशेष सत्र में वे देश का नाम केवल भारत रखने के लिए संशोधन ला रहे हैं। हालांकि यह दुखद स्थिति है कि प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया तो हमें स्वीकार्य है लेकिन प्रेसिडेंट ऑफ भारत नहीं। संविधान के अनुच्छेद 1 में भी लिखा है ,इंडिया दैट इज भारत। यानी इंडिया जो भारत है। इस तरह संविधान ने दोनों नाम को मान्यता दी है। तो इंडिया की जगह भारत लिखने से आपत्ति क्यों? अजीब तर्क है कि संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत ने देश के लिए भारत शब्द प्रयोग का आग्रह...