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श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ किया

श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ किया

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और 613 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें लोक निर्माण विभाग की 405 करोड़ रुपये लागत की 70 योजनाओं और युवा कल्याण,खेल,नगर विकास व व्यावसायिक शिक्षा विभाग समेत 12 विभागों की 51 करोड़ रुपये लागत की 24 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है।साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 की 151 करोड़ रुपये लागत की 19 योजनाओं और स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग की 6 करोड़ रुपये की 4 योजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री ...
राष्ट्रपति ने गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति ने गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया

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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (07 अप्रैल, 2023) असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच एक बहुत ही पवित्र रिश्ता है। प्रकृति का सम्मान करने वाली संस्कृति हमारे देश की पहचान हमेशा सेरही है। भारत में प्रकृति और संस्कृति आपस में जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे का पोषण करते हैं। हमारी परंपरा में हाथियों का बहुत सम्मान किया जाता है। भारत में इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह देश का राष्ट्रीय धरोहर पशु है, इसलिए हाथियों की रक्षा करना हमारे लिएअपनी राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करने वाली हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति ने कहा कि जो काम प्रकृति और पशु-पक्षियों के हित में हैं, वही मानवता और धरती माता के हित में भी हैं। हाथी अभ्यारण वाले जंगल और हर...
इमरान खान – आज के पाकिस्तान का शेर

इमरान खान – आज के पाकिस्तान का शेर

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खेल जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई है। आज भी सम्पूर्ण विश्व इमरान खान को उनकी पूर्व की छवि से ही याद करते है। वे 80 के दशक के एक लोकप्रिय क्रिकेटर रहे हैं, उनके असंख्य प्रशंसक ना केवल पाकिस्तान में अपितु भारत देश में भी हैं। उन्होंने खेल जगत में क्रिकेट को आकाश की ऊँचाईयों तक पहुँचाया है, इसलिए उनके प्रशंसक उनका दिल से सम्मान करते हैं।आज सम्पूर्ण पाकिस्तान राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में नित्प्रतिदिन पतन की ओर अग्रसर हो रहा है, ऐसी परिस्थिति में जनता त्राही-त्राही कर रही है। वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय में भी वहाँ की जनता ने हिन्दुओं को लूटकर अपने घर भरे और समय का लाभ उठाया, परन्तु वर्तमान में उनके किए हुए कुकर्मो का फल उन्हें बहुतायत में मिल रहा है। यदि हम पाकिस्तान के अस्तित्व से लेकर अब तक की स्थिति का आंकलन करे...
सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी मंगल पाण्डेय का बलिदान

सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी मंगल पाण्डेय का बलिदान

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8 अप्रैल 1857 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी मंगल पाण्डेय का बलिदान इन्ही के स्वाभिमान की चिंगारी क्राँति का दावानल बनी- रमेश शर्मा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ । इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया । असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी । इस संघर्ष का सूत्रपात करने वाले स्वाभिमानी सिपाही मंगल पाण्डेय थे । अपने स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा के लिये न केवल गाय की चर्बी वाले कारतूस लेने से इंकार किया अपितु दो अंग्रेज सैन्य अघिकारियों को गोली भी मार दी ।ऐसे इतिहास प्रसिद्ध क्राँतिकारी मंगल पाण्डेय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अंतर्गत नगवा नामक गांव में 19 जुलाई 1827 को हुआ था। इनके पिता दिवाकर पांडे था भारतीय परंपराओ से जुड़े थे । घर में पूजा पाठ का वातावरण था । मंगल पाण्डेय ...
मीडिया पर प्रतिबंध, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर प्रतिबंध

मीडिया पर प्रतिबंध, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर प्रतिबंध

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देश की शीर्ष अदालत ने सत्ताधीशों को आईना दिखाया है। शीर्ष अदालत ने मलयालम चैनल मीडिया वन पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए सरकार को यह नसीहत दी है। याद कीजिए, केंद्रीय सूचना व प्रसारण और गृह मंत्रालय ने इस मलयालम चैनल मीडिया वन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताते हुए बीती 31 जनवरी को इस पर रोक लगायी थी। याद कीजिए, उस कहावत को कि “मजबूत लोकतंत्र के लिये मीडिया की आजादी ज़रूरी है।“ इसी तथ्य को एक बार फिर दोहराकर देश की शीर्ष अदालत ने सत्ताधीशों को आईना दिखाने का ही प्रयास किया है। शीर्ष अदालत की पीठ ने यह भी कहा कि चैनल के शेयरधारकों का जमात-ए-इस्लामी हिंद से जुड़ाव का दावा चैनल के अधिकारों को प्रतिबंधित करने का वैध आधार भी नहीं है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी.वाई़ चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने बीते बुधवार कहा कि सरकार मीडिया की आजादी पर अनुचित प्रतिबंध नहीं लगा सकती। ऐसा करने...
जैव-विविधता के लिए जरूरी है हाथियों और बाघों का संरक्षण !

जैव-विविधता के लिए जरूरी है हाथियों और बाघों का संरक्षण !

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भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है। समय के साथ मानवीय हस्तक्षेप के कारण बाघों पर भी खतरा मंडराया और यह बात हमें आंकड़ों से पता चलती है। एक समय था जब बाघों की तेजी से कम होती संख्या को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें प्रोजेक्ट टाइगर व अन्य बाघ संरक्षण कार्यक्रमों से इसमें कुछ सुधार आ रहा है। समय के साथ ही वन्यजीवों के शिकार के संबंध में कानून को भी सख्त बनाया गया है। बहरहाल, एक अनुमान के अनुसार, विश्व भर के बाघों ने अपने प्राकृतिक निवास स्थान का तकरीबन 93 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। यह बहुत ही गंभीर व संवेदनशील है कि इन निवास स्थानों(अधिवासों) को अधिकांशतः मानव गतिविधियों द्वारा नष्ट किया गया है। वनों और घास के मैदानों को कृषि ज़रूरतों के लिये परिवर्तित किया जा रहा है। बाघों से मानव को कथित खतरे को देखते हुए और मौद्रिक लाभ कमाने के उद्देश्य से बाघों का शिकार मानव द...
भारत के भविष्य से जुड़ा सवाल?

भारत के भविष्य से जुड़ा सवाल?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आज का ‘प्रतिदिन’ भारत के भविष्य से जुड़ा है। यह भारत के भविष्य के लिए अत्यंत ही चिंताजनक बात है, जो फ़ौरन कार्रवाई की अपेक्षा की माँगती है । राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् यानी एनसीईआरटी तथा भारत सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में एक सर्वे हुआ। इस सर्वे के आंकड़ों के अनुसार देशभर में कक्षा तीन के बच्चे विशेष रूप से गणित, अंग्रेजी एवं हिंदी में औसत से भी कमजोर साबित हुए हैं। मानव जीवन में शिक्षा का बड़ा महत्व है। दरअसल, बेहतर व्यक्तियों के निर्माण तथा उज्ज्वल करिअर के लिए सर्वथा उचित शिक्षा की आवश्यकता होती है। वैसे आजादी के बाद से ही हमारी शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव किये गये, लेकिन हाल ही में एक सर्वे से प्राप्त आंकड़ों एवं जानकारियों से पता चलता है कि उद्देश्यगत बेहतरी के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अब तक किये गये तमाम प्रयास अपर्याप्त रहे हैं। ...
विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल)

विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल)

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
डॉक्टर और दवाइयों की कमी से जूझता देश का स्वास्थ्य प्रत्येक 10,000 लोगों के लिए केवल एक एलोपैथिक डॉक्टर उपलब्ध है और 90,000 लोगों के लिए एक सरकारी अस्पताल उपलब्ध है। मासूम और अनपढ़ मरीजों या उनके रिश्तेदारों का शोषण किया जाता है। अधिकांश केंद्र अकुशल या अर्ध-कुशल पैरामेडिक्स द्वारा चलाए जाते हैं और ग्रामीण सेटअप में डॉक्टर शायद ही कभी उपलब्ध होते हैं। मरीजों को जब आपात स्थिति में तृतीयक देखभाल अस्पताल में भेजा जाता है जहां वे अधिक भ्रमित हो जाते हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बिचौलियों के एक समूह द्वारा आसानी से धोखा खा जाते हैं। बुनियादी दवाओं की अनुपलब्धता भारत की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की एक सतत समस्या है। कई ग्रामीण अस्पतालों में नर्सों की संख्या जरूरत से काफी कम है. -डॉ सत्यवान सौरभ विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल, स्वास्थ्य समस्या या विशेष ध्यान देने योग्य मुद्दे पर विश्व ...
माँग में सिन्दूर लगाने की प्रथा अति प्राचीन है

माँग में सिन्दूर लगाने की प्रथा अति प्राचीन है

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
श्रीमती शारदा नरेन्द्र मेहता (एम.ए. संस्कृत विशारद)माँग में सिन्दूर लगाने की प्रथा अति प्राचीन है । सौभाग्यवती महिलाओं के सोलह श्रृृंगार में से एक श्रृंगार माथे पर माँंग में सिन्दूर लगाना भी है। हमारे समाज में वैदिक रीति की विवाह पद्धति में मंडप में कन्यादान विधि संपन्न्ा होने के बाद वर, वधू की माँग में सिन्दूर लगाता है तथा उसे मंगल सूत्र पहनाता है। इसके पश्चात कन्या अखण्ड सौभाग्यवती कहलाती है । सिन्दूर भारतीय समाज में पूजन-सामग्री का एक प्रमुख घटक है । देवी पूजन में माँ पार्वती, माँ दुर्गा के नौ रूप, माँ सीता तथा अन्य शक्ति स्वरूपा माताओं के पूजन में सिन्दूर का अपना एक विशेष महत्व है । देवी पूजन में सिन्दूर सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। आज भी नवविवाहिता अपनी मांग के अंदर सिंदूर बड़ी कुशलता पूर्वक लगाती है । सिन्दूर लगाने की प्रथा दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत में अधिक प्रचलित...
बल, बुद्धि और सिद्धि के सागर हैं हनुमान

बल, बुद्धि और सिद्धि के सागर हैं हनुमान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, राष्ट्रीय
हनुमान जयन्ती- 6 अप्रैल 2023 पर विशेष- ललित गर्ग - आधुनिक समय के सबसे जागृत, सिद्ध, चमत्कार घटित करने वाले एवं अपने भक्तों के दुःखों को हरने वाले भगवान हनुमान हैं, उनका चरित्र अतुलित पराक्रम, ज्ञान और शक्ति के बाद भी अहंकार से विहीन था। यही आदर्श आज हमारे लिये प्रकाश स्तंभ हैं, जो विषमताओं से भरे हुए संसार सागर में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि असंभव लगने वाले कार्यों में भी जब हनुमानजी ने विजय प्राप्त की तब भी उन्होंने प्रत्येक सफलता का श्रेय ‘सो सब तव प्रताप रघुराई’ कहकर अपने स्वामी को समर्पित कर दिया। पूरी मेहनत करना पर श्रेय प्राप्ति की इच्छा न रखना सेवक का देव दुर्लभ गुण होता है, जो उसे अन्य सभी सद्गुणों का उपहार दे देता है। यहीं हनुमानजी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता है। वे शौर्य, साहस और नेतृत्व के भी प्रतीक हैं। समर्पण एवं भक्ति उनका सर्वाधिक लोकप्रिय ग...