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राष्ट्रीय

वैश्विक स्तर पर भुगतान के माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है भारतीय रुपया

वैश्विक स्तर पर भुगतान के माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है भारतीय रुपया

आर्थिक, राष्ट्रीय
भारत में कच्चा तेल, स्वर्ण एवं रक्षा उपकरण जैसे उत्पादों का आयात सबसे अधिक होता है। आज भारत द्वारा सबसे अधिक तेल का आयात रूस से किया जा रहा है जिसका भुगतान रुपए अथवा रूबल में हो रहा है। “आत्मनिर्भर भारत” की घोषणा के बाद से रक्षा उपकरणों को भारत में ही निर्मित किए जाने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं जिसके चलते रक्षा उपकरणों का आयात बहुत कम हो जाने की सम्भावना है। इसी प्रकार भारत यूनाइटेड अरब अमीरात से 200 टन सोने का आयात कर रहा है जिसका भुगतान भी भारतीय रुपए में किया जा रहा है। कुल मिलाकर अब भारत को आगे आने वाले समय में अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता कम होने लगेगी। साथ ही, वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई देशों के बीच रुपए की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ती जा रही है। अब प्रबल सम्भावना बनती जा रही है कि भारतीय रुपया शीघ्र ही वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाने लगे...
क्या राहुल गांधी ने देश से गद्दारी की..?

क्या राहुल गांधी ने देश से गद्दारी की..?

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ब्रिटेन के दौरे पर गए राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत विरोधी बयानों की झड़ी लगा दी। वे वहीं नहीं रुके बल्कि - उन्होंने अपनी हर प्रेस कान्फ्रेंस / कार्यक्रम में भारत की संवैधानिक संस्थाओं व भारत विरोधी हमले करते रहे।और भारत की न्यायपालिका का अपमान करते हुए उसे कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने विदेश में भारत के संवैधानिक संस्थानों पर भी हमला बोला। और चीन का गुणगान करते हुए वे चीन के प्रति प्यार ज़ाहिर करते हुए नज़र आए।‌ जबकि इसके पूर्व भी उन्होंने अपना चीनी प्रेम दिखलाते हुए — भारत व चीनी सेना के मध्य हुए गलवान संघर्ष में भी उन्होंने भारतीय सेना पर प्रश्नचिन्ह उठाए थे। तो वहीं भारत को राज्यों के संघ के रूप में बताते हुए 'राज्यों को बार्गेनिंग के अधिकार' पर बातें की। जो भारत के संवैधानिक ढाँचे की बिल्कुल विरोधी बाते हैं। वे प्रेस कांफ्रेंस में भारत के ल...
राजनीति की संस्कृति : हृदयनारायण दीक्षित

राजनीति की संस्कृति : हृदयनारायण दीक्षित

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
राजनीति का सांस्कृतिक होना अनिवार्य है। संस्कृतिविहीन राजनीति कलहपूर्ण होती है। ऐसी राजनीति के संचालक और नेता देश को परेशानी में डालने वाले होते हैं। उनका आचरण उनके लिए भी फलप्रद नहीं होता। वे स्वयं की भी बेज्जती कराते हैं। कांग्रेस के नेता व पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने निराधार वक्तव्यों से जगहंसाई करा रहे हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने देश भारत के सम्बंध में अनर्गल टिप्पणियां की हैं। कैम्ब्रिज में बोलते हुए उन्होंने कहा है कि, ‘‘भारत की संवैधानिक संस्थाएं सत्ता पक्ष के नियंत्रण में हैं‘‘। राहुल जी स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा भिन्न भिन्न विषयों पर दिए गए निर्णयों पर ध्यान नहीं देते। सर्वोच्च न्यायालय ने अभी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के सम्बंध में विशेष प्रकार का निष्कर्ष दिया है। न्यायपीठ ने हिन्दू आस्था को भारत के लोगों की जीवनशैली बताया है। देश की न्यायपालिका संवैधानिक स...
हृदयनारायण दीक्षित :संस्कृत और संस्कृति

हृदयनारायण दीक्षित :संस्कृत और संस्कृति

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
भारत के लोगों की तमाम आदर्श साधनाओं का सर्वोत्तम संस्कृति है। संस्कृति समाजचेता, दार्शनिकों और ज्ञानीजनों का सर्वोत्तम है। में भारत एक प्राचीन सभ्यता और संस्कृति है। इस देश का इतिहास अतिप्राचीन है। प्राचीनता के तत्वों में जाने हुए की तुलना में अनजाना भाग भी कम नहीं है। डॉ० हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है, ‘‘इस देश का सबसे पुराना उपलब्ध साहित्य आर्यों का है। इन्हीं आर्यों के धर्म विश्वास नाना अनुकूल, प्रतिकूल परिस्थितियों में बनते बदलते अब तक इस देश की अधिकाँश जनता के निजी धर्म और विश्वास बने हुए हैं।‘‘ डॉ० द्विवेदी की यह स्थापना सही है। लेकिन आगे कहते हैं, ‘‘परन्तु आर्यों का साहित्य कितना भी पुराना और विशाल क्यों न हो भारतवर्ष के समूचे जनसमूह के विकास के अध्ययन के लिए न तो वह पर्याप्त ही है और न अविसंवादी ही है। इस देश में बहुत सी आर्येतर जातियां अत्यंत सभ्य और संस्कृत जीवन व्यतीत करती थ...
आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य : डॉ. मनमोहन वैद्य

आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य : डॉ. मनमोहन वैद्य

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
--कोरोना काल के बाद से देश में बढ़ा है संघ का कार्य--स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में की साढ़े पांच लाख लोगों की सेवा--109 स्थानों पर होंगे संघ के शिक्षा वर्ग, 20000 स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण लेने का अनुमानपानीपत, 12 मार्च। समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्पित कर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया। अ. भा. प्र. सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। प्रतिनिधि सभा के शुभारंभ के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि 2025 में संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। वर्तमान में संघ 71355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिर्वतन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भ...
इंटरनेट बंदी – आदेशों की समीक्षा ज़रूरी

इंटरनेट बंदी – आदेशों की समीक्षा ज़रूरी

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत, इंटरनेट बंद करने के मामले में भी सिरमौर हो गया है। यह लगातार 5 भारत लगातार ५ वाँ वर्ष है जब भारत इंटरनेट बंद करने के मामले में वैश्विक सूची में शीर्ष पर बना हुआ है।यह आकलन डिजिटल अधिकार संस्थान “एक्सेस नाउ” ने “कीप इट ऑन” के साथ गठजोड़ में जारी वार्षिक रिपोर्ट में किया है । इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में आधिकारिक तौर पर 84 बार इंटरनेट बंद किया गया। आँकड़े कहते हैं सन 2016 से अब तक दुनियाभर में इंटरनेट पर बंदी लगाने की जितनी घटनाओं का दस्तावेजीकरण हुआ उनमें से 58 प्रतिशत भारत से जुड़ी हैं। इंटरनेट पर पूरी बंदी के अलावा 2015 से 2022 के बीच भारतीय अधिकारियों ने 55 हजार से अधिक वेबसाइट को ब्लॉक किया। अकेले 2022 में ऐसी 6,700 वेबसाइट और प्लेटफार्म को ब्लॉक किया गया। इंटरनेट पर ऐसी पाबंदी और सेंसरशिप अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का हनन ह...
We Fight Against Khalistanis, Not Against Idea Of Khalistan

We Fight Against Khalistanis, Not Against Idea Of Khalistan

राज्य, राष्ट्रीय
By Balbir Punj Many of us, who saw thousands of Amritpal’s supporters, some of them brandishing swords and guns, stomping through barricades and barging into a police station in Ajnala, near Amritsar on February 23 last, and hapless policemen scurrying for cover, were shocked. The disturbing scenes were reminiscent of dark days of terror that rocked Punjab in 1980s. The script was too familiar and ominous. Many analysts, discussing the sordid episode threadbare, concluded that the Khalistan doctrine was far from dead, with inherent potential to push the border state back to an internecine war, bleeding it white in the process. Whatsoever happened in the border state on that fateful day appeared to be a page straight from the horror book that shook the country during the decade betwe...
राहुलः खुदी को कर बुलंद इतना कि

राहुलः खुदी को कर बुलंद इतना कि

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक राहुल गांधी का भाषण पहले केंब्रिज विश्वविद्यालय में हुआ, फिर ब्रिटिश संसद में हुआ और फिर लंदन के चेथम हाउस में हुआ। इन तीनों संस्थाओं में मैं पिछले 50-55 साल से जाता रहा हूं। मुझे आश्चर्य हुआ कि हमारे नेताओं में एक नेता इतना योग्य निकला कि इन विश्व-प्रसिद्ध संस्थाओं में भाषण देने के लिए उसे बुलाया गया। मेरा सीना गर्व से फूल गया। लेकिन सच यह है कि इन संस्थाओं के सभा-भवनों को कोई भी किराए पर बुक कर सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और सांसद हैं, इस नाते सरकार की आलोचना करने का उन्हें पूरा अधिकार है लेकिन यह काम बड़ी सावधानी से किया जाना चाहिए। ऐसी अतिवादी बातें नहीं कही जानी चाहिए जिनसे देश की छवि बिगड़ती हो, हालांकि भाजपा के प्रवक्ता जरूरत से ज्यादा परेशान मालूम पड़ते हैं। उन्हें क्या यह पता नहीं है कि विदेशी लोग राहुल की बातों को उतना महत्व भी नहीं देते, ...
प्रो कुसुमलता केडिया जी महिला दिवस पर कस्तूरी संस्था में बोलते हुए:-

प्रो कुसुमलता केडिया जी महिला दिवस पर कस्तूरी संस्था में बोलते हुए:-

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
कथित रेनेसां और enlightenment के बाद भी यूरोप में स्त्रियों पर भीषण अत्याचार जारी रहे थे क्योंकि चर्च के मनोरोगी पादरियों ने स्त्री को eve और evil प्रचारित कर दिया था।चर्च के नियंत्रण में ईसाई स्त्रियों को तरह तरह के झूठे अभियोग लगाकर भयंकर रूप से उत्पीड़ित किया जाता था:- जिंदा जला देना, खौलते कढ़ाह में उबालना, घोड़े की पूंछ में बांधकर पथरीली कटीली सड़कों में दौड़ाना ताकि वह लहूलुहान हो जाए, कांटेदार कुर्सी में बैठा कर मारना ,योनि में एक पीड़ादायक यंत्र डालकर उसे  इस प्रकार चौड़ा करते जाना कि भीषण पीड़ा हो और खून निकलने लगे,या  गले में कांटेदार यंत्र फंसा कर मुंह खोलना जिससे गला फट जाए और मरने की स्थिति आ जाए, ऐसे बर्बर पैशाचिक उपाय पादरियों  के द्वारा अपने अपने राज्यों की सहमति से किए जाते थे और जिन्हें यह दण्ड  दिया जाता था ,उनके ही परिवार से दंड देने का खर्चा वस...
कैसे मिली होली को अखिल भारतीय पहचान

कैसे मिली होली को अखिल भारतीय पहचान

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
 आर.के. सिन्हा कोरोना के कारण दो-तीन सालों तक जन धड़कन के पर्व होली का रंग फीका सा पड़ने लगा था। होली मिलन समारोहों पर भी विराम सा लग गया था। पर इस बार लगता है कि देश रंगोत्सव को पुराने अंदाज में मनाने जा रहा है। होली के रंग फिजाओं में बिखरे हैं। कहीं गुलाल और गुजिया की खुशबू को तो कहीं दही बड़ा और मालपुआ के अनोखे स्वाद को हर तरफ महसूस किया जा रहा है। होली मिलन समारोहों की भी वापसी हो चुकी है। इनके आयोजन लखनऊ से रायपुर, मुम्बई तथा पटना से दिल्ली वगैरह में सभी जगह हो रहे हैं। सब एक-दूसरे से गले मिल रहे हैं। गिले-शिकवे भुलाए जा रहे हैं। यही मौका है कि जब विभिन्न दलों के तमाम राजनीतिक नेता भी अपने मतभेद भुलाकर एक साथ होली खेलें और राष्ट्र निर्माण में लग जाएं। आखिर यह देश तो सबका है। राष्ट्र के प्रति जिम्मेवारी भी सबकी ही है I एक दौर था जब होली पर अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर भव्य...