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टूलकिट है बीबीसी

टूलकिट है बीबीसी

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लेखक -चंद्र प्रकाश कहावत है—रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन नहीं गई। विश्व की सबसे बड़ी औपनिवेशिक शक्ति ब्रिटेन के साथ इन दिनों कुछ यही हो रहा है। बिजली और गैस के बिल लगभग दोगुना बढ़ चुके हैं। अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। देश को संभालने के लिए भारतीय मूल के एक हिंदू को प्रधानमंत्री पद पर स्वीकार करना पड़ा। स्पष्ट रूप से इसकी ही खीझ है कि ब्रिटेन के सरकारी चैनल बीबीसी ने दो भागों में एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया। इसका उद्देश्य गुजरात दंगों को लेकर उस दुष्प्रचार को दोबारा हवा देना था, जिसकी पोल बहुत पहले खुल चुकी है। लेकिन बीबीसी ऐसा क्यों कर रहा है? उसके पीछे कौन-सी शक्तियां हैं? इस बात को समझने के लिए बीबीसी के इतिहास को समझना होगा, लेकिन पहले बात वर्तमान विवाद की। **डॉक्यूमेंट्री में क्या है?**‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में वर्ष 2002 में हुए गोधरा हत्याकांड और उ...
6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म

6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म

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गीतों की शब्द शक्ति से राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान जागरण की यात्रा --रमेश शर्मा भारतीय स्वाधीनता संग्राम में करोड़ो प्राणों के बलिदान हुये । ये बलिदान साधारण नहीं थे । पर इन बलिदानों केलिये आव्हान करने वाले शब्द साधकों की भी एक धारा रही है जिन्होंने अपने शब्दों की शैली और गीतों के माध्यम से राष्ट्र जागरण का अभियान छेड़ा। ऐसे कालजयी रचनाकार हैं कवि प्रदीप। जिन्होंने अपने ओजस्वी गीतों से पूरे राष्ट्र में स्वत्व और स्वाभिमान की अलख जगाई। स्वतन्त्रता के पूर्व यदि उनके गीतों में संघर्ष केलिये आव्हान था तो स्वाधीनता के बाद राष्ट्र निर्माण की उत्प्रेरणा ।स्वाधीनता के पूर्व --"दूर हटो ये दुनियाँ वालो ये हिन्दुस्तान हमारा है ।" और स्वतंत्रता के बाद- "ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी" जैसे अमर गीत के रचयिता कवि प्रदीप दुनियाँ के उन विरले गीतकारों में से हैं जिनका हर गीत लोकप्रि...
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में बजा भारत का डंका

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में बजा भारत का डंका

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स्विजरलैंड के दावोस नामक स्थान पर दिनांक 16 जनवरी से 20 जनवरी 2023 तक विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) की 43वीं वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया था। विश्व आर्थिक मंच एक गैरलाभकारी अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र संस्था है जो निजी एवं सरकारी संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करने के उद्देश्य से काम करती है। विश्व आर्थिक मंच की प्रतिवर्ष होने वाली बैठक में विश्व के तमाम बड़े राजनेता, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संस्कृति और समाज के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट व्यक्ति भाग लेते हैं। इस बैठक में वैश्विक एवं क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण, राजनैतिक, औद्योगिक, आदि क्षेत्रों से सम्बंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाती है एवं इन समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया जाता है। विश्व आर्थिक मंच को लगभग 1000 सदस्य कम्पनियों, विशेष रूप से ...
पर्वतों के विकास पर हो पुनः विचार

पर्वतों के विकास पर हो पुनः विचार

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भारत देश के पर्वत अन्य देशों के पर्वतों की भांति साधारण नहीं है, वरन् इन पर्वतों पर विभिन्न देवी-देवताओं का वास है। उनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु एवं माँ दुर्गा आदि अन्य देवी-देवता अनेकों रूपों में विराजमान हैं। अतीतकाल में अंग्रेजों ने इन्हीं पर्वत श्रृंखला के सौन्दर्य से परिपूर्ण शहरों यथा - शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जीलिंग, रानीखेत आदि को अपनी मौज-मस्ती हेतु विकसित किया। उनकों विकसित करने में उनका यह प्रमुख उद्देशय था कि वे अपनी मित्र मंडली के साथ भारतीय महिलाओं पर अत्याचार व दुराचार कर सकें। अंग्रेजो ने भारत छोड़ने से पूर्व अपने समस्त बंगलें अपने चापलूसों और दासों को कम धनराशि में बेच दिए थे। वे देशद्रोही बंगले के मालिक इन भारतीय धरोहरों का संरक्षण करने में असमर्थ थे, अतः उन्होंने उनका विक्रय करना प्रारम्भ कर दिया और कुछ समय पश्चात ही वे बंगले होटलों में परिवर्तित होने लगे और वहा...
आरक्षण से 75 साल में नहीं बल्कि 7500 साल में भी सबको समान अवसर नहीं मिलेगा

आरक्षण से 75 साल में नहीं बल्कि 7500 साल में भी सबको समान अवसर नहीं मिलेगा

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*सबको समान अवसर उपलब्ध कराना है तो 12वीं तक समान शिक्षा (एक देश एक शिक्षा बोर्ड और एक देश एक पाठ्यक्रम) लागू करिए* *बंगाल का युवा बंगाली में पढ़े और गुजरात का युवा गुजराती में लेकिन सिलेबस समान होना चाहिए* *स्कूल माफियाओं के दबाव में 12वीं तक एक देश एक शिक्षा बोर्ड लागू नहीं हुआ* *कोचिंग माफियाओं के दबाव में 12वीं तक एक देश एक पाठ्यक्रम लागू नहीं हुआ* *किताब माफियाओं के दबाव में हिंदी अंग्रेजी संस्कृत गणित भौतिक विज्ञान रसायन रसायन जीव विज्ञान वनस्पति विज्ञान की एक किताब लागू नहीं हुई* *समान शिक्षा बिना समता-समरसता मूलक समाज की स्थापना नामुमकिन है* *वर्तमान समय में स्कूलों की पांच कैटेगरी है और किताब भी पांच प्रकार की है। आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों की किताब और सिलेबस अलग है, निम्न आय वर्ग के बच्चों की किताब और सिलेबस अलग है, मध्यम आय वर्ग के ...
अंतरिक्ष कचरे से संबंधित अध्ययन कर रहा है इसरो

अंतरिक्ष कचरे से संबंधित अध्ययन कर रहा है इसरो

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अंतरिक्ष में परित्यक्त अथवा निष्क्रिय अंतरिक्ष यानों और उनके लॉन्च वाहनों का कचरा बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। किसी अंतरिक्ष यान की तरह यह कचरा भी पृथ्वी की निचली कक्षा में बेहद तीव्र गति से परिक्रमा कर रहा है। आकार में बेहद छोटा होने के बावजूद अंतरिक्ष कचरा अंतरिक्ष यानों और रोबोटिक मिशनों को खतरे में डाल सकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए इसरो अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे के प्रभावों पर कई अध्ययन कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी प्रदान की है। यूएस स्पेस डॉट कॉम पर सूचीबद्ध अंतरिक्ष कचरे और स्पेस ट्रैक वेबसाइट का हवाला देते हुए डॉ सिंह ने सदन को बताया कि 20...
मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

मुसलमानों को मुसलमान मार रहे

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान के शहर पेशावर में हुए विस्फोट ने पूरे देश और सरकार को हिलाकर रख दिया है। शाहबाज़ सरकार आर्थिक संकट से पहले ही जूझ रही है, अब इस विस्फोट ने जले पर नमक छिड़क दिया है। इस विस्फोट में हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। लगभग 100 लोग तो मर चुके हैं और डेढ़ सौ लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। यह विस्फोट भी कहां हुआ है? पेशावर की एक मस्जिद में। और वह किस वक्त हुआ है? दोपहर की नमाज के वक्त! दूसरे शब्दों में तहरीके-तालिबान के आतंकवादियों ने इस्लाम का भी अपमान कर दिया है। वे लोग अपने को कट्टर इस्लामी कहते हैं और उन्होंने मस्जिद में ही विस्फोट करवा दिया। इस्लामी राष्ट्र होने का दावा करनेवाला पाकिस्तान इस घटना से कोई सबक सीखेगा या नहीं? उसने आतंकवाद को इसलिए बढ़ावा दिया कि वह भारत से कश्मीर छीन सकेगा। उसने भारत से लड़े युद्धों में विफल होने के बाद आतंकवाद को ही अपना...
चीन एक ‘अलग-थलग’ और ‘मित्रविहीन’ भारत चाहता है

चीन एक ‘अलग-थलग’ और ‘मित्रविहीन’ भारत चाहता है

TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
बलबीर पुंज क्या भारत, चीन से निपट सकता है? यह प्रश्न बीते छह दशकों से प्रासंगिक है। क्या इस संकट का समाधान उन नीतियों में छिपा है, जिसका अनुसरण मई 2014 से पहले 13 पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री कर चुके है?— इसके परिणामस्वरूप ही आज भी 38 हजार वर्ग कि.मी. भारतीय भूखंड पर चीनी कब्जा है। चीन से व्यापारिक संबंध में प्रतिवर्ष लाखों करोड़ रुपयों का घाटा हो रहा है। चीन वर्ष 1959, 1962, 1967, 1975, 1987, 2013, 2017, 2020-21 और 2022 में बिना उकसावे के आक्रामकता दिखा रहा है। 'काफिर' भारत के खिलाफ पाकिस्तान के घोषित जिहाद में चीन प्रत्यक्ष-परोक्ष सहयोग दे रहा है। नेपाल— जिसके भारत से सांस्कृतिक-पारिवारिक संबंध है, वह चीनी हाथों में खेलकर यदा-कदा भारत विरोधी नीतियां बना रहा है। यह तनाव केवल सीमा तक सीमित नहीं। देश में कुछ चीनपरस्त राजनीति दल और संगठन द्वारा इसपर विकृत विमर्श बनाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि ...
हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

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बलबीर पुंज गुजरात दंगे को लेकर यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय प्रसारक— बीबीसी की वृत्तचित्र को किस श्रेणी में रखेंगे? क्या इसे पत्रकारिता कहेंगे या फिर भारत के प्रति घृणा? इस घटनाक्रम में भारत सरकार की जो प्रतिक्रिया आई है, उसपर अलग से विस्तृत चर्चा हो सकती है। यह पहली बार नहीं, जब वामपंथ केंद्रित बीबीसी ने कोई भारत-विरोधी रिपोर्ट या वृत्तचित्र तैयार की हो और भारत सरकार ने उसपर प्रतिबंध लगाया हो। 1968-71 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा बीबीसी पर लगाई पाबंदी— इसका प्रमाण है। स्वयं ब्रितानी सरकारों-राजनीतिज्ञों (मारग्रेटा थैचर सहित) के साथ भी बीबीसी का पुराना विवाद रहा है। इस पृष्ठभूमि में जिस प्रकार बीबीसी ने 20 वर्ष पुराने प्रकरण पर विकृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया है, वह उस औपनिवेशिक ब्रितानी अधिष्ठान से प्रेरित है, जिसने 19वीं शताब्दी में कमजोर कड़ियों को ढूंढकर कालांतर में वामपंथ...
सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

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VHP to meet CEC for de-recognising SP & RJD Shri Alok Kumar, Central Working President of the Vishva Hindu Parishad has sought an appointment with the Chief Election Commissioner of India to request that the registration of the Samajwadi Party (SP) and Rashtriya Janta Dal (RJD) be cancelled. The VHP wishes to draw the attention of the CEC to Section 29A of the Representation of the People Act 1951 which requires that the memorandum of each registered political party to have a specific provision that the party shall bear true faith and allegiance including to the principles of secularism and democracy. The recent statements of Shri Swami Prasad Maurya of SP disparaging the Ramcharitmanas and the burning of its pages are deliberate and malicious acts of outraging the religious ...