
राजनीति में अपराधीकरण – कोई भी दल गंभीर नहीं
हाल ही में सम्पन्न विधान सभा और दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद एक बार फिर यह साफ हुआ है कि राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टी गंभीर नहीं है।गुजरात में चुनाव पूर्व पकड़ी गई नकदी और नशीले पदार्थों की खेप और चुनाव पश्चात् छन-छन कर आ रही खबरें यही प्रमाणित कर रही है कि “अपराध और चुनाव के बीच गंभीर रिश्ता है और उसके निवारण में न तो बड़े राजनीतिक दल सोच रहे हैं और न वैकल्पिक राजनीति देने की बात करने वाले नये दल ही |”
सार्वजनिक रूप से राजनीतिक दल और उनके नेता चाहे कितने भी दावे करें कि वे राजनीति को स्वच्छ बनाने के लिए काम करेंगे, लेकिन मौका मिलते ही वे भी इस बात का वे खयाल रखना भी जरूरी नहीं समझते कि अपराध के आरोपी या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने से कौन-सी परंपरा मजबूत होगी?
बाकी खबरे भी जल्दी सामने आयेंगी अभी तो दिल्ली नगर नि...