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लोकतंत्र में पारदर्शिता

लोकतंत्र में पारदर्शिता

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लोकतंत्र में पारदर्शिता लोकतंत्र की वास्तविक पहचान पारदर्शिता में निहित होती है। यदि किसी देश के लोकतंत्र में पारदर्शिता नहीं दिखाई देती है तो उस देश में लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में होता है। लोकतंत्र जनता का विश्वास है और जब लोकतंत्र में पारदर्शिता समाप्त हो जाती है तो जनता का विश्वास भी धीरे-धीरे समाप्त प्राय होना प्रारम्भ हो जाता है। भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति  के पश्चात जो भी पार्टी सत्ता में आयी, उसने सर्वप्रथम परदर्शिता पर प्रहार किया, परिणामस्वरूप वे सभी पार्टियाँ प्रचण्ड बहुमत प्राप्त करने के पश्चात भी शनै-शनै विघटन की ओर अग्रसर हो गईं। लोकतंत्र की पारदर्शिता का प्रदर्शन सर्वप्रथम चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली से ही होना चाहिए। यदि चुनाव आयोग ही स्वयं में सशक्त नहीं हैं तो वह देश के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है। आज भी पूर्व चुनाव आयुक्त टी0एन0 शेषन जी के योगदान को जनत...
इमामों को वेतन देने के 1993 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट स्वतः वापस ले

इमामों को वेतन देने के 1993 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट स्वतः वापस ले

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इमामों को वेतन देने के 1993 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट स्वतः वापस ले या  CIC के खिलाफ Contempt of court का केस चलाये !* करोड़ों रुपया गैरकानूनी खर्च होने की भरपाई कौन करेगा ? इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का Forensic Audit होना चाहिए ! केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने अपने 26 नवंबर, 2022 के आदेश में बहुत निर्भीक होकर और बड़ी हिम्मत का परिचय देते हुए मस्जिदों के इमामों को पारिश्रमिक देने के सुप्रीम कोर्ट के 1993 के आदेश को संविधान का उल्लंघन कह दिया - CIC ने यह भी कहा कि -  “अदालत के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 27 का भी उल्लंघन हुआ जिसमें कहा है कि करदाताओं के पैसे का उपयोग किसी किसी विशेष धर्म के पक्ष में नहीं किया जायेगा - इससे देश में गलत मिसाल, अनावश्यक विवाद और सामाजिक कटुता बढ़ी - CIC ने अपने आदेश की कॉपी कानून मंत्री को भेजने के लिए भी कहा जिससे वेतन मामले मे...
‘पप्पू’ में बहुत गहराई है- प्रियंका गांधी

‘पप्पू’ में बहुत गहराई है- प्रियंका गांधी

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विनीत नारायणकुछ हफ़्तों पहले सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का एक अंग्रेज़ी वीडियो जारी हुआ। उसमें उन्होंने अपने भाई राहुल गांधीके व्यक्तित्व के बारे में काफ़ी कुछ कहा। उनके इस वक्तव्य से राहुल गांधी के व्यक्तित्व की अनेक उन बातों का पता चलाजिनकी चर्चा कभी एकतरफ़ा हो चुके मीडिया ने नहीं की। इन दिनों जब राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ काफ़ी चर्चा में हैं, तोपाठकों के साथ इस वीडियो का ज़िक्र करना उचित होगा।प्रियंका गांधी अपने भाई को अपना सबसे करीबी मित्र बताते हुए अपने बचपन को याद करती हैं। किस तरह उनका बचपनदर्दनाक हादसों और हिंसा का साक्षी रहा। इन दोनों ने अपनी दादी, इंदिरा गांधी को दूसरी माँ के रूप में पाया। 1984 मेंइंदिरा जी की हत्या के समय राहुल की उम्र मात्र 14 साल की थी। वे कहती हैं कि चार जनों के एक छोटे परिवार केपारस्परिक स्नेह ने ही उनको सभी कठिनाइयों का सामना करने की ताक़त दी।1991 में...
संघ रचता है संस्कृति के नये स्वस्तिक

संघ रचता है संस्कृति के नये स्वस्तिक

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अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर, 2022 पर विशेषसंघ रचता है संस्कृति के नये स्वस्तिक-ः ललित गर्ग:-सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस सभी व्यक्तिगत स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरों पर उनके योगदान को दिखाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। यह दिन हर साल हजारों स्वयंसेवकों को जुटाने के साथ, विकास कार्यक्रम का समर्थन करके शांति और विकास को भी बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर, 1985 को हर वर्ष 5 दिसंबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। तब से, अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, सरकारों, नागरिक समाज संगठनों आदि द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा। आज देश एवं दुनिया के विभिन्न विश्वविद्...
4 December 1889 Sacrifice of the great hero Tantya Bhil

4 December 1889 Sacrifice of the great hero Tantya Bhil

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4 दिसंबर 1889 महानायक टंट्या भील का बलिदान गद्दार गणपत ने फाँसी के फंदे पर पहुँचाया --रमेश शर्मा   स्वतंत्रता के जिस शुभ्र प्रकाश में हम आज स्वछंद श्वांस ले रहे हैं । यह साधारण नहीं है । इसके पीछे अगणित हुतात्माओं का बलिदान हुआ है । कुछ को हम जानते हैं, याद करते हैं, गीत गाते हैं लेकिन कितने ऐसे हैं जिनके बारे में हम कुछ नहीं जानते । जिन्हे हम याद तक नहीं करते हैं, जिनका उल्लेख इतिहास के पन्नो पर मिल तो जाता है पर अत्यल्प । ऐसे योद्धा अनगिनत हैं जिन्होंने इस राष्ट्र के लिये, राष्ट्र की संस्कृति के लिये बलिदान दिया और समय की परतों में कहीं खो गये हैं ।  वनवासी महानायक टंट्या भील ऐसे ही बलिदानी हैं । जिन्हे अंग्रेजों ने अपराधी कहा और स्वतंत्रता के बाद की आरंभिक पीढ़ियों ने भी वही माना । लेकिन अब सच सामने आ रहा है इतिहास की परतें खुल रहीं हैं हम उनके बलिदान से अवगत हो र...
PM shares breathtaking images from recently launched EOS-06 satellite

PM shares breathtaking images from recently launched EOS-06 satellite

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has shared images from the recently launched EOS-06 satellite. The Prime Minister further added that these advancements in the world of space technology will help in better prediction of cyclones and promote the coastal economy as well. The Prime Minister tweeted; “Have you come across breathtaking images from the recently launched EOS-06 satellite? Sharing some beautiful images of Gujarat. These advances in the world of space technology will help us to better predict cyclones and promote our coastal economy too.”
साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिये मजबूत तंत्र बने

साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिये मजबूत तंत्र बने

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ललित गर्ग - व्हाट्सअप, फैसबुक, इंस्टाग्राम हैक होने की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, आम आदमी इन हमलों से भारी नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि सरकार के पास इसके समाधान का तंत्र कमजोर एवं बेअसर है। इन सोशल मीडिया के हमलों के साथ-साथ साइबर हमलों ने भी खतरों की झड़ी लगा दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सूचना क्रांति ने हमारा जीवन आसान बना दिया है। तकनीक के जरिए प्रत्येक क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान एवं जीवन को आसान बनाने की स्थितियां भी कायम हुई हैं। लेकिन, जिस तरह से साइबर संसार एवं तकनीक का विस्तार हो रहा है, उससे तेज गति से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, उन्हें देखते हुए कई बार तो लगता है कि हम कहीं वैश्विक जंग का नया मैदान तैयार करने एवं आम आदमी से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं एवं संसाधनों को खतरे में तो नहीं डाल रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस साइबर संसार के विस्तार के साथ ही रा...
Prannoy Roy: From GK to NDTV to Adani

Prannoy Roy: From GK to NDTV to Adani

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Vivek Shukla Even as the media world is agog with the news that Radhika and Dr. Prannoy Roy have resigned as directors on the board of RRPR Holding Pvt. Ltd. with effect from November 29,I am transported back to 1984. Those were the days when India was still many years away from the din of private TV channels. Nobody knew that something like Twitter, Facebook and other social media platforms would invade our world soon. Telecom revolution too was far away. Those days I was a student of Delhi University and during the summer vacation, I was working in a huge TV showroom of my friend’s family in the then Archana Cinema shopping arcade in Greater Kailash-part I. That TV showroom belonged to Weston Company and it also had a huge video Library too. Those were the days of VCR. Movie buffs...
सुप्रीम कोर्ट में कब मिलेगा भारतीय भाषाओं को उनका हक

सुप्रीम कोर्ट में कब मिलेगा भारतीय भाषाओं को उनका हक

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आर.के. सिन्हा सुप्रीम कोर्ट में देश की आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ अंग्रेजी में ही जिरह करने की अनिवार्यता बताना उन तमाम भारतीय भाषाओं की अनदेखी और अपमान ही माना जाएगा, जिसमें इस देश के करोड़ों लोग आपस में संवाद करते हैं। अंग्रेजी से किसी को ऐतराज़ भी नहीं है। अंग्रेजी एक तरह से विश्व संवाद की एक भाषा है और हमारे अपने देश में भी इसका हर स्तर पर उपयोग होता है। जहाँ ज़रूरी होने में हर्ज भी नहीं है। पर सुप्रीम कोर्ट में तो सिर्फ इसी का उपयोग किया जा सकता है। यह सही कैसे माना जाए? यह तो अंग्रेजों की गुलामी को दर्शाने वाली व्यवस्था है जो तत्काल खत्म होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में कुछ समय पहले ही एक अलग ही तरह का शर्मनाक मामला देखने को मिला जहां हिंदी में दलील दे रहे एक शख्स को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने टोक दिया। दरअसल, शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ता शंकर लाल शर्मा जैसे ...
3 डी नेविगेशन तकनीक : स्पाइनल सर्जरी को आसान बनाती है

3 डी नेविगेशन तकनीक : स्पाइनल सर्जरी को आसान बनाती है

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डॉ. अरविंद कुलकर्णी हेड, मुंबई स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्क रिप्लेसमेंट सेंटर बॉम्बे हॉस्पिटल मुंबई लैमिनेक्टॉमी और लंबर फ्यूजन जैसी पुराने चलन वाली स्पाइनल सर्जरी बेहद मुश्किल और दर्दनाक होती है। यह तकनीक एक अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ की मांग करती है। लेकिन टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ, आज स्पाइनल नेविगेशन टेक्नोलॉजी ने इलाज की पूरी प्रक्रिया को बदल कर रख दिया है। आज सभी न्यूरोसर्जन, गंभीर और मुश्किल स्पाइनल सर्जरी के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इमेज आधारित इस टेक्नोलॉजी ने स्पाइनल सर्जरी को बेहद आसान बना दिया है, जहां सर्जन बेहतर विजुअल्स (समस्या वाली जगह के दृश्य) के साथ बिल्कुल सटीक सर्जरी कर पाते हैं, जो पुरानी तकनीक के साथ बिल्कुल भी संभव नहीं है। नेविगेशन सिस्टम का कैमरा मरीज की रीढ़ को स्कैन करके साफ  विजुअल्स देता है। इमेज-आधारित यह टेक्नोलॉजी सटीक स्पाइनल ...