
क्यों खास थी गोर्बाचेव की 1986 की भारत यात्रा
क्यों खास थी गोर्बाचेव की 1986 की भारत यात्रा
आर.के. सिन्हा
सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति रहे मिखाइल गोर्बाचेव भारत में भी हमेशा याद रखे जायेंगे कि उन्होंने शीत युद्ध को खत्म करने की ठोस कोशिशें की। उनका विगत बुधवार को निधन हो गया। मिखाइल गोर्वाचेव ने रूसियों को स्वतंत्रता का रास्ता दिखाया। यूरोप में शांति के लिए उनकी प्रतिबद्धता ने हमारे इतिहास को बदल दिया। उनके निधन से उनकी सन 1986 में की गई भारत यात्रा की यादें भी ताजा हो गईं। वे भारत यात्रा के एक साल पहले ही सोवियत संघ के राष्ट्रपति बने थे। वे नवंबर 1986 में भारत के चार दिनों के दौरे पर आये थे। उनकी यात्रा को देखते हुए पालम एयरपार्ट से लेकर उन सब जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे, जहां पर उन्हें जाना था। दरअसल उस दौर में राजधानी में बड़ी संख्या में अफगानी शरणार्थी रहते थे। वे सोवियत संघ की अफगान नीति से खफा थी। आशंका...