
चमचो के सहारे टिकी “राजनीति”
भारत में चमचो का इस्तेमाल आम तौर पर रसोईघर में ही होता रहा है| सारे
बर्तन होने के बाद भी चमचे का स्थान सबसे अलग है.सभी तरीके का खाना बनाने
के बाद उस खाने में स्वाद लाने के लिए विशेष रूप से चमचे का इस्तेमाल ही
किया जाता है, ठीक उसी प्रकार भारत में वर्तमान समय की राजनीति में
नेताओं के “चमचो” का विशेष महत्त्व है. चमचो से अभिप्राय उस प्राणी से है
जो आपको नेता जी से मिलने का समय से लेकर, जुगाड़ तुगाड़ लगाकर आपके न होने
वाले कार्यो को भी नेता जी द्वारा करवाए जाने वाले व्यक्ति से है. आज
चमचो का राजनीति में अपना एक विशेष स्थान है. सत्ता में आने के बाद अपने
अपने चमचो की तादात दिखने का चलन भी तेजी से बढ़ा है| इस प्रकार का चाव जो
नेताओं में बढ़ा है वो उन्हें विलासी बना रहा है. जिस नेता का कोई चमचा
नही होगा वो स्वयं किसी न किसी का चमचा होगा और जो खुद बड़ा नेता होगा
उसके घर के बाहर तो चमचो की फ़ौज...